एक सुरक्षित दलाल कौन है

संक्षेप में:
एक सुरक्षित दलाल कौन है
वीडियो: ब्रोकर, डीलर और एजेंट के बीच अंतर? उर्दू / हिंदी
एजेंट बनाम ब्रोकर
एजेंट और ब्रोकर दो पेशे हैं जो किसी कंपनी के बीच में बिज़नेस करते हैं, जैसे इंश्योरेंस कंपनी या रियल एस्टेट डेवलपर, ग्राहक के पास। एजेंट और दलाल कंपनियों और उपभोक्ताओं के बीच लेनदेन और एक सुरक्षित दलाल कौन है सूचना की सुविधा प्रदान करते हैं।
एजेंट कौन है?
एजेंट बीमा एजेंट या रियल एस्टेट एजेंट के रूप में काम करने वाला व्यक्ति हो सकता है। आमतौर पर, एक एजेंट बीमा कंपनी का प्रतिनिधित्व करता है जिसके लिए वह काम कर रहा है। वे बीमा पॉलिसियों और दावों से संबंधित सभी कागजी प्रक्रिया को पूरा करते हैं और आमतौर पर लेन-देन होने के बाद क्लाइंट के साथ अपने संबंध समाप्त कर लेते हैं। यह एक एजेंट का काम नहीं है कि आप अलग-अलग विकल्प दे सकें एक सुरक्षित दलाल कौन है कि कौन सी योजना बेहतर है।
जमीन दलालों ने चास अंचल में फर्जी एनओसी बनाकर बेच दी लाखों की वन भूमि
Bokaro : बोकारो के चास अंचल में जमीन दलालों का मन इतना बढ़ गया है, कि उन्होंने वन भूमि को भी नहीं छोड़ा. दलालों एक सुरक्षित दलाल कौन है ने वन विभाग के जिस भूखंड को बेचा है, वह चास अंचल के बांधघोड़ा मौजा में है. इसका थाना नंबर 35, खाता संख्या 28 और प्लॉट संख्या 978 है. जमीन का कुल रकबा 21.88 एकड़ है. इस जमीन की फर्जी तरीके से रजिस्ट्री कर दी गयी है. बांधगोड़ा में वन विभाग की अनुसूचित सीमांकन व सुरक्षित वन भूमि 4.76 एकड़ है. इसके बावजूद चंद्रदीप कुमार व कुलदीप कुमार, सकलदीप कुमार व रिश्तेदार राज कुणाल द्वारा इसमें से एक एकड़ जमीन को गलत तरीके से पावर ऑफ अटॉर्नी और जाली आधार कार्ड बनाकर 20 से ज्यादा लोगों को बेच दिया है. गौर करने की बात यह है कि अवैध तरीके से बेची और निबंधित की गयी वन भूमि की जमाबंदी भी कर दी गयी है. बिना रजिस्ट्री और अंचल कार्यालय की मिलीभगत के ऐसा कर पाना संभव नहीं है.
वन विभाग की फर्जी एनओसी
चंद्रदीप ने वन भूमि बेचने के लिए डीएफओ, बोकारो के जाली एनओसी (492, दिनांक 27 दिसंबर, 2014) का उपयोग किया है. इसकी जानकारी मिलने के बाद डीएफओ ने अपने पत्रांक-3654, दिनांक 17.12.2019 के जरिये कहा है कि उनके कार्यालय से पत्रांक संख्या-492, दिनांक 17.12.2014 निर्गत नहीं किया गया है. यह कथित एनओसी फर्जी है.
वन विभाग ने लिखा उपायुक्त को पत्र
वन प्रमंडल पदाधिकारी, बोकारो ने उपायुक्त बोकारो को पत्र लिखकर बताया है कि मौजा बांधगोंडा अंतर्गत थाना नंबर-35, प्लॉट नंबर 978 की वन भूमि की फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी बना कर बिक्री की गयी है. विभाग ने जमाबंदी को रद्द करने के लिए भी लिखा है. इस बारे में चास के वन क्षेत्र पदाधिकारी ने अंचल अधिकारी को बिक्री की गयी वन भूमि की जमाबंदी रद करने के लिए लिखा था. इसके आलोक में सीओ ने अखबारों में विज्ञापन देकर उक्त जमीन की खरीद-बिक्री करने वाले लोगों को अपना पक्ष रखने को भी कहा गया था. लेकिन अभी तक न तो जमाबंदी रद्द होने की सूचना है और न ही वन भूमि की खरीद-बिक्री करनेवालों पर किसी तरह की कार्रवाई की जानकारी है.
वन भूमि हड़पने के उद्देश्य से जमीन दलाल चंद्रदीप कुमार ने उक्त जमीन के मूल रैयत के वंशज अशोक शर्मा की जगह अपने एक सुरक्षित दलाल कौन है भाई कुलदीप कुमार को अशोक शर्मा बना दिया. कुलदीप कुमार ने अशोक शर्मा बनकर 1 एकड़ वन भूमि की फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी चंद्रदीप कुमार के नाम लिख दी. यही नहीं, फर्जी पीओए के आधार पर चंद्रदीप ने अपने छोटे भाई सकलदेव कुमार और रिश्तेदार राज कुणाल को गवाह भी बना दिया. हैरानी की बात तो यह है कि फर्जी पीओए बनाते समय जमीन में मूल रैयत अशोक शर्मा की जमीन ही नहीं बची थी. इसके अलावा चंद्रदीप ने पावर 1 एकड़ जमीन का लिया था, मगर उसने 1.29 एकड़ जमीन बेच दी.
इस डीड से बेची गयी जमीन
डीड संख्या 4753 से 6 डिसमिल, 6928 से 6 डिसमिल, 105/2015 से 20 डिसमिल, 1177/2015 से 28 डिसमिल, डीड संख्या 1178/15 से 6 डिसमिल, डीड संख्या 1179/15 से 6 डिसमिल, डीड संख्या 1180/15 से 6 डिसमिल, डीड संख्या 1728/15 से 11 डिसमिल, डीड संख्या 2614/15 से 6 डिसमिल तथा डीड संख्या 3431/2015 से 6 डिसमिल जमीन विभिन्न लोगों को रजिस्ट्री कर दी गयी है.
चंद्रदीप कुमार द्वारा बेची गयी जमीन के खरीदार कुंवर जी पांडेय, रीता कुमारी, सुनीता सिन्हा, आशा देवी, दामोदर सिंह, रेणु सिन्हा, प्रशांत चंद्रवंशी, बासुदेव, चंद्र किशोर झा, सुनीता सिन्हा आदि हैं.
युवा पत्रकारों पर समाज के ठेकेदार दलाल व तथाकथित पत्रकार लगाते हैं आरोप ।
युवा पत्रकारों पर समाज के ठेकेदार दलाल व तथाकथित पत्रकार लगाते हैं आरोप । उमेश दुबे (रिपोर्टर ) भदोही । पुराने समाज के ठेकेदार दलाल व तथाकथित पत्रकार नई पीढ़ी के पत्रकारों को नहीं देना चाहते हैं आगे बढ़ना. बहुत बड़ी विडंबना है कि कुछ तथाकथित पत्रकारों को यह लगने लगा है कि समाज में
युवा पत्रकारों पर समाज के ठेकेदार दलाल व तथाकथित पत्रकार लगाते हैं आरोप ।
उमेश दुबे (रिपोर्टर )
भदोही । पुराने समाज के ठेकेदार दलाल व तथाकथित पत्रकार नई पीढ़ी के पत्रकारों को नहीं देना चाहते हैं आगे बढ़ना. बहुत बड़ी विडंबना है कि कुछ तथाकथित पत्रकारों को यह लगने लगा है कि समाज में सब एक साथ उनके उम्र के ही लोग जवान हो जाते है सब एक साथ पत्रकारिता का कार्य करने के लिए तैयार भी हो जाते हैं और जो पहले आकर जवान हो जाता है वही बुढ़ापे तक का समाज में ठेकेदार बन जाता है मतलब नई युवा पीढ़ी अगर किसी कार्य को करने के लिए समाज में आगे आए तो उनकी संख्या को इजाफा के तौर पर देखा जाने लगता है. लेकिन शायद उन्हें यह नहीं पता कि उनसे जादे पढ़ लिखकर युवा नई तकनीक के साथ उनसे जादे बेहतर कार्य पत्रकारिता में ही नहीं बल्कि किसी भी क्षेत्र में करने के लिए जज्बा लिए आते. पहले वाले तथाकथित समाज के ठेकेदारों को अब कि नए युवा पीढ़ी के पत्रकारों से द्वेष भावना जागृत होना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है जिसमें पुराने समाज के तथाकथित पत्रकारों व ठेकेदारों का ब्लॉक से लेकर जिले तक की सारी मट्ठाधिशी समाप्त हो जाती है. जो कुछ भी अवैध तरीके से कार्य उनके द्वारा किए जाते हैं वह भी खुल के सामने आने लगता है ऐसी स्थिति में नए शिक्षा और तकनीक लिए आए पत्रकारों को रास्ते से हटाने का हर हथकंडा अपनाने की कोशिश और शिकायत थाने पुलिस से लेकर जिले के अधिकारियों तक से तथाकथित पत्रकार व समाज के ठेकेदार के द्वारा की जानी लगती है. अब आरोप लगाना उन तथाकथित पत्रकारों दलालों और समाज के ठेकेदारों से बेहतर कौन जान सकता है. चुकी वे खुद पहले अपने समाज में उसी कार्य को करके
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PM ने कहा कि वे मौन रहकर इसका जवाब देना चाहेंगे. राहुल गांधी ने एक विदेशी मैगजीन में इंटरव्यू दिया कि किसी भी रूप में वह मोदी की छवि को ध्वस्त करना चाहते हैं, मतलब वह (राहुल) जो बोल रहे हैं वह मोदी की छवि को नुकसान पहुंचाने एक सुरक्षित दलाल कौन है के लिए कर रहे हैं, यानी उन्होंने गंदे और गलत रास्ते इसीलिए अपनाए कि मोदी की छवि खराब की जा सके.
पत्थरबाजों को आजादी देना चाहती है कांग्रेस: मोदी
- PM मोदी द्वारा गोद लिए गए गांव का एक निवासी
6 प्रतिशत बढ़ते के साथ लिस्ट हुए ई-मुद्रा के शेयर
डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट प्रोवाइडर ईमुद्रा के शेयर की लिस्टिंग आज शेयर बाजार में हो चुकी है. कंपनी ने शेयर बाजार में एंट्री लेने के साथ ही निवेशकों को अच्छा रिटर्न दिया है. आज ई मुद्रा के शेयरों की लिस्टिंग 6 प्रतिशत प्रीमियम के साथ हुई है. आज निवेशकों को प्रति शेयर 15 एक सुरक्षित दलाल कौन है रुपये का लिस्टिंग गेन मिला है.
कैसी रही ई-मुद्रा की लिस्टिंग
ईमुद्रा के शेयरों ने आज दलाल स्ट्रीट पर पॉजिटिव शुरुआत की, क्योंकि यह BSE पर 271 रुपये प्रति शेयर पर लिस्ट हुआ, जिससे निवेशकों को लगभग 6 प्रतिशत प्रीमियम मिला. हालांकि, लिस्टिंग होने के बाद, eMudhra के शेयर बीएसई पर अपने इंट्राडे हाई 279 रुपये से वापस आ गए और आज के 256 रुपये प्रति शेयर के निचले स्तर पर पहुंच गए. वहीं NSE पर 270 रुपये प्रति इक्विटी शेयर पर सूचीबद्ध है.
NSE और BSE पर शेयर की लिस्टिंग
BSE पर ई-मुद्रा के शेयरों की लिस्टिंग 5.86 फीसदी के प्रीमियम के साथ 271 रुपये पर हुई, वहीं NSE इन शेयरों की लिस्टिंग 5.47 फीसदी के प्रीमियम के साथ 270 रुपये प्रति शेयर पर हुई है. खास बात ये है कि लिस्टिंग होने के 10 मिनट के अंदर शेयर ने NSE और BSE पर 279 रुपये का उच्च स्तर हासिल कर लिया था.