विश्लेषण और योजना

बजट मामलों में काम करने राज्य स्तरीय बजट वर्किंग कमेटी एवं जिला स्तरीय पब्लिक इन्क्वारी कमेटी रिफॉर्म की गई,जो राष्ट्रीय टीम आर्थिक न्याय मंच के साथ को-ऑपरेट कर राज्य में दावा,दखल व जांच करेगी।
जोखिम विश्लेषण (व्यवसाय)
यह तकनीक इन कारकों के होने की संभावना को कम करने के लिए निवारक उपायों को परिभाषित करने में भी मदद करती है और विश्लेषण और योजना कंपनी की प्रतिस्पर्धात्मकता पर संभावित नकारात्मक प्रभावों को रोकने के लिए इन बाधाओं से सफलतापूर्वक निपटने के लिए काउंटरमेशर्स की पहचान करती है।
कंप्यूटर क्षेत्र में जोखिम विश्लेषण करने के लिए अधिक लोकप्रिय तरीकों में से एक को सुगम जोखिम विश्लेषण प्रक्रिया (FRAP) कहा जाता है।
FRAP एक समय में एक प्रणाली, अनुप्रयोग या व्यावसायिक प्रक्रियाओं के खंड का विश्लेषण करता है।
FRAP मानता है कि सटीक परिमाणित विश्लेषण और योजना जोखिमों को विकसित करने के अतिरिक्त प्रयास लागत प्रभावी नहीं हैं क्योंकि:
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विश्लेषण और योजना
- ऐसे अनुमान समय लेने वाले हैं
- व्यावहारिक उपयोग के लिए जोखिम प्रलेखन बहुत बड़ा हो जाता है
- विशिष्ट हानि अनुमानों को आमतौर पर यह निर्धारित करने की आवश्यकता नहीं होती है कि नियंत्रण की आवश्यकता है या नहीं।
- धारणाओं के बिना थोड़ा जोखिम विश्लेषण है
SC-ST उप योजना पर हुई कार्यशाला, शैक्षणिक, सामाजिक व आर्थिक न्याय विषय पर विश्लेषण
कार्यशाला में अनुसूचित जाति,जनजाति उपयोजना अंतर्गत आबंटित बजट पर दावा,दखल व जांच के लिए राज्य स्तरीय बजट वर्किंग कमेटी एवं जिला स्तरीय पब्लिक इंक्वायरी कमेटी तैयार की गई। ये कमेटी बजट का शतप्रतिशत अनुसूचित जाति व जनजाति वर्गो के कल्याण में खर्च करवाने कार्य करेगी। सोशल जस्टिस एंड लिगल फॉउंडेशन द्वारा आयोजित आर्थिक न्याय पर आधारित कार्यशाला में राज्यभर से 150 से अधिक सदस्य शामिल रहे।
जनसंख्या के अनुपात में संसाधनों का वितरण
बजट के मुद्दे पर उमेश बाबू ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि राज्य व केंद्र सरकार के बजट सर्कुलर होते हैं। पूरी प्रक्रिया यह है कि अनु.जाति व जनजाति वर्ग के लिए उनकी जनसंख्या के अनुपात में संसाधनों का वितरण होगा। मुद्रा एक संसाधन है जिसका एक हिस्सा सरकार के पास टैक्स के माध्यम से आता है, इससे बजट बनता है। इस बजट में इनके लिए आबंटित धनराशि न तो लैप्स होगी, न डायवर्ट होगी और यह सिर्फ उन्हीं योजनाओं में खर्च होगी जिससे इन वर्गो के व्यक्ति परिवार और बस्ती का सीधा लाभ हो।
वर्ष 2022-23 में कुल छत्तीसगढ़ राज्य का बजट 1,04,000 करोड़ विधानसभा के पटल पर पेश किया गया है। जिसमे से अनु.जनजाति उपयोजना में 21,492.34 करोड़ व अनुसूचित जाति उपयोजना में 6746.44 करोड़ आबंटित हुआ है। बीते 4 वर्षो में अनु.जाति व जनजाति वर्गो के 29,284 करोड़ लेप्स हो गए है। प्रतिवर्ष राज्य बजट अंतर्गत अनुसूचित जाति, जनजाति उपयोजना हिस्से की 35 से 40 प्रतिशत राशि लेप्स हो जाती है।
रूपात्मक विश्लेषण क्या है? योजना और विश्लेषण की योजना
रूपात्मक विश्लेषण क्या है? सबसे पहले, यह भाषण के हिस्से के रूप में एक शब्द का अभिन्न और पूर्ण लक्षण वर्णन है। इस तरह की एक विस्तृत विश्लेषण के सभी लक्षण शब्द का सुझाव दिया, विशेष रूप से बोलने के भाग के रूप में यह खोजने के लिए और उजागर का पता चलता है वाक्यात्मक भूमिका। आप इसे कैसे करते हैं?
क्या है : रूपात्मक विश्लेषण शब्दों के आम लक्षण
एक नियम के रूप में, रूपात्मक विश्लेषण भाषण का एक हिस्सा का विश्लेषण शामिल है। हर कोई जानता है कि वे स्वतंत्र हैं, यानी, जब अलग-अलग शब्द अर्थ उच्चारण, और गैर आत्म, हो सकता है कि है, जब एक अलग मामले में, वे कोई अर्थ नहीं होता। कैसे रूपात्मक विश्लेषण करते हैं? ऐसा करने के लिए, आप सामान्य योजना सीखना चाहिए। में निम्नलिखित मदों की विशेषता भाषण के किसी भी हिस्से के लिए रूपात्मक विश्लेषण: विश्लेषण और योजना - दौड़ / लोगों की मृत्यु / दिन / तीसरे में समय - एक वाक्य में शब्दों का वाक्यात्मक भूमिका सब से पहले यह प्रारंभिक रूप, पीछे नहीं है।
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CM Work From Home Yojana 2022 वर्क फ्रॉम होम योजना का 20 हजार पदों पर नोटिफिकेशन जारी घर बैठे नौकरी पाएं
CM Work From Home Yojana 2022 सरकार की वर्क फ्रॉम होम योजना घर बैठे रोजगार पाए: सीएम वर्क फ्रॉम होम योजना 2022 का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है mukhymantri work from home yojana 2022, CM Work From Home Yojana 2022 Form राजस्थान मुख्यमंत्री work-from-home योजना 2022 के तहत राजस्थान के मूल निवासियों को गोरखपुर ओम होम रोजगार देने का नोटिफिकेशन जारी किया गया है इसके तहत मूल निवासियों को घर बैठे रोजगार दिया जाएगा यह विज्ञापन राजस्थान आंगनबाड़ी यानी w&cd की ऑफिशियल वेबसाइट पर विश्लेषण और योजना जारी किया गया है इसके तहत महिलाओं को ब्रेक फ्रॉम होम के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा सीएम वर्क फ्रॉम होम योजना 2022 के लिए योग्यता, आयु सीमा, एप्लीकेशन फीस की संपूर्ण जानकारी नीचे दी गई है अभ्यर्थी आवेदन करने से पूर्व एक बार ऑफिशल नोटिफिकेशन अवश्य देख लें।
CM Work From Home Yojana 2022 का उद्देश्य
- महिलाओं को उनकी अभिरूची एवं क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए वर्क फ्रॉमहोम – जॉब वर्क से जोड़ना ।
- तकनीकी / कौशल एवं अन्य किसी क्षेत्र में दक्ष महिलाओं को जो वर्क फ्रॉम होम- जॉब वर्क करने की इच्छुक है उनको राजकीय विभागों, स्वायत्तशासी संस्थाओं, सार्वजनिक उपक्रमों एवं निजी क्षेत्र में वर्क फ्रॉम होम-जॉब वर्क के अवसर प्रदान करना।
- राजस्थान विश्लेषण और योजना में निवास करती हो।
- न्यूनतम आयु 18 वर्ष हों। ( आवेदन की तिथि को )
निदेशालय महिला अधिकारिता द्वारा DOiT&C के माध्यम से पोर्टल तैयार करवाया जाएगा तथा पोर्टल पर वर्क फ्रॉम होम-जॉब वर्क के अवसर उपलब्ध करवाने वाले नियोजनकर्ताओं को इससे जोड़ा जाएगा। तदनुसार इच्छुक महिलाओं का पंजीकरण करवाया जाएगा।
योजना के क्रियान्वयन हेतु निदेशालय महिला अधिकारिता में योजना क्रियान्वयन इकाई का गठन किया जाएगा। जिसके द्वारा निम्नानुसार कार्य किये जाएगें।
- विभाग द्वारा प्रदत्त लक्ष्यों के अनुरूप महिलाओं को वर्क विश्लेषण और योजना फ्रॉम हॉम-जॉब वर्क से जोड़ना.
- तकनीकी / कौशल एवं अन्य किसी क्षेत्र में दक्ष महिलाओं को जो वर्क फ्रॉम होम-जॉब वर्क करने की इच्छुक है उनके अधिकाधिक आवेदन आमंत्रण हेतु प्रयास करना ।
- पोर्टल पर प्राप्त डाटा का विश्लेषण तथा रिपोर्ट जनरेशन
- सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के नियोजकों से सम्पर्क एवं समन्वय कर उनके यहाँ उपलब्ध वर्क फ्रॉम हॉम- जॉब वर्क के अवसरों की विश्लेषण और योजना पहचान करना तथा महिलाओं को इनसे जोड़ना ।
- योजना के प्रचार–प्रसार हेतु आईईसी सामग्री तैयार करना
- योजना से औद्योगिक संस्थाओं को जोड़ने तथा उनके संवेदीकरण हेतु कार्यशाला, सेमिनार इत्यादि का आयोजन ।
- योजना के माध्यम से वर्क फ्रॉम हॉम–जॉब वर्क से लाभान्वित महिला की समय-समय पर ट्रेकिंग, मोनिटरिंग कर विभाग को रिपोर्ट करना ।
- पोर्टल पर प्राप्त डाटा का विश्लेषण करते हुए विभाग को नवाचार संबन्धी सुझाव देना ।
राजकीय विभागों एवं सार्वजनिक उपक्रम के द्वारा वर्क फ्रॉम होम योजना के द्वारा महिलाओं से करवाए जाने वाले कार्य
- वित्त विभाग- समस्त राजकीय विश्लेषण और योजना विभागों, स्वायत्तशासी निकायो, राजकीय एजेन्सियों एवं सार्वजनिक उपक्रमों में सीए ऑडिट अकाउटिंग से सम्बंधित कार्य महिलाओं से वर्क फ्रॉम होम – जॉब वर्क के रूप में करवाये जा सके इस बाबत आवश्यक दिशा निर्देश जारी किये जायेगे ।
- सूचना प्रौधोगिकी एवं संचार विभाग- सूचना प्रौधोगिकी से सम्बन्धित कार्य यथा प्रोग्रामिंग, software designing, data analysis, Web Designing, ई मित्र आवंटन में महिलाओ को प्राथमिकता देना तथा शुल्क मे छूट प्रदान कर इन्हे प्रोत्साहित करना ।
- विद्यालय एवं उच्च व तकनीकि शिक्षा – नियमित अध्ययनरत तथा दूरस्थ शिक्षा से जुड़े हुए विद्यार्थियो को महिला विषय विशेषज्ञों से ऑन लाईन प्रशिक्षण, विद्यार्थियों को दी जाने वाली स्कूल ड्रेस की सिलाई, राजकीय छात्रावासों में उपयोग में लिये जाने वालें वस्त्रों बेडसीटो, पद, इत्यादि की धुलाई.
- कार्मिक विभाग – विभिन्न विभागो के स्तर से वर्क फ्रॉम होम के माध्यम से करवाएं जा सकने वाले कार्यों यथा टाईपिंग, डिक्टेशन, डॉक्यूमेंटेशन इत्यादि का चिन्हिकरण कर निर्देश जारी करना ।
- महिला अधिकारिता विभाग – विभाग के अन्तर्गत काउंसलिंग सेवाएं वर्क फ्रॉम होम- जॉब वर्क के तहत करवाना।