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डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर

डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर
निर्मला सीतारमण ने साल 2022 का बजट पेश करते हुए एलान किया कि रिजर्व बैंक (RBI) अगले वित्त वर्ष में डिजिटल रुपया लॉन्च करेगा.

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Digital Rupee Kya Hai? What Is Digital Rupee In Hindi? और कैसे काम करता है? सभी जानकारी!

यदि आप जानना चाहते है की Digital Rupee Kya Hai, Digital Currency In India कैसे काम करता है?, Digital Rupee Launch कब होगा और क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल रुपी में क्या अंतर है? तो इस आर्टिकल को पढ़ सकते है।

हमारे देश की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने हाल ही में Budget 2022 Highlights भाषण में कई महत्वपूर्ण तथ्यों पर चर्चा की है और इन सभी महत्वपूर्ण तथ्यों में से एक है डिजिटल रुपी (Digital Rupee)।

जी हां इस बजट भाषण में इन्होंने Digital Rupee का जिक्र करते हुए RBI (Reserve Bank Of India) की Government Digital Currency यानि Digital Rupee पर एक महत्वपूर्ण घोषणा भी की है।

इस घोषणा में जल्द ही Digital Rupee Launch करने की बात कही गई। आज के समय में ज्यादातर व्यक्तियों के मन में यह सवाल है कि आखिर Digital Rupee Kya Hai, Digital Rupee Kaise Kaam Karta Hai और इसे क्यों शुरुआत किया जा रहा है

क्योंकि आज के लेख के माध्यम से हम आपको Digital Rupee क्या है, Digital Rupee Launch कब होगा, Digital Rupee कैसे काम करता है, क्रिप्टो करेंसी और Digital Rupee में क्या अंतर है, Digital Rupee लीगल टेंडर होगा इत्यादि से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी साझा करने वाले हैं।

इसलिए आपको हमारे इस Digital Rupee के पोस्ट के साथ अंत तक बने रहना है।

Table Of Contents:

Digital Rupee Kya Hai? What Is Digital Rupee In Hindi?

क्या आप Digital Rupee का पूरा नाम क्या है इसके बारे में जानते हैं यदि नहीं तो आपको बता दूं कि इसका पूरा नाम (Central Bank Digital Currency) है।

इसे जल्द से जल्द RBI के माध्यम से जारी किया जाएगा और साथ ही इसे सरकार की तरफ़ से भी मान्यता प्राप्त होगी।

मुख्य रूप से देखा जाए तो Digital Rupee को Blockchain Technology समेत और भी कई सारे Technology के उपयोग हेतु लॉन्च करने का निर्णय लिया गया है।

साथ ही कहा जा रहा है कि यह Digital अर्थव्यवथा को एक नया रूप प्रदान करेगा। जानकारी के मुताबिक इस Digital Rupee को केंद्रीय बैंक के बैलेंसशीट में भी शामिल करने की घोषणा की गई है।

इसके साथ ही यदि हम Digital Rupee की विशेषता की चर्चा करें, तो सुनने में आ रहा है कि इस Rupee को देश की Sovereign Currency में परिवर्तित यानी कि चेंज किया जाएगा। देश में इसे हम सभी Digital Rupee के नाम से जानेंगे। मुख्य रूप से देखा जाए तो Digital Rupee भी दो प्रकार की हो सकती है पहली रिटेल और दूसरी होलसेल।

Digital Rupee Launch कब होगा ?

इस नई Digital Rupee को लेकर आज सभी के मन में यह सवाल है कि आखिर इस Digital Rupee को कब पेश किया जाएगा।

यदि आपके भी मन में यह सवाल है तो आपको बता दूं कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के माध्यम से नए वित्त वर्ष के स्टार्टिंग में ही Digital Rupee को लॉन्च करने की घोषणा देश की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने कर दिया है।

जैसा कि मैंने आपको पहले भी बताया है कि यह दो तरह की होगी। पहला रिटेल और दूसरा होलसेल। इसके साथ ही इस Retail Digital Rupee को आम आदमी से लेकर कंपनीज इत्यादि के लिए शुरुआत किया गया है और वही पर यदि हम होलसेल की चर्चा की जाए तो Digital Rupee का उपयोग वित्तीय संथाओ के माध्यम से किया जाएगा।

कहा जा रहा है कि यह Digital Rupee Blockchain के द्वारा कार्य करेगी।

Cryptocurrency और Digital Rupee में अंतर क्या है ?

जो लोग क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल करते है उन सभी लोगों के मन में जब से Digital Rupee Launch किया गया है तब से यह सवाल उठ रहा है कि आखिर Digital Rupee और Cryptocurrency में क्या अंतर है? यदि आप भी इन दोनों के बीच क्या अंतर के बारे में जानना चाहते हैं, तो इस लेख को पूरा पढ़ें।

मुख्य रूप से देखा जाए तो Digital Rupee और Cryptocurrency में सबसे बड़ा अंतर यह है कि Digital Rupee किसी भी देश के केंद्रीय बैंक के माध्यम से जारी किया है। जैसे कि उदाहरण के तौर पर समझा जाए कि जैसे Digital Rupee को हमारे देश के RBI के जरिए लॉन्च किया जाएगा। परंतु वहीं पर यदि हम Cryptocurrency की चर्चा करें, तो इसे प्राइवेट कंपनीज या कुछ व्यक्तियों के माध्यम से लॉन्च यानी जारी किया जाता है।

कहने का तात्पर्य यह है कि क्रिप्टो करेंसी को किसी के द्वारा Regulate नहीं किया जा सकता है जबकि Digital Rupee के लिए एक Regulator मौजूद होता है और यही कारण है कि जो भी व्यक्ति क्रिप्टो में पैसे निवेश करते हैं उन्हें डर बना रहता है कि कही उनका पैसा डूब न जाए।

जब कि Digital Rupee में ऐसा कुछ नहीं है और आपको किसी भी प्रकार की कोई चिंता करने की भी आवश्यकता नहीं होती है।

यदि आप Digital Rupee में निवेश करते हैं तो आपको इसमें कोई रिक्स नहीं होता है। जैसे कि मान लीजिए कि किसी भी व्यक्ति के पास 100 का Digital Rupee है,तो इसमें किसी भी प्रकार की बढ़ोतरी या कमी नहीं होगी।

कहने का तात्पर्य यह है कि आपका 100 रुपए वैसे का वैसे ही रहेगा। जबकि जैसा कि हम सभी जानते हैं कि क्रिप्टो करेंसी में काफी ज्यादा उतार चढ़ाव लगातार होते रहता है।

Digital Rupee लीगल टेंडर होगा ?

Digital Rupee को लेकर यह भी सवाल उठाए जा रहे हैं कि क्या Digital Rupee लीगल टेंडर होगा। यदि आपके मन में भी यह सवाल है तो आपको सरल और साफ शब्दों में यह क्लियर कर दूं कि RBI का यह Digital Rupee एक वैध यानी कि लीगल टेंडर होगा और इसे पूरी तरह से भारत के केंद्रीय बैंक RBI के माध्यम से संचालन किया जाएगा।

मुख्य रूप से देखा जाए तो Digital Rupee बिल्कुल आम Rupee के ही जैसे है परंतु यह Rupee पूरी तरह से Digital Format में ही पेश किया जाएगा।

इसके साथ ही कहा जा रहा है कि Digital Rupee का उपयोग कोई भी व्यक्ति आम रुपए-पैसे के तौर पर करने के बारे में सोच सकते हैं लेकिन केवल इसकी लेन देन Digital Format के द्वारा ही किया जाएगा।

उदाहरण के तौर पर समझा जाए तो किसी डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर प्रोडक्ट या सर्विस को खरीदने के लिए हम सभी जिस प्रकार किसी को करेंसी प्रदान करते हैं ठीक उसी प्रकार हम सभी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी से भी हम ट्रांजेक्शन कर पाएंगे।

Digital Rupee Kya Hai FAQs

Q1. डेटा कहां मौजूद रहता है ?

सरल शब्दों में समझा जाए तो प्रत्येक ब्लॉक में डेटा, हैश या पिछले ब्लॉक का हैश मौजूद रहता है।

Q2. Crypto Mining किसे कहते है ?

Cryptography के माध्यम से खरीदी को ही हम सभी Crypto Mining के नाम से जानते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि सभी डिटेल्स का Digital तौर पर Database रेडी किया जाता है जिनके माध्यम से यह माइनिंग करने का कार्य करती है।

Q3. क्या है Blockchain Technology ?

आसान शब्दों में Blockchain Technology की चर्चा की जाए तो यह एक प्रकार की Exchange प्रक्रिया है जिसे डेटा ब्लॉक पर संचालन किया जाता है।

Q4. Cryptocurrency क्या है ?

Cryptocurrency की चर्चा की जाए तो यह एक तरह की ऐसी Digital Currency है जिसे एक Decentralized सिस्टम के माध्यम से कंट्रोल किया जाता है। Cryptocurrency के हर एक ट्रांजेक्शन का वेरिफिकेशन Digital सिग्नेचर के माध्यम से किया जाता है।

निष्कर्ष :-

दोस्तों, उम्मीद है कि आपको Digital Rupee Kya Hai, Digital Currency In India कैसे काम करता है?, Digital Rupee Launch कब होगा और क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल रुपी में क्या अंतर है? यह पोस्ट पसंद आया होगा।

आज के लेख में मैंने आपको Digital Rupee क्या है, कब लॉन्च किया जाएगा तथा क्रिप्टो करेंसी और Digital Rupee में क्या अंतर है, ये लीगल टेंडर होगा इत्यादि से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी साझा किया है।

यदि आपको Digital Rupee का यह पोस्ट पसंद आए तो इसे सोशल मीडिया और फ्रेंड के साथ शेयर करना ना भूलें।

RBI Crypto Currency 2022 in Hindi | Central Bank Digital Currency (CBDC)

RBI Crypto Currency

The Reserve Bank of India is ready to launch digital currency; find out more about the transaction mechanism here. RBI देश में अपनी क्रिप्टो करेंसी (डिजिटल करेंसी) लाने की सोच रहे है । अगर सभी कुछ अच्छा रहा तो देश में crypto currency की शुरुआत कर सकते है । शीघ्र ही RBI की एक अंतर-विभाग समिति इस पर संकल्प लेने जा रही है। RBI का ऐसा मानना है कि भुगतान रोजगार के तेजी से बदलती परिस्थिति, प्राइवेट Digital Token का सिलसिला एवं कागज के नोट और सिक्कों को प्रिंट और तैयार करने में बढ़ते खर्च के कारण से बहुत वक्त से आभासी मुद्रा की आवश्यकता महसूस हो रही है।

हम आपको जानकारी दे कि Central Bank Digital Currency यानि CBDC पर पूर्ण रोकथाम RBI का ही होगा। RBI द्वारा भारत की Crypto Currency पूर्ण तरह से रेगुलेटेड होगी। हालाँकि दूसरी Crypto Currency जैसे बिटकॉइन Decentralized होती है, यानि की उसमें किसी प्रकार से एक व्यक्ति या फिर इंस्टीटूशन का कोई कंट्रोल नहीं होता।

CBDC की फुल फॉर्म Central Bank Digital Currency है – ऐसी Currency जो पूर्ण प्रकार से डिजिटल होगी और यह करेंसी नोट या सिक्के की तरह नहीं होगी । उस करेंसी को वर्चुअल करंसी या फिर वर्चुअल मनी कहा जा सकता है क्योंकि यह करेंसी बटुए या फिर हाथ में नहीं होगी लेकिन काम उसी प्रकार से आयेगी जैसा की रुपये एवं सिक्के इस्तेमाल में आते है । रुपये और पैसे को जैसे फिएट करेंसी कहते हैं, परंतु क्रिप्टोकरंसी पूर्ण रूप से डिजिटल होगी। सरल भाषा में कहें तो Digital Foam में रुपये रखा जाएगा।

Central Bank Digital Currency (CBDC) एक ऑथेंटिक करेंसी है एवं डिजिटल प्रणालियाँ से Central Bank की लाइबिलिटी है जो की सॉवरेन करेंसी के वेष में मौजूद है। Central Bank Digital Currency (CBDC) बैंक की बैलेंसशीट में भी पंजीकृत है एवं यह Currency का Electronic रूप है जिसे कैश में भी बदला जा सकता है। अभी हल ही में RBI क्रिप्टो करेंसी लांच की तारीख अभी तक मालूम नहीं है। वैसे भारत सरकार ने दिसंबर महीने में CBDC को आरंभ की जायेगा । इस के संकेत Reserve Bank ने पहले ही दे दिए हैं।

CBDC एवं Crypto Currency में क्या कोई अंतर होगा?

CBDC को भारत का Central Bank RBI से स्वीकृति प्राप्त होगी एवं RBI ही इसे लागु करेगा। वहीं दूसरी तरह, Crypto Currency पूर्ण तरह से विकेन्द्रित होता है। मतलब की किसी बैंक की मनचाही नहीं चलती है । वह बैंक से कण्ट्रोल नहो हो पाती एवं न ही किसी भी बैंक से क्रिप्टो करेंसी का कोई लेन देन नहीं होता है । इस तरह देखें तो CBCD एवं क्रिप्टो करेंसी में बहुत बड़ा अंतर होता है । क्रिप्टो करेंसी थोड़े अपवाद को छोड़ दिया जाये तो क्रिप्टो करेंसी वेध नहीं है । मतलब किसी भी क्रिप्टो का प्रयोग किसी भी वस्तु को लेने और बेचने हेतु नहीं कर सकते। परन्तु भारतीय CBCD पूर्ण प्रकार से वैध होगा ।

Central Bank of Digital Currency के क्या लाभ होंगे?

RBI के हिसाब से यदि डिजिटल करेंसी ऑथेंटिक हो जाती है तो पैसो की ट्रांजैक्शन एवं लेन-देन के प्रणालियाँ बदल जाएगी । क्रिप्टो करेंसी को चलन में लाने से ब्लैक मनी कम और ना के बराबर हो जाएगी । Committee ने बताया है की Digtal Currency से मॉनिटरी पॉलिसी क अनुपालन सरल हो जायेगा ।इसमें Digtal Laser Technology (DLT) का प्रोयोग होना चाहिए। DLT से परदेश में लेना देना का मालूम करना भी सरल होगा । फिलहाल दूसरी जैसे बिटकॉइन एवं एथेरेयम के साथ बिलकुल इस तरह से नहीं था।

लिस्ट पोपुलर डिजिटल करेंसी इंडिया– List of Popular Crypto Currency in India 2022

  1. Bitcoin (BTC)
  2. Ethereum (ETH)
  3. Tether (USDT)
  4. Dogecoin (Doge)
  5. Shiba Inn (SHIB)
  6. Litecoin (LTC)
  7. Dash (DASH)
  8. Ripple (XRP)
  9. LPN Token (LPNT)

भारत हेतु CBDC का क्या मतलब है?

आपको सभी को यह जानकर बहुत ज्यादा खुशी होगी कि भारत सरकार काफी पहले से CBCD पर को लांच करने के बारे में सोच रही है । RBI इसे चरण बद्ध प्रणालियाँ से संपादित करने की तरफ है । प्रयत्न यही है कि केंद्र बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) को ऐसे संपादित किया जाए जिससे की कम अवरोध में बहुत ज्यादा कार्य हो जाए। पैसो और रूपये के तरीका पर यह डिजिटल फॉर्मेट में होगा। जनता इसे रुपये के हिसाब से पर उपयोग कर सकेंगे एवं राष्ट्र के होलसेल एवं रिटेल मार्केट में भी इसका चलन में देखने को मिल जाये।

इसके साथ साथ भारत में अपनी खुद की डिजिटल मुद्रा आरंभ होने से कैश में लेन डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर देन कम हो जायेगा । देश में बड़े स्तर पर कैश का प्रयोग होता है। इससे भारत सरकार को मुद्रा की प्रिंटिंग एवं सिक्कों की ढलाई पर बहुत ज्यादा रूपये खर्च करने पड़ते है । लेकिन CBCD इससे छुटकारा दिला सकता है। इस करेंसी का एक बड़ा लाभ इंटरनेशनल ट्रांजेक्शन में देख कर अंदाज़ा लगाया जा सकता है। राष्ट्रीय में आने वाले थोड़े दिवसों में पूरी दुनिया का एक जोरदार वित्तीय महाशक्ति होगा। जिसे मद्देनज़र देखते हुए digital currency की दुनिया में भी कदम पसारने पड़ेंगे। इस हिसाब से CBCD एक बहुत बड़ा रोल ऐडा कर सकती है । इससे पहले अमेरिका एवं चाइना ने भी अपनी-खुदकी डिजिटल करेंसी लांच की है।

आर बी आई डिजिटल करेंसी का क्या असर होगा

यदि digital currency अनुक्रम में आयेगी तो ट्रांजैक्शन एवं उसके प्रणालियाँ पूर्ण अनुसार से तब्दील हो जाएंगे। मुद्रा एवं सिक्कों की स्थान पर डिजिटल करंसी (CBDC) का प्रयोग होगा जो भारत में एक नया अनुक्रम होगा। लेने देने का का तरीका भी बदल जायेगा, इससे ब्लैक मनी पर भी रोक थाम होगी ।

RBI को ऐसा लगा कि डिजिटल मुद्रा या फिर वर्चुअल मुद्रा को ना नहीं कर सकते । जब सारी दुनिया डिजिटल में तब्दील हो रही है तो करेंसी किस तरह से छुट सकती है । जब सारी दुनिया में अरबों-खरबों डॉलर की बिक्री और खरीद बिटकॉइन जैसी डिजिटल करेंसी में हो रही है तो भारत इस करेंसी से कैसे भिन्न हो सकती है । जबकि भारत के साथ इसके रेगुलेशन एवं मान्यता को लेकर काफी बहस हमेशा से होती आ रही थी । इसे देखते हुए CBCD के रूप से एक बिच का मार्ग निकालने का प्रयास लोगों को डिजिटल करेंसी भी मिले एवं सेंट्रल बैंक या फिर आर बी आई का रेगुलेशन बरक़रार रहे ।

क्रिप्टो करेंसी (Crypto Currency) या डिजिटल करेंसी (Digital Currency) या वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency)

सभी तरह की करेंसी एक ही है। इसे बस तरह तरह के नामों से हम सब जानते है । Crypto Currency साल 2009 में शुरू हुई थी जिससे बिटकॉइन के साथ हुए। तब से अभी तक लाखों क्रिप्टो कॉइन एवं टोकन की शुरुआत हो चुकी है । क्रिप्टो करेंसी में किसी देश की गवर्नमेंट का किसी भी तरह का कोई कण्ट्रोल नहीं है । हमारे देश में भी तेजी से क्रिप्टो करेंसी इन्वेस्टर एवं ट्रेडर की तादाद में बढोतरी हो रही है आर इसके साथ साथ बहुत सारे एक्सचैंजेस भी लांच हुई है । जिन एक्सचेंज की वजह से हम सभी क्रिप्टो करेंसी को बेच एवं खरीद पाते है । तथापि इसमें बहुत जोखिम है लेकिन भी बहुत सरे लोग इसमें लाखों और करोड़ो रुपये का मुनाफा और नुकसान भी कर लेते है ।

आरबीआई द्वारा पहले ही सचेत किया जा चूका है की बिटकॉइन करेंसी का कांसेप्ट RBI को अनुकूल नहीं लग सकता, तभी RBI द्वारा खुद की डिजिटल मुद्रा CBDC लांच करने पर सोच रहे है । पूरी दुनिया में 86% Central Bank CBCD पर रिसर्च कर रहे हैं। इनमें 60% Central Bank उपयोग कर रहे हैं एवं 14% बैंकों ने CBCD का पायलट प्रोजेक्ट आरंभ हो गया है । अब तो अमेरिका ने खुद की डिजिटल Currency जिसका नाम Tether है उससे शुरू कर दी है जिसको उन्होंने अमरीकी डॉलर के साथ पेएर किया गया है । अब देखने वाली बात यह है की कि आर बी आई की Digital Currency कितनी ज्यादा सफल हो पाती है ।

डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर

धन महोत्सव

RBI डिजिटल रुपया “सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC)” क्या है?

  • Post author: धन महोत्सव
  • Post category: फाइनेंस
  • Reading time: 2 mins read

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी ने कैशलेस और डिजिटल करेंसी के स्वरूप को पूरी तरह से बदल दिया है। जिसके माध्यम से एटीएम, यूपीआई और डिजिटल पेमेंट के अलावा एक नई करेंसी का जन्म हुआ है जिसे हम क्रिप्टोकरेंसी कहते हैं।

RBI डिजिटल रुपया “सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC)” क्या है?

क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित होने के कारण इसे किसी के द्वारा नियंत्रित नहीं किया जा सकता है यानी यह डिसेंट्रलाइज है। इस कारण से, क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता को ध्यान में रखते हुए, भारत सरकार ने एक डिजिटल मुद्रा लॉन्च करने का विचार किया, जिसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC)” के रूप में जाना जाएगा।

यह डिजिटल मुद्रा या रुपया पैसों का एक इलेक्ट्रॉनिक रूप है, जिसका उपयोग ब्लॉकचेन तकनीक के माध्यम से संपर्क रहित लेनदेन करने के लिए किया जाएगा।

केंद्रीय बजट 2022 में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) जल्द ही अपनी खुद की डिजिटल करेंसी लॉन्च करेगा जिसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) के रूप में जाना जाएगा।

एक ऐसी करेंसी जो पूरी तरह से डिजिटल होगी इसे वर्चुअल करेंसी या वर्चुअल मनी भी कहा जा सकता है क्योंकि यह आपके वॉलेट या हाथ में नहीं दिखेगी लेकिन काम वर्तमान फिजिकल करेंसी जैसा करेंगी।

वर्तमान फिजिकल करेंसी या मनी को फिएट करेंसी (Fiat Currency) कहा जाता है, लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) डिजिटल रूप में कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त एक डिजिटल मुद्रा होगी। यह एक फिएट मुद्रा के समान है जिसे सरकार द्वारा जारी किया जाता है।

डिजिटल रुपया क्रिप्टोकरेंसी से कैसे अलग है?

आरबीआई की डिजिटल मुद्रा और क्रिप्टोकरेंसी के बीच मुख्य अंतर यह है कि आरबीआई द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा को केंद्रीकृत किया जाएगा यानी इस पर भारत सरकार पर पूर्ण नियंत्रण होगा। जबकि, क्रिप्टो ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित एक विकेन्द्रीकृत मंच है जिसे किसी के द्वारा नियंत्रित नहीं किया जा सकता है।

डिजिटल रुपये को बिटकॉइन, एथेरियम और अन्य क्रिप्टोकरेंसी से इस मायने में अलग माना जाएगा कि यह सरकार द्वारा समर्थित है, इसलिए इस डिजिटल रुपये को भौतिक रुपये के बराबर माना जाएगा।

डिजिटल रुपया एक वैध मुद्रा मानी जाएगी जबकि बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी को आभासी संपत्ति यानी virtual assets मान लिया गया है, जिसका अर्थ है कि इन मुद्राओं को कानूनी निविदा (Legal Tender) के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा।

क्या क्रिप्टोकरेंसी पर लगाए गए 30% टैक्स में डिजिटल रुपया शामिल है?

नहीं, आरबीआई डिजिटल रुपया यानी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) 30% टैक्स से मुक्त है। इसके विपरीत, किसी भी प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी से कमाई पर 30% कर लगाया जाएगा।

सरकार ने टैक्स लगाकर इनडायरेक्ट (अप्रत्यक्ष) रूप से भारत में क्रिप्टोकरंसी को मान्यता प्रदान कर दी है।

अगर आप किसी भी तरह की क्रिप्टोकरेंसी से कमाई कर रहे हैं तो आप 30% टैक्स देकर इसे व्हाइट मनी में बदल सकते हैं।

केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्राएं दो रूपों में आती हैं: 1. थोक सीबीडीसी (Wholesale CBDCs) और 2. खुदरा सीबीडीसी (Retail CBDCs)।

थोक सीबीडीसी केंद्रीय बैंक के भंडार की तरह हैं। केंद्रीय बैंक इसका उपयोग धन जमा करने या अंतरबैंक हस्तांतरण को निपटाने के लिए करेंगा।

खुदरा सीबीडीसी केवल उपभोक्ताओं और कंपनियों की ओर से संस्थागत सरकार समर्थित डिजिटल मुद्राओं के समान हैं। खुदरा सीबीडीसी मध्यस्थ जोखिम को खत्म करेंगे।

RBI ब्लॉकचेन तकनीक और अन्य उपकरणों का उपयोग करके एक भारतीय आभासी मुद्रा (Indian virtual currency) जारी करेगा। भारत में लगभग 20 मिलियन क्रिप्टोकरेंसी निवेशक हैं।

चूंकि भारतीय क्रिप्टो बाजार आधिकारिक तौर पर विनियमित नहीं है, इसलिए डिजिटल संपत्ति की बिक्री से होने वाले नुकसान की भरपाई राजस्व के अन्य स्रोतों से नहीं की जा सकती है।

आरबीआई की यह डिजिटल करेंसी डिजिटल इकॉनमी को बड़ा बढ़ावा देगी। इसके अलावा, भारतीय वर्चुअल करेंसी अधिक कुशल और लागत प्रभावी होने के कारण मुद्रा प्रबंधन प्रणाली अधिक मजबुत होगी।

आने वाले वर्षों में, आप क्रिप्टोकरेंसी की तरह ही भारतीय डिजिटल मुद्रा में लेनदेन करके भारी मुनाफा कमा सकते हैं। इस मुद्रा को आरबीआई द्वारा नियंत्रित किया जाएगा, इसलिए यहां निवेशकों का जोखिम कम होगा।

वहीं, क्रिप्टोकरेंसी में निवेशकों का सौ फीसदी जोखिम होता है, इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं होती है, इसलिए केंद्रीय बैंक द्वारा जारी की गई यह मुद्रा निवेशकों के लिए काफी फायदेमंद होगी।

Digital currency: क्या है सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी, यह कैसे करेगी काम, समझें इससे जुड़ी पूरी डिटेल

CBDC किसी देश का लीगल टेंडर है और इसे सेंट्रल बैंक द्वारा जारी किया जाता है. यह देश के मॉनिटरी अथॉरिटी द्वारा जारी ऑफिशियल करेंसी का एक इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर या डिजिटल टोकन है.

Digital currency: क्या है सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी, यह कैसे करेगी काम, समझें इससे जुड़ी पूरी डिटेल

निर्मला सीतारमण ने साल 2022 का बजट पेश करते हुए एलान किया कि रिजर्व बैंक (RBI) अगले वित्त वर्ष में डिजिटल रुपया लॉन्च करेगा.

RBI Digital currency: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साल 2022 का बजट पेश करते हुए एलान किया कि रिजर्व बैंक (RBI) अगले वित्त वर्ष में डिजिटल रुपया लॉन्च करेगा. यह सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी यानी CBDC होगी. ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल है कि आखिर यह CBDC क्या है और यह कैसे काम करेगी. CBDC दरअसल, आरबीआई द्वारा जारी की गई एक डिजिटल करेंसी है. सरल शब्दों में कहें तो सीबीडीसी किसी देश का लीगल टेंडर है क्योंकि इसे सेंट्रल बैंक द्वारा डिजिटल रूप में जारी किया जाता है. यह किसी देश के मॉनिटरी अथॉरिटी द्वारा जारी ऑफिशियल करेंसी का एक इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड या डिजिटल टोकन है.

बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (BIS) द्वारा 2021 में किए गए एक सर्वे से पता चला है कि 86 प्रतिशत केंद्रीय बैंक सीबीडीसी को अपनाने की तैयारी में हैं. वहीं, लगभग 15 प्रतिशत देश इसे लेकर पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने जा रहे हैं. CBDC केंद्रीय बैंक द्वारा जारी एक करेंसी ही है, लेकिन यह कागज (या पॉलीमर) नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा था कि आरबीआई द्वारा शुरू की गई सीबीडीसी भारत की फिएट करेंसी – भारतीय राष्ट्रीय रुपया (INR) जैसी होगी और इसे फिजिकल करेंसी से एक्सचेंज (विनिमय) किया जा सकेगा. आरबीआई की वेबसाइट के मुताबिक, यह एक इलेक्ट्रॉनिक रूप में सॉवरेन करेंसी है और केंद्रीय बैंक की बैलेंस शीट पर लायबिलिटी (चलन में मुद्रा) के रूप में दिखाई देगी.

क्यों है सीबीडीसी की जरूरत

CBDC डिस्ट्रीब्यूटेड लेज़र टेक्नोलॉजी (DLT) द्वारा समर्थित होगा, लेकिन यह एक लाइसेंस प्राप्त ब्लॉकचेन होगा जो इसे ऐसे क्रिप्टो एसेट्स से अलग करेगा, जिन्हें लाइसेंस प्राप्त नहीं होता है. सेंट्रल मॉनीटरी अथॉरिटी के पास ब्लॉकचेन का कंट्रोल होगा. कागजी मुद्रा के इस्तेमाल में लगातार कमी आ रही है अब आरबीआई इसके इलेक्ट्रॉनिक रूप को और अधिक लोकप्रिय बनाना चाहता है. डिजिटल मुद्रा अधिक एफिशिएंट होगी और प्राइवेट करेंसी के खतरे और होने वाले नुकसान से बचने में मदद करेगी. डिजिटल करेंसी को जलाया या डैमेज नहीं किया जा सकता है, इसलिए एक बार जारी किए जाने के बाद ये हमेशा रहेंगे.

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CBDC के क्या हैं फायदे

सीबीडीसी फाइनल पेमेंट होगा और फाइनेंशियल सिस्टम, खास तौर पर बैंकों में सेटलमेंट के जोखिम को समाप्त करेगा. सीबीडीसी वैल्यू का एक्चुअल स्टोर होगा और वैल्यू को एक एंटिटी से दूसरे में ट्रांसफर करेगा. इससे लेन-देन की लागत कम होगी और पैसे का फ्लो आसान होगा. सीबीडीसी के ज़रिए रियल टाइम ट्रांजेक्शन और एक ग्लोबलाइज़ कॉस्ट इफेक्टिव पेमेंट सेटलमेंट सिस्टम को बढ़ावा मिलेगा. उदाहरण के लिए, इसके ज़रिए भारतीय आयातक किसी बिचौलिए के बिना ही डिजिटल डॉलर में रियल टाइम में निर्यात किए गए अमेरिकी सामान का भुगतान कर सकते हैं. इसमें यह भी जरूरी नहीं होगा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व सिस्टम सेटमेंट के लिए खुली हो. करेंसी सेटलमेंट में टाइम जोन के अंतर से अब कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. यह लेन-देन फाइनल होगा.

भारतीय स्टेट बैंक (SBI) द्वारा जारी एक नोट के अनुसार, सीबीडीसी में पैसे के मौजूदा फॉर्म की तुलना में लिक्विडिटी, एक्सेप्टेंस, लेनदेन में आसानी और फास्ट सेटलमेंट में मदद मिलेगी. यह निकट भविष्य में कैशलेस अर्थव्यवस्था की ओर एक व्यावहारिक बदलाव हो सकता है. सीबीडीसी को अपनाने से लोगों के लिए सरकार द्वारा प्रदान किए गए सपोर्टिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल करना आसान हो जाएगा. यह डिजिटल इकनॉमी की ओर बढ़ने में सरकार की मदद करेगा.

अन्य देशों में क्या है स्थिति

भारत में वित्तीय वर्ष 2022-23 में सीबीडीसी या डिजिटल रुपये को लॉन्च किए जाने की उम्मीद है. इसे दो वर्ज़न – रिटेल डिजिटल रुपी (Retail Digital Rupee) और होलसेल डिजिटल रुपी (Wholesale Digital Rupee) में लॉन्च करने की योजना है. वैश्विक तौर पर देखें तो नाइजीरिया Naira नाम की अपनी डिजिटल मुद्रा लॉन्च करने के लिए तैयार है. वेनेजुएला भी अपना CBDC, यानी डिजिटल Bolivar लॉन्च करने की योजना बना रहा है. साउथ कोरिया डिजिटल युआन का पायलट परीक्षण कर रहा है. यूरोपीय सेंट्रल बैंक (ईसीबी), अमेरिका, रूस, चीन और तुर्की भी सीबीडीसी को लेकर अपनी योजनाओं पर विचार कर रहे हैं.

Digital Rupee to launch in 2022-2023 by RBI in Hindi: आरबीआई द्वारा साल 2022-2023 में लॉन्च किया जाएगा डिजिटल रुपया, जानें सीबीडीसी के बारे में

Digital Rupee to launch in 2022-2023 by RBI in Hindi: आरबीआई द्वारा साल 2022-2023 में लॉन्च किया जाएगा डिजिटल रुपया, जानें सीबीडीसी के बारे में |_40.1

Digital Rupee to launch in 2022-2023 by RBI in Hindi: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) साल 2022-2023 में डिजिटल रुपया लॉन्च करने के लिए पूरी तरह तैयार है। आरबीआई के डिजिटल रुपये को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (Central Bank Digital Currency (CBDC)) के रूप में जाना जाता है। डिजिटल रुपया को चरणों (Phases) में लॉन्च किए जाने की संभावना है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में सीबीडीसी की अवधारणा (Concept of CBDC) को थोक व्यवसायों में लागू किया जा सकता है। डिजिटल रुपया डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर तब से अधिक चर्चा में रहा है जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने केंद्रीय बजट 2022 के भाषण के दौरान इसका उल्लेख किया था कि इसे 2022-2023 में लॉन्च किया जाएगा। सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) के बारे में विस्तार से जानने के लिए उम्मीदवारों को नीचे दिए गए लेख को पढ़ना चाहिए।

सीबीडीसी क्या है? (What is CBDC?)

सीबीडीसी एक डिजिटल या वर्चुअल करेंसी है जो फिएट करेंसी (Fiat Currency) के समान है। सीबीडीसी का पूरा नाम सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (Central Bank Digital Currency) है। सीबीडीसी का नियमन देश के सेंट्रल बैंक द्वारा किया जाता है।

सीबीडीसी दरअसल, आरबीआई द्वारा ज़ारी की गई एक डिजिटल करेंसी है। सरल शब्दों में कहें तो सीबीडीसी किसी देश का लीगल टेंडर है क्योंकि इसे सेंट्रल बैंक द्वारा डिजिटल रूप में जारी किया जाता है। यह किसी देश के मॉनिटरी अथॉरिटी द्वारा ज़ारी ऑफिशियल करेंसी का एक इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड या डिजिटल टोकन है।

सेंट्रल बैंक डिजिटल मुद्रा का उपयोग भुगतान उद्देश्यों, एकाउंट की एक इकाई के लिए किया जा सकता है और इसे मूल्य/वैल्यू (value) के रूप में संग्रहीत किया जा सकता है। यह एक डिजिटल भुगतान साधन है जिसे सभी प्रकार की डिजिटल भुगतान प्रणालियों और सेवाओं द्वारा संग्रहीत, स्थानांतरित और प्रसारित किया जा सकता है।

क्यों है सीबीडीसी की ज़रूरत? (Why is CBDC needed?)

सीबीडीसी, डिस्ट्रीब्यूटेड लेज़र टेक्नोलॉजी (DLT) द्वारा समर्थित होगा, लेकिन यह एक लाइसेंस प्राप्त ब्लॉकचेन होगा जो इसे ऐसे क्रिप्टो एसेट्स से अलग करेगा, जिन्हें लाइसेंस प्राप्त नहीं होता है। सेंट्रल मॉनीटरी अथॉरिटी के पास ब्लॉकचेन का कंट्रोल होगा। कागजी मुद्रा के इस्तेमाल में लगातार कमी आ रही है अब आरबीआई इसके इलेक्ट्रॉनिक रूप को और अधिक लोकप्रिय बनाना चाहता है। डिजिटल मुद्रा अधिक एफिशिएंट होगी और प्राइवेट करेंसी के खतरे और होने वाले नुकसान से बचने में मदद करेगी। डिजिटल करेंसी को जलाया या डैमेज नहीं किया जा सकता है, इसलिए एक बार जारी किए जाने के बाद ये हमेशा रहेंगे।

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