क्या है विदेशी मुद्रा मात्रा

श्रीलंका में लोगों के पास विदेशी मुद्रा की सीमा घटाई गई
कोलंबो, 25 जून (भाषा) विदेशी मुद्रा के गहरे संकट से जूझ रहे श्रीलंका में एक व्यक्ति के पास रखी जाने वाली विदेशी मुद्रा की सीमा घटा दी गई है। अब एक व्यक्ति के पास अधिकतम 10,000 डॉलर की विदेशी मुद्रा ही रह सकती है।
श्रीलंका सरकार ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि श्रीलंका में रहने वाले या वहां के किसी व्यक्ति द्वारा अपने कब्जे में रखी गई विदेशी मुद्रा की मात्रा को 15,000 अमेरिकी डॉलर से घटाकर 10,000 अमेरिकी डॉलर कर दिया गया है।
श्रीलंका सरकार ने खाद्य और ईंधन सहित जरूरी वस्तुओं के आयात के लिए जरूरी विदेशी मुद्रा भंडार बनाए रखने के मकसद से यह सीमा लागू की है। गंभीर विदेशी मुद्रा संकट का सामना कर रहे श्रीलंका को अप्रैल में अपने अंतरराष्ट्रीय ऋण की चूक के लिए मजबूर होना पड़ा था।
वित्त मंत्रालय का भी दायित्व संभालने वाले प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे की तरफ से जारी इस आदेश में कहा गया है कि औपचारिक बैंकिंग प्रणाली में विदेशी मुद्रा को आकर्षित करने के इरादे से विदेशी मुद्रा अधिनियम के तहत विदेशी मुद्रा रखने की सीमा घटाई जा रही है।
अतिरिक्त विदेशी मुद्रा जमा करने या अधिकृत डीलर को बेचने के लिए 16 जून, 2022 से 14 कार्य दिवसों की मोहलत दी गई है।
पर्याप्त विदेशी मुद्रा नहीं होने से श्रीलंका को ईंधन एवं अन्य जरूरी सामान की खरीद के लिए विदेशी मदद का इंतजार करना पड़ रहा है। इस दौरान देश भर में हिंसक प्रदर्शन भी हुए।
भाषा प्रेम प्रेम मानसी
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इकोनॉमिक्स शब्दावली: क्या है विदेशी विनिमय मुद्रा बाजार, विशेष आर्थिक क्षेत्र, विनिवेश और वैधानिक तरलता अनुपात?
विदेशी विनिमय मुद्रा बाजार (Foreign Exchange Market): ऐसा बाजार जहाँ आज की नियत दरों पर मुद्राओं की खरीद बिक्री होती है - पर उस खरीदी-बेची गई मात्रा का वास्तविक हस्तांतरण भविष्य की किसी नियत तिथि को ही किया जाता है।
विशेष आर्थिक क्षेत्र (Special Economic Zones): ऐसे भौगोलिक क्षेत्रा जिनमें विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के ध्येय से देश के सामान्य आर्थिक कानूनों को पूर्णतः लागू नहीं किया जाता। विशेष रूप से बनाए गए आर्थिक क्षेत्रों में स्थापित हो चुके हैं। ये देश हैं- जनवादी चीन, भारत, जार्डन, पोलैंड, कजाकिस्तान, पिफलीपीन्स रूस आदि।
विनिवेश (Disinvestment): किसी कंपनी की पूँजी के एक अंश को जान-बूझ कर बेचना। इस प्रकार धन जुटाने के साथ-साथ उस कंपनी की हिस्सेदारी, रचना या प्रबंधन या दोनों, में बदलाव भी किये जा सकते हैं।
वैधानिक तरलता अनुपात (Statutory Liquidity Ratio): रिजर्व बैंक के आदेशानुसार बैंकों द्वारा वुफल जमाओं और सुरक्षित निधियों का तरल रूप में रखा जाने वाला अंश। नकद जमा अनुपात के साथ-साथ इस वैधानिक तरलता अनुपात का अनुपालन करना बैकों के लिए अनिवार्य होता है।
क्या हम विदेशी मुद्रा के संकट की तरफ जा रहे हø?
पूंजी प्रवाह क्या है विदेशी मुद्रा मात्रा में पहले जैसी सातत्यता नहीं होने से सीएडी के प्रतिशत में घटबढ़ होने लगी है और इसका असर भुगतान के संतुलन में (बैलेंस ऑफ पेमेंट) के घाटे के रूप में देखा जा सकता है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा बाजार में रुपए पर आ रहा दबाव और विदेशी मुद्रा के आरक्षित कोष में हो रही कमी से समस्या और बढ़ रही है।
इस प्रकार की स्थिति के लिए अनेक कारण जिम्मेदार हø, उसमें यूरोप रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध और अमेरिका की मुद्रास्फीति मुख्य है। अमेरिका में मुद्रास्फीति मुख्य है। अमेरिका में मुद्रास्फीति 9.1 प्र.श. 40 वर्ष के शीर्ष पर पहुंची है। इसे समाप्त करने के लिए फेडरल रिजर्व ब्याज दर बढ़ा रही है इसलिए डालर विश्व के इसके चलन के सामने काफी मजबूत बन गया है। अमेरिका में बान्ड पर प्रतिफल बढ़ जाने से विदेशी निवेशक भारत सहित अनेक देशों से पूंजी खींच कर डालर वाले देश में सुरक्षा ढूंढ रहे हø।
यूक्रेन युद्ध के कारण क्रूड तेल के भाव में अभूतपूर्व वृद्धि होने के कारण हार्ट खर्च बढ़ने के संभावना को देखते हुए रुपए पर अधिक दबाव आया है।
हाल ही में अनेक आंकड़े प्रकाशित हुए हø उसमें विदेश व्यापार, भुगतान तुला, विदेशी Iण और अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति और रुपए का स्तर और उसके मूल्य के तूफानी घटबढ़ और रिजर्व बøक का हस्तक्षेप, विदेशी मुद्रा की आरक्षित स्थिति और अधिकारियों द्वारा लिए गए कदम के विवरण का समावेश है।
हाल ही में घोषित विदेश व्यापार आंकड़े के अनुसार अप्रैल-जून 2022 के दौरान निर्यात ने 22.22 प्र.श. की वृद्धि हुई, लेकिन आयात में 47.31 प्र.श. की वृद्धि होने से व्यापार घाटा 70.25 अरब डॉलर हो गया है। इसमें क्रूड तेल का आयात 32.12 प्र.श. उछलकर 94.23 अरब डालर हो गया है। बैलेंस पेमेंट आंकड़े के अनुसार वर्ष 2021-22 में चालू खाते का घाटा 38.9 अरब डॉलर अथवा जीडीपी का 1.2 प्र.श. जितना होने से विदेशी पूंजी की शुद्ध आय 46.3 अरब डॉलर हुई। इस तरह विदेशी मुद्रा के आरक्षित कोष में 7.5 अरब डॉलर की वृद्धि हुई है। अप्रैल-जून के लिए विदेशी व्यापार से संबंधित आंकड़े की जांच की जाए तो निर्यात वित्त वर्ष 2021-22 में राष्ट्रीय आय का 13.2 प्र.श. से बढ़कर 2022-23 में 15.2 प्र.श. हुआ जबकि आयात राष्ट्रीय आय का 19.2 प्र.श. से बढ़कर 22.7 प्र.श. हुआ क्रूड तेल का आयात जीडीपी के 5 प्र.श. से बढ़कर 6.8 प्र.श. हुआ जबकि व्यापार घाटा 5.9 प्र.श. से बढ़कर 7.9 प्र.श. हो गया।
वित्त वर्ष 2021-22 के प्रवाह के आधार को देखे तो सेवा क्षेत्र का शुद्ध निर्यात राष्ट्रीय आय का 3.2 प्र.श. होने का अनुमान है, जबकि विदेशी पूंजी की शुद्ध आय जीडीपी का 1.1 प्र.श. होने की धारणा है। इसके आधार पर वर्ष 2022-23 में चालू खाते का घाटा जीडीपी का 3.2 प्र.श. होने का अनुमान है।
सामान्य भाषा में कहें तो सीएडी 110 अरब डॉलर होने की धारणा है। इस अनुमान में 80 अरब डॉलर की विदेशी पूंजी की शुद्ध आय की धारणा पर आधारित है। वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता के कारण एफडीआई का प्रवाह घटा है और एफपीआई की जावक पिछले वर्ष की तुलना में बढ़ी है।
यह आंकड़े इस बात का निर्देश करते हø कि भुगतान समतुला में घाटा औसतन 30 अरब डॉलर का रहेगा, जो हाल के वर्ष़ों में रेकार्ड माना जा रहा है। इससे पहले इतना ऊंचा घाटा 2008-09 में वैश्विक आर्थिक संकट के समय 20 अरब डॉलर देखने को मिला था। यह सभी आंकड़े इस बात का संकेत करते हø कि हम गंभीर आर्थिक संकट की तरफ आगे बढ़ रहे हø।
विदेशी मुद्रा संकट का असर
पहली बात चालू खाते के घाटे का राष्ट्रीय आय 3.2 प्र.श. जितना अधिक यह परिस्थिति लंबे समय तक नहीं चल सकेगी। आरबीआई द्वारा 2022 में प्रकाशित की गई करेंसी एंड फाइनेंस पर वास्तविक रिपोर्ट इस बात से प्रमाणित होती है।
इस रिपोर्ट के अनुसार सीएडी की मात्रा राष्ट्रीय आय का 2.3 प्र.श. से क्या है विदेशी मुद्रा मात्रा ऊपर जाएगी तो विकास दर घटेगी।
दूसरी बात, बैलेंस ऑफ पेमेंट में कुल मिलाकर 30 अरब डॉलर के घाटे के कारण ही आरबीआई को 30 अरब डॉलर बाजार में बेचना पड़ा। आरबीआई के आंकड़े के अनुसार 8 जुलाई को उसकी विदेशी मुद्रा की आरक्षित राशि 58.25 अरब डॉलर थी उसमें 518 अरब डॉलर विदेशी चलन की परिसंपत्ति थी। उल्लेखनीय है कि 31 मार्च 2022 से इस परिसंपत्ति में 27.06 अरब डॉलर की गिरावट हुई थी और वार्षिक स्तर पर औसतन 31.6 अरब डॉलर की गिरावट हुई। मार्च 2023 तक और 20 अरब डॉलर की गिरावट आरक्षित कोष में होने का अनुमान करें तो हमारी विदेशी मुद्रा औसतन 500 अरब डॉलर की होगी। रुपए के अवमूल्यन को रोकने के लिए आरबीआई अपनी विदेशी मुद्रा के कोष से डॉलर की बिक्री करेगी ऐसी धारणा से यह अनुमान लगाया गया है।
मार्च अंत से 30 जून के दौरान रुपए का अमेरिकन डॉलर के मुकाबले 3.93 प्र.श. का अवमूल्यन हुआ था, जबकि अर्ज़ेंटिना के चलन का 10.2 प्र.श. ब्राजिल का 10.9 प्र.श., चीन का 5.3 प्र.श., मलेशिया का 4.4 प्र.श. फिलिपिन्स का 6 प्र.श., थाईलøड 5.3 प्र.श., तुर्की का 13.3 प्र.श. और दक्षिण अफ्रीका क्या है विदेशी मुद्रा मात्रा के चलन का 9.4 प्र.श. का अवमूल्यन हुआ है।
मांग, आपूर्ति और भुगतान की तुलना में हुए कुल घाटे के आधार पर विदेशी मुद्रा की दर निश्चित होती है। इसका मूल्य प्रश्न यह है कि जब रुपए का अवमूल्यन हो तब उसे रोकने के लिए आरबीआई को हस्तक्षेप करना चाहिएा अफरातफरी के विरुद्ध अवमूल्यन मांग, आपूर्ति और भुगतान की तुलना में हुए कुल घाटे के आधार पर विदेशी मुद्रा कीदर निश्चित होती है। इसका मूल्य प्रश्न यह है कि जब रुपए का अवमूल्यन हो तब उसे रोकने के लिए आरबीआई को हस्तक्षेप करना चाहिए?
अफरातफरी के विरुद्ध अवमूल्यन
आरबीआई के करेंसी – फाइनेंस रिपोर्ट 2022 के अनुसार विनिमय दर की तुलना में भी इसकी अस्थिरता निकास के लिए प्रतिकूल है। एक अध्ययन के अनुसार विनिमय दर में अस्थिरता की मात्रा 10 प्र.श. बढ़े तो इसके असर निर्यात 1.6 प्र.श. घटता है। मुनाफे के बारे में भी ऐसा है। वॉलेटिलिटी (तूफानी घटबढ़) 10 प्र.श. बढ़े तो मुनाफा हो तो मुनाफा 21 प्र.श. जितना घटता है। परिणामस्वरूप जिन कंपनियों के पास विदेशी कर्ज है उनके विनिमय दर में निरंतर होती घटबढ़ के कारण कर्ज पर ब्याज और खर्च बढ़ता है।
परिणामस्वरूप विदेशी चलन में लोन लेने वाली कंपनियों को रुपए के अवमूल्यन के कारण अधिक ब्याज का भुगतान करना पड़ता है, लेकिन उसमें तूफानी घटबढ़ की कोई भूमिका नहीं होती। इससे निर्यातोन्मुखी कंपनियों के लिए रुपए का अवमूल्यन और उसमें होते तूफानी घटबढ़ का स्तर अत्यंत महत्वपूर्ण बना रहता है।
अन्य महत्वपूर्ण पहलू यह है कि विदेशी कर्ज और इंटरनेशनल इन्वेस्टमेन्ट पोजीशन (आईआईपी)।
भारत का विदेशी कर्ज यह बात स्पष्ट करता है कि उसके कुल विदेशी कर्ज में अल्पावधि में (एक वर्ष के कम समय में) पकते लोनों का औसत 43.1 प्र.श. जितना है, जो विदेशी मुद्रा कोष का 44.1 प्र.श. जितने ऊंचा है। रिजर्व बøक द्वारा दूसरे 20 अरब डॉलर की अधिक बिक्री के बाद यह ऊंचा अधिक जाएगा। आईआईपी की स्थिति दर्शाती है कि विदेशी कर्ज की जिम्मेदारी 49.2 प्र.श. जितनी ऊंची है।
इस तरह विदेश व्यापार के मोर्चे पर देश गंभीर परिस्थिति का सामना कर रहा है। इससे हमारे निर्यात में स्पर्धा बढ़ाने वाली नीतियां बनाने के साथ एफडीआई की आय को बढ़ाने के लिए प्रयास करना होगा। आरबीआई ने हाल ही में एनआरआई के डिपॉजिट मानकों को सरल बनाने के साथ ईसीबी की सीमा में वृद्धि करने और डेट में एपीआई की निवेश सीमा बढ़ाकर 30 प्र.श. करने की घोषणा की है। यह कदम अल्पवधि की राहत देगा, लेकिन इससे आज की समस्या भविष्य में पुन: आगे आ कर खड़ी रहेगी। परिणाम स्वरूप विदेशी कर्ज बढ़ेगा यानी भुगतान के संतुलन पर दबाव आएगा और अंतत: इसका असर रुपए की घटबढ़ पर पड़ेगा।
देश की खबरें | विदेशी मुद्रा देने का लालच देकर लाखों रुपये की ठगी करने वाले दो बदमाश गिरफ्तार
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. सस्ते दर पर डॉलर और रियाल देने का लोभ देकर एक व्यक्ति से लाखों रुपये की ठगी करने वाले गिरोह के दो बदमाशों को थाना सेक्टर-142 पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार किया है।
नोएडा, 14 नवंबर सस्ते दर पर डॉलर और रियाल देने का लोभ देकर एक व्यक्ति से लाखों रुपये की ठगी करने वाले गिरोह के दो बदमाशों को थाना सेक्टर-142 पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार किया है।
थाना सेक्टर 142 के के एक अधिकारी ने बताया कि एक व्यक्ति ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि कुछ लोगों ने उससे संपर्क करके बताया कि उन्हें कहीं से भारी मात्रा में विदेशी मुद्रा डॉलर और रियाल मिली है।
अधिकारी ने बताया कि इन लोगों ने सस्ते दर पर विदेशी मुद्रा देने के नाम पर उनसे ₹।4,50,000 रुपये ले लिया तथा 15 हजार डॉलर दिया। बाद में पता चला कि उनके द्वारा जो डॉलर उन्हें दिया गया था, वह नकली है।
उन्होंने बताया कि घटना की रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच कर रही पुलिस ने सोमवार को इस मामले में मिजानुर शेख निवासी पश्चिम बंगाल तथा मुर्शलीम मंडल निवासी पश्चिम बंगाल को गिरफ्तार किया है।
उन्होंने बताया कि इनके पास से पुलिस ने 41,500 रुपये नकद, 20 अमेरिकी डॉलर, सऊदी अरब की मुद्रा के दो नोट, 250 रियाल, दो मोबाइल फोन आदि बरामद किया है। उन्होंने बताया कि पूछताछ से पुलिस को पता चला कि ये लोग सीधे-साधे लोगों को अपने जाल में फंसाकर सस्ते दर पर विदेशी मुद्रा देने के नाम पर उनसे ठगी करते हैं।
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विदेश से होने वाले पर्यटन को प्रोत्साहन - आगमन पर पर्यटक वीज़ा (टीवीओए) योजना
पर्यटन देश में आर्थिक वृद्धि और रोजगार उत्पादन का एक महत्वपूर्ण साधन है। पर्यटन क्षेत्र में भारत के निष्पादन में पिछले तीन वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाई गई है। वर्ष 2012 में विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़कर 207.31 लाख और पर्यटन से विदेशी मुद्रा विनिमय से प्राप्ति (एफईई) 94,487 करोड़ रु. हो गई।
इस वृद्धि आंकड़े में आगमन पर पर्यटक वीज़ा (टीवीओए) योजना ने एक अहम भूमिका निभाई है। भारत सरकार ने ग्यारह देशों के नागरिकों के लिए यह योजना आरंभ की है, जो हैं जापान, सिंगापुर, फिलीपीन्स, फिनलैंड, लक्सेमबर्ग, न्यूजीलैंड, कम्बोडिया, लाओस, वियतनाम, म्यांमार और इंडोनेशिया।
पर्यटन वीज़ा केवल उसी विदेशी नागरिक को दिया जाए जिनके पास भारत में निवास या व्यवसाय नहीं है और जिनका भारत आने का उद्देश्य केवल मनोरंजन, दर्शनीय स्थल, दोस्तों और संबंधियों से मिलने के लिए अवकाश पर आना है।
आगमन पर पर्यटक वीज़ा (टीवीओए) योजना
भारत सरकार ने आगमन पर पर्यटक वीज़ा (टीवीओए) योजना आरंभ की है। आरंभ में, जनवरी, 2010 में यह योजना पांच देशों के पर्यटकों के लिए आरंभ की गई थी, जो हैं फिनलैंड, जापान, लक्सेमबर्ग, न्यूजीलैंड और सिंगापुर । जनवरी, 2011 में, टीवीओए योजना छ: अन्य देशों के लिए विस्तारित की गई, जो हैं टीवीओए कम्बोडिया, वियतनाम, फिलीपीन्स, लाओस, इंडोनेशिया या म्यांमार।
इस टीवीओए योजना का मुख्य उद्देश्य अधिक से अधिक विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करना और कम समय की सूचना पर भारत आने की योजना बनाने का प्रोत्साहन देना है।
भारत में पर्यटन से एफईई मिलियन अमेरिकी डॉलर में) 2010-2013 (जून तक) | ||
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वर्ष | भारत में पर्यटन से एफईई (मिलियन अमेरिकी डॉलर में) | पिछले वर्ष की तुलना में % बदलाव |
2010 | 14193 | 27.5 |
2011 | 16564 | 16.7 |
2012 | 17737 | 7.1 |
2013 (अग्रिम अनुमान) (जन-जून) | 9201 | 8.8 |
आगमन पर पर्यटक वीज़ा (टीवीओए) योजना के तहत आगमन पर सामूहिक वीज़ा देने की अनुमति भी दी गई है। दो या चार के समूहों में हवाई या समुद्री मार्ग से आने वाले या पर्यटन मंत्रालय द्वारा अनुमोदित भारतीय ट्रेवल एजेंसियों द्वारा प्रायोजित और पहले से आहरित मार्ग सूची के साथ आने वाले विदेशी पर्यटकों को अधिक से अधिक 60 दिनों के लिए सामूहिक लैंडिंग परमिट प्रदान किया जाएगा। इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए पर्यटकों या ट्रेवल एजेंसियों को अनिवार्य रूप से एक ऑनलाइन आवेदन पत्र भरने की जरूरत है।
आगमन पर पर्यटक वीज़ा (टीवीओए) के लिए पात्रता
फिनलैंड, जापान, लक्सेमबर्ग, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, कम्बोडिया, वियतनाम, फिलीपीन्स, लाओस, इंडोनेशिया या म्यांमार के नागरिकों को आगमन पर पर्यटक वीज़ा प्रदान किया जा सकता है और:
- भारत आने के लिए जिनका एक मात्र उद्देश्य मनोरंजन, दार्शनिक स्थल, दोस्तों या संबंधियों से मिलना, कम अवधि के लिए चिकित्सा उपचार या आकस्मिक व्यापार दौरा आदि है और अन्य कोई प्रयोजन / गतिविधि नहीं है।
- जिनका भारत में कोई निवास या व्यावसाय नहीं है।
- जिनके पास न्यूनतम 6 माह की वैधता वाला पासपोर्ट और पुन: प्रवेश परमिट है, यदि यह आवेदक की राष्ट्रीयता के देश के कानून के अनुसार आवश्यक है।
- जो सुनिश्चित वित्तीय स्थिति वाला व्यक्ति है (वापसी का टिकट प्रस्तुत करने और भारत में उनके रहने के दौरान व्यय करने के लिए पर्याप्त धनराशि की उपलब्धता को इस प्रयोजन के लिए पर्याप्त माना जाता है।
टीवीओए सुविधा कूटनीतिक / आधिकारिक पासपोर्ट धारकों पर लागू नहीं है। पुन: टीवीओए उन विदेशियों को नहीं दिया जाएगा जिनके पास भारत में स्थायी निवास या व्यवसाय है।
वे देश जहां के नागरिकों को टीवीओए पाने की पात्रता है।
टीवीओए सुविधा देने वाले हवाई अड्डे
आगमन पर पर्यटक वीज़ा (टीवीओए) की वैधता
आगमन पर पर्यटन वीज़ा (टीवीओए) अपनी वैधता अवधि के अंदर भारत में प्रवेश और रहने के लिए इन निर्दिष्ट शर्तों के अधीन वैध होगा। आप्रवास अधिकारी द्वारा आगमन के समय फिनलैंड, जापान, लक्सेमबर्ग, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, कम्बोडिया, वियतनाम, फिलीपीन्स, लाओस, इंडोनेशिया या म्यांमार के नागरिकों को एक प्रवेश पर्यटक वीज़ा प्रदान किया जा सकता है। आगमन पर पर्यटक वीज़ा विस्तार योग्य और परिवर्तन योग्य नहीं होगा।
आगमन पर पर्यटक वीज़ा की अनुमति एक कैलेण्डर वर्ष में एक विदेशी को दो आगमनों के बीच कम से कम दो माह के अंतर पर अधिकतम दो बार दी जा सकती है।
आगमन पर पर्यटक वीज़ा इन देशों के नागरिकों के लिए उपलब्ध है : फिनलैंड, जापान, लक्सेमबर्ग, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, कम्बोडिया, वियतनाम, फिलीपीन्स, लाओस, इंडोनेशिया या म्यांमार जो दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, कोच्चि, तिरुवनंतपुरम, हैदराबाद और बैंगलोर के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर उपलब्ध है। सरकार की योजना है कि गोवा हवाई अड्डे पर भी टीवीओए सुविधा का विस्तार किया जाए। टीवीओए सुविधा केवल निर्दिष्ट हवाई अड्डों पर उपलब्ध है और यह अन्य किसी आप्रवास जांच चौकी (आईसीपी) पर उपलब्ध नहीं है।
आगमन पर पर्यटक वीज़ा (टीवीओए) के लिए प्रवेश शुल्क
आगमन पर पर्यटक वीज़ा प्रदान करने के लिए प्रत्येक विदेशी से प्रति यात्री (बच्चों सहित) 60 अमेरिकी डॉलर के समकक्ष भारतीय रुपए का शुल्क प्रभारित किया जाएगा।
आगमन पर पर्यटक वीज़ा (टीवीओए) के लिए प्रपत्र
आगमन पर पर्यटक वीज़ा प्रदान करने के लिए आप्रवास अधिकारी द्वारा संबंधित हवाई अड्डे पर आगमन के समय फिनलैंड, जापान, लक्सेमबर्ग, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, कम्बोडिया, वियतनाम, फिलीपीन्स, लाओस, इंडोनेशिया या म्यांमार के विदेशी नागरिकों को एक सरल वीज़ा आवेदन पत्र भरना होगा।