तकनीकी विश्लेषण चरण दर चरण

'सुब्रमण्यन का विश्लेषण हतोत्साहित करने वाला, तकनीकी रूप से अनुचित'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) ने कड़े शब्दों में तकनीकी विश्लेषण चरण दर चरण बिंदुवार जवाब देकर अरविंद सुब्रमण्यन के दावे को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि 2011-17 की अवधि के दौरान भारत की आर्थिक वृद्धि दर करीब 2.तकनीकी विश्लेषण चरण दर चरण 5 प्रतिशत बढ़ाकर दिखाई गई है। ईएसी ने बुधवार को प्रकाशित आधिकारिक नोट में कहा है कि पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) ने 'अपनी सुविधा के मुताबिक'आंकड़े उठा लिए हैं, जिसमें उनके विश्लेषण में सांख्यिकीय रूप से तेजी नहीं है और उन्होंने जटिल अर्थमितीय कवायद में 'जल्दबाजी' दिखाई है, जिसमें सरकार के खुद के सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के प्रति उनका 'गहरा अविश्वास' नजर आता है।
नोट में कहा गया है, 'निजी एजेंसी सीएमआईई पर बहुत भरोसा और देश की सेवा करने वाले सरकारी संस्थान सीएसओ पर बहुत ज्यादा अविश्वास तटस्थ शैक्षणिक कार्य के हिसाब से अनुचित है।' सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडिया इकॉनमी (सीएमआईई) एक निजी बिनजेस इन्फॉर्मेशन कंपनी है, जो पूंजी, निवेश, श्रम बाजार और वित्तीय सेवा के आंकड़े पिछले 40 साल से दे रही है। ईएसी-पीएम ने लिखा है, 'यह स्पष्ट हैकि उन्होंने सीएमआईई पर भरोसा किया, लेकिन सीएसओ पर अविश्वास जताया। यह अविश्वास तरीके की वजहों से नहीं है। यह संस्थान के प्रति अविश्वास ज्यादा लगता है।' ईएसी के चेयरमैन विवेक देवराय इसके अंशकालिक सदस्य रथिन रॉय और अर्थशास्त्री सुरजीत भल्ला, चरण सिंह और अरविंद विरमानी ने यह नोट लिखा है।
सुब्रमण्यन ने 70 देशोंं में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले 19 सूचकों का विश्लेषण कर निष्कर्ष निकाला था कि 2011 में इन सूचकों पर वृद्धि दर 2011 के पहले की तुलना मेंं कम थी और इससे असल जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगता है। इस पर ईएसी ने कहा है, 'जीडीपी के आधिकारिक आंकड़ों की आलोचना निश्चित रूप से कवरेज या तरीके के आधार पर की जानी चाहिए, जो लेखक ने नहीं किया है।' विश्लेषण के लिए औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के इस्तेमाल के बारे में ईएसी ने कहा है कि मात्रा आधारित सूचकांक में उत्पादन शामिल होता है और इसमें मूल्यवर्धन नहीं होता, जिसे जीडीपी के अनुमान में शामिल किया जाता है। सुब्रमण्यन ने पाया था कि विनिर्माण के लिए आईआईपी का 2011 के बाद के काल में जीडीपी से तालमेल नहीं है और कम आईआईपी से पता चलता है कि जीडीपी वृद्धि कम थी।
ईएसी ने कहा कि आईआईपी की गणना के तरीके में 2012 में बदलाव किया गया और इस पर पूर्व सीईए ने गौर नहीं किया। प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकारों ने यह भी कहा कि 2011 के पहले की अवधि के दौरान तमामन उच्च तीब्रता के सूचकांक जैसे कर्ज में वृद्धि दर बैंकों द्वारा भारी मात्रा में कर्ज देने की वजह से थे और वास्तव में अर्थव्यवस्था उतनी तेजी से नहीं बढ़ी थी। दोनों अवधियों के बीच एक और अंतर का उल्लेख करते हुए ईएसी ने कहा कि घरेलू खपत और सार्वजनिक निवेश पिछले दशक में भारत की वृद्धि के प्रमुख कारक रहे हैं, इसके विपरीत निर्यात और निजी निवेश (व कर्ज) इसके पहले अहम रहे हैं। इसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय आय पर भारत का अनुमान 2015 के बाद (2011-12 शृंखला) से सुधरा है, जब बेहतर आंकड़े उपलब्ध हुए। इस नोट में सवाल उठाया गया है, '2011 के पहले अगर सब कुछ सही था तो वैश्विक विशेषज्ञ भारत को जीडीपी की ज्यादा जोरदार गणना के तरीकों को अपनाने का सुझाव क्यों दे रहे थे।' सुब्रमण्यन ने अपने विश्लेषण में कर के आंकड़ों का इस्तेमाल नहीं किया है, जिसके बारे में ईएसी ने तकनीकी विश्लेषण चरण दर चरण कहा है कि ऐसा लगता है कि 'अपनी सुविधा के मुताबिक तर्क तैयार किया गया है, जिससे तथ्यों के मुताबिक असुविधाजनक निष्कर्ष न निकले'।
तकनीकी विश्लेषण चरण दर चरण
पदार्थ विज्ञान एवं प्रगत प्रौद्योगिकी वर्ग
प्रोटॉन त्वरक वर्ग
इलेक्ट्रान त्वरक वर्ग
प्रौद्योगिकी विकास एवं आधार वर्ग
निविदाओं के लिए आरएसएस फीड
इंडस-2 के पुनरावर्तनीय संचालन के लिए विभिन्न चुम्बकों का पुनरावर्तनीय और इतिहास मुक्त चुंबकीय क्षेत्र प्रोफ़ाइल एक पूर्वापेक्षा है। यह प्रत्येक बीम इंजेक्शन चक्र में चुंबक के माध्यम से बहने वाले चुंबक बिजली आपूर्ति (एमपीएस) के प्रवाह को साइकिल से प्राप्त तकनीकी विश्लेषण चरण दर चरण किया जाता है। एक अच्छी तरह से परिभाषित अक्सर चरण दर चरण घटते फैशन में चुंबक प्रवाह की साइकिलिंग चुंबक कोर को विचुंबकित करने में मदद करती है। चूंकि साइकिल चालन पुनरावृत्ति के लिए महत्वपूर्ण है, इसलिए साइकिल चालन प्रक्रिया की शुद्धता का सत्यापन अपने आप में दिन-प्रतिदिन के मशीन संचालन का एक महत्वपूर्ण पहलू है और एक विश्वास निर्माण उपाय है। इससे पहले, इस तरह के सत्यापन को साइक्लिंग अवधि से संबंधित 138 एमपीएस के डेटा का विश्लेषण करके थकाऊ मैनुअल प्रक्रिया द्वारा किया जाना था। तकनीकी विश्लेषण चरण दर चरण तकनीकी विश्लेषण चरण दर चरण प्रक्रिया का स्वत: सत्यापन प्रदान करने और परिणामों की रिपोर्ट करने के लिए एक प्रणाली विकसित की जाती है और इसे नियमित उपयोग में लाया जाता है। समग्र सत्यापन प्रणाली में स्काडा और मैटलैब में विकसित इंटरकनेक्टेड सॉफ्टवेयर मॉड्यूल द्वारा विभिन्न कार्यों का क्रमिक निष्पादन होता है जिसे चित्र-1 में दर्शाया गया है।
सत्यापन एल्गोरिथ्म
MPS की साइकिलिंग के कुछ प्रमुख पैरामीटर हैं जैसे। चक्रों की संख्या, प्रारंभिक मूल्य, अधिकतम सपाट शीर्ष मूल्य, वृद्धि और गिरावट ढलान आदि। सत्यापन प्रक्रिया में प्रमुख मापदंडों के लिए सहिष्णुता सीमा से परे विचलन की जाँच करना और संकेतों में किसी भी स्पाइक और गड़बड़ की उपस्थिति का पता लगाना शामिल है। इसे प्राप्त करने के लिए विभिन्न MATLAB मॉड्यूल के रूप में एक एल्गोरिथ्म डिजाइन और विकसित किया गया है। इंडस -2 मशीन पर विभिन्न प्रमुख साइकलिंग मापदंडों को अलग करके और बाद में बीम पर उनके प्रभावों का विश्लेषण करके सहनशीलता की सीमा को अंतिम रूप दिया गया। विकसित एल्गोरिथम को संग्रहीत, ऑनलाइन और नकली साइकिलिंग डेटा के साथ परीक्षण किया गया था।
विशेषताएं
सॉफ्टवेयर लचीला है और इसमें विन्यास योग्य सहिष्णुता सीमाएं हैं और सत्यापन के लिए अलग-अलग एमपीएस को सक्षम / अक्षम करना है। सिस्टम एक रिपोर्ट के रूप में सत्यापन स्थिति प्रदान करता है जिसमें सभी तीन सिग्नलों जैसे बिजली आपूर्ति वर्तमान रीड-बैक, संदर्भ रीड-बैक और डिजिटल सेट के लिए अलग-अलग एमपीएस की पास/असफल स्थिति को दर्शाया गया है जैसा कि चित्र -2 में दिखाया गया है। किसी भी समस्या के मामले में दोषपूर्ण कुंजी पैरामीटर को इंगित करने वाली एक विस्तृत रिपोर्ट भी उपलब्ध है, जो दोषपूर्ण प्रणाली की त्वरित पहचान में मदद करती है। रिपोर्ट सभी बिजली आपूर्ति के लिए उपरोक्त संकेतों (चित्र-3) के भूखंड भी प्रदान करती है। विभिन्न सत्यापन पैरामीटर एक सीएसवी फ़ाइल में संग्रहीत किए जाते हैं और उनका इतिहास भी बनाए रखा जाता है।



फीडबेक डिस्क्लेमर नीति अभिगम्यता विवरण साईट मेप संपर्क करें
यह साइट राजा रामन्ना प्रगत प्रोद्योगिकी केन्द्र की हैं | जिसकी डिजाइन और रख-रखाव का कार्य वेब टीम एवं होस्टिंग संगणक प्रभाग,आरआरकेट द्वारा की गयी हैं |
'सुब्रमण्यन का विश्लेषण हतोत्साहित करने वाला, तकनीकी रूप से अनुचित'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) ने कड़े शब्दों में बिंदुवार जवाब देकर अरविंद सुब्रमण्यन के दावे को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि 2011-17 की अवधि के दौरान भारत की आर्थिक वृद्धि दर करीब 2.5 प्रतिशत बढ़ाकर दिखाई गई है। ईएसी ने बुधवार को प्रकाशित आधिकारिक नोट में कहा है कि पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) ने 'अपनी सुविधा के मुताबिक'आंकड़े उठा लिए हैं, जिसमें उनके विश्लेषण में सांख्यिकीय रूप से तेजी नहीं है और उन्होंने जटिल अर्थमितीय कवायद में 'जल्दबाजी' दिखाई है, जिसमें सरकार के खुद के सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के प्रति उनका 'गहरा अविश्वास' नजर आता है।
नोट में कहा गया है, 'निजी एजेंसी सीएमआईई पर बहुत भरोसा और देश की सेवा करने वाले सरकारी संस्थान सीएसओ पर बहुत ज्यादा अविश्वास तटस्थ शैक्षणिक कार्य के हिसाब से अनुचित है।' सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडिया इकॉनमी (सीएमआईई) एक निजी बिनजेस इन्फॉर्मेशन कंपनी है, जो पूंजी, निवेश, श्रम बाजार और वित्तीय सेवा के आंकड़े पिछले 40 साल से दे रही है। ईएसी-पीएम ने लिखा है, 'यह स्पष्ट हैकि उन्होंने सीएमआईई पर भरोसा किया, लेकिन सीएसओ पर अविश्वास जताया। यह अविश्वास तरीके की वजहों से नहीं है। यह संस्थान के प्रति अविश्वास ज्यादा लगता है।' ईएसी के चेयरमैन विवेक देवराय इसके अंशकालिक सदस्य रथिन रॉय और अर्थशास्त्री सुरजीत भल्ला, चरण सिंह और अरविंद विरमानी ने यह नोट लिखा तकनीकी विश्लेषण चरण दर चरण है।
सुब्रमण्यन ने 70 देशोंं में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले 19 सूचकों का विश्लेषण कर निष्कर्ष निकाला था कि 2011 में इन सूचकों पर वृद्धि दर 2011 के पहले की तुलना मेंं कम थी और इससे असल जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगता है। इस पर ईएसी ने कहा है, 'जीडीपी के आधिकारिक आंकड़ों की आलोचना निश्चित रूप से कवरेज या तरीके के आधार पर की जानी चाहिए, जो लेखक ने नहीं किया है।' विश्लेषण के लिए औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के इस्तेमाल के बारे में ईएसी ने कहा है कि मात्रा आधारित सूचकांक में उत्पादन शामिल होता है और इसमें मूल्यवर्धन नहीं होता, जिसे जीडीपी के अनुमान में शामिल किया जाता है। सुब्रमण्यन ने पाया था कि विनिर्माण के लिए आईआईपी का 2011 के बाद के काल में जीडीपी से तालमेल नहीं है और कम आईआईपी से पता चलता है कि जीडीपी वृद्धि कम थी।
ईएसी ने कहा कि आईआईपी की गणना के तरीके में 2012 में बदलाव किया गया और इस पर पूर्व सीईए ने गौर नहीं किया। प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकारों ने यह भी कहा कि 2011 के पहले की अवधि के दौरान तमामन उच्च तीब्रता के सूचकांक जैसे कर्ज में वृद्धि दर बैंकों द्वारा भारी मात्रा में कर्ज देने की वजह से थे और वास्तव में अर्थव्यवस्था उतनी तेजी से नहीं बढ़ी थी। दोनों अवधियों के बीच एक और अंतर का उल्लेख करते हुए ईएसी ने कहा कि तकनीकी विश्लेषण चरण दर चरण घरेलू खपत और सार्वजनिक निवेश पिछले दशक में भारत की वृद्धि के प्रमुख कारक रहे हैं, इसके विपरीत निर्यात और निजी निवेश (व कर्ज) इसके पहले अहम रहे हैं। इसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय आय पर भारत का अनुमान 2015 के बाद (2011-12 शृंखला) से सुधरा है, जब बेहतर आंकड़े उपलब्ध हुए। इस नोट में सवाल उठाया गया है, '2011 के पहले अगर सब कुछ सही था तो वैश्विक विशेषज्ञ भारत को जीडीपी की ज्यादा जोरदार गणना के तरीकों को अपनाने का सुझाव क्यों दे रहे थे।' सुब्रमण्यन ने अपने विश्लेषण में कर के आंकड़ों का इस्तेमाल नहीं किया है, जिसके बारे में ईएसी ने कहा है कि ऐसा लगता है कि 'अपनी सुविधा के मुताबिक तर्क तैयार किया गया है, जिससे तथ्यों के मुताबिक असुविधाजनक निष्कर्ष न निकले'।
ऑपरेशन चार्ट एक कार्य को करने में प्रयुक्त विधि का चरण दर चरण वर्णन होता है।
Additional Information प्रोसेस चार्ट:
- प्रक्रिया चार्ट कार्यकर्ता की कार्य प्रक्रिया का चरण-दर-चरण विश्लेषण है।
- श्रमिकों की गतियों का विश्लेषण करके अनावश्यक चालों का पता लगाना सहायक था।
- इस चार्ट को कम से कम दो लोगों द्वारा तैयार करने की आवश्यकता थी, जिनमें से एक काम करेगा और दूसरा देखेगा।
- काम के एक टुकड़े का विश्लेषण करने के लिए प्रतीक दोहराव की गणना की जाती है।
- यह गति की गलतियों का पता लगाने के लिए नियोजित की जाती है और यह ठीक वही दिखा सकता है जहाँ सुधार की आवश्यकता होती है।
पाथवे चार्ट:
- घर पर गति और समय का अध्ययन करने के लिए एक सरल उपकरण पाथवे चार्ट है।
- इस प्रकार के एक अध्ययन को बनाने के लिए केवल एक फ्लोर प्लान की आवश्यकता होती है जिसे पिन और धागे का उपयोग करके एक ड्राइंग बोर्ड या वॉलबोर्ड से जोड़ा गया है।
- फर्श की योजना पर, पिन या थंबपिन लगाए जाते हैं, जहाँ कार्यकर्ता मुड़ता है।
- उसके पथ की लंबाई की गणना तब की जाती है जब वह पिंस के चारों ओर लूप वाले धागे से काम करती है।
Share on Whatsapp
Last updated on Sep 22, 2022
The Uttar Pradesh Secondary Education Service Selection Board (UPSESSB) has decided to extend the last date to submit online applications to conduct recruitment for the post of UP TGT (Trained Graduate Teacher). Now the applicants can submit their online application up to 16th July 2022. In this year's recruitment cycle the total vacancy of 3539 has been released. Willing candidates having the required UP TGT Eligibility Criteria can apply for the exam. This is a golden opportunity for candidates who want to get into the teaching profession in the state of Uttar Pradesh.
एक विस्तृत साक्षात्कार
एक विस्तृत साक्षात्कार किसी समूह विशेष के एक या एक से अधिक व्यक्तियों के साथ एक विस्तृत बातचीत करना है, जो कुछ मानदंडों के अनुसार या बिना किसी मानदंड के आयोजित की जाती है। एक विस्तृत साक्षात्कार एक व्यवहारिक शोध पद्धति है जिसके माध्यम से दर्शकों के एक वर्ग, उसकी प्राथमिकताओं, जरूरतों और जनसांख्यिकीय का अध्ययन करना संभव होता है और उनके आधार पर एक उत्पाद या आईडिया तैयार किया जा सकता है।
सरल शब्दों में, लोगों को बेहतर ढंग से जानने-समझने के लिए विस्तृत साक्षात्कार आयोजित किये जाते तकनीकी विश्लेषण चरण दर चरण हैं। आप सामाजिक कार्यक्रमों का विश्लेषण करने के लिए मार्केटिंग विशेषज्ञ, मनोवैज्ञानिक या समाजशास्त्रियों का इस्तेमाल करके भी विस्तृत साक्षात्कार का आयोजन कर सकते हैं। आधुनिक दुनिया में, विस्तृत साक्षात्कार की तकनीक तब उपयोगी होती है जब किसी उत्पाद के उपभोक्ताओं के बारे में जानकारी प्राप्त करने की आवश्यकता होती है।
विस्तृत साक्षात्कार आयोजित करना
एक विस्तृत साक्षात्कार एक व्यक्ति विशेष या समूह के साथ एक विस्तृत बातचीत करना है। यह एक अपूर्ण -औपचारिक अनुसंधान पद्धति है जिसका मानकीकरण करना कठिन है। विस्तृत साक्षात्कार के लिए प्रश्न पूछना आवश्यक है, लेकिन उतना ही ज़रूरी है साक्षात्कारकर्ता की साक्षात्कारदाता से बात करने की योग्यता, संबंधित प्रश्न पूछने के लिए सही समय का चुनाव और साक्षात्कारदाता को बोलने का अवसर देना और स्वयं चुप रहना।
विस्तृत साक्षात्कार आयोजित करने के लिए एक अच्छे साक्षात्कारकर्ता और एक प्रतिवादी का चयन करने की आवश्यकता होती है जो लोगों के किसी समूह तकनीकी विश्लेषण चरण दर चरण विशेष का प्रतिनिधित्व कर सकता है और अपने समूह की आम राय व्यक्त कर सकता है। विस्तृत साक्षात्कार के विश्लेषण में प्रतिवादी के प्रश्नों के उत्तर और गैर-मौखिक संकेतों पर विचार करना चाहिए, जैसे चेहरे के भाव, बोलने का लहज़ा, हावभाव, आदि। इसलिए, साक्षात्कारकर्ता को प्रतिवादी की भावभंगिमा को अच्छी तरह से देखना-समझना चाहिए और उस पर ध्यान देना चाहिए।
विस्तृत साक्षात्कारों के उद्देश्य
विस्तृत साक्षात्कार का मुख्य उद्देश्य किसी समूह विशेष से विशेष जानकारी प्राप्त करना है, लेकिन विस्तृत साक्षात्कार की प्रकृति विभिन्न क्षेत्रों में भिन्न-भिन्न हो सकती है। उदाहरण के लिए, समाजशास्त्र में, वैज्ञानिक अनुसंधान संबंधी सामग्री जुटाने करने के लिए अक्सर विस्तृत साक्षात्कारों का इस्तेमाल किया जाता है। दूसरी ओर, मार्केटिंग में, विस्तृत साक्षात्कारों का इस्तेमाल अक्सर विशेष व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए किया जाता है
मार्केटिंग रिसर्चर, एक नये उत्पाद के लॉन्च से पहले विस्तृत साक्षात्कार तकनीक का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, यह तकनीकी अन्य स्थितियों में भी लाभदायक सिद्ध हो सकती है: उदाहरण के लिए, जब मार्केटर्स को यह समझने-समझाने की ज़रूरत होती है कि कोई विशेष उत्पाद उसके दर्शकों द्वारा क्यों पसंद नहीं किया जा रहा है।
विस्तृत साक्षात्कार की तकनीक
एक मार्केटिंग रिसर्च के लिए विस्तृत साक्षात्कार आमतौर पर बी 2 बी यानी (बिज़नेस टू बिज़नेस) क्षेत्रों में इस्तेमाल किया जाता है, जबकि उपभोक्ताओं की राय जानने के लिए विस्तृत साक्षात्कार कम प्रचलित है। आमतौर पर, आप इसका इस्तेमाल उन मामलों में होता जहाँ कुछ विवादास्पद विषय होते हैं जिनके बारे में उत्तरदाताओं को सामान्य नतीजों संबंधी सवालों के माध्यम से खुद को ईमानदारी से व्यक्त करना मुश्किल होता है। इसलिए, इसके बजाय, विस्तृत साक्षत्कारों के तरीके किसी विशेष समूह के प्रतिनिधि के साथ विस्तृत बातचीत करने के लिए गुणात्मक साक्षात्कार का इस्तेमाल करते हैं।
विस्तृत साक्षात्कार व्यक्तिगत (यानी कि, एक व्यक्ति के साथ) और दो लोगों के साथ, या यहाँ तक कि एक साथ लोगों के समूह के साथ भी हो सकते हैं। जिन शर्तों के मुताबिक विस्तृत साक्षात्कार आयोजित किये जाते हैं वो भी भिन्न-भिन्न हो सकती हैं। उदाहरण के लिए, विस्तृत साक्षात्कार के लिए निर्धारित विषय, शुरुआती परीक्षण या कम संख्या में उत्तरदाताओं से नज़दीकी तौर पर परिचित होने का संकेत देते हैं। ये साक्षात्कार उत्पाद और उसके इस्तेमाल से संबंधित अनुभव के बारे में निष्पक्ष राय बनाने की अनुमति देते हैं।
उपभोक्ताओं के साथ विस्तृत साक्षात्कार
किसी मार्केटिंग रिसर्च के लिए, उपभोक्ताओं के साथ विस्तृत साक्षात्कार आयोजित करना सबसे मूल्यवान तरीका हैं। इस प्रकार के साक्षात्कार आपको अपने ग्राहक के बारे में ज़्यादा जानने, और आपकी बिक्री बढ़ाने में मदद करते हैं। आप किसी उपभोक्ता की जानकारी का इस्तेमाल उत्पाद से संबंधित समस्याओं की पहचान करने के लिए भी कर सकते हैं। इस मामले में, एक उपभोक्ता को किसी उत्पाद से संबंधित विस्तृत ज्ञान हो सकता है, जो किसी विशेषज्ञ की परिभाषा से अधिक उपयुक्त हो। कंपनी के मुखिया के साथ एक विस्तृत साक्षात्कार आमतौर पर बी2बी क्षेत्र में इस्तेमाल की जाने वाली एक तकनीक है क्योंकि यह बी2बी कंपनियों के लिए अपने संभावित ग्राहकों का अध्ययन करने का सबसे उपयुक्त तरीका है।
किसी कंपनी के मालिक के साथ साक्षात्कार के लिए विशेष रूप से सावधानीपूर्वक तैयारी करने की ज़रूरत होती है। एक नियम के रूप में, ऐसे प्रतिवादी बातचीत के लिए अधिक समय नहीं देते हैं । इसलिए आपको हर मिनट का भलीभांति इस्तेमाल करना चाहिए। साथ ही, हमें प्रतिवादी की परिस्थिति के बारे में नहीं भूलना चाहिए। कंपनी के मालिक के आपत्तिजनक शब्दों से व्यवसाय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, और उनके लापरवाही भरे बयानों की वजह से कंपनी को नुकसान हो सकता है। इसलिए कंपनी के सीईओ के साक्षात्कार से पहले तकनीकी विश्लेषण चरण दर चरण इस बात की गारंटी देनी बहुत महत्वपूर्ण है कि बातचीत पूरी तरह से गोपनीय होगी और कंपनी के प्रमुख के साक्षात्कार से जुड़े बयानों को सार्वजनिक नहीं किया जायेगा
विषय के अनुसार सीखना
यूरोप में नौकरी ढूंढे। यहां आने से लेकर सफल इंटरव्यू तक
आगे बढ़ने संबंधी सलाहें, यूरोप में नौकरी खोजने के लिए वेबसाइट, इंटरव्यू में सफ़ल होने के रहस्य