भारत में इक्विटी में व्यापार कैसे करें

कुछ प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी के नाम

कुछ प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी के नाम

प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर छापा, अरबों रुपए बरामद हुए

मुंबई-देश की कुछ बड़ी क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज कंपनियों पर डायरेक्टरेट जनरल ऑफ GST इंटेलीजेंस (DGGI) ने बड़ी कार्रवाई की है। क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वजीरएक्स (WazirX) समेत देशभर के प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज सर्विस प्रोवाइडर्स के दफ्तरों पर छापेमारी GST इंटेलिजेंस के अधिकारियों ने की। इस दौरान DGGI को बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी का पता चला है।

DGGI ने क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज सर्विस प्रोवाइडर कंपनी वजीरएक्स के परिसरों पर भी छापे मारे हैं। हाल में बड़े स्तर पर टैक्स चोरी को लेकर कंपनी पर 49.20 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। DGGI ने क्रिप्टोकरेंसी सर्विस प्रोवाइडर्स कंपनियों के करीब आधा दर्जन दफ्तरों पर छापे मारे हैं। जांच एजेंसी ने बड़े पैमाने पर GST की चोरी पकड़ी है। ये सर्विस प्रोवाइडर्स क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट और एक्सचेंज प्लेटफॉर्म की सुविधा देते हैं।

इन प्लेटफॉर्म पर ट्रेडर्स, मर्चेंट और आम लोग क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग कर सकते हैं। जांच एजेंसी ने बड़े पैमाने पर GST की चोरी पकड़ी है। सूत्रों का मानना है कि टैक्स की ये कथित चोरी करीब 70 करोड़ रुपए तक की हो सकती है। ये सर्विस प्रोवाइडर्स क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट और एक्सचेंज प्लेटफॉर्म की सुविधा देते हैं। DGGI इस समय कॉनस्विच कुबेर, कॉइनDCX, वाययूकॉइन और यूनोकॉइन जैसे ब्रांड नाम से क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज चलाने वाली कंपनियों की जांच कर रही है।

दिसंबर में हुई RBI की बैठक में रिजर्व बैंक ने कुछ प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी के नाम अपने केंद्रीय बोर्ड से कहा था कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह से बैन लगा देना चाहिए। इससे पहले, सरकार ने भी संसद के मौजूदा सत्र में क्रिप्टोकरंसी के रेगुलेशन के लिए बिल लाने की तैयारी की थी, लेकिन वह फिलहाल टल गया है।

क्रिप्टोकरेंसी का दुनिया के बाजार में चलता है सिक्का, जानें इसके बारे में सबकुछ

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी है। इसे यह नाम इसलिए मिला क्योंकि इसके सुरक्षित ट्रांजेक्शन्स के लिए इनक्रिप्शन का इस्तेमाल होता है। इसका अर्थ है कि क्रिप्टोकरेंसी के डाटा को ट्रांसमिट करने और वालेट में स्टोर करने के लिए एक बहुत ही एडवांस कोडिंग का इस्तेमाल होता।

भुगतान का तरीका
क्रिप्टकरेंसी असल में एक डिजिटल पेमेंट सिस्टम है। मगर इस सिस्टम में अन्य डिजिटल माध्यमों की तरह ट्रांजेक्शन के लिए किसी बैंक की अनुमति की जरूरत नहीं होती। यह पीयर-टू-पीयर नेटवर्क सिस्टम से संचालित होती है और कोई भी कहीं से इसे भेज सकता है और प्राप्त कर सकता है।

क्या है पीयर-टू-पीयर सिस्टम
पीयर-टू-पीयर सिस्टम में कोई अपना एक सर्वर नहीं होता। सभी कंप्यूटर नेटवर्क से जुड़े होते हैं।
कहां रखी जाती है डिजिटल करेंसी डिजिटल करेंसी अपके डिजिटल वालेट में रहती है। जब कोई अपना डिजिटल करेंसी फंड ट्रांसफर करता है तो यह पब्लिक लेजर में दर्ज होता है।

कैसे काम करती है यह
क्रिप्टोकरेंसी एक पब्लिक लेजर जिसे ब्लॉकचेन कहते हैं के जरिए चलती है। इसमें करेंसी का सारा ट्रांजेक्शन अपडेट होता है और यह करेंसी होल्डर के पास रहता है।

कैसे बनती है
क्रिप्टोकरेंसी बनाने की प्रक्रिया माइनिंग कहलता है इसमें कंप्यूटर की जटिल गणितीय समस्याओं को सुलझाने की क्षमता का इस्तेमाल सिक्के का डिजिटल रूप बनाने के लिए किया जाता है।

कहां से मिलती हैै
क्रिप्टोकरेंसी को ब्रोकर्स से खरीदा जाता है और इसे क्रिप्टोग्राफिक वालेट में रखा जाता है और वहीं से खर्च किया जा सकता है।

क्या खरीद सकते हैं
बिटकॉइन को जब लांच किया गया था तो यह सोचकर किया गया था कि यह दैनिक मार्केटिंग के लिए होगी और इससे एक कप कॉफी से लेकर कंप्यूटर और टिकट तक खरीदे जा सकें। मगर जल्द ही इसकी मांग बढ़ी और इसके दाम काफी ऊंचे हो गए। अब ये बड़े भुगतान में इस्तेमाल होती है।

उपलब्ध क्रिप्टोकरेंसियां
बिटकॉइन: पहली क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन है। इसे 2009 में बनाया गया। इसके प्रति लोगों ने खूब रुचि दिखाई और इसकी कीमत आसमान छूने लगी।

इथेरियम: ईथर या इथेरियम नाम से प्रचल्लित इस क्रिप्टोकरेंसी को 2015 में विकसित किया गया। बिटकॉइन के बाद यह दूसरी सबसे प्रसिद्ध क्रिप्टोकरेंसी है।

लाइटकॉइन: इसे बिटकॉइन की तर्ज पर ही विकसित किया गया है मगर आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल की बजे से इसे ज्यादा तेजी से ट्रांसफर किया जा सकता है।

रिपल: यह डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर सिस्टम है, जिसे 2012 में बनाया गया था। यह असल में यह केवल क्रिप्टोकरेंसी ही नहीं है, बल्कि एक यह विभिन्न तरह के ट्रांजेक्शन को ट्रेक करने वाला सिस्टम है। इसके पीछे जो कंपनी है, वह विभिन्न बैंकों और वित्तीय संस्थाओं के लिए काम करती है।

Hindi News से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करें।हर पल अपडेट रहने के लिए NT APP डाउनलोड करें। ANDROID लिंक और iOS लिंक।

Litecoin Price India INR: लाइटक्वाइन की कीमत आज बढ़ोतरी हुई, इस तेजी के बाद यहां पहुंचा डिजिटल करेंसी का दाम

Cryptocurrency Litecoin Price: आज लाइटक्वाइन (LTC) की कीमत में तेजी देखने को मिली है और इसका दाम 95 रुपये बढ़कर होकर 12,458 रुपये पर पहुंच गया है। इसकी कीमत में गुरुवार को 4.35 फीसदी की कमी आई है। इस कीमत पर इसका बाजार पूंजीकरण कीमत 824.5 अरब रुपये हो गया है।

लाइटक्वाइन प्राइस टुडे

दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी में जमकर निवेश हो रहा है। 2021 की शुरुआत में लाइटक्वाइन 184.92 डॉलर (9,306.75 रुपये) पर था। इसके बाद इस डिजिटल करेंसी की कीमत में काफी इजाफा हुआ है। आजआज लाइटक्वाइन (LTC) की कीमत में तेजी देखने को मिली है और इसका दाम 95 रुपये बढ़कर होकर 12,458 रुपये पर पहुंच गया है। इसकी कीमत में गुरुवार को 4.35 फीसदी की कमी आई है। इस कीमत पर इसका बाजार पूंजीकरण कीमत 824.5 अरब रुपये हो गया है। Coin Price Forecast के मुताबिक, 2022 की पहली छमाही में यह 419 डॉलर पर पहुंच सकता है। वहीं 2022 के अंत तक यह 40,275 रुपये पर पहुंच सकता है, जो मौजूदा कीमत से काफी ऊपर है। वहीं Trading Beasts के अनुसार, 2024 के अंत में यह 289 डॉलर (21,675 रुपये) का होगा। यह अधिकतम 361 डॉलर यानी 27,075 रुपये पर जा सकता कुछ प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी के नाम है और इसकी न्यूनतम कीमत 246 डॉलर हो सकती है।

क्या है लाइटक्वाइन (LTC) ?
दुनिया में कई क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं। इनकी अनेक विशेषताएं और अनूठी पहचान है। साल 2010 के अंत में, पूर्व-गूगलर Charlie Lee ने कुछ अलग सोचा। चार्ली ली को बिटक्वाइन के बारे में तो पता था, जिसे अक्सर डिजिटल गोल्ड कहा जाता है, लेकिन वे निवेशकों के लिए कुछ खास चाहते थे। वास्तव में, लाइटक्वाइन (लाइट + क्वाइन) को अपना विशिष्ट नाम बिटक्वाइन से ही मिला है। एक तरह से यह बिटक्वाइन का ही इम्प्रोवाइज्ड वर्जन है। प्रोटोकॉल ने क्रिप्टोकरेंसी की संपूर्ण स्थिरता के लिए इसे दीर्घायु और अधिक विश्वसनीयता प्रदान करने के लिए और अच्छा किया है।

दुनिया में शीर्ष क्रिप्टोकरेंसी में शामिल
लाइटक्वाइन का प्रमुख ध्यान क्रिप्टोकरेंसी बाजार की स्थिति के अनुसार बढ़ती उपभोक्ता मांगों को पूरा करने के लिए ब्लॉकचेन की शक्ति को अनलॉक करके विशेष रूप से वैश्विक भुगतान बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है। लाइटक्वाइन गति, लागत और विश्वस्नीयता में तेजी लाने में सफल रहा है। परिणाम स्वरूप, लाइटक्वाइन को सात अक्तूबर 2011 के शुभ दिन पर GitHub पर एक ओपन-सोर्स क्लाइंट द्वारा जारी किया गया था, जिसके बाद नेटवर्क 13 अक्तूबर को लाइव हो गया था। यह दुनिया में शीर्ष क्रिप्टोकरेंसी में से एक है। लाइटक्वाइन को आज क्रिप्टो बाजार में बेशकीमती डिजिटल संपत्ति के रूप में LTC के प्रतीक के साथ दर्शाया जाता है।

विस्तार

दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी में जमकर निवेश हो रहा है। 2021 की शुरुआत में लाइटक्वाइन 184.92 डॉलर (9,306.75 रुपये) पर था। इसके बाद इस डिजिटल करेंसी की कीमत में काफी इजाफा हुआ है। आजआज लाइटक्वाइन (LTC) की कीमत में तेजी देखने को मिली है और इसका दाम 95 रुपये बढ़कर होकर 12,458 रुपये पर पहुंच गया है। इसकी कीमत में गुरुवार को 4.35 फीसदी की कमी आई है। इस कुछ प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी के नाम कीमत पर इसका बाजार पूंजीकरण कीमत 824.5 अरब रुपये हो गया है। Coin Price Forecast के मुताबिक, 2022 की पहली छमाही में यह 419 डॉलर पर पहुंच सकता है। वहीं 2022 के अंत तक यह 40,275 रुपये पर पहुंच सकता है, जो मौजूदा कीमत से काफी ऊपर है। वहीं Trading Beasts के अनुसार, 2024 के अंत में यह 289 डॉलर (21,675 रुपये) का होगा। यह अधिकतम 361 डॉलर यानी 27,075 रुपये पर जा सकता है और इसकी न्यूनतम कीमत 246 डॉलर हो सकती है।

क्या है लाइटक्वाइन (LTC) ?
दुनिया में कई क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं। इनकी अनेक विशेषताएं और अनूठी पहचान है। साल 2010 के अंत में, पूर्व-गूगलर Charlie Lee ने कुछ अलग सोचा। चार्ली ली को बिटक्वाइन के बारे में तो पता था, जिसे अक्सर डिजिटल गोल्ड कहा जाता है, लेकिन वे निवेशकों के लिए कुछ खास चाहते थे। वास्तव में, लाइटक्वाइन (लाइट + क्वाइन) को अपना विशिष्ट नाम बिटक्वाइन से ही मिला है। एक तरह से यह बिटक्वाइन का ही इम्प्रोवाइज्ड वर्जन है। प्रोटोकॉल ने क्रिप्टोकरेंसी की संपूर्ण स्थिरता के लिए इसे दीर्घायु और अधिक विश्वसनीयता प्रदान करने के लिए और अच्छा किया है।

दुनिया में शीर्ष क्रिप्टोकरेंसी में शामिल
लाइटक्वाइन का प्रमुख कुछ प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी के नाम ध्यान क्रिप्टोकरेंसी बाजार की स्थिति के अनुसार बढ़ती उपभोक्ता मांगों को पूरा करने के लिए ब्लॉकचेन की शक्ति को अनलॉक करके विशेष रूप से वैश्विक भुगतान बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है। लाइटक्वाइन गति, लागत और विश्वस्नीयता में तेजी लाने में सफल रहा है। परिणाम स्वरूप, लाइटक्वाइन को सात अक्तूबर 2011 के शुभ दिन पर GitHub पर एक ओपन-सोर्स क्लाइंट द्वारा जारी किया गया था, जिसके बाद नेटवर्क 13 अक्तूबर को लाइव हो गया था। यह दुनिया में शीर्ष क्रिप्टोकरेंसी में से एक है। लाइटक्वाइन को आज क्रिप्टो बाजार में बेशकीमती डिजिटल संपत्ति के रूप में LTC के प्रतीक के साथ दर्शाया जाता है।

जानिए क्या है क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency)?

Home » जानिए क्या है क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency)?

एक समय ऐसा था जब दुनिया में किसी भी प्रकार की मुद्रा नहीं चलती थी। पुराने ज़माने में लेन-देन केवल वस्तुओ के माध्यम से ही किया जाता था। जिसे हम सब Barter System के नाम से भी जानते हैं। लेकिन जेसे-जेसे समय बदलता गया वेसे-वेसे दुनिया अपग्रेड होती रही, और कुछ समय बाद नोट और सिक्कों का निर्माण हुआ जिस से लेन-देन का तरिका पूरी तरह से बदल गया।

और आज के समय में यही नोट और सिक्के हमारे प्रमुख करेंसी है, जिनके आधार पर पूरी दुनिया का लेने-देन चलता आ रहा है।

लेकिन क्या आप जानते हैं इनके अलावा भी एक करेंसी (Currency) है जो पूरी तरह से डिजिटल है। और इस डिजिटल करेंसी को क्रिप्टोकरेंसी के नाम से जाना जाता है।आज समय एकदम फास्ट फॉरवर्ड हो चुका है, टेक्नोलॉजी (Technology) के साथ हर रोज एक नया आविष्कार कर के लोगो में जागरुकता फेला रहा है। लेकिन कई लोगो के मन में अभी भी ये प्रश्न है की क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) क्या है? और ये करेंसी डिजिटल हो के भी काम कैसे करती हैं? साथ ही इसे इस्तमाल करने के फ़ायदे क्या है?

सारे स्वालो के जवाब जान ने के लिए आर्टिकल (Article) को पूरा जरूर पढ़े।

मुद्रा (Currency) क्या है?

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को समझने से पहले हम जानेंगे की करेंसी (Currency) क्या है।

देखा जाए तो आज हर देश के पास अपनी-अपनी करेंसी है। जेसे भारत के पास अपनी मुद्रा (Currency) रुपया है, वेसे ही अमेरिका के पास डॉलर है। और हर एक देश के पास ठीक इसी तरह अपनी-अपनी देश की मुद्रा (Currency) है। करेंसी वो है जो देश दवारा मान्याता प्रपात की गई हो। तभी उस करेंसी की असली वैल्यू (Value) मानी जाती है। करेंसी के बदले में कोई भी वस्तु या सेवा खरीदी जा सके, उसे ही करेंसी कहा जाता है। देखा जाए तो करेंसी कागज और धातु के रूप में बनाये जाते हैं जो सरकार द्वार मान्य हो। इन करेंसी को हम आशनी से छू सकते है, पकड़ सकते हैं या फिर पर्स में रख भी सकते हैं। तभी इनको भौतिक मुद्रा (Physical Currency) के नाम से भी जाना जाता है। लेकिन क्रिप्टोकरेंसी के मामले ऐसा नहीं होता है।

जानिए क्या है क्रिप्टोकरेंसी?

क्रिप्टोकरेंसी , जिसे क्रिप्टो-मुद्रा या क्रिप्टो के रूप में भी जाना जाता है, एक प्रकार की डिजिटल या आभासी मुद्रा (Virtual Currency) है जो लेनदेन की सुरक्षा के लिए क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करता है। क्रिप्टोकरेंसी ऐसी मुद्रा है जिसे विकेंद्रीकृत प्रणाली (Decentralized System) द्वारा प्रबंधित (managed) किया जाता है।

दूसरे शब्दों में समझे तो ये एक ऐसी करेंसी है जो ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी (Blockchain Technology) पर आधारित है, जो क्रिप्टोग्राफी द्वारा सुरक्षित भी है। जिस कारण से इसे हैक (Hack) करना या कॉपी (Copy) करना बहुत ही मुश्किल है।

देखा जाये तोह क्रिप्टोकरेंसी का Physical कोई भी अस्तित्व नहीं है क्योंकि यह ऐसी डिजिटल करेंसी है जो Computer Algorithm पर बनी है। क्रिप्टोकरेंसी की सबसे खास बात यह है कि ये पूरी तरह से विकेंद्रीकृत है मतलब किसी भी देश या सरकार का इस पर नियंत्रण (Control) नहीं है।

क्या क्रिप्टोकरेंसी की Value है?

क्रिप्टोकरेंसी को भले ही किसी नोट या सिक्को में प्रिंट (Print) नहीं किया जाता। लेकिन आज के समय में इसकी अपनी वैल्यू है। इसे भले ही आप अपने पॉकेट या तिजोरी में रख नहीं सकते लेकिन आप इसका भरपुर इस्तेमाल कर सकते है जैसे आप देश की करेंसी को करते है।

क्रिप्टोकरेंसी से आप सामान खरीद सकते है, Investment कर सकते है, Trade कर सकते है। फर्क सिर्फ इतना है कि आप इसे किसी भी बैंक या लॉकर में नहीं रख सकते हैं क्योंकि यह पूरी तरह से डिजिट (Digit) पर आधारित है यानी आप इसे ऑनलाइन ट्रांजैक्शन (Online Transaction) के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। इसीलिए इसे डिजिटल मनी (Digital Money) और वर्चुअल मनी (Virtual Money) भी कहा जाता है।

क्रिप्टोकरेंसी का आविष्कार:

दुनिया का सबसे पहले क्रिप्टोकरेंसी “Bitcoin” है। इसका आविष्कार सातोशी नाकामोतो नामक एक इंजीनियर ने 2008 में किया था और 2009 में इसे ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में जारी किया गया था। कहा जाता है कुछ प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी के नाम ब्लॉकचेन पे सबसे पहले रन होने वाली करेंसी भी बिटकॉइन “Bitcoin” ही थी।

कुछ विशेषज्ञ (Experts) के अनुसार सन 2008 से लेकर सन 2022 तक अनुमान लगाया जा रहा है की मार्केट में 20,000 से भी ज्यादा क्रिप्टोकरंसी लॉन्च हो चुके हैं। मतलब क्रिप्टोकोर्रेंसी शुरुआती दौर से ही अपनी कामियाबी की छाप छोड़ता जा रहा है। कहा जाता है की आने वाले समय में क्रिप्टोकुरेंसी और भी ज्यदा उपयोगी और फायदेमंद सबित होगा।

Top क्रिप्टोकुरेंसी (Cryptocurrencies)

Bitcoin: हाल ही आपने लेख (Article) में पढ़ा की बिटकॉइन दुनिया की सबसे पहली क्रिप्टोकरेंसी है।

Ethereum: एथेरियम एक विकेंद्रीकृत ओपन-सोर्स ब्लॉकचेन है। CoinMarket Cap के हिसब से यह दुनिया की दुसरी बड़ी क्रिप्टो करेंसी में से है। इसका आविष्कार 2015 में हुआ था और से ईथर (Ether) के नाम से भी जाना जाता है।

Dogecoin: डॉगकॉइन का निर्माण 2013 में दुनिया के सबसे बेहतरीन दो सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स ने किया था। यह ऐसी क्रिप्टोकरेंसी है जिसका नाम एक Sarcastic meme के आधार पर रखा गया है।

CNF Token: CNF टोकन का निर्माण 2021 में हुआ था। CNF टोकन TRC 20 टोकन है जो ट्रॉन ब्लॉकचेन (Tron Blockchain) पर बनाया गया है।

आज के समय में सभी को क्रिप्टोकरेंसी से वर्चित होना चाहिए क्योकि क्रिप्टोकरेंसी हमारा फ्यूचर मनी (Future Money) है आज नहीं तो कल ये हमारी जिंदगी का एक महत्वपूर्ण (Important) हिसा जरूर बन जाएगा और तकनीक (Technology) भी तेज गति से आगे बढ़ रही है और आने वाले समय में ये और भी ज्यादा फास्ट (Fast) और उपयोगी (Useful) होने वाला है।

रेटिंग: 4.97
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 174
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *