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रुझान रेखाएं

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रोहतक ब्यूरो
Updated Wed, 04 Sep 2019 02:03 AM IST

रुझान रेखाएं

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Sexual Reproduction In Flowering Plants

जब नाभिका, निभाग तथा बीजाण्डद् .

Updated On: 27-06-2022

Video Solution: जब नाभिका, निभाग तथा बीजाण्डद्वार सभी एक सीधी रेखा में स्थित होते है तो बीजाण्ड कहलाता है : -

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एम्फीट्रोपस कम्पाइलोट्रोपस ऑर्थोट्रोपस प्रतीप बीजाण्ड

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Aap ko kya acha nahi laga

Question Details till 16/11/2022

नमस्कार दोस्तों रस में है जब नाविका विभाग तथा भी जानवर सभी एक सीधी रेखा में स्थित होते हैं तो विजेंट कहलाता है आइए देखते हैं पहला दिया हमसे ट्रूपर्स एस्ट्रो पास में जो होता है भी जानदार जानदार निभा विपरीत ध्रुवों पर होते हैं विपरीत ध्रुवों पर होते हैं तो इस तरह का जो बीजांड होता है वह ब्यूटी में से कुल रुझान रेखाएं में देखने को मिल सकता है इस तरह का डिजाइन एमपी 333 हमारा उत्तर नहीं होगा दूसरा दिया कंपाइलर प्रॉपर यह क्या होता है उसमें जो बता दी जान भी जान द्वार निभा

एक पास नहीं होते हैं नहीं होते इस तरह का जो बीजांड है वह कृषि फेरी कुल में देखने को मिल सकता है तो यह जो है हमारा उत्तर नहीं होगा तीसरा दिया 8 अक्टूबर 8 अक्टूबर से हमारे उत्तर होगा इसमें जो है बीजांड होता है वह इस तरीके से एक सीधी रेखा में पाए जाते हैं बीच में यह ना भी हो गया नाभिक और इधर जो है वह निभा हो गया यहां निभा हो गया यह भी जान द्वार हो जाए

जहां बीजांड खुलता है वह भी जानकार हो जाएगा और यहां नीचे बीजांड वृंत होता है तो रुझान रेखाएं यह जो होता है वह सीधी रेखा में पाया जाता है इस तरह का जो बीजांड होता है वह पान काली मिर्च में देखने को मिलता है तो यही हमारा तरह का चौथा दिया प्रदीप भी जान हमारा उत्तर नहीं होगा इसमें जो होता है डिजाइन भी जांडवा वनीबा एक सीधी रेखा में रुझान रेखाएं होते हैं सीधी रेखा में होते हैं इस रुझान होता है वह मटर चना आदि पौधों में देखने को

मिलता है तो यह भी हमारा प्रति भी जान भी नहीं होगा तो हमारा उत्तर जो है वह जो नाभि विभाग और बीजांड एक सीधी रेखा में होते हैं उत्तर का विधान 28 तक 2% रुझान रेखाएं कहलाता है कल से तो आशा करते हैं इस प्रश्न का उत्तर आपको स्पष्ट हो गया धन्यवाद

'अक्षय ऊर्जा की जीवन रेखा, विश्व को निकाल सकती है जलवायु संकट से बाहर'

जर्मनी में एक पवन ऊर्जा केंद्र.

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) का कहना है कि वर्ष 2021 के दौरान, जलवायु परिवर्तन के चार प्रमुख संकेतकों – ग्रीनहाउस गैस की सघनता, समुद्री जल स्तर में वृद्धि, महासागरों का बढ़ता तापमान और अम्लीकरण (रासायनिक वृद्धि) ने नया रिकॉर्ड स्थापित किया है. यूएन एजेंसी के अनुसार यह दर्शाता है कि मानव गतिविधियों के कारण भूमि, महासागर व वातावरण में व्यापक बदलाव हो रहे हैं, जिसके टिकाऊ विकास व पारिस्थितिकी तंत्रों पर दीर्घकालीन दुष्परिणाम होंगे.

#Climatechange affects everyone and everything on the planetGreenhouse gas levels, ocean heat and acidification, sea level rise at record levels in 2021We can still limit the the damage#ClimateActionNow for the sake of future generations#StateofClimatehttps://t.co/IRebfExc6e pic.twitter.com/RHGmKJhNXM

बुधवार को जारी की गई ‘WMO State of the Global Climate in 2021’ रिपोर्ट बताती है कि पिछले सात वर्षों ने अब तक के सर्वाधिक गर्म साल होने का रिकॉर्ड स्थापित किया है.

बदलती जलवायु का प्रत्यक्ष रूप, रोज़मर्रा के जीवन में चरम मौसम की घटनाओं में देखने को मिलता है, जिनकी वजह से सैकड़ों अरब डॉलर का नुक़सान हुआ है और मानव जीवन व कल्याण को भी भीषण क्षति पहुँची है.

साथ ही, खाद्य व जल सुरक्षा के लिये चुनौतियाँ उत्पन्न हुई है और विस्थापन बढ़ा है – 2022 में इसमें वृद्धि हुई है.

वर्ष 2021 के आरम्भ औक अन्त में ला नीन्या प्रभाव के कारण, 2021 सात सबसे गर्म सालों में से ‘केवल’ एक ही साबित हुआ. ला नीन्या की वजह से शीतलन प्रभाव देखा गया, मगर बढ़ते तापमान के रुझान में बदलाव नहीं आया है.

2021 में औसत वैश्विक तापमान में पूर्व-औद्योगिक काल की तुलना में लगभग 1.11 °C अधिक देखा गया है.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने जलवायु व्यवधान से निपटने में मानवता की विफलताओं पर क्षोभ व्यक्त करते हुए ध्यान दिलाया कि हालात की गम्भीरता के मद्देनज़र, आसानी से लागू किये जा सकने वाले उपाय जल्द अपनाए जाने होंगे.

इस क्रम में, ऊर्जा रुझान रेखाएं प्रणालियों की जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को समाप्त करने और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा दिये जाने पर बल दिया है.

नवीकरणीय ऊर्जा के लिये योजना

यूएन प्रमुख रुझान रेखाएं ने ध्यान दिलाया कि पवन और सौर ऊर्जा जैसी अक्षय ऊर्जा टैक्नॉलॉजी एकदम तैयार हैं, और अधिकांश मामलों में कोयला व अन्य जीवाश्म ईंधनों की तुलना में सस्ती हैं.

यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने ऊर्जा स्रोतों में बदलाव की दिशा में आगे बढ़ने के लिये पाँच महत्वपूर्ण उपाय सुझाए हैं, जिन्हें उन्होंने 21वीं सदी की शान्ति परियोजना क़रार दिया है.

वायु चालित संयंत्रों से नवीनीकृत ऊर्जा निर्मित होने से कोयला आधारित बिजली पर निर्भरता कम होती है.

- नवीकरणीय ऊर्जा टैक्नॉलॉजी को वैश्विक सार्वजनिक कल्याण के रूप में देखा जाना

इसका अर्थ है कि ज्ञान के आदान-प्रदान और टैक्नॉलॉजी हस्तान्तरण के रास्ते में अवरोधों को दूर करना, जिनमें बौद्धिक सम्पदा के विषय में रुकावटें भी हैं.

उन्होंने बैट्री भण्डारण के लिये सरकारों के नेतृत्व में एक वैश्विक गठबन्धन की पुकार लगाई है, जिसके तहत टैक्नॉलॉजी कम्पनियों, विनिर्माताओं, वित्त पोषकों को नवाचार व तैनाती के लिये एक साथ आना होगा.

- नवीकरणीय ऊर्जा टैक्नॉलॉजी के लिये कच्चे माल की उपलब्धता और ज़रूरी पुर्ज़ों व सामग्री की आपूर्ति श्रंखला का विस्तार

यूएन प्रमुख ने कहा है कि नवीकरणीय ऊर्जा टैक्नॉलॉजी और कच्चे माल के लिये आपूर्ति श्रंखला, कुछ ही देशों में केन्द्रित है. इस अवरोध पर पार पाने के लिये व्यापक स्तर पर अन्तरराष्ट्रीय समन्वय स्थापित किये जाने का आग्रह किया गया है.

- जीवाश्म ईंधन आधारित लालफ़ीताशाही में सुधार और नए ढाँचे का निर्माण

यूएन प्रमुख ने सरकारों से सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं को स्वीकृति देने की प्रक्रिया को गति प्रदान करने, उसे सुसंगत बनाने, ग्रिड का आधुनिकीकरण करने, महत्वाकांक्षी नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य स्थापित करने का आहवान किया है, ताकि निवेशकों, विकासकों, उपभोक्ताओं व उत्पादकों को निश्चितता का एहसास कराया जा सके.

- जीवाश्म ईंधन से अनुदान को दूर हटाना

हर वर्ष, दुनिया भर में सरकारों द्वारा क़रीब 500 अरब डॉलर का अनुदान दिया जाता है ताकि जीवाश्म ईंधन की क़ीमतों को कृत्रिम रूप से कम रखा जा सके. यह रक़म, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की तुलना में तीन गुना ज़्यादा है, जिसे रोके जाने की अपील की गई है.

- नवीकरणीय ऊर्जा में तीन गुणा निजी व सार्वजनिक निवेश

यूएन प्रमुख ने जोखिम ढाँचे में बदलाव करने और नवीकरणीय वित्त पोषण का दायरा व स्तर बढ़ाने के लिये लचीलेपन का आग्रह किया है. उन्होंने कहा है कि यह समय, देर होने से पहले ही नवीकरणीय ऊर्जा की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ने का है.

ऊर्जा संयंत्रों से कार्बन उत्सर्जन, वैश्विक तापमान में वृद्धि का एक बड़ा कारण है.

जलवायु आपात स्थिति

विश्व मौसम विज्ञान संगठन की यह रिपोर्ट ऐसे समय में प्रकाशित हुई है जब चरम मौसम से हाल के दिनों में करोड़ों लोग प्रभावित हुए हैं.

हॉर्न ऑफ़ अफ़्रीका में सूखे रुझान रेखाएं के कारण आपात स्थिति है, दक्षिण घातक बाढ़ से जूझ रहा है जबकि भारत और पाकिस्तान भीषण गर्मी में झुलस रहे हैं.

बताया गया है कि यूएन एजेंसी की नवीनतम रिपोर्ट को संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में वार्ता दस्तावेज़ के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा, जोकि इस वर्ष मिस्र में आयोजित होगा.

यूएन मौसम विज्ञान एजेंसी के महासचिव पैटेरी टालस ने कहा कि कुछ ही समय में एक और सर्वाधिक गर्म साल देखने को मिल सकता है.

“हमारी जलवायु हमारी आँखों के सामने बदल रही है. मानव-जनित ग्रीनहाउस गैस में एकत्र ताप के कारण, ग्रह आने वाली कई पीढ़ियों तक गर्म होता रहेगा.”

कुछ हिमनद में पिघलाव इतना भीषण है कि उसे उलट पाना सम्भव नहीं है, जिसके दीर्घकालीन दुष्परिणाम होने की आशंका है. उन्होंने सचेत किया कि इस संकट को टालने के लिये वातावरण में एकत्र कार्बन को हटाया जाना होगा.

फ़िजी में एक समृद्ध प्रवाल

रिपोर्ट के कुछ अहम निष्कर्ष इस प्रकार हैं:

- ग्रीनहाउस गैस सघनता का स्तर वर्ष 2020 में 413.2 पार्ट्स प्रति मिलियन पहुँच गया जोकि अब तक का सर्वाधिक स्तर है, और पूर्व-औद्योगिक काल (1850-1900) के स्तर की तुलना में 149 फ़ीसदी अधिक है.

- वैश्विक वार्षिक औसत तापमान को वर्ष 2021 में, पूर्व-औद्योगिक काल के औसत की तुलना में 1.11 (±0.13 °C) डिग्री सेल्सियस अधिक आँका गया है.

साल के आरम्भ और अन्त में ला नीन्या के शीतलन प्रभाव के कारण यह अन्य वर्षों की तुलना में कम है. वर्ष 2015 से 2021, पिछले सात वर्षों ने अब तक के सर्वाधिक गर्म साल होने का रिकॉर्ड बनाया है.

- महासागर ताप रिकॉर्ड स्तर पर है. महासागर के ऊपरी 2000 मीटर की गहराई तक तापमान का वर्ष 2021 में बढ़ना जारी रहा और यह भविष्य में भी जारी रहने की सम्भावना है. डेटा दर्शाता है कि पिछले दो दशकों में महासागरों के गर्म होने की गति में तेज़ी आई है.

- मानव-जनित कार्बन डाइ ऑक्साइड के कुल वैश्विक उत्सर्जन का 23 फ़ीसदी महासागरों द्वारा सोखा जा रहा है, जिससे महासागर अम्लीकरण होता है और समुद्री जीवन व पारिस्थितिकी सेवाओं पर असर पड़ता है. खाद्य सुरक्षा, पर्यटन व तटीय संरक्षण रुझान रेखाएं के नज़रिये से भी यह चिन्ताजनक है.

- औसत समुद्री जल स्तर वर्ष 2021 में रिकॉर्ड ऊँचाई पर पहुँच गया. वर्ष 2013-2021 की अवधि में यह औसतन 4.5 मिलिमीटर प्रति वर्ष की दर से बढ़ा है. 1993-2002 की तुलना में जल स्तर में वृद्धि की यह दोगुनी रफ़्तार है, जिसकी वजह, जमे हुए पानी की परतों को पहुँच रही क्षति में आई तेज़ी है.

रोहतक की बेटी रेखा धनखड़ बनी मिसेज इंडिया-2019

Rohtak Bureau

रोहतक ब्यूरो
Updated Wed, 04 Sep 2019 02:03 AM IST

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रोहतक की बेटी रेखा धनखड़ ने मिसेज इंडिया-2019 का खिताब हासिल किया। चंडीगढ़ के जीरकपुर में आयोजित मिस ऐंड मिसेज इंडिया-2019 ब्यूटी प्रेजेंट में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते हुए रेखा ने खिताब हासिल किया। प्रतियोगिता में देशभर की 40 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था। मानसरोवर कॉलोनी निवासी रेखा ने बताया कि सौंदर्य प्रतियोगिता के लिए उन्होंने दिल्ली के प्रोफेशनल ट्रेनरों से ट्रेनिंग ली। उसका रुझान बचपन से ही सौंदर्य प्रतियोगिताओं की तरफ था। बीएससी, एलएलबी करने के बाद रेखा धनखड़ की शादी देव कॉलोनी निवासी योगेश मलिक के साथ हुई। उसकी दो बेटियां हैं। गृहिणी होते हुए भी रेखा ने अपने शौक और सपनों को जिंदा रखा। इस मुश्किल सफर में पति योगेश ने हर कदम पर उनका साथ दिया। रेखा ने बताया कि वह अपने इस खिताब को बेटियों के नाम करती हैं।

रोहतक की बेटी रेखा धनखड़ ने मिसेज इंडिया-2019 का खिताब हासिल किया। चंडीगढ़ के जीरकपुर में आयोजित मिस ऐंड मिसेज इंडिया-2019 ब्यूटी प्रेजेंट में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते हुए रेखा ने खिताब हासिल किया। प्रतियोगिता में देशभर की 40 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था। मानसरोवर कॉलोनी रुझान रेखाएं निवासी रेखा ने बताया कि सौंदर्य प्रतियोगिता के लिए उन्होंने दिल्ली के प्रोफेशनल ट्रेनरों से ट्रेनिंग ली। उसका रुझान बचपन से ही सौंदर्य प्रतियोगिताओं की तरफ था। बीएससी, एलएलबी करने के बाद रेखा धनखड़ की शादी देव कॉलोनी निवासी योगेश मलिक के साथ हुई। उसकी दो बेटियां हैं। गृहिणी होते हुए भी रेखा ने अपने शौक और सपनों को जिंदा रखा। इस मुश्किल सफर में पति योगेश ने हर कदम पर उनका साथ दिया। रेखा ने बताया कि वह अपने इस खिताब को बेटियों के नाम करती हैं।

ब्राजील के अंदरूनी भाग जो सीधी रेखाओं को चुनौती देने के लिए जैविक आकृतियों का उपयोग करते हैं

ब्राजील के अंदरूनी भाग जो सीधी रेखाओं को चुनौती देने के लिए जैविक आकृतियों का उपयोग करते हैं - 20 का चित्र 1

पूरे इतिहास रुझान रेखाएं में खुद का विरोध करने की मांग करने वाले भव्य इशारों के बावजूद, ऑर्थोगोनल आकृतियों की तर्कसंगतता वास्तुकला पर हावी है। बड़े पैमाने पर उत्पादन में, समान स्थानिक समाधानों को पुन: प्रस्तुत करने के बावजूद, समकोण, दोहराव और स्तंभों के ब्लॉक या ग्रिड के प्रतिरूपकता निर्माण की दक्षता में मदद करते हैं। इमारतों के विपरीत, आंतरिक वास्तुकला इस तर्कसंगतता को तोड़ने के लिए विकल्पों का प्रस्ताव कर सकती है, चाहे वह विभाजन या सजावटी वस्तुओं से हो।

आम तौर पर, आंतरिक वास्तुकला फर्नीचर, प्रकाश व्यवस्था, विभिन्न सामग्रियों, जॉइनरी और धातु के काम, पेंटिंग्स, बनावट, वनस्पति और कई अन्य उपकरणों का उपयोग करके भवन की संरचना में हस्तक्षेप किए बिना आंतरिक स्थान को बदलने का प्रयास करती है, जो संयुक्त होने पर जीवन देती है एक नया वातावरण। रिक्त कैनवास से शुरू होकर, जो कि निर्मित वातावरण है, परियोजना अक्सर कमरे के तर्क को तोड़ने के लिए कार्बनिक तत्वों का उपयोग करती है और विशिष्ट रिक्त स्थान को केंद्र बिंदु या रेखा बनाती है।

ब्राजील के कुछ अंदरूनी हिस्सों की जाँच करें जो कमरे को बदलने के लिए जैविक आकृतियों का उपयोग करते हैं।

SC on Demonetisation: सुप्रीम कोर्ट करेगा नोटबंदी की जांच, संविधान पीठ ने कहा- हमें लक्ष्मण रेखा मालूम है, लेकिन सवाल उठे हैं तो जवाब देना होगा

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब कोई मसला संविधान पीठ को सौंपा जाता है, तो उसका समाधान करना हमारा दायित्व बन जाता है.

SC on Demonetisation: सुप्रीम कोर्ट करेगा नोटबंदी की जांच, संविधान पीठ ने कहा- हमें लक्ष्मण रेखा मालूम है, लेकिन सवाल उठे हैं तो जवाब देना होगा

कोर्ट ने कहा कि हम जानते हैं कि न्यायपालिका की लक्ष्मण रेखा कहां है, लेकिन जिस तरह से नोटबंदी की गई है, उसकी पड़ताल की जानी चाहिए

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ साल 2016 में किए गए नोटबंदी के फैसले की जांच करेगी. यह बात सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान कही. अदालत ने कहा कि उसे सरकार के नीतिगत फैसलों की न्यायिक समीक्षा के मामले में अपनी ‘लक्ष्मण रेखा’ पता है, लेकिन जब कोई सवाल संविधान पीठ के सामने आता है, तो उसका जवाब देना उसकी जिम्मेदारी बन जाती है. लिहाजा साल 2016 में किए गए केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले की जांच की जाएगी. इस जांच से ही पता चलेगा कि यह मामला केवल ‘अकादमिक’ कवायद है या नहीं. जस्टिस एस. अब्दुल नज़ीर की अध्यक्षता वाली पांच जजों की इस संविधान पीठ में जस्टिस बी.आर. गवई, जस्टिस ए.एस. बोपन्ना, जस्टिस वी. रमासुब्रमण्यम और जस्टिस बी.वी. नागरत्ना शामिल हैं.

संविधान पीठ में सरकार की दलील

सुप्रीम कोर्ट में सरकार का पक्ष रखते हुए अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने कहा कि जब तक नोटबंदी से जुड़े अधिनियम को सही परिप्रेक्ष्य में चुनौती नहीं दी जाती, तब तक यह मुद्दा अनिवार्य रूप से अकादमिक ही रहेगा. उन्होंने कहा कि हाई डिनॉमिनेशन बैंक नोट्स (High Denomination Bank Notes) एक्ट सन 1978 में पारित किया गया था. इस एक्ट के तहत सरकार को अर्थव्यवस्था में गैरकानूनी लेनदेन को नियंत्रित करने और व्यापक जनहित में नोटबंदी जैसे फैसले लेने का अधिकार प्राप्त है.

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मामले की जांच जरूरी : संविधान पीठ

सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने कहा कि नोटबंदी की कवायद अकादमिक है या नहीं, यह तय करने के लिए भी मामले की जांच जरूरी है. कोर्ट ने कहा कि हम जानते हैं कि न्यायपालिका की लक्ष्मण रेखा कहां तक है, लेकिन जिस तरह से नोटबंदी की गई है, उसकी जांच की जानी चाहिए. इस दौरान केंद्र सरकार का पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अकादमिक मुद्दों के लिए संविधान पीठ को अपना वक्त बर्बाद नहीं करना चाहिए.

2016 में तीन सदस्यी संविधान बेंच ने भेजा था मामला

तुषार मेहता की वक्त बर्बाद करने वाली दलील पर याचिकाकर्ता विवेक नारायण शर्मा के वकील श्याम दीवान ने कड़ा एतराज जाहिर किया. दीवान ने कहा, मुझे हैरानी है कि ऐसे गंभीर मामले के लिए, जिसे खुद सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यों की बेंच ने खुद पांच सदस्यों वाली संविधान पीठ को सौंपा, समय की बर्बादी जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है. इस मामले में एक अन्य पक्षकार की ओर से पैरवी कर रहे सीनियर वकील पी. चिदंबरम ने कहा कि नोटबंदी अकादमिक है या नहीं यह कोर्ट को तय करना है. चिदंबरम ने कहा कि जिस तरह से नोटबंदी की गई है. उसके लिए सबसे पहले संसद में एक एक्ट पारित किया जाना चाहिए था. 2016 में नोटबंदी से जुड़ी याचिकाओं की सुनवाई करते हुए तत्कालीन चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यों की बेंच ने मामले को सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यों वाली संविधान पीठ को सौंप दिया था.

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