बाजार संकेतक

TRAI Report Released, TRAI भारतीय दूरसंचार सेवा प्रदर्शन संकेतक रिपोर्ट बाजार संकेतक क्या है, जानें विस्तार से
TRAI Report Released : भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण ट्राई (Telecom Regulatory Authority of India TRAI) ने 30 जून 2022 को समाप्त हुई तिमाही के लिए भारतीय दूरसंचार सेवा प्रदर्शन संकेतक रिपोर्ट को जारी कर दिया है। इस रिपोर्ट में भारत में दूरसंचार सेवाओं के एक व्यापक पर्सपेक्टिव प्रोवाइड करती है और 1 अप्रैल साल 2022 से 30 जून तक की अवधि के लिए भारत में टेलीकॉम सर्विस के साथ-साथ केवल टीवी, डीटीएच और रेडियो ब्रॉडकास्टिंग सर्विस के प्रमुख मापदंडों एवं विकास के रुझान को प्रेजेंट करती है। साल 2022 मुख्य रूप से सर्विस प्रोवाइडर द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर कंपाइल्ड किया गया है। अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं FREE GK EBook- Download Now. / सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए इस ऐप से करें फ्री में प्रिपरेशन - Safalta Application
Global trend से तय होगी बाजार की दिशा, derivatives expiry की वजह से रहेगा उतार-चढ़ाव
स्थानीय शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह वैश्विक रुख (global trend) और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (foreign fund movement- FFM) के प्रवाह से तय होगी। विश्लेषकों ने यह राय जताते हुए कहा कि इस सप्ताह घरेलू मोर्चे पर कोई बड़ा आंकड़ा नहीं आना है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा monthly derivatives अनुबंधों के निपटान की वजह से भी बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
Motilal Oswal Financial Services Ltd के Retail Research head सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि इस सप्ताह Federal Open Market Committee (FOMC) की बैठक का ब्योरा जारी होगा, जिससे बाजार को आगे के लिए संकेतक मिलेंगे।
Religare Broking बाजार संकेतक Ltd. के उपाध्यक्ष शोध अजित मिश्रा ने कहा कि घरेलू मोर्चे पर कोई बड़ा घटनाक्रम नहीं होने की वजह से स्थानीय बाजार की दिशा वैश्विक रुख, कच्चे तेल के दाम और मुद्रा के उतार-चढ़ाव से तय होगी। इसके अलावा नवंबर माह के डेरिवेटिव अनुबंधों के expiry की वजह से भी बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 131.56 अंक या 0.21 प्रतिशत के नुकसान में रहा। वहीं निफ्टी में 42.05 अंक या 0.22 प्रतिशत की गिरावट आई। वैश्विक बाजारों में भी कुछ कमजोरी का रुख देखने को मिला।
Swastika Investmart Ltd. के Senior Technical Analyst प्रवेश गौर ने कहा, ‘संकेतकों के अभाव में बाजार ने सीमित दायरे में कारोबार किया। डेरिवेटिव अनुबंधों के expiry के बीच अब बाजार को दिशा के लिए संकेतकों का इंतजार रहेगा। इस बात की काफी संभावना है कि बाजार अभी ऊपर की ओर जाए। हालांकि, व्यापक रूप से बाजार बाजार संकेतक में मुनाफावसूली देखने को मिल रही है।’
उन्होंने कहा कि वैश्विक मोर्चे की बाजार संकेतक बात की जाए तो एफओएमसी की बैठक के ब्योरे से कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। साथ ही संस्थागत निवेशकों का प्रवाह महत्वपूर्ण बाजार संकेतक होगा। पिछले कुछ सत्रों से इसमें कमी आई है।
Geojit Financial services के research head विनोद नायर ने कहा कि घरेलू मोर्चे पर किसी बड़े घटनाक्रम के अभाव में बाजार वैश्विक संकेतकों से ही दिशा लेगा।
Market Sentiment- बाजार संकेतक मार्केट सेंटीमेंट
क्या होता है मार्केट सेंटीमेंट?
मार्केट सेंटीमेंट (Market Sentiment) यानी बाजार बाजार संकेतक धारणा किसी विशेष सिक्योरिटी या वित्तीय बाजार के प्रति निवेशकों के समग्र रवैये को संदर्भित करती है। यह बाजार की भावना या टोन या भीड़ मानसिकता है जैसाकि उस बाजार में ट्रेड की जा रही सिक्योरिटियों की गतिविधि या प्राइस मूवमेंट के जरिये पता लगता है। व्यापक अर्थों में, बढ़ती कीमतें बुलिश मार्केट सेंटीमेंट का संकेत देती हैं जबकि गिरती कीमत मंदी अर्थात बियरिश मार्केट सेंटीमेंट का संकेत देती हैं।
मुख्य बातें
- मार्केट बाजार संकेतक सेंटीमेंट से तात्पर्य किसी स्टॉक या कुल मिलाकर स्टॉक मार्केट के बारे में समग्र आम सहमति से है।
- मार्केट सेंटीमेंट बुलिश होता है जब कीमतें बढ़ रही होती हैं।
- मार्केट सेंटीमेंट बियरिश होता है जब कीमतें घट रही होती हैं।
- तकनीकी संकेतक निवेशकों को मार्केट सेंटीमेंट की माप करने में सहायता कर सकते हैं।
मार्केट सेंटीमेंट को समझना
मार्केट सेंटीमेंट को ‘निवेशक धारणा' भी कहा जाता है और यह हमेशा फंडामेंटल्स यानी बुनियादी कारकों पर ही अधारित नहीं होता है। डे ट्रेडर और तकनीकी विश्लेषक बाजार संकेतक मार्केट सेंटीमेंट पर भरोसा करते हैं क्योंकि यह उन तकनीकी संकेतकों को प्रभावित करता है जिनका उपयोग वे किसी सिक्योरिटी के प्रति निवेशकों के रवैये द्वारा अक्सर उत्पन्न अल्प अवधि प्राइस मूवमेंट की माप करने और लाभ उठाने के लिए करते हैं।
मार्केट सेंटीमेंट उन विपरीत निवेशकों के लिए भी महत्वपूर्ण है जो व्याप्त सहमतियों की विपरीत दिशा में ट्रेड करना पसंद करते हैं। निवेशक आम तौर पर मार्केट सेंटीमेंट को बियरिश या बुलिश के रूप में देखते हैं। जब बियर्स यानी मंदडियों का नियंत्रण होता है तो स्टॉक की कीमतें नीचे जाती हैं। जब बुल्स यानी तेजड़ियों का नियंत्रण होता है तो स्टॉक की कीमतें ऊपर जाती हैं। भावनाएं अक्सर स्टॉक मार्केट को प्रेरित करती हैं इसलिए मार्केट सेंटीमेंट हमेशा फंडामेंटल वैल्यू का पर्याय नहीं होते। अर्थात मार्केट सेंटीमेंट भावनाओं और संवदेनशीलता का मसला है जबकि फंडामेंटल वैल्यू का संबंध कंपनियों के प्रदर्शन से है। कुछ निवेशक मार्केट सेंटीमेंट की माप करने के लिए विभिन्न संकेतकों का उपयोग करते हैं जो उन्हें यह निर्धारित करने में मदद करता है कि ट्रेड करने के लिए कौन सर्वश्रेष्ठ स्टॉक है।
Global trend से तय होगी बाजार की दिशा, derivatives expiry की वजह से रहेगा उतार-चढ़ाव
स्थानीय शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह वैश्विक रुख (global trend) और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (foreign fund movement- FFM) के प्रवाह से तय होगी। विश्लेषकों ने यह राय जताते हुए कहा कि इस सप्ताह घरेलू मोर्चे पर कोई बड़ा आंकड़ा नहीं आना है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा monthly derivatives अनुबंधों के निपटान की वजह से भी बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
Motilal Oswal Financial Services Ltd के Retail Research head सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि इस सप्ताह Federal Open Market Committee (FOMC) की बैठक का ब्योरा जारी होगा, जिससे बाजार को आगे के लिए संकेतक मिलेंगे।
Religare Broking Ltd. के उपाध्यक्ष शोध अजित मिश्रा ने कहा कि बाजार संकेतक घरेलू मोर्चे पर कोई बड़ा घटनाक्रम नहीं होने की वजह से स्थानीय बाजार की दिशा वैश्विक रुख, कच्चे तेल के दाम और मुद्रा के उतार-चढ़ाव से तय होगी। इसके अलावा नवंबर माह के डेरिवेटिव अनुबंधों के expiry की वजह से भी बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 131.56 अंक या 0.21 प्रतिशत के नुकसान में रहा। वहीं निफ्टी में 42.05 बाजार संकेतक अंक या 0.22 प्रतिशत की गिरावट आई। वैश्विक बाजारों में भी कुछ कमजोरी का रुख देखने को मिला।
Swastika Investmart Ltd. के Senior Technical Analyst प्रवेश गौर ने कहा, ‘संकेतकों के अभाव में बाजार ने सीमित दायरे में कारोबार किया। डेरिवेटिव अनुबंधों के expiry के बीच अब बाजार को दिशा के लिए संकेतकों का इंतजार रहेगा। इस बात की काफी संभावना है कि बाजार अभी ऊपर की ओर जाए। हालांकि, व्यापक रूप से बाजार में मुनाफावसूली देखने को मिल रही है।’
उन्होंने कहा कि वैश्विक मोर्चे की बात की जाए तो एफओएमसी की बैठक के ब्योरे से कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। साथ ही संस्थागत निवेशकों का प्रवाह महत्वपूर्ण होगा। पिछले कुछ सत्रों से इसमें कमी आई है।
Geojit Financial services के research head विनोद नायर ने कहा कि घरेलू मोर्चे पर किसी बड़े घटनाक्रम के अभाव में बाजार वैश्विक संकेतकों से ही दिशा लेगा।