भारत में इक्विटी में व्यापार कैसे करें

ETF लिक्विडिटी

ETF लिक्विडिटी

ETF क्या है इन्वेस्ट कैसे करे | etf meaning in hindi

ETF (Exchange Traded Fund) होता क्या है (etf meaning in hindi) और क्या आपको इसमें इन्वेस्ट करना चाहिए। तो आज हम जानेंगे ETF के बारे में बहुत ही सरल भाषा में सब कुछ। बहुत लोगो को शेयर मार्केट में रिस्क नहीं लेना ETF लिक्विडिटी चाहते है उसके लिए है ये फण्ड।

ETF (Exchange Traded Fund) क्या है (etf meaning in hindi):-

Mutual Fund में कंपनी को लोग पैसा देता है और उसका फंड मैनेजर अलग अलग शेयर में निवेश करता है। लेकिन Index Fund में लोगों का पैसा Direct Nifty और Sensex पर पैसा लगा देते हैं, इसमें फंड मैनेजर अलग अलग करके शेयर में निबेश की जरुरत नहीं पड़ती। एक ही index पर निवेश करते है। Nifty यानी देश का टॉप 50 शेयर्स का बास्केट और Sensex 30 कंपनी का टोकरी होता हैं। Index fund आप म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी से खरीद सकते है।

ऐसे ही बहुत सारे शेयर्स के बास्केट होता है जिसमे इंडेक्स फंड पैसा लगाते हैं। इसी तरह ETF (Exchange Traded Fund) index fund की तरह ही होता हैं। इसमें कोई भी एक एक करके शेयर में इन्वेस्ट नहीं करता, हमेशा शेयर्स के बास्केट में ही इन्वेस्ट करता हैं। ETF एक fund है जो किसी Index को अनुकरण करता हैं। आप Direct Nifty या Sensex पर इन्वेस्ट नहीं कर सकता। ETF के जरिये आप इसमें इन्वेस्ट कर सकते हैं। जब ये इंडेक्स ऊपर जाएगा आपका ETF भी ऊपर जाएगा।

ETF में कैसे इन्वेस्ट करे:-

ETF में इन्वेस्ट करने के लिए आपके पास Demat Account होना जरूरी हैं। आप डायरेक्ट शेयर मार्केट से ही ETFको खरीद सकते है। बहुत सारे ऐसे ETF है जहा पर आप खरीद सकते है। उनमे से है- Niftybees, HDFC Sensex ETF, Kotak PSU Bank ETF etc।

ETF क्या है इन्वेस्ट कैसे करे etf meaning in hindi

शेयर मार्केट में ETF कैसे आता है:-

जब भी कंपनी को शेयर मार्केट में ETF लाना होता है। तो कंपनी जिस भी सेक्टर, जितने पैसा का लाना है उस सेक्टर का उतने पैसा का शेयर खरीद लेता है। फिर मार्केट में उस सेक्टर का ETF लोगों के लिए Issue होते हैं। उसके बाद बाज़ार में उसका खरीद बेच होते रहते हैं। लेकिन ETF में जितना पैसा का Issue होता है उससे ज्यादा कंपनी और आकार बड़ा नहीं कर सकते।

उदाहरण के लिए मान लीजिए:- ABC कंपनी एक 500 cr का NIFTY ETF लाना चाहती है। तब ये कंपनी 500 cr का पहले NIfty का शेयर खरीद लेंगे उसके बाद ही कंपनी बाज़ार में उतने पैसा का ETF निकल पाएगा। फिर बाद में 500 cr से ज्यादा और बड़ा नहीं कर सकता।

Disadvantage क्या है ETF में:-

  • लिक्विडिटी कम है:- जब आप कभी ETF खरीदते हो तो उसको बेचने के लिए आपको खरीदार मिलना थोड़ा मुश्किल होता है। क्युकी लोग इसमें ज्यादा इन्वेस्ट करना पसंद नहीं करते। ज्यादातर लोग शेयर में ही इन्वेस्ट करना पसंद करते हैं आपको ETF खरीदने से पहले लिक्विडिटी है या नहीं जरूर देख लेना चाहिए।
  • शुल्क थोड़ा ज्यादा है:- जैसा की ETF शेयर मार्केट से खरीदना पड़ता है। इसलिए आपको शेयर जैसा ही शुल्क देना पड़ता है। आपको Demat अकाउंट Charge, Stamp duty और भी बहुत तरह का शुल्क देना होगा।

Advantage क्या है ETF का:-

  • किसी भी समय खरीदना:- म्यूच्यूअल फण्ड में एक दिन का NAV पे ही आप खरीद सकते हो। लेकिन ETF शेयर मार्केट में लिस्टेड होने के कारण स्टॉक की तरह किसी भी टाइम खरीद सकते हो। जैसे जैसे नीचे ऊपर होता है आप खरीद बेच कर सकते हैं।
  • सेक्टर का फ़ायदा:- ETF में आप किसी भी अलग अलग सेक्टर पर आप इन्वेस्ट कर सकते हैं। इससे आपको पोर्टफोलियो को Diversification करने में मदद मिलता हैं।

क्या ETF में इन्वेस्ट करना सही रहेगा:-

ETF में थोड़ा Index fund से शुल्क कम होती है। लेकिन अब बहुत सारे कम शुल्क Index fund आ गए हैं लगभग दोनों का बराबर होते हैं। यदि आपको किसी सेक्टर के हिसाब से खरीदना चाहते हो तो आप ETF में खरीदारी कर सकते हैं। इसमें आपको थोड़ा रिस्क कम होता हैं। आपको यदि लंबे समय के लिए इन्वेस्ट करना चाहते हो तो आप ETF के साथ जा सकते हैं।

उम्मीद करता हु आपको ETF क्या है (etf meaning in hindi),ETF में इन्वेस्ट कैसे करे सीखने को मिला हैं। आपके मन में और कोई सवाल या सुझाव है तो कमेंट में जरूर बताएं। शेयर मार्केट के बारे में विस्तार से जानने के लिए आप हमारे और भी पोस्ट को पढ़ सकते हैं।

NIMF ने निप्पॉन इंडिया सिल्वर और सिल्वर ETF फंड ऑफ फंड किया लॉन्च

07 जनवरी 2022: निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड (NIMF) की एसेट मैनेजर निप्पॉन लाइफ इंडिया एसेट मैनेजमेंट लिमिटेड (एनएएम इंडिया) ने फिजिकल सिल्वर और सिल्वर रिलेटेड इंस्ट्रूमेंट्स तथा निप्पॉन इंडिया सिल्वर ईटीएफ फंड ऑफ फंड (fof) में निवेश करते हुए निप्पॉन इंडिया सिल्वर ईटीएफ को लॉन्च करने की घोषणा की है, जो निप्पॉन इंडिया सिल्वर ईटीएफ की यूनिट्स में निवेश करेगा। दोनों योजनाओं का यह एनएफओ 13 जनवरी 2022 को खुलेगा और 27 जनवरी 2022 को बंद होगा।

निप्पॉन इंडिया सिल्वर ETF के लिए एनएफओ के दौरान आवश्यक न्यूनतम निवेश राशि 1,000 रुपये और उसके बाद 1 रुपये के गुणकों में है; जबकि निप्पॉन इंडिया सिल्वर ईटीएफ फंड ऑफ फंड (एफओएफ) के लिए एनएफओ के दौरान आवश्यक न्यूनतम निवेश राशि 100 रुपये और उसके बाद 1 रुपये के गुणकों में है। निप्पॉन इंडिया सिल्वर ईटीएफ फंड ऑफ फंड (एफओएफ) के जरिए निवेशक कोई डीमैट खाता न होते हुए भी निवेश कर सकते हैं और सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) वाला विकल्प भी चुन सकते हैं।

इस लॉन्च के अवसर पर बात करते हुए निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड के ईटीएफ प्रमुख हेमेन भाटिया ने कहा, “गोल्ड ईटीएफ और गोल्ड एफओएफ का अग्रदूत होने के नाते हम निप्पॉन इंडिया सिल्वर ईटीएफ और निप्पॉन इंडिया सिल्वर ईटीएफ फंड ऑफ फंड (एफओएफ) को लॉन्च करने के साथ कमोडिटी स्पेस के भीतर निवेशकों को एक अतिरिक्त बिल्डिंग ब्लॉक की पेशकश करके खुश हैं।

ऐतिहासिक रूप से भारतीय इक्विटी सूचकांकों के साथ सिल्वर का अपेक्षाकृत कम अंतर्संबंध रहा है और इसीलिए यह निवेशकों को अपने एसेट एलोकेशन के लिए खुद के पोर्टफोलियो में विविधता लाने का अवसर प्रदान करेगा। इसके अलावा निप्पॉन इंडिया सिल्वर ईटीएफ या निप्पॉन इंडिया सिल्वर ईटीएफ फंड ऑफ फंड (एफओएफ) के जरिए निवेश करने से सिल्वर का परेशानी मुक्त भंडारण होगा, छोटे मूल्यवर्ग में खरीदारी कर सकते हैं, चोरी का कोई डर नहीं होगा, सिल्वर को भौतिक रूप से अपने पास रखने के मुकाबले आसान लिक्विडिटी उपलब्ध रहेगी और सिल्वर की शुद्धता की कोई चिंता नहीं करनी पड़ेगी।”

यह ईटीएफ फिजिकल सिल्वर और सिल्वर रिलेटेड इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करेगा और योजना के पर्फॉर्मेंस को सिल्वर के घरेलू मूल्य (एलबीएमए सिल्वर के दैनिक स्पॉट फिक्सिंग मूल्य के आधार पर) के मुकाबले बेंचमार्क किया जाएगा। फिजिकल सिल्वर 99.9 प्रतिशत शुद्धता (प्रति हजार 999 हिस्से) की होगी जो लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (एलबीएमए) गुड डिलिवरी स्टैंडर्ड्स के अनुरूप होगी।

निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड (एनआईएमएफ) भारत के सबसे बड़े ईटीएफ खिलाड़ियों में गिना जाता है, जिसका 30 नवंबर, 2021 तक एयूएम 500 बिलियन रुपये से अधिक रहा। भारतीय इंडस्ट्री के गोल्ड ईटीएफ एवं गोल्ड ईटीएफ आधारित एफओएफ के बीच निप्पॉन इंडिया ईटीएफ गोल्ड बीईईएस एवं निप्पॉन इंडिया गोल्ड सेविंग्स फंड का एयूएम सबसे बड़ा है। भारतीय इंडस्ट्री के गोल्ड ईटीएफ में निप्पॉन इंडिया ईटीएफ गोल्ड बीईईएस का वॉल्यूम सबसे ज्यादा है।

© 2022 © Ghamasan News Indore | Call : +91 9826077733. Powered by Parshva Web Solutions Privacy Policy

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध म्यूचुअल फंड होते हैं। इनकी खरीद-फरोख्त भी स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध शेयरों की भाँति ही की जाती है। ई.टी.एफ. केवल एक सूचकांक की प्रतिलिपि बनाता है और इसके प्रदर्शन को सही रूप से प्रतिबिंबित करने की कोशिश करता है। ई.टी.एफ. में बाज़ार के समय के दौरान वास्तविक समय के आधार पर मौजूदा बाज़ार मूल्यों पर इन्हें खरीदा भी जा सकता है और बेचा भी जा सकता है। ई.टी.एफ. के अंतर्गत मूल रूप से केवल बाज़ार पर नज़र रखी जाती थी, परंतु हाल के वर्षों से इनके द्वारा विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों को भी ट्रैक करने का काम किया जा रहा है। ई.टी.एफ. की प्रभावशीलता को रिटर्न के अलावा, ट्रैकिंग में होने वाली त्रुटि के माध्यम से भी मापा जाता है। ट्रैकिंग में होने वाली त्रुटि के तहत इस बात पर भी ज़ोर दिया जाता है कि ई.टी.एफ. द्वारा चुने हुए सूचकांक को कितनी बारीकी से ट्रैक किया गया है।

क्या है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड? निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान

क्या है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड? निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान

अगर आप कम पैसों से निवेश करना शुरू करना चाहते हैं तो आप एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) में निवेश कर सकते हैं। ETF के जरिए निवेशकों का पैसा शेयरों के एक सेट में निवेश किया जाता है, जिसमें इक्विटी, बॉन्‍ड या गोल्‍ड जैसे एसेट शामिल होते हैं। स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड की वजह से इनका कारोबार भी शेयर मार्केट की तरह होता है। अगर आप भी ETF में निवेश करने जा रहे हैं तो कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें।

एसेट्स के बास्केट को ETF कहते हैं, जिसकी बिक्री और खरीद स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से होती है। ETF का मूल्य शुद्ध संपत्ति मूल्य (NAV) पर निर्भर करता है। NAV की कीमत म्यूचुअल फंड की तरह बाजार बंद होने के बाद निर्धारित की जाती है। देश की मार्केट में मुख्यत: पांच प्रकार के ETFs में निवेश कर सकते हैं, जिसमें गोल्ड ETF, इंडेक्स ETF, बॉन्ड ETF, सिल्वर ETF और इंटरनेशनल ETF शामिल हैं।

यह निवेश का एक सरल माध्यम है, इसकी खरीद-फरोख्त भी स्टॉक एक्सचेंज से होती है। ETF में निवेश करने के लिए लोगों को ऑनलाइन स्टॉक ब्रोकर और डीमैट खाते से ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत होती है। वहीं ETF को खरीदने और बेचने की प्रक्रिया भी काफी आसान है। बता दें कि ETF लिक्विडिटी शेयर मार्केट की तरह पूरे दिन के कारोबार में ETF की कीमतों में भी उतार चढ़ाव देखने को मिलता है।

ETF को चुनने समय L4U स्ट्रेटजी पर काम करना चाहिए- लिक्विडिटी के साथ लो एक्सपेंश रेशियो, लो इंपैक्ट कॉस्ट, लो ट्रैकिंग एरर और अंडरलाइंग सिक्योरिटीज हो। लिक्विडिटी का मतलब है कि एक्सचेंजों पर ETF की पर्याप्त ट्रेडिंग वॉल्यूम होनी चाहिए, ताकि खरीद-फरोख्त में आसानी हो। एक्टिव फंड्स की तुलना में ETF के एक्सपेंस रेशियो कम होते हैं, लेकिन फिर भी निवेशकों को विभिन्न ETF के एक्सपेंस रेशियो की तुलना जरूर करनी चाहिए।

इंपैक्ट कॉस्ट एक्सचेंज पर ट्रांजैक्शन को लेकर इनडायरेक्ट कॉस्ट है। अगर लिक्विडिटी अधिक हुई तो इंपैक्ट कॉस्ट कम होगी। जिसकी वजह से इनडायरेक्ट टैक्स कम चुकाना पड़ेगा। ट्रैकिंग एरर की वजह से इंडेक्स की तुलना में मिलने वाले रिटर्न के अंतर को स्पष्ट करती है। अंडरलाइंग सिक्योरिटीज के मुताबिक, 0.2 फीसदी का ट्रैकिंग एरर आदर्श माना जाता है। सबसे महत्वपूर्ण पैरामीटर अंडरलाइंग सिक्योरिटीज है क्योंकि रिटर्न इसी के परफॉरमेंस पर निर्भर करता है।

निवेश के दौरान आपके सामने कुछ ऐसे ETFs होंगे, जिनकी बोली अधिक होगी। वहीं ऐसे ETFs को बेचने के दौरान पर्याप्त लिक्विडिटी नहीं मिलती है। अगर आप ETF यूनिटों का बहुत कम हिस्‍सा खरीदते-बेचते हैं, तो ब्रोकरेज और डीमैट चार्ज ज्‍यादा बैठ सकता हैं।

एसेट ईटीएफ पैसिव फंड के संबंध में मिरे करता है सेबी के दिशानिर्देशों का अनुपालन

मई 2022 में सेबी द्वारा जारी किये गये नए दिशानिर्देशों को ध्यान मे रखकर मिरे एसेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स ने इन नई आवश्यकताओं का अनुपालन किया है.

एसेट ईटीएफ

वैश्विक मानक दिशानिर्देशों का ध्यान रखते हुए लिक्विडिटी, ट्रैकिंग त्रुटियों और अन्य प्रमुख ईटीएफ संकेतकों का प्रबंधन करने के लिए मिरे एसेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स (इंडिया) प्रा.लि. ने वर्ष २०१८ में देश में अपनी सहयोगी कंपनी मिरे एसेट कैपिटल मार्केट (इंडिया) प्रा.लि के साथ एक मार्केट-मेकिंग सिस्टम बनाया था. कंपनी के पास अब कुल मिलाकर तीन मार्केट मैकर्स हैं, जिनमें मिरे एसेट कैपिटल मार्केट (इंडिया) प्रा. लि. शामिल है, जो एक्सचेंज पर सक्रिय रूप से ईटीएफ की निगरानी करता है.

अपने इनोवेटिव ईटीएफ उत्पादों के लिए प्रसिद्ध, मिरे एसेट ने मिरे एसेट निफ्टी 100 ईएसजी सेक्टर लीडर्स ईटीएफ लॉन्च किया है, जो देश में पहला ईएसजी थीमैटिक ईटीएफ है और मिरे एसेट निफ्टी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग ईटीएफ भी लॉन्च किया है.

मई 2022 में एएमसी मिरे ने ईवी और ऑटोनॉमस, एआई और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसे विकसित प्रौद्योगिकी थीम ईटीएफ के तहत चार अलग-अलग फंड ऑफ फंड्स दाखिल किए हैं. यह इसलिये संभव हुआ क्योंकि एएमसी ईटीएफ के लिए पारदर्शिता और तरलता के महत्व को समझना चाहता है. एमएमसी की मूल कंपनी मिरे एसेट ग्लोबल इन्वेस्टमेंट्स, वैश्विक स्तर पर 14वीं सबसे बड़ी ईटीएफ प्रदाता कंपनी है और नौ देशों में 400 से अधिक ईटीएफ उत्पादों का संचालन कर रही है, जिसमें इसका भारत स्थित कार्यालय (दिसंबर 2021 तक) शामिल है. इसके अलावा, मिरे एसेट ग्लोबल इन्वेस्टमेंट्स की सहायक कंपनी ग्लोबल एक्स, संयुक्त राज्य अमेरिका में थीम वाले ईटीएफ आपूर्तिकर्ताओं में से एक है.

मिरे एसेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के देश में प्रमुख ईटीएफ उत्पाद मिरे एसेट निफ्टी 50 ईटीएफ और मिरे एसेट एनवाईएसई फेंग+ ईटीएफ हैं.

निवेशकों के लिए क्या होगा बड़ा बदलाव?

1. निवेशक अपनी वेबसाइट पर एएमसी द्वारा बताए गए ट्रैकिंग त्रुटियों और ट्रैकिंग अंतर डेटा देख सकते हैं.

2. ईटीएफ/इंडेक्स फंड (डेट ईटीएफ/इंडेक्स फंड के अलावा) की ट्रैकिंग त्रुटि 2 फीसदी से अधिक नहीं होनी चाहिए. डेट ईटीएफ और इंडेक्स फंड के लिए एक वर्ष में औसतन वार्षिक ट्रैकिंग अंतर 1.25 फीसदी से अधिक नहीं होना चाहिए.

3. निवेशक ईटीएफ इकाइयों को सीधे एएमसी के साथ सब्सक्राइब और रिडीम कर सकते हैं यदि मूल्य २५ करोड़ रुपये से अधिक है.

4. एएमसी प्रत्येक ईटीएफ के लिए कम से कम 2 मार्केट मैकर्स नियुक्त करेगी.

5. एएमसी, टीईआर योजना की अधिकतम स्वीकार्य सीमा के भीतर मार्केट मैकर्स को प्रोत्साहन प्रदान कर सकती है. इस संबंध में एएमसी से अपनी वेबसाइट पर और ईटीएफ के योजना सूचना दस्तावेज (एसआईडी) में पर्याप्त रूप से प्रकट करने की आवश्यकता है.

6. एक्सचेंज पर ईटीएफ की लिक्विडिटी संभावित रूप से बेहतर होने की उम्मीद है

7. सांकेतिक शुद्ध संपत्ति मूल्य (आई-एनएवी) को स्टॉक एक्सचेंजों द्वारा निर्धारित आवृत्ति के साथ अनिवार्य रूप से प्रदर्शित किया जाना है. इससे निवेशकों को यह जानने में मदद मिलने की उम्मीद है कि उन्हें ईटीएफ में संभावित रूप से किस कीमत पर कारोबार करना चाहिए.

निवेशक को क्या पता होना चाहिए?

मार्केट मेकर की क्या भूमिका है?

मार्केट मेकर एक्सचेंज का व्यक्तिगत भागीदार या सदस्य फर्म होता है जो अपने खाते के लिए सिक्योरिटीज को खरीदता और बेचता है. मार्केट मैकर बाजार को तरलता और गहराई प्रदान करते हैं जबकि वें बिड-आस्क स्प्रेड में अंतर से लाभ कमाते हैं.

ट्रैकिंग त्रुटि और ट्रैकिंग अंतर क्या है और इसका मेरे निवेश पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

1. ट्रैकिंग त्रुटि और ट्रैकिंग अंतर यह ETF लिक्विडिटी ETF लिक्विडिटी मापने का तरीका है कि ईटीएफ अपने अंतर्निहित सूचकांकों को कितनी अच्छी तरह ट्रैक करते हैं.

2. ट्रैकिंग अंतर यह मापता है कि किसी इंडेक्स उत्पाद का रिटर्न उसके अंतर्निहित इंडेक्स से किस हद तक भिन्न है और ट्रैकिंग त्रुटि इंगित करती है कि फंड के औसत ट्रैकिंग अंतर को बनाने वाले व्यक्तिगत डेटा बिंदुओं में कितनी परिवर्तनशीलता मौजूद है.

3. इस प्रकार कम ट्रैकिंग अंतर और कम ट्रैकिंग त्रुटि का मतलब है कि ईटीएफ अपने बेंचमार्क को अच्छी तरह से ट्रैक करता है.

आईएनएवी क्या है और इसे देखें?

1. आईएनएवी का मतलब सांकेतिक नेट असेट वेल्यू है. आईएनएवी अपने अंतर्निहित घटकों के बाजार मूल्यों के आधार ETF लिक्विडिटी पर ईटीएफ का इंट्राडे सांकेतिक मूल्य प्रदान करता है. मूल्य स्टॉक एक्सचेंज पर प्रदर्शित होता है जिस पर ईटीएफ सूचीबद्ध होता है.

2. यह ईटीएफ के मूल्य के लगभग रियल टाइम को प्रस्तुत करता है इसलिए,आईएनएवी निवेशकों को एक्सचेंज पर महत्वपूर्ण प्रीमियम और डिस्काउंट ट्रेडिंग से बचने में मदद कर सकता है.

मिरे एसेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के ईटीएफ सेल्स हेड उमेश कुमार डेला ने कहा, ''जबकि ईटीएफ और पेसिव इंडस्ट्री को अभी भी आगे बढऩे के लिए एक लंबा रास्ता तय करना है, हाल ही में जारी किया गया सेबी परिपत्र सही दिशा में बहुत स्वागत योग्य कदम है और इससे देश में ईटीएफ के सामने आने वाली कुछ चुनौतियों को कम करने की उम्मीद है. मेरा मानना है कि यह निवेशकों के बीच ईटीएफ के प्रति विशेष रूप से खुदरा खंड के लिए अहम मोड़ साबित हो सकता है. ईटीएफ के बारे में उत्पाद निर्माता से सही निवेशक शिक्षा और जागरूकता अभियान के चलते संभावित रूप से निवेशकों के लिए उनके रिटर्न और जोखिम प्रोफाइल के अनुकूल वांछित जोखिम लेने के अवसरों की अधिकता की पेशकश करने की उम्मीद है.

Prabhat Khabar App :

देश, दुनिया, बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस अपडेट, टेक & ऑटो, क्रिकेट और राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

रेटिंग: 4.73
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 507
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *