भारत में इक्विटी में व्यापार कैसे करें

व्यापारिक संकेत क्या हैं?

व्यापारिक संकेत क्या हैं?
अधिकार केवल एक व्यक्ति / कंपनी = व्यक्तिगत अधिकार

विश्व व्यापार में सुधार का भारत उठाएगा लाभ!

इस साल के करीब आधे सफर के दौरान कई कारकों से अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रभावित हुआ है। इनमें वैश्विक महामारी से लेकर यूरोप में छिड़ा युद्ध, व्यापक आर्थिक प्रतिबंध, बाधित आपूर्ति श्रंखलाएं और कुछ देशों द्वारा आवश्यक जिंसों के निर्यात की सीमा तय करने से लेकर निर्यात पर प्रतिबंध लगाने जैसे कारक शामिल हैं। ऐसी स्थिति के उलट बात करें तो संभवतः यही वह समय है जब सतत वैश्विक समृद्धि के लिए नियम-आधारित वैश्विक व्यापार की महत्ता पर नए सिरे से विचार किया जाए।

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद वैश्विक व्यापार में चमत्कारिक रूप से वृद्धि हुई। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूटीओ) का अनुमान है कि वर्ष 1950 से 2000 के बीच वैश्विक वस्तुओं के व्यापार आकार में जहां 40 गुना (4,000 प्रतिशत) तो मूल्य के पैमाने पर 300 गुने की तेजी आई। निस्संदेह यही वह दौर था जब वैश्विक जीडीपी में बहुत तेज वृद्धि हो रही थी। यह संभवतः दर्ज इतिहास का सबसे लंबा वैश्विक विस्तार था। फिर भी, विश्व बैंक के आंकड़े यही दर्शाते हैं कि विश्व जीडीपी में विश्व व्यापार (सेवाओं सहित) 1960 में 24 प्रतिशत बढ़ना शुरू हुआ और 2010 के बाद स्थिर होने से पहले उसमें 57 प्रतिशत तक की उछाल आई। वास्तव में, तमाम अर्थशास्त्री वैश्विक जीडीपी में अप्रत्याशित उछाल का श्रेय विश्व व्यापार में निरंतर हुई वृद्धि को देते हैं। व्यापार ने प्रतिस्पर्धी क्षमता, उत्पादकता और तकनीकी प्रगति में योगदान दिया। इसके अतिरिक्त सामान्य तकनीकी प्रगति, उत्तरोत्तर बढ़ती राष्ट्रीय बचत एवं निवेश के साथ ही अच्छी शिक्षा के प्रसार ने भी इसमें महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।

ऐसे सपने नौकरी-व्यापार में तरक्की का देते हैं संकेत, मनोकामना होती है पूरी

जनता व्यापारिक संकेत क्या हैं? से रिश्ता वेबडेस्क। इंसान नींद की अवस्था में कई तरह के सपने देखता है. कुछ सपने स्मरण में नहीं रहते हैं जबकि कुछ सपने ऐसे भी होते हैं जो याद रहते हैं. स्वप्न शास्त्र के अनुसार हर कुछ सपने शुभ फल देते हैं. वहीं कुछ सपने अशुभ संकेत भी देते हैं. सपने में पानी देखना भी एक शुभ स्वप्न होता है. आइए जानते हैं सपने में पानी देखने का अर्थ.

स्वप्न शास्त्र के अनुसार सपने में बारिश होते देखना शुभ संकेत देता है. यह सपना करियर में सफलता का शुभ संकेत देता है. ऐसे सपने का मतलब ये भी होता है कि भविष्य में घर में लक्ष्मी की आगमन होने वाला है.

स्वप्न शास्त्र के मुताबिक अगर कोई सपने में देखता है तो उसे शुभ फल प्राप्त होता है. इसके अलावा सपने में खुद को व्यापारिक संकेत क्या हैं? पानी में तैरते देखना भी शुभ है. ऐसे सपने भविष्य में मनोकामना पूर्ति का संकेत देते हैं.

भौगोलिक चिन्‍ह या संकेत (जीआई) क्या है और यह ट्रेडमार्क से कैसे अलग है?

क्या आपने कभी व्यापारिक संकेत क्या हैं? सोचा है क्यों किसी उत्पाद के साथ किसी विशिष्ट क्षेत्र का नाम क्यों लिखा जाता है.. जैसे कि कांचीपुरम की रेशमी साड़ी, अल्फांसो मैंगो, नागपुर ऑरेंज, कोल्हापुरी चप्पल, बीकानेरी भुजिया, आगरा का पेठा, मुजफ्फरपूरी लीची, बंगाली रोसोगुल्ला आदि। इस लेख के माध्यम से हम आपको व्यापारिक संकेत क्या हैं? बताएँगे क्यों विशिष्ट क्षेत्र का नाम विशिष्ट उत्पाद के साथ लिया जाता है।

Geographical Indication and how it is different from Trademark in Hindi

क्या आपने कभी सोचा है क्यों किसी उत्पाद के साथ किसी विशिष्ट क्षेत्र का नाम क्यों लिखा जाता है.. जैसे कि कांचीपुरम की रेशमी साड़ी, अल्फांसो मैंगो, नागपुर ऑरेंज, कोल्हापुरी चप्पल, बीकानेरी भुजिया, आगरा का पेठा, मुजफ्फरपूरी लीची, बंगाली रोसोगुल्ला आदि। हम आपको बताते हैं इसका कारण. ऐसे इसलिए होता है क्योंकि इन उत्पादित वस्तुओं की विशेष गुणवत्ता या प्रतिष्ठा या अन्य विशेषताओं की मानकता किसी खास विशिष्ट क्षेत्र के नाम से संदर्भित की जाती है जिसको भौगोलिक चिन्‍ह या संकेत (जीआई) टैग के नाम से जाना जाना है।

भौगोलिक चिन्‍ह (जीआई) क्या है?

भौगोलिक चिन्ह या संकेत (जीआई) का शाब्दिक अर्थ है एक ऐसा चिन्ह, जो वस्‍तुओं की पहचान, जैसे कृषि उत्‍पाद, प्राकृतिक वस्‍तुएं या विनिर्मित वस्‍तुएं, एक देश के राज्‍य क्षेत्र में उत्‍पन्‍न होने के आधार पर करता है, जहां उक्‍त वस्‍तुओं की दी गई गुणवत्ता, प्रतिष्‍ठा या अन्‍य कोई विशेषताएं इसके भौगोलिक उद्भव में अनिवार्यत: योगदान देती हैं। यह दो प्रकार के होते हैं- (1) पहले प्रकार में वे भौगोलिक नाम हैं जो उत्‍पाद के उद्भव के स्‍थान का नाम बताते हैं जैसे शैम्‍पेन, दार्जीलिंग आदि। (2) दूसरे हैं गैर-भौगोलिक पारम्‍परिक नाम, जो यह व्यापारिक संकेत क्या हैं? बताते हैं कि एक उत्‍पाद किसी एक क्षेत्र विशेष से संबद्ध है जैसे अल्‍फांसो, बासमती, रोसोगुल्ला आदि।

भौगोलिक चिन्ह (संकेत) के लिए शासकीय निकाय

भारत में विश्व स्तरीय महत्वपूर्ण कृषि विरासत प्रणाली (GIAHS) स्थलों की सूची

भौगोलिक चिन्ह (संकेत) के लिए प्रावधान

1. औद्योगिक संपत्ति के संरक्षण के लिए पेरिस कन्वेंशन के अंतर्गत बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) को एक तत्व के रूप में शामिल किया गया है।

2. भौगोलिक चिन्ह या संकेत का पंजीकरण, पंजीकृत स्वामित्व और अधिकृत उपयोगकर्ताओं का अधिकार प्रदान करता है।

3. भौगोलिक चिन्ह या संकेत के उल्लंघन के संबंध में राहत प्राप्त करने का अधिकार।

4. भौगोलिक चिन्ह या संकेत के पंजीकरण के बाद, उपयोग के लिए विशेष अधिकार प्रदान करता है।

5. एक पंजीकृत भौगोलिक चिन्ह या संकेत के दो या अधिक अधिकृत उपयोगकर्ता के पास सह-समान अधिकार हो सकते हैं।

भौगोलिक चिन्ह या संकेत और ट्रेडमार्क में अंतर

भौगोलिक चिन्ह या संकेत (जीआई)

व्यापारिक संकेत क्या हैं?

इसमें कोई शक नहीं कि वन्यजीवों का अवैध व्यापार बड़े पैमाने पर भारत में फैल चुका है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इससे समुद्र में पाए जाने वाली एक प्रजाति ‘सी कुकुम्बर’ भी नहीं बची है।

इस समुद्री जीव को समुद्री खीरा या ककड़ी के नाम से भी जाना जाता है। इस पर प्रकाशित एक नई रिपोर्ट से पिछले 12 वर्षों में 2010 से 2021 के बीच अवैध रूप से पकड़े गए 101.4 टन समुद्री खीरे का पता चला है। इस दौरान 6,976 'सी कुकुम्बर' जब्त किए गए।

इस बारे में अंतराष्ट्रीय संगठन ट्रैफिक ने एक नई रिपोर्ट 'इन डीप वाटर्स: इंडियाज सी कुकुम्बेर्स इन इललीगल वाइल्डलाइफ ट्रेड' व्यापारिक संकेत क्या हैं? 21 नवंबर 2022 को वर्ल्ड फिशरीज डे के मौके पर जारी की है। गौरतलब है कि भारत में 'सी कुकुम्बर' की करीब 200 प्रजातियां पाई जाती हैं।

भारत-रूस सामरिक और व्यापारिक सहयोग बढ़ाने के नए संकेत

रूसी विदेश मंत्री सर्गेइ लावरोव और भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर के बीच हुई बातचीत के जो अंश प्रकाशित हुए हैं और उन दोनों ने अपनी पत्रकार-परिषद में जो कुछ कहा है, अगर उसकी गहराई में उतरें तो आपको थोड़ा-बहुत आनंद जरुर होगा लेकिन आप दुखी हुए बिना भी नहीं रहेंगे। आनंद इस बात से होगा कि रूस से हम एस-400 प्रक्षेपास्त्र खरीद रहे हैं, वह खरीद अमेरिकी व्यापारिक संकेत क्या हैं? प्रतिबंधों के बावजूद जारी रहेगी। रूस भारत से साढ़े सात करोड़ कोरोना-टीके खरीदेगा। यद्यपि इधर भारत ने रूसी हथियार की खरीद लगभग 33 प्रतिशत घटा दी है लेकिन लावरोव ने भरोसा दिलाया है कि अब रूस भारत को नवीनतम हथियार-निर्माण में पूर्ण सहयोग करेगा। उत्तर-दक्षिण महापथ याने ईरान और मध्य एशिया होकर रूस तक आने-जाने का बरामदा और चेन्नई-व्लादिवस्तोक जलमार्ग तैयार करने में भी रूस ने रूचि दिखाई है।

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