डील ट्रैकिंग

बता दें कि भारत द्वारा गुरुवार को डील ट्रैकिंग डील ट्रैकिंग ब्रह्मोस मिसाइल टेस्ट के बाद इस डील की खबर सामने आई है। पेइचिंग और इस्लामाबाद के बीच हुई इस डील पर भारत की पैनी नजर है। ऐसे में भारत को घेरने के लिए चीन और पाकिस्तान के बीच दोस्ती काफी बढ़ती जा रही है। दोनों के बीच रिश्ते आर्थिक से सामरिक हितों तक पहुंच गए हैं।
Oxygen Supply: ऑक्सीजन कंटेनर और टैंकर में ट्रैकिंग डिवाइस लगाना अनिवार्य: MoRTH
सड़क परिवहन और राजमार्ग (MoRTH) मंत्रालय ने ऑक्सीजन कंटेनर (Oxygen Container), टैंकर और वाहनों में व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग (VLT) डिवाइस फिट होना अनिवार्य कर दिया है। GPS ट्रैकिंग इन टैंकरों की उचित निगरानी और सुरक्षा सुनिश्चित करेगी, इसके अलावा इससे ये भी सुनिश्चित होगा कि कहीं कोई डायवर्जन या देरी तो नहीं है।
मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा, "MoRTH ने ऑक्सिजन कंटेनर / टैंकर / वाहनों में व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग (VLT) डिवाइस लगा होना अनिवार्य कर दिया है। GPS ट्रैकिंग इन टैंकरों की निगरानी और सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, इसके अलावा ये सुनिश्चित करने के डील ट्रैकिंग लिए कि कोई डायवर्जन या देरी नहीं है।"
MoRTH has made it mandatory for #Oxygen containers/tankers/vehicles to be fitted with Vehicle Location Tracking (VLT) devices.
चीन ने पाक को बेचा मिसाइल ट्रैकिंग सिस्टम, ब्रह्मोस टेस्ट के बाद भारत को घेरने उतरे दोनों देश
चीन ने एक सौदे में पाकिस्तान को एक शक्तिशाली मिसाइल ट्रैकिंग सिस्टम बेचा है जो पाकिस्तानी सेना के बहु-युद्ध मिसाइलों के विकास को गति दे सकता है। हांगकांग के दक्षिण चीन मॉर्निंग पोस्ट अखबार ने इसकी सूचना दी है। हालांकि इस बारे में कोई विवरण उपलब्ध नहीं है कि पाकिस्तान ने कितने मिसाइल ट्रैकिंग सिस्टम के लिए भुगतान किया, रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तानी सेना ने पहले से ही परीक्षण और नई मिसाइलों को विकसित करने के इरादे से ये सिस्टम तैनात किया है।
आइफोन ट्रैकिंग को लेकर एप्पल के खिलाफ शिकायत
निजता संबंधी मामलों पर काम करने वाले कुछ यूरोपीय सामाजिक कार्यकर्ताओं ने आइफोन उपभोक्ताओं के व्यवहार को ट्रैक करने वाले सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करने पर एप्पल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
वियना स्थित समूह एनओवाइबी (नन ऑफ योर बिजनेस) ने कहा कि उसने जर्मनी और स्पेन के डेटा सुरक्षा प्राधिकरणों से एप्पल के ट्रैकिंग कोड की वैधानिकता डील ट्रैकिंग की जांच करने की मांग की है। इन कोड को आईडीएफए (आइडेंटिफायर फोर एडवर्टाइजर्स) कहा जाता है। ये उन कूकीज की तरह ही होते हैं, जिनका इस्तेमाल वेबसाइट यूजर के व्यवहार का पता लगाने के लिए करती हैं। एनओवाइबी ने कहा कि आईओएस ऑपरेटिंग सिस्टम प्रत्येक आइफोन के लिए अलग कोड बनाता है, जो एप्पल और अन्य तृतीय पक्षों को एप में यूजर की पहचान करने, उनके मोबाइल व्यवहार का पता लगाने और यहां तक कि ऑनलाइन संपर्क करने की सुविधा प्रदान करता है। संगठन ने कहा कि ऐसा करना यूजर के संज्ञान के बिना उसकी ट्रैकिंग करने सरीखा है, जो यूरोपीय संघ की इलेक्ट्रॉनिक निजता नियमों के तहत प्रतिबंधित है। समूह के डील ट्रैकिंग अनुसार, वह गूगल के द्वारा इस्तेमाल में लाई जा रही इसी तरह की एक प्रणाली की भी समीक्षा कर रहा है।
Dealert - उत्पाद की बिक्री और डील को डाउनलोड करें
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वर्णन
डीलर - ट्रैक प्रोडक्ट सेल्स एंड डील्स नाम के इस ऐप को चलाएं या इसे एपीकेऑनलाइन का उपयोग करके डाउनलोड करें। आप इसे हमारे Android ऑनलाइन एमुलेटर का उपयोग करके कर सकते हैं।
डीलर एक डील-ट्रैकिंग एप्लिकेशन है जो यह सुनिश्चित करने के लिए स्वचालित रूप से वेब को खंगालता है कि आप फिर कभी कोई डील मिस न करें। डीलर का अभिनव उत्पाद ट्रैकिंग सिस्टम आपको नज़र रखने के लिए असीमित मात्रा में उत्पाद जोड़ने की अनुमति देता है, और उस उत्पाद के लिए सौदा खोजने के लिए समय-समय पर इंटरनेट पर स्वचालित रूप से खोज करेगा। जब यह एक मिल जाता है, तो आपको बाकी से आगे रहने के लिए तुरंत सूचित किया जाएगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि आप कभी भी कोई सौदा न चूकें।
इसके बजाय ब्राउज़ करें? पूरे वेब से डीलर क्यूरेट और एग्रीगेट डील करता है और आपको हर दिन नवीनतम देखने की अनुमति देता है।
भारत के 'ब्रह्मोस' टेस्टिंग से बेचैन PAK, चीन से लिया मिसाइल ट्रैकिंग सिस्टम
- News18Hindi
- Last Updated : March 22, 2018, 18:49 IST
भारत के सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल 'ब्रम्होस' की सफल लॉन्चिंग के बाद पाकिस्तान बेचैन हो गया है. अपनी बेचैनी को दूर करने के लिए पाकिस्तान ने अपने 'दोस्त' से मदद मांगी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान ने चीन से मिसाइल ट्रैकिंग सिस्टम खरीदा है, ताकि भारत के खिलाफ अपनी सामरिक शक्ति को मजबूत बना सके.
'साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट' ने बुधवार को प्रकाशित अपनी रिपोर्ट में इस डील की जानकारी दी है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के 'ब्रह्मोस मिसाइल' की टेस्टिंग के बाद ही दोनों देशों के बीच यह डील हुई. चीन से मिले 'मिसाइल ट्रैकिंग सिस्टम' से पाकिस्तान अपने मल्टी वॉरहेड मिसाइल डेवलेपमेंट प्रोग्राम को और मजबूत बना रहा है. पाक-चीन की इस डील पर भारत की भी नज़र बनी हुई है.