तकनीकी विश्लेषण आपको क्या बताता है

इस तरह का पैटर्न एक अपट्रेंड को डिस्टर्ब करता है और नीचे की ओर जाने वाले ट्रेंड चेंज की ओर ले जाता है| इसकी फार्मेशन को नीचे समझाया गया है।
तकनीकी विश्लेषण आपको क्या बताता है
पैसे की पाठशाला
अक्सर लोग शेयर बाजार से डरते हैं, लेकिन वास्तव में हर वह काम खतरनाक है जिसे आपको करना नहीं आता। अगर आपने कार चलाना नहीं सीखा और कार चलाने लगे तो क्या होगा? जब आप किसी भी ऐसे कारोबार में पैसा लगाते हैं, जिसकी आपको अच्छी जानकारी नहीं है, तो आप अपनी सारी पूँजी गँवा सकते हैं।
अक्सर लोग शेयर बाजार को एक निवेश या कारोबार मानते ही नहीं, वे इसे सट्टा बाजार की तरह देखते हैं। अगर आप इसे सट्टा बाजार मान कर सौदे करेंगे तो उसके परिणाम भी सट्टे की तरह ही आयेंगे। बिना जानकारी के हर कारोबार एक सट्टा ही है। लोग कुछ सीखे बिना, समय दिये बिना 100% कमाई की इच्छा रखते हैं। यह कैसे मुमकिन है? जब नजरिया ही गलत हो तो नुकसान होगा ही। लेकिन लोग इस नुकसान का दोष शेयर बाजार को देते हैं।
कैसे समझें किसी शेयर या कमोडिटी को?
किसी शेयर या कमोडिटी में निवेश और सौदे करने के लिए दो तरह से विश्लेषण किया जाता है - बुनियादी बातों (फंडामेंटल) और तकनीकी विश्लेषण (टेक्निकल एनालिसिस) के आधार पर। तकनीकी विश्लेषण किसी शेयर या कमोडिटी में आने वाली मांग और आपूर्ति को को समझने का तरीका है। जब भी किसी शेयर में एक सौदा होता है तो उसमें तकनीकी विश्लेषण आपको क्या बताता है एक लेने वाला और एक बेचने वाला होता है। तकनीकी विश्लेषण खरीदारों और बेचने वालों की संख्या और उससे मूल्य पर होने वाले असर को समझने का तरीका है। हम सब जानते हैं कि जब मांग ज्यादा होती है तो मूल्य उपर जाता है और जब आपूर्ति ज्यादा होती है तो मूल्य नीचे आता है।
तकनीकी विश्लेषण का मनोविज्ञान
तकनीकी विश्लेषण में मनोविज्ञान की खास भूमिका है। हम जब बुनियादी तरीके से किसी कंपनी का आकलन करते हैं तो उसकी आर्थिक स्थिति, उसके कारोबार और लाभ-हानि वगैरह को देखा जाता है। लेकिन तकनीकी विश्लेषण में शेयर या कमोडिटी के केवल मूल्य के व्यवहार को देखा जाता है। इसमें यह माना जाता है कि किसी भी कंपनी के बारे में जो भी जानकारियाँ उपलब्ध हैं, उनका असर उसके शेयर के मूल्य में पहले ही आ चुका है। मतलब यह कि एक शेयर का मूल्य हर उपलब्ध जानकारी को पहले ही दर्शा रहा है।
किसी भी शेयर के मूल्य में उतार-चढ़ाव के तमाम बुनियादी कारण होते हैं, जैसे उस कंपनी की आमदनी, विश्व अर्थव्यवस्था की हालत, घरेलू अर्थव्यवस्था की हालत, ब्याज दरें, मौसम, राजनीति, अंतरराष्ट्रीय राजनीति, शेयर बाजार में आने-जाने वाली नकदी (लिक्विडिटी) की हालत वगैरह। इन सब कारणों से बाजार में काम करने वाले निवेशकों और कारोबारियों के उत्साह पर असर होता है और इसी वजह से शेयरों के मूल्य में छोटी अवधि में भी लगातार उतार-चढ़ाव चलता रहता है। छोटी अवधि में शेयरों के मूल्य पर बुनियादी बातों से कहीं ज्यादा असर धारणा और उत्साह का होता है।
लोगों के मन पर जो धारणाएँ सबसे ज्यादा असर डालती हैं, वे हैं डर और लालच। किसी भी चीज को लेने वाले के मन में लालच यह रहता है कि सस्ता मिल रहा है और डर यह रहता है कि कल यह इतना सस्ता नहीं मिलेगा। उसी समय बेचने वाले में लालच यह रहता है कि आज महंगा बिक रहा है और डर यह रहता है कि कल इस भाव पर नहीं बिकेगा। दोनों में ये भावनाएँ एक साथ काम करती हैं, जिससे एक सौदा हो जाता है। दोनों में से एक में भी डर या लालच नहीं हो तो वह सौदा नहीं हो सकता। इस सौदे के होने से भाव में उपर या नीचे की ओर जो भी बदलाव आता है, उसी के उतार चदाव को तकनीकी विश्लेषण में समझा जाता है। सीधे-सीधे यह किसी चीज के भाव के व्यवहार का विश्लेषण है।
कैसे काम करता है तकनीकी विश्लेषण?
सवाल है कि जो भाव निकल चुका है, उसका विश्लेषण करके क्या मिलेगा? दरअसल तकनीकी विश्लेषण इस सोच पर टिका है कि इतिहास अपने आपको दोहराता है। बाजार में भाव ऊपर-नीचे होने से भाव की कुछ खास तरह की संरचनाएँ (प्राइस पैटर्न) बनती हैं और ये संरचनाएँ बार-बार अपने आप को दोहराती हैं। अगर कभी कोई खास संरचना बनने पर भाव गिर जाता है तो अगली बार किसी और शेयर में वैसी ही संरचना बनने पर उसका भी भाव गिर जाने की काफी संभावना होती है।
आप किसी किसान से पूछें कि बारिश आने वाली है या नहीं तो वह सरल तरीके से आसमान में देखेगा और बादलों को देख कर, या हवा में नमी को महसूस करके आपको लगभग सही-सही बता देगा कि बारिश आने वाली है या नहीं। वह किसान भी एक तरह से तकनीकी विश्लेषण का इस्तेमाल कर रहा है, भले ही उसे इसका नाम तक नहीं पता। उस किसान का अनुभव उसे बताता है कि बारिश होने से पहले बादल कैसे होते हैं, हवा की गति कैसी होती है, हवा में नमी कैसी होती है। वह अनुभव उसे मिलता है सालों से बार-बार बारिश के पहले की संरचनाओं को समझ कर।
ऐसे ही आप किसी तकनीकी विश्लेषक से किसी शेयर के बारे में पूछेंगे तो वह उसकी कीमत का चार्ट देखेगा और उसमें बनती संरचनाओं के आधार पर आगे का अनुमान लगायेगा। मतलब यह है कि तकनीकी विश्लेषण किसी शेयर या कमोडिटी की कीमतों के पिछले व्यवहार को पैमाना बना कर भविष्य का अंदाजा लगाने के एक सुविचारित अध्ययन का नाम है।
जिंदगी में हर जगह है तकनीकी विश्लेषण
यह कोई ऐसी चीज नहीं है जिसका आपका इस्तेमाल न करते हों। सिर्फ आपको इसका नाम नहीं पता। एक पति अपनी पत्नी के ऐतिहासिक व्यवहार को पैमाना बना कर ही उससे आज व्यवहार करता है। वह जानता है कि पिछली बार किसी खास परिस्थिति में किसी बात का परिणाम क्या हुआ था। अगर वैसी ही परिस्थिति आज फिर आयी है तो अपने पुराने अनुभव से वह जानता है कि आज क्या करना है! वह भी ऐतिहासिक व्यवहार को आधार बना कर भविष्य का अनुमान लगा रहा है, यानी एक तरह से तकनीकी विश्लेषण का ही सहारा ले रहा है।
बच्चे अपने माँ-बाप के साथ, अधिकारी अपने अधीन काम करने वालों के साथ, प्रेमी प्रेमिका के साथ, गुरु शिष्य के साथ, खिलाड़ी दूसरे खिलाड़ी के साथ, हर समय इसी का इस्तेमाल करते हैं। वे एक-दूसरे के ऐतिहासिक व्यवहार का विश्लेषण करके भविष्य की संभावनाओं का अंदाजा लगाते हैं। समय के साथ उनका विश्लेषण सटीक होता जाता और उसके साथ ही उनका अंदाजा सही होने लगता है। कभी-कभी आपकी सोची हुई संभावना के हिसाब से काम नहीं होता। तब आपको लगता है कि आपका अंदाजा गलत हो गया और आप उसके हिसाब से अपना व्यवहार बदल लेते हैं। तकनीकी विश्लेषण में यही बात घाटा काटने के स्तर (स्टॉप लॉस) की तरह से दिखती है।
चतुर पैसे के पैरों की छाप
यह मान कर चलें कि जिस समय आप बाजार में खरीद-बिक्री कर रहे होते हैं, बिल्कुल उसी समय आपसे कहीं ज्यादा चतुर और ज्यादा बड़ी पूँजी ले कर चलने वाला निवेशक भी इस बाजार में मौजूद होता है। उस चतुर निवेशक या चतुर पैसे (स्मार्ट मनी) की जानकारी, सूचनाओं और पूँजी का स्तर आपसे कहीं ज्यादा है। उस चतुर पैसे का आकर इतना बड़ा होता है कि उसकी आने और जाने के पदचिह्न देखे जा सकते हैं। अगर आप उसके पैरों की छाप को पहचानते हैं तो उस चतुर पैसे का भावों पर असर साफ देख सकते हैं। आप कई बार देखते हैं कि जब किसी कंपनी के नतीजे अच्छे नहीं आते तो उसके शेयर का भाव नतीजे आने से पहले ही गिर चुका होता है। चतुर पैसे को पहले से यह अहसास होता है कि नतीजे अच्छे नहीं आने वाले, इसलिए वह उस शेयर से पहले ही बाहर निकल जाता है।
तकनीकी विश्लेषण की मदद से आप जान सकते हैं कि वह चतुर पैसा किधर जा रहा है और कहाँ से बाहर हो रहा है। अगर आप उस चतुर पैसे के पीछे चलेंगे तो नुकसान का जोखिम कम होगा।
उस चतुर पैसे का कोई नाम नहीं है। वह कोई म्यूचुअल फंड, कोई बैंक, कोई बीमा कंपनी, कोई हेज फंड, कोई बड़ा निवेशक, कोई विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) - कोई भी हो सकता है। तकनीकी विश्लेषण में उसका नाम जानने की जरूरत भी नहीं है। लेकिन उसका काम दिखाई देता है।
उस चतुर पैसे के बहाव की दिशा को देख कर आप बाजार की चाल का अंदाजा लगा सकते हैं। वह चतुर पैसा जब किसी शेयर में निवेश करता है या उससे बाहर निकलता है तो उस शेयर के भाव पर एक बड़ा असर छोड़ जाता है। उस भाव का विश्लेषण करके एक तकनीकी विश्लेषक उस शेयर को खरीदने या बेचने का फैसला कर सकता है।
(निवेश मंथन, अगस्त 2011)
तकनीकी विश्लेषण के लिए गाइड
तकनीकी विश्लेषण मूल्य और मात्रा सहित ऐतिहासिक बाजार डेटा का अध्ययन है। बाजार मनोविज्ञान, व्यवहार अर्थशास्त्र और मात्रात्मक विश्लेषण से अंतर्दृष्टि का उपयोग करते हुए, तकनीकी विश्लेषकों का लक्ष्य भविष्य के बाजार व्यवहार की भविष्यवाणी करने के लिए पिछले प्रदर्शन का उपयोग करना है। तकनीकी विश्लेषण के दो सबसे सामान्य रूप चार्ट पैटर्न और तकनीकी (सांख्यिकीय) संकेतक हैं।
चाबी छीन लेना
- तकनीकी विश्लेषण भविष्य के मूल्य आंदोलनों की भविष्यवाणी करने का प्रयास करता है, जिससे व्यापारियों को लाभ कमाने के लिए आवश्यक जानकारी मिलती है।
- ट्रेडर्स संभावित ट्रेडों के लिए प्रवेश और निकास बिंदुओं की पहचान करने के लिए चार्ट में तकनीकी विश्लेषण उपकरण लागू करते हैं।
- तकनीकी विश्लेषण की एक अंतर्निहित धारणा यह है कि बाजार ने सभी उपलब्ध सूचनाओं को संसाधित किया है और यह मूल्य चार्ट में परिलक्षित होता है।
तकनीकी विश्लेषण आपको क्या बताता है?
तकनीकी विश्लेषण विभिन्न रणनीतियों के लिए एक कंबल शब्द है जो एक शेयर में मूल्य कार्रवाई की व्याख्या पर निर्भर करता है। अधिकांश तकनीकी विश्लेषण यह निर्धारित करने पर केंद्रित है कि वर्तमान प्रवृत्ति जारी रहेगी या नहीं, और यदि नहीं, तो यह रिवर्स हो जाएगा। कुछ तकनीकी विश्लेषक ट्रेंडलाइन द्वारा कसम खाते हैं, अन्य लोग कैंडलस्टिक संरचनाओं का उपयोग करते हैं, और फिर भी अन्य गणितीय दृश्य के माध्यम से निर्मित बैंड और बक्से पसंद करते हैं। अधिकांश तकनीकी विश्लेषक ट्रेडों के लिए संभावित प्रवेश और निकास बिंदुओं को पहचानने के लिए उपकरणों के कुछ संयोजन का उपयोग करते हैं। एक चार्ट गठन एक छोटे विक्रेता के लिए एक प्रवेश बिंदु का संकेत दे सकता है, उदाहरण के लिए, लेकिन व्यापारी अलग-अलग समय अवधि के लिए चलती औसत पर गौर करेगा कि यह पुष्टि करने के लिए कि एक टूटने की संभावना है।
तकनीकी विश्लेषण का उपयोग कैसे करें
तकनीकी विश्लेषण का मूल सिद्धांत यह है कि बाजार मूल्य उन सभी उपलब्ध सूचनाओं को दर्शाता है जो बाजार को प्रभावित कर सकती हैं। परिणामस्वरूप, आर्थिक, मौलिक या नए विकास को देखने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि वे पहले से ही एक सुरक्षा में दिए गए हैं। तकनीकी विश्लेषकों का आम तौर पर मानना है कि कीमतें रुझान में होती हैं और जब बाजार के समग्र मनोविज्ञान की बात आती है तो इतिहास खुद को दोहराता है। तकनीकी विश्लेषण के दो प्रमुख प्रकार चार्ट पैटर्न और तकनीकी (सांख्यिकीय) संकेतक हैं।
चार्ट पैटर्न तकनीकी विश्लेषण का एक व्यक्तिपरक रूप है जहां तकनीशियन विशिष्ट पैटर्न को देखकर चार्ट पर समर्थन और प्रतिरोध के क्षेत्रों की पहचान करने का प्रयास करते हैं । मनोवैज्ञानिक कारकों के आधार पर इन पैटर्न को यह अनुमान लगाने के लिए डिज़ाइन किया गया है कि एक विशिष्ट मूल्य बिंदु तकनीकी विश्लेषण आपको क्या बताता है और समय से ब्रेकआउट या ब्रेकडाउन के बाद कीमतें कहाँ पर हैं। उदाहरण के लिए, एक आरोही त्रिकोण चार्ट पैटर्न एक तेजी चार्ट पैटर्न है जो प्रतिरोध का एक प्रमुख क्षेत्र दिखाता है। इस प्रतिरोध से एक ब्रेकआउट एक महत्वपूर्ण, उच्च-मात्रा में उच्चतर हो सकता है।
तकनीकी विश्लेषण और मौलिक विश्लेषण के बीच अंतर
मौलिक विश्लेषण और तकनीकी विश्लेषण वित्त में दो बड़े गुट हैं। जबकि तकनीकी विश्लेषकों का मानना है कि सबसे अच्छा दृष्टिकोण प्रवृत्ति का पालन करना है क्योंकि यह बाजार की कार्रवाई के माध्यम से बनता है, मौलिक विश्लेषकों का मानना तकनीकी विश्लेषण आपको क्या बताता है है कि बाजार अक्सर मूल्य को अनदेखा करता है। फंडामेंटल एनालिस्ट बैलेंस शीट के माध्यम से खुदाई के पक्ष में चार्ट रुझानों की अनदेखी करेंगे और आंतरिक मूल्य की तलाश में किसी कंपनी के बाजार प्रोफाइल को वर्तमान में कीमत में प्रतिबिंबित नहीं करेंगे। सफल निवेशकों के कई उदाहरण हैं जो अपने व्यापार का मार्गदर्शन करने के लिए मौलिक और तकनीकी विश्लेषण का उपयोग करते हैं और यहां तक कि उन दोनों के तत्वों को शामिल करते हैं। कुल मिलाकर, हालांकि, तकनीकी विश्लेषण खुद को तेजी से निवेश की गति के लिए उधार देता है, जबकि मौलिक विश्लेषण में आम तौर पर एक अतिरिक्त समय परिश्रम के लिए आवश्यक समय के आधार पर लंबी अवधि और होल्डिंग अवधि होती है।
Trend
Identifying the trend or the direction the market moves towards is one of the basic techniques in the analysis. Occasionally it can be determined by simply looking at the chart. Other cases will require more profound analysis of the price data.
There are two major types of market trends:
- Uptrend - a series of escalating highs and lows;
- Downtrend - a series of lower highs and lower lows on chart.
A lack of any particular direction is occasionally referred as to sideways or horizontal trend.
To identify a trend you can simply तकनीकी विश्लेषण आपको क्या बताता है draw a straight line in the direction of the price moves on a chart. "Trend lines" are available in almost every trading platform and may be considered one of the beginner-friendly technical analysis tools. Another option is a technical indicator that can determine and display a trend when added to a chart.
Support and resistance
Finding support and resistance levels allows to determine when and in which direction should a position be opened and the potential profit or loss may be. Support is the price level which an asset has difficulty going below and resistance denotes the level which the pair has a difficulty rising above. These levels, however, do not always hold and a "breakout" or a “breakdown” occasionally occurs in one direction or another.
Support and resistance levels form a trading range - a horizontal corridor that contains price fluctuations during a period of time.
A price movement through the identified level of resistance is referred to as breakout. Its bearish counterpart is called breakdown - a price movement through the identified level of support. Both breakout and breakdown are usually followed by increase in volatility.
Chart patterns
Chart pattern is a distinct formation that predicts future price movement or creates a buy or sell signal. The theory behind it is basedon the assumption that certain patterns observed previously indicate where the price is currently headed.
- Head and Shoulders is considered to be one of the most reliable chart patterns which signifies that the trend is about to change. There are two types of this pattern - head and shoulders top that shows that upward movement may soon end and head and shoulders bottom, which means that downtrend is about to reverse.
- Doji – is a candle with a short body (which means that the candle opened and closed at almost the same price) and relatively long wicks on each side that show market volatility during a period of time. Doji usually signifies market indecision since neither bullish nor bearish trend prevails.
- Bullish hammer - a candle that usually occurs at a turn of the downtrend. This candle must have wicks twice as long as the body.
- Hanging man - bearish counterpart of bullish hammer that has a shorter body and long wicks and is usually found at the before the reversal of the uptrend.
- Another popular chart pattern is the triangle. There are three types of triangles: symmetrical, ascending and descending. The symmetrical triangle is a pattern where two trend lines that meet at one point and neither of them is flat. This pattern usually confirms the direction of the current trend. In an ascending triangle, the upper trendline is flat and the lower one is headed upwards. This pattern is considered to be bullish and may predict a breakout. Descending triangle has a flat lower line and the upper trendline is descending. Descending triangle is a bearish pattern signifying an upcoming breakdown.
Indicators
One of the tools that allows to predict or confirm trends, patterns, support and resistance levels or buy and sell signals is a technical indicator. It is a software developed specifically for your trading platform that makes calculations based on price movements and volatility. Both cTrader and MT4 have a wide range of readily available indicators, however you can always download a custom one or even create it yourself.
Simply adding an indicator to a price chart may greatly extend your understanding of the current market situation and help to decide in which direction you should be trading. For instance, to identify support and resistance levels, such indicators as Fibonacci or Pivot Points may come in handy. Momentum indicator will help you to measure the rate of price change and Zig Zag can be used to predict when the trend will be more likely to reverse.
पैटर्न को समझने के तरीके
प्राइस पैटर्न को समझने के लिए तकनीकी विश्लेषक तीन नियमों को ध्यान में रखते हैं जो इस प्रकार हैं।
पहचान - प्राइस पैटर्न को सफलतापूर्वक समझने के लिए सबसे पहले ये ज़रूरी है कि आप रियल टाइम में पैटर्न की पहचान करें। हालांकि ऐतिहासिक डेटा के साथ उनकी पहचान करना आसान हो सकता है, लेकिन रियल टाइम में जब वे बन रहे होते हैं, तो उन्हें पहचानना मुश्किल हो सकता है।
मूल्यांकन - एक बार जब आप एक पैटर्न पहचान लेते हैं, तो आप उसका मूल्यांकन कर सकते हैं। एक पैटर्न की अवधि, मात्रा और अस्थिरता पर ध्यान दें।
पूर्वानुमान - पिछले स्टेप्स में एकत्र की गई जानकारी की मदद से अब आप भविष्य में प्राइस मूवमेंट का अनुमान लगा सकते हैं।
अंतिम विचार
तकनीकी विश्लेषण और इसमें उपयोग किये जाने वाले प्राइस पैटर्न के चार्ट जटिल हैं| इसे समझने के लिए विशेषज्ञता, कौशल और बाज़ार की अच्छी समझ की आवश्यकता है। एंजेल वन वेबसाइट पर इसके बारे में और जानें।
डिस्क्लेमर: इस ब्लॉग का उद्देश्य है, महज़ जानकारी प्रदान करना न कि इन्वेस्टमेंट के बारे में कोई सलाह/सुझाव प्रदान करना और न ही किसी स्टॉक को खरीदने -बेचने की सिफारिश करना।
तकनीकी विश्लेषण का परिचय
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शैक्षिक सामग्री का एक पूरा भंडार जो निवेशकों और व्यापारियों को शेयर बाजारों की बारीकियों को समझने में मदद करता है
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