भारत में इक्विटी में व्यापार कैसे करें

50 दिन की चलती औसत

50 दिन की चलती औसत
-268 पुरुष एवं 32 महिलाएं रहीं शामिल

IND vs NZ: हाईस्कोरिंग होगा मुक़ाबला, लेकिन बारिश डाल सकती है खलल, जानें पिच और मौसम का हाल

Pitch and weather: बे ओवल स्टेडियम न्यूजीलैंड के सबसे बड़े मैदानों में से एक है। लेकिन इसकी पिच एकदम पाटा है। पिछले सात टी-20 मैचों में यहां पहली पारी का औसत स्कोर 199 रहा है। वहीं माउंट माउनगनुई में आज मौसम एक बार फिर विलेन बन सकता है। एक्यू वेदर के मुताबिक, मौसम के कारण मैच बाधित होने की बहुत ज्यादा संभावना है। दू

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India vs New zealand Pitch and weather: भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेली जा रही तीन मैचों की टी20 सिरीज़ का दूसरा मुक़ाबला माउंट माउनगनुई के बे ओवल में खेला जाएगा। इस सीरीज का पहला मुक़ाबला बारिश के चलते धुल गया था। ऐसे में फैंस चाहेंगे की दूसरे मुक़ाबले में बारिश खलल ना डाले और पूरा मैच हो। तो आइए जानते हैं माउंट माउनगनुई के मौसम का हाल और बे ओवल की 50 दिन की चलती औसत पिच के बारे में -

IND vs NZ: भारत और न्यूजीलैंड के बीच दूसरा टी20 कल, बारिश फिर बन सकती है विलेन

मौसम का हाल -
माउंट माउनगनुई में आज मौसम एक बार फिर विलेन बन सकता है। एक्यू वेदर के मुताबिक, मौसम के कारण मैच बाधित होने की बहुत ज्यादा संभावना है। दूसरे टी20 में 50% प्रतिशत से अधिक बारिश की संभावना जताई गई है। अगर मैच के समय बारिश आकर रुक जाती है तो ओवरों में कटौती की जा सकती है। माउंट मॉन्गनुई में रविवार को तापमान के 16-20 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है। मैच के दौरान लगभग 70-80 प्रतिशत तक उमस रह सकती है।

दोनों टीमों की संभावित प्लेइंग-11
न्यूजीलैंड: केन विलियमसन (कप्तान), फिन एलेन, डेवोन कॉनवे (विकेटकीपर), ग्लेन फिलिप्स, डेरेल मिचेल, जेम्स नीशम, मिशेल सेंटनर, टिम साउदी, एडम मिल्ने, लॉकी फर्ग्यूसन, ब्लेयर टिकनर।

भारत: हार्दिक पांड्या (कप्तान), शुभमन गिल, ईशान किशन, संजू सैमसन, सूर्यकुमार यादव, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), वॉशिंगटन सुंदर, भुवनेश्वर कुमार, युजवेंद्र चहल, अर्शदीप सिंह, उमरान मलिक।

आपको अपनी उम्र के हिसाब से रोज कितने कदम चलना चाहिए? जानें पूरा वॉक प्लान

Written by Rashmi Upadhyay | Updated : August 19, 2020 8:31 PM IST

वॉक करना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इससे न सिर्फ कई बीमारियों का खतरा कम होता है बल्कि फिटनेस भी बरकरार रहती है। फिटनेस एक्सपर्ट भी कहते हैं कि प्रतिदिन हर व्यक्ति को सुबह व शााम वॉक करना चाहिए। यह एक ऐसा वर्कआउट है जिसे करने के लिए न ही किसी उपकरण की जरूरत होती है और न ही किसी पर निर्भर रहना पड़ता है। सबसे अच्छी बात यह कि वॉक किसी भी उम्र का व्यक्ति कर सकता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपको एक दिन में कितने कदम चलना चाहिए? वैसे तो आजकल 50 दिन की चलती औसत इस चीज को मापने के लिए कई तरह के एप्स लॉंच हो चुके हैं। लेकिन इस बात की गारंटी कम ही होती है कि वह सही जानकारी दे रहे हैं। आज इस लेख में हम आपको 5 50 दिन की चलती औसत साल की उम्र से लेकर 60 की उम्र तक के व्यक्ति के लिए 50 दिन की चलती औसत प्रतिदिन का वॉक प्लान बता रहे हैं। इससे आप समझ पाएंगे कि आपको अपनी उम्र के हिसाब से एक दिन में कितने कदम चलना चाहिए।

जानें, किस उम्र के व्यक्ति को कितना चलना चाहिए

वैसे तो प्रतिदिन हर व्यक्ति को कम से कम आधा घंटा वॉक करनी चाहिए। अगर कदम की बात करें तो व्यक्ति को कोशिश करनी चाहिए वह एक दिन में 10,000 कदम चले। यानि कि रोज 5 से 7 किलोमीटर। अगर उम्र की बात करें तो 5 से 7 साल तक के बच्चों को रोजाना कम से कम 12000 से 15000 कदम चलना चाहिए। 18 से 40 साल तक के लोगों को भी रोज 12000 कदम चलना चाहिए। जबकि जो लोग 40 की उम्र पार कर चुके हैं उन्हें प्रतिदिन 11000 तक कदम चलना चाहिए। वहीं, 50 की उम्र के लोगों को प्रतिदिन 10000 कदम और 60 साल से ऊपर के बुजुर्गों को 8000 कदम तक चलना चाहिए। लेकिन यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है तो वॉक करने से पहले अपने ​डॉक्टर से परामर्श लें।

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नियमित वॉक करने के लाभ

1. जो लोग नियमित वॉक करते हैं उनका वजन संतुलित रहता है। जब व्यक्ति बिना शारीरिक परिश्रम के सिर्फ खाता है तो उसका वजन बढ़ना लाजमी है। बाद में यही मोटापा कई बीमारियों का कारण बन सकता है। अगर आप इसे कम करना चाहते हैं, तो रोजाना नियमित रूप से पैदल चलें। प्रतिदिन 30-40 मिनट की सैर आपकी अतिरिक्त कैलोरी को कम करने में मदद करेगी।

2. आज की पीढ़ी में तनाव होना बहुत आम हो गया है। वॉक करने से तनाव भी कम होता है। जो व्यक्ति तनाव में होता है वह कई मानसिक व शारीरिक रोगों की चपेट में आ सकता है। सबसे घातक परिणाम मृत्य भी हो सकता है। यह एक धातक विकार है। अगर आप सुबह सैर करते हैं, तो आप तनाव मुक्त हो सकते हैं। सुबह की ताजगी भरी सैर मन-मस्तिष्क को शांत करने में मदद करेगी।

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50 दिन की चलती औसत

ग्लोबल वार्मिंग के चलते दक्षिण पूर्व एशिया में लगातार बढ़ेगी लू की घटनाएं: अध्ययन

शोधकर्ताओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि तीव्र लू (हीटवेव) चलने की घटना जो 50 वर्षों में मुश्किल 50 दिन की चलती औसत से केवल एक बार होती थी, अब हर बार हो सकती है।

By Dayanidhi

On: Wednesday 28 July 2021

Megacities like Delhi, Mumbai, Kolkata and Hyderabad are much hotter than the larger region around them due to heat island effects. Photo: Wikimedia Commons

लू अथवा हीटवेव तब चलती है जब लंबे समय तक तापमान लगातार कई दिनों तक निर्धारित सीमा से ऊपर होता है। यह आमतौर पर मानव स्वास्थ्य और पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। हालांकि, दक्षिण पूर्व एशिया जैसे उष्णकटिबंधीय विकासशील देशों में हीटवेव के बारे में बहुत कम जानकारी है।

वैज्ञानिक लगातार लोगों को इस बारे में जानकारी देते रहे हैं कि दुनिया भर के औसत तापमान में वृद्धि होने के साथ ही भविष्य में चरम घटनाएं और इनकी तीव्रता में वृद्धि होगी। अब इस अध्ययन में बदलती जलवायु में लू (हीटवेव) की आवृत्ति, अवधि और तीव्रता सहित तीन चीजों कि जांच की गई है।

बाईपास सर्जरी के बाद डॉक्टर बता देंगे कितने समय तक धड़केगा दिल Kanpur News

बाईपास सर्जरी के बाद डॉक्टर बता देंगे कितने समय तक धड़केगा दिल Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान (कार्डियोलॉजी) के चिकित्सक अब बाईपास सर्जरी के बाद ये बता सकेंगे कि दिल (हार्ट) कब तक धड़केगा। इसका आधार बाईपास ग्राफ्ट की फ्लोमेट्री (दिल में रक्त के बहाव की स्थिति) होगी। इसके लिए संस्थान में दो साल से अध्ययन चल रहा है। हाल ही में चेन्नई में हुई राष्ट्रीय अधिवेशन में इसे प्रस्तुत किया गया था। अब इसे अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित करने के लिए भेजा गया है।

हृदय रोग संस्थान के कार्डियक थेरोसिक वेस्कुलर सर्जरी (सीटीवीएस) के विभागाध्यक्ष के मुताबिक दिल की धमनियों में कई जगह कोलेस्ट्राल जमने से रुकावट हो जाती है। इसका विकल्प बाईपास सर्जरी ही है, जो धड़कते दिल (बीटिंग हार्ट) पर की जाती है। बाईपास बनाने के लिए तीन तरह की नसें लीमा (लेफ्ट इंटर्नल मेमेरी आर्टरी), रेडियल आर्टरी (हाथ की नस) और सेफनेस वेन (50 दिन की चलती औसत पैर की नस) का इस्तेमाल किया जाता है। सर्जरी के बाद दिल में लगाई गई नसों में रक्त के प्रवाह (फ्लोमेट्री) को मापते हैं। इससे अनुमान लग जाता है कि दिल अगले कितने साल तक काम करेगा।

कांग्रेस की ओर से कहा गया है कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन शासन के दौरान औसतन 8.1 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर मोदी सरकार के कार्यकाल की औसत वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत से अधिक रही है.

Patna: Rashtriya Janata Dal (RJD) spokesperson Shivanand Tiwari speaks to media on Muzaffarpur shelter home rape case at party office, in Patna on Wednesday, Aug 8, 2018. (PTI Photo) (PTI8_8_2018_000301B)

पूर्व प्रधानमंत्री 50 दिन की चलती औसत मनमोहन सिंह. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: देश की आर्थिक वृद्धि दर का आंकड़ा 2006-07 में 10.08 प्रतिशत रहा जो कि उदारीकरण शुरू होने के बाद का सर्वाधिक वृद्धि आंकड़ा है. यह आंकड़ा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल का है. आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है.

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