विदेशी मुद्रा बाजार क्या है

डॉलर के मुकाबले सितम्बर माह के दौरान रुपया करीब छह प्रतिशत मजबूत हुआ है। फिलहाल एक डॉलर की कीमत 44.50 रुपए के आसपास है।
विदेशी मुद्रा बाजार क्या है
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विनिमय दर क्या है? इसका निर्धा .
Solution : विनिमय दर वह दर है जिस पर एक देश की एक मुद्रा इकाई का दूसरे देश की मुद्रा में विनिमय किया जाता है। दूसरे शब्दों में, विदेशी विनिमय दर यह बताती है कि किसी देश की मुद्रा की एक इकाई के बदले में दूसरे देश की मुद्रा की कितनी इकाइयाँ मिल सकती हैं।
क्राउथर के अनुसार-"विनिमय दर एक देश की इकाई मुद्रा के बदले में दूसरे देश की मुद्रा मिलने वाली इकाइयों की माप है।"
अब प्रश्न यह उठता विदेशी मुद्रा बाजार क्या है है कि विनिमय दर का निर्धारण कैसे होता है? विनिमय दर के निर्धारण के लिए अर्थशास्त्रियों ने कई सिद्धांत दिए हैं। जिस प्रकार से वस्तु की कीमत बाजार में माँग एवं पूर्ति की शक्तियों द्वारा निर्धारित होती है, उसी प्रकार विनिमय दर भी विदेशी विनिमय बाजार में माँग एवं पूर्ति के द्वारा ही निर्धारित होती है। दूसरे शब्दों में, एक विदेशी विनिमय बाजार में विदेशी विनिमय की संतुलन दर विदेशी विनिमय की मांग और पूर्ति के बीच समानता द्वारा निर्धारित होती है।
इस प्रकार विनिमय दर का निर्धारण मुख्यत: दो तत्वों पर निर्भर करता है (i) विदेशी मुद्रा बाजार क्या है विदेशी विनिमय की मांग, (ii) विदेशी विनिमय की पूर्ति।
रुपए में बढ़त, पर विदेशी मुद्रा बाजार से दूर आरबीआई
13 अक्टूबर 2010
मुंबई। अंतर बैंकिंग विदेशी मुद्रा बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपए में आ रही जोरदार मजबूती के बावजूद रिजर्व बैंक (आरबीआई) रुपए की बढत को थामने के लिए सक्रिय नहीं रहा है। बैंक ने अगस्त माह के दौरान रुपए की मजबूती को रोकने के लिए कोई हस्तक्षेप नहीं किया।
अगस्त माह के दौरान डॉलर के सामने रुपया एक माह पहले की तुलना में 1.4 प्रतिशत मजबूत हुआ। रिजर्व बैंक के मासिक बुलेटिन के मुताबिक विदेशी निवेशकों ने अगस्त में ढाई अरब रुपए का शेयरबाजारों में निवेश किया। जुलाई में इनका निवेश साढे तीन अरब डॉलर का था।
वर्ष 2009 में रिजर्व बैंक ने रुपए में तीव्र गिरावट को थामने के लिए पांच अरब 80 करोड डॉलर की शुद्ध बिक्री की थी। मार्च 2009 में एक डॉलर की कीमत रिकार्ड 52.20 रुपए तक पहुंच गई थी। किंतु बाद में विदेशी निवेशकों की सक्रियता के बलबूते रुपया फिर मजबूत होने लगा।
विदेशी मुद्रा बाजार क्या है
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विनिमय दर क्या है? इसका निर्धा .
Solution : विनिमय दर वह दर है जिस पर एक देश की एक मुद्रा इकाई का दूसरे देश की मुद्रा में विनिमय किया जाता है। दूसरे शब्दों में, विदेशी विनिमय दर यह बताती है कि किसी देश की मुद्रा की एक इकाई के बदले में दूसरे देश की मुद्रा की कितनी इकाइयाँ मिल सकती हैं।
क्राउथर के अनुसार-"विनिमय दर एक देश की इकाई मुद्रा के बदले में दूसरे देश की मुद्रा मिलने वाली इकाइयों की माप है।"
अब प्रश्न यह उठता है कि विनिमय दर का निर्धारण कैसे होता है? विनिमय दर के निर्धारण के लिए अर्थशास्त्रियों ने कई सिद्धांत दिए हैं। जिस प्रकार से वस्तु की कीमत बाजार में माँग एवं पूर्ति की शक्तियों द्वारा निर्धारित होती है, उसी प्रकार विनिमय दर भी विदेशी विनिमय बाजार में माँग एवं पूर्ति के द्वारा ही निर्धारित होती है। दूसरे शब्दों में, एक विदेशी विनिमय बाजार में विदेशी विनिमय की संतुलन दर विदेशी विनिमय की मांग और पूर्ति के बीच समानता द्वारा निर्धारित होती है।
इस प्रकार विनिमय दर का निर्धारण मुख्यत: दो तत्वों पर निर्भर करता है (i) विदेशी विनिमय की मांग, (ii) विदेशी विनिमय की पूर्ति।
विदेशी मुद्रा बाजार क्या है
विदेशी मुद्रा बाजार में डालर के मुकाबले रुपया 10 पैसे मजबूत
मुंबई। बैंकरों और निर्यातकों की डालर बिकवाली से अंतर बैंकिंग विदेशी मुद्रा बाजार में शुक्रवार को डालर के मुकाबले रुपया 10 पैसे मजबूत रहा। कारोबार की समाप्ति पर एक डालर की कीमत 70.82 रुपए रही।
कारोबार की शुरुआत में रुपए पर दबाव था और विनिमय दर छह पैसे बढ़कर 70.98 रुपए हो गई । बाद में डालर की आमद बढ़ने से रुपए को मजबूती मिली और गत दिवस की तुलना में एक डालर की कीमत 10 पैसे गिरकर 70.82 रुपए रह गई ।
सत्र के दौरान डालर का उच्च भाव 70.99 तक गया । विश्व की अन्य मुद्राओं की तुलना में डालर के कमजोर पड़ने और शेयर बाजारों में लगातार छठे दिन तेजी से रुपए को मजबूती मिली ।
विदेशी मुद्रा भंडार के पांच बड़े फायदे
1. विदेशी मुद्रा भंडार का बढ़ना किसी देश की अर्थव्यवस्था में मजबूती का संकेते होता है। साल 1991 में देश को सिर्फ 40 करोड़ डॉलर जुटाने के लिए 47 टन सोना इंग्लैंड के पास गिरवी रखना पड़ा था। लेकिन मौजूदा स्तर पर, भारत के पास एक वर्ष से अधिक के आयात को कवर करने के लिए पर्याप्त मुद्रा भंडार है। यानी इससे एक साल से अधिक के आयात खर्च का बोझ उठाया जा सकता है।
2. विदेशी मुद्रा बाजार क्या है बड़ा विदेशी मुद्रा रखने वाला देश विदेशी व्यापार को आकर्षित करता है और व्यापारिक साझेदारों का विश्वास अर्जित करता है। इससे वैश्विक निवेशक देश में और अधिक निवेश के लिए प्रोत्साहित हो सकते हैं।
3. सरकार जरूरी सैन्य सामान की तत्काल खरीदी का निर्णय भी ले सकती है क्योंकि भुगतान के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा उपलब्ध है। इसके साथ कच्चा तेल, दूसरी जरूरी सामान की आयत में बढ़ा नहीं आती है।