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टेक्नोलॉजी ने बाजार को कैसे प्रभावित किया है

टेक्नोलॉजी ने बाजार को कैसे प्रभावित किया है

टेक्सटाइल एक्सपोर्ट में मंदी संभव; कौन से शेयर हो सकते हैं प्रभावित?

टेक्सटाइल एक्सपोर्ट में मंदी संभव. अमेरिका को एक्सपोर्ट में कमी का अनुमान. वॉलमार्ट ने इस साल के लिए अनुमान घटाया. वॉलमार्ट ने इस साल के लिए मुनाफे का अनुमान घटाया. इसके क्या हैं मायने? जानिए अरमान नाहर से.

लाइफस्टाइल: कपड़ा धुलाई को सुगम बनाएगी डोमेस्टिक लॉन्ड्री मशीन

लाइफस्टाइल: कपड़ा धुलाई को सुगम बनाएगी डोमेस्टिक लॉन्ड्री मशीन

टेक्नोलॉजी ने लाइफस्टाइल को हर टेक्नोलॉजी ने बाजार को कैसे प्रभावित किया है तरह से प्रभावित किया है और काम को आसान बनाया है। कपड़े धोने के लिए वॉ¨शग मशीन में हर साल कोई न कोई नया इनोवेशन होता है। अब ऐसी डोमेस्टिक लॉन्ड्री मशीन बनाई गई है, जिसमें एक ही कमांड से कपड़ों को धोने से लेकर समेटने तक का झंझट खत्म हो जाएगा। यही नहीं मशीन कपड़ों पर स्टीम आयरन भी करेगी।

मशीन को लेकर युवाओं में उत्सुकता

पैनासोनिक समेत कुछ अन्य कंपनियां इस मशीन को और अधिक डेवलप करने का काम कर रही हैं। यह मशीन उन लोगों के लिए वरदान साबित होगी जो अकेले रहते हैं या फिर वर्किंग कपल हैं। आजकल के भागदौड़ भरे जीवन में इस तरह की मशीनों की तलाश हर किसी को रहती है। नोएडा के टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट नितिन पांडे के मुताबिक एनसीआर में लोग होम ऑटोमेशन के नए प्रयोगों के बारे में अपडेट रहना चाहते हैं और नई टेक्नोलॉजी को पाना चाहते हैं। ऐसे में अब इस मशीन के लिए भी प्री बु¨कग शुरू हो गई है, जिसमें एनसीआर के लोगों की उत्सुकता सबसे अधिक देखने को मिल रही है। इस मशीन के 2017 मॉडल की कीमत 62 से 65 हजार है, लेकिन जल्द ही बाजार में आने वाले नए मॉडल की कीमत 1.27 लाख होगी।

इस मशीन में एक साथ कपड़े डालकर कमांड देने पर काम शुरू कर देती है। इसमें सो¨कग, वॉ¨शग व ¨र¨जग के अलग-अलग कंट्रोल द्वारा सेट किया जा सकता है। यह मशीन धोने के साथ साथ कपड़ों पर स्टी¨मग और डी-¨रक¨लग यानी की कपड़ों की सिलवट भी दूर करने का काम करती है। ऐसे में अंत में इसमें से सिलवट रहित सिमटे हुए कपड़े निकलते हैं। फिलहाल लॉंड्राइड व फोल्डीमेट के नाम से निकाली गई हैं। इसके लिए प्री-बु¨कग शुरु हो गई है और आने वाले कुछ महीनों में भारतीय बाजारों में इसे सीधे तौर पर भी खरीदा जा सकेगा।

'बड़े शहरों की मसरूफियत में लोगों के लिए यह मशीन काफी सहायक साबित होगी। इसकी उपलब्धता जल्द ही यहां भी शुरु हो जाएगी। अभी इसकी प्रीबु¨कग हो रही है औ्र यूएस के मार्केट की जरूरत को पूरा करने के बाद यहां पर डिलीवरी शुरू हो जाएगी। ऐसे में यहां के लोग इसकी बु¨कग करवाने में रुचि दिखा रहे हैं।

- नितिन पांडे, टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट, नोएडा

अब तो कई चीजें ऐसी आ गई हैं, जिससे लाइफस्टाइल को हाइटेक बनाया जा सकता है। लॉन्ड्री मशीन इस क्षेत्र में नया इनोवेशन है और इसे लेकर लोगों में काफी उत्साह है। लोग इसकी बु¨कग करवा रहे हैं। इंट्रे¨स्टग टेक्नोलॉजी है। आने वाले समय में इसकी कीमत कम होंगी और यह काफी लोकप्रिय हो जाएगा।

जानिए, फिनटेक में बढ़ता निवेश पूंजी बाजार के अनुभव को कैसे बढ़ा रहा है?

नई दिल्ली। 1980 के दशक के मध्य से 1990 के दशक की शुरुआत तक दुनियाभर के शेयर बाजारों को प्रौद्योगिकी के उपयोग ने काफी प्रभावित किया, क्योंकि वे कम्प्यूटरीकृत और एल्गोरिथम-बेस्ड मॉडल को अपनाने से पेपर-लेस होते चले गए थे। बड़े पैमाने पर डेटा की प्रोसेसिंग ने फाइनेंशियल मार्केट्स के कामकाज के तरीकों में बदलाव किया, क्योंकि इसने दुनियाभर में खुदरा निवेशकों टेक्नोलॉजी ने बाजार को कैसे प्रभावित किया है के लिए डिजिटल ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का विकल्प खोल दिया था। रोजमर्रा की प्रक्रियाओं में टेक्नोलॉजी को इंटीग्रेट करने वाले पहले उद्योगों में से एक होने के नाते स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग और इसके साथ आने वाली अन्य सेवाओं के लिए पहुंच को आसान बनाया।

हालांकि, सबसे अधिक असर पड़ा कुछ साल पहले वैश्विक स्तर पर फिनटेक के प्रसार से, और इस दौरान भारत में भी ट्रेंड्स ने दुनिया की सर्वश्रेष्ठ तकनीकी कंपनियों के साथ तालमेल बनाए रखा। भारत की बड़ी युवा आबादी, कई ब्रोकरेज हाउसों के बढ़ते नए निवेशक बेस, और डिजिटल व कैशलेस अपनाने पर सरकार के जोर ने स्टार्टअप के लिए अनुकूल माहौल बनाया और स्थापित फिनटेक्स को पनपने का मौका दिया।

फिनटेक के इनोवेशन, और कैपिटल मार्केट्स पर उनके प्रभाव
भारत आज के समय में सबसे ज्यादा स्मार्टफोन और एक्टिव इंटरनेट यूजर्स वाले देशों में से एक है, जिसकी वजह है मोबाइल और कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी में प्रगति और देश के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने पर दिया गया जोर। 2021 में अनुमानित 700 मिलियन एक्टिव इंटरनेट यूजर्स के साथ भारत के युवा यूजर्स को व्यापक रूप से टेक-सैवी के तौर पर पहचाना जाता है, जिनमें से लाखों लोग डिजिटल भुगतान गेटवे के माध्यम से ऑनलाइन लेनदेन करने के लिए मोबाइल एप्लिकेशन का इस्तेमाल कर रहे हैं। डिजिटल इनक्लूजन एजेंडा को आगे बढ़ाने में फिनटेक की भूमिका समझने के बाद, कई बीएफएसआई कंपनियों ने इन तकनीकों को अपनी सेवाओं में लाने के लिए निवेश किया है।

फिनटेक इनोवेशन का सबसे ज्यादा लाभ ब्रोकरेज हाउस और ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म ने उठाया है। जो टेक-सॉल्युशन उनकी सेवाओं के इंटीग्रेट किए गए हैं, वे भारत के दूरदराज के हिस्सों से निवेशकों को कैपिटल मार्केट से जोड़ रहे हैं। कुछ साल पहले तक अधिकांश भारतीय न तो ब्रोकरेज सर्विसेस का लाभ उठा सकते थे और न ही दूरदराज के लोग बाजारों में ट्रेडिंग करना सुविधाजनक समझते थे। मोबाइल-ऐप-बेस्ड सेवाएं उपलब्ध होने के साथ वे कुछ ही मिनटों में स्टॉक और कमोडिटी खरीद-बेच सकते हैं। नतीजतन, फिनटेक ऐप टेक्नोलॉजी ने बाजार को कैसे प्रभावित किया है और डिजिटल ब्रोकरेज सेवाएं अब आवश्यकता बन गई हैं, जिसमें किसी डीलर या दलालों के पास प्रत्यक्ष पहुंचे बिना भी हर तिमाही में लाखों लोग शामिल हो रहे हैं।

प्रक्रिया के पीछे की तकनीक और इंडस्ट्री पर इसका प्रभाव

इनोवेशन केवल मोबाइल ऐप और ग्राहकों के लिए कई सेवाएं उपलब्ध कराने तक ही सीमित नहीं है। एआई, डेटा एनालिटिक्स के इंटिग्रेशन और मशीन लर्निंग के नेतृत्व वाली प्रक्रियाओं जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कई तरह से कंपनियों की मदद कर रहा है। यह ऑपरेशंस की गति को प्रभावित कर रहा है, डेटा की सटीकता को सार्वजनिक किया जा रहा है, और डेटा चोरी और धोखाधड़ी गतिविधियों के खिलाफ सिक्योरिटी फीचर्स बना रहा है। इसके अलावा, टू-फेक्टर ऑथेंटिकेशन के साथ नए ग्राहकों की रिमोट ऑनबोर्डिंग संभव है, जो एआई और फेशियल रिकग्निशन सॉफ्टवेयर से समर्थित है।

एजेंटों को अब व्यक्ति की प्रत्यक्ष जांच करने की आवश्यकता नहीं

डिजिटल केवाईसी प्रक्रियाएं पारंपरिक सर्टिफिकेशन और वेरिफिकेशन विधियों की जगह ले रही हैं, और एजेंटों को अब व्यक्ति की प्रत्यक्ष जांच करने की आवश्यकता नहीं है। आज, एक संभावित ग्राहक दस्तावेजों की डिजिटल प्रतियां और लाइव ट्रैकिंग आदि प्रस्तुत कर सेवाओं के लिए साइन अप कर सकता है। ऐसी प्रक्रियाओं के लिए, कुछ बीएफएसआई कंपनियों ने आवेदक के बताए स्थान को जियोटैग करते हैं और यह जांचने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हैं कि उसने डेटा जहां से प्रोसेस किया, उसकी लोकेशन का मिलान हो रहा है या नहीं। इसके अलावा, फेशियल रिकग्निशन और डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन सॉफ्टवेयर सेवा प्रदाताओं को आधिकारिक रिकॉर्ड के माध्यम से मिलान करने की अनुमति देता है ताकि दस्तावेजों की प्रामाणिकता की पुष्टि हो सके। निश्चित रूप से टेक्नोलॉजी की सफलता न केवल शेयर बाजारों के इकोसिस्टम को प्रभावित कर रही है, बल्कि बीएफएसआई कंपनियों और अन्य उद्योगों जैसे बीमा, डी2सी ब्रांड, ई-कॉमर्स, आदि जो अब ग्राहक प्रोफाइल की जांच करने के टेक्नोलॉजी ने बाजार को कैसे प्रभावित किया है लिए सक्रिय रूप से इसका उपयोग कर रहे हैं।

स्टॉक मार्केट स्पेस में फिनटेक के विभिन्न अनुप्रयोग

कैपिटल मार्केट्स की व्यापक दुनिया में हम पहले ही फिनटेक्स के काम को देख रहे हैं, जो साइबर स्पेस, एल्गोरिथम ट्रेडिंग, ट्रेडिंग और एडवाइजरी जैसे पहलुओं में अद्भुत काम कर रहे हैं। ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म ब्लॉकचेन-संचालित फीचर्स के माध्यम से परिष्कृत प्रोग्राम चला सकते हैं, जो संवेदनशील जानकारी की सेफ्टी और सिक्योरिटी सुनिश्चित कर रहे हैं। इसमें महत्वपूर्ण विवरण शामिल हैं जैसे कि ट्रेड किए गए स्टॉक के लेनदेन का इतिहास, कमोडिटी, फ्यूचर्स, आदि। फिनटेक फर्म बहुत ज्यादा यूटिलिटी वाले टूल्स बना रहे हैं, जो तेजी से लेनदेन और निवेशकों के अनुरोधों की त्रुटि मुक्त प्रोसेसिंग सुनिश्चित करते हैं।

डिजिटल पेमेंट गेटवे के उपयोग में कई गुना वृद्धि

भारत में 2016 की नोटबंदी के कदम के बाद से डिजिटल पेमेंट गेटवे के उपयोग में कई गुना वृद्धि हुई है। दिलचस्प बात यह है कि डिजिटल लेन-देन इतना टेक्नोलॉजी ने बाजार को कैसे प्रभावित किया है सर्वव्यापी है कि कोने की किसी दुकान से लेकर मिलेनियल निवेशकों तक की वित्तीय सेवाओं तक सभी फाइनेंशियल ऐप्स से जुड़ गए हैं। उनके हितों को ध्यान में रखते हुए डिजिटल ब्रोकर्स और फिनटेक कंपनियां स्मार्टफोन-उन्मादी पीढ़ी के लिए ऐप डिजाइन कर रही हैं, जो डिजिटल लेनदेन के इच्छुक हैं। डिजिटल पेमेंट गेटवे और डिजिटल ब्रोकर विभिन्न तरीकों से अपने ट्रेडिंग के लिए पारंपरिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म दे रहे हैं। सबसे पहले, पैमाना इस हद तक बढ़ गया है कि कमीशन की दरें लगभग शून्य हो गई हैं, जबकि इंट्रा-डे ट्रेड्स को सस्ता कर दिया गया है। एक प्लेटफॉर्म पर कई सेवाएं मिल रही हैं, जिसे इसमें जोड़ सकते हैं।

पेंशन योजनाओं और म्यूचुअल फंडों में निवेश

एक निवेशक स्टॉक के साथ लेनदेन कर सकता है, पेंशन योजनाओं और म्यूचुअल फंडों में निवेश कर सकता है, आईपीओ के लिए आवेदन कर सकता है, कमोडिटी एक्सचेंजों पर ट्रेडिंग कर सकता है, शेयर बाजारों में खरीद और बिक्री कर सकता है, निवेश के बारे में जान सकता है, और तो और विशेषज्ञों से पेशेवर सलाह प्राप्त कर सकता है, और यह सब केवल एक मोबाइल ऐप के माध्यम से। यहां तक कि सोने की तरह की पारंपरिक वस्तुएं, जो ज्यादातर प्रत्यक्ष वस्तुओं के रूप में लोकप्रिय हैं, का भुगतान गोल्ड ईटीएफ के रूप में पेमेंट गेटवे एप्लिकेशन के साथ इलेक्ट्रॉनिक रूप से किया जा रहा है। भारतीय अर्थव्यवस्था में आ रहे बदलावों और फाइनेंशियल मार्केट्स में न्यूनतम स्तर को शामिल कर फिनटेक इनोवेशंस ने चमत्कार किया है। यह भारत को सिर्फ तेजी से बढ़ने में मदद करेगा।

Expalined: शेयर बाजार में क्यों हो रही गिरावट, निवेशकों के लिए क्या है एक्सपर्ट्स की सलाह

Expalined: शेयर बाजार में क्यों हो रही गिरावट, निवेशकों के लिए क्या है एक्सपर्ट्स की सलाह

Stock Markets Crashed: भारत समेत दुनियाभर के बाजार में बड़ी गिरावट देखी गई है। बजट के ठीक पहले दलाल स्ट्रीट का इस मूड ने सभी को चिंता में डाल दिया है। वैसे माना जा रहा है कि अमेरिका में ब्याज दरों में बढ़ोतरी इसका सबसे बड़ा कारण है। कहा जा रहा है कि अभी टेक्नोलॉजी ने बाजार को कैसे प्रभावित किया है कुछ और बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है। यानी निवेशकों के लिए मुश्किल दौर बना रहेगा। कोरोना महामारी भी बाजार के सेंटिमेंट्स को बिगाड़ रही है। अमेरिका और रूस के बीच तनातनी भी आग में घी का काम कर रही है। यहां जानिए एक्सपर्ट्स की राय कि आगे क्या करना चाहिए। वहीं गिरावट की बड़ी बजह क्या हैं

Stock Markets Crashed: गिरावट की दो बड़ी वजह

1. महंगा होता क्रूड बिगाड़ेगा सरकार का बजटीय गणित: सरकार के बजटीय गणित पर सबसे ज्यादा परोक्ष असर महंगे होते क्रूड का पड़ेगा। वर्ष 2022 में क्रूड की कीमतें 14 प्रतिशत बढ़कर 88.17 डालर प्रति बैरल हो गई हैं। पिछले सात वर्षों में यह सबसे ज्यादा है। यह ठीक है कि तेल कंपनियां पेट्रोल और डीजल की कीमत नहीं बढ़ा रही हैं, लेकिन अगर क्रूड की कीमतें ऐसी ही बनी रहीं तो पांच राज्यों के चुनाव खत्म होने के बाद एकमुश्त कीमतें बढ़ाई जा सकती हैं। इसका व्यापक असर महंगाई पर पड़ सकता है। ऐसे में यह देखना होगा कि वित्त मंत्री जनता को फिर से महंगे पेट्रोल डीजल के एक नए दौर में डालती हैं या फिर उन्हें राहत देने के लिए पेट्रोल- डीजल पर उत्पाद शुल्क में पहले ही कटौती करेंगी। केंद्र सरकार के पास एक और उपाय है कि वह राज्यों को पेट्रो उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने के लिए नए सिरे से बात करे और उन्हें तैयार करे। महंगे क्रूड का प्रभाव देश के चालू खाते में घाटे (निर्यात से होने वाली विदेशी मुद्रा की कमाई व आयात पर होने वाले विदेशी मुद्रा के खर्चे का अंतर) पर भी दिखाई देगा।

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2. महंगाई का दौर लौटने की आशंका भी बड़ी वजह: शेयर बाजार की गिरावट के लिए एक दूसरी बड़ी वजह अमेरिका और दूसरी अर्थव्यवस्था में महंगाई के दौर के लौटने को माना जा रहा है। इसकी वजह से अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरों को बढ़ाने का एलान होने वाला है। इसका भारत पर असर होने की बात कही जा रही है। सबसे पहले तो अमेरिकी शेयर बाजार के आकर्षक होने से विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआइआइ) भारत से पैसा निकाल कर वहां निवेश करेंगे। ऐसे में देखना होगा कि एफआइआइ को पैसा निकालने से रोकने के लिए आम बजट 2022-23 में कोई कदम उठाया जाता है या नहीं। इसका असर विदेशी मुद्रा भंडार और घरेलू बांड्स पर दिखेगा।

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Stock Markets Crashed: जानिए आगे क्या करें

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वीके विजयकुमार के मुताबिक, अभी निवेशकों को थोड़ा सतर्क रहना होगा, क्योंकि पिछले सप्ताह अमेरिका के तकनीकी शेयरों में भारी गिरावट ने पूरी दुनिया के बाजार को प्रभावित किया है। रूस-यूक्रेन सीमा विवाद और फेडरल बैंक की तरफ से दरों में बढ़ोतरी से इस गिरावट को और मजबूती मिली है।

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इसी तरह इक्विटी सलाहकार देवांग मेहता का कहना है कि बाजार चार-पांच दिनों से विकसित देशों में ब्याज दरों में बढ़ोतरी को लेकर सहमा हुआ है। ओमिक्रोन वैरिएंट के खतरनाक नहीं होने के बावजूद इससे प्रभावित मरीजों की संख्या सोचने को मजबूर कर रही है।

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