डिजिटल करेंसी क्या होती है

जब हम Crypto Currency में लेन – देन करते है तो उसकी जानकारी blockchain में दर्ज किया जाता है, अर्थात उसे एक ब्लाक में रखा जाता है और इसका पूरा कार्य online के माध्यम से ही होता है, जहा पर एक देश से दुसरे के बिच में एक मध्यस्थ होती है.
Digital Currency (डिजिटल करेंसी) क्या है?
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विश्व में इंटरनेट के प्रयोग से सभी प्रकार की सेवाओं को प्राप्त करने के तरीके में जबरदस्त सुधार देखने को मिल रहा है | इसी क्रम में करेंसी के स्वरूप में भी भारी बदलाव हुआ है | अब करेंसी नोटों और सिक्को से बदल कर डिजिटल हो गयी जिसका प्रयोग सेवाओं और वस्तुओं को खरीदने में किया जाता है | डिजिटल आदान- प्रदान से खुले पैसे और रुपयों को लेकर चलने की समस्या का समाधान हो गया है | आप इंटरनेट की सहायता से सीधे बैंक के खाते से रुपयों का भुगतान कर सकते है | इस पेज पर डिजिटल करेंसी क्या है, लाभ, हानि, उपयोग के विषय में बताया जा रहा है डिजिटल करेंसी क्या होती है |
डिजिटल करेंसी क्या है (What is Digital Currency)?
वस्तुओं को खरीदने और सेवाओं को ग्रहण करने के लिए भुगतान के रूप में देने वाली राशि नोटों या पैसों में नहीं होती है | यह एक खाते से दूसरे खाते में ट्रांसफर की जाती है | इस प्रकार की राशि को छू कर महसूस नहीं किया जा सकता है | यह केवल वर्चुअल रूप से उपस्थित रहती है |
आज हमारे सामने डिजिटल करेंसी रेड कॉइन, सिया कॉइन, एसवाईएस कॉइन (सिस्कोइन), वॉइस कॉइन, मोनेरो, बिटकॉइन के रूप में उपलब्ध है | इस प्रकार की करेंसी पर किसी एक राष्ट्र का अधिकार नहीं होता है |
लाभ (Advantage)
- डिजिटल करेंसी के माध्यम से वस्तुओं को घर बैठे ख़रीदा और बेचा जा सकता है |
- यह करेंसी आपको एक वॉलेट में उपलब्ध रहती है |
- डिजिटल करेंसी में निवेश करने के बाद आप अपनी संपत्ति में बढ़ोत्तरी कर सकते है |
- डिजिटल करेंसी के मूल्य में परिवर्तन होता रहता है |
- डिजिटल करेंसी के प्रयोग को अभी तक सरकार द्वारा मान्यता प्रदान नहीं की गयी |
- इसका प्रयोग जोखिमों के अधीन माना गया है |
- किसी संस्था का इस पर नियंत्रण नहीं जिस कारण किसी प्रकार का घोटाला होने पर जवाबदेय कोई नहीं है |
- यदि इस में किसी प्रकार का घाटा होता है, सम्पूर्ण जिम्मेदारी यूजर्स की होती है |
उपयोग (Use)
- डिजिटल करेंसी का उपयोग ऑनलाइन वस्तुओं को खरीदने और सेवाओं को ग्रहण करने के लिए किया जाता है |
- डिजिटल करेंसी को लेकर चलने की आवश्यकता नहीं है आप किसी भी स्थान से वस्तु को खरीद सकते है |
- भारत में रिजर्व बैंक ने डिजिटल करेंसी को न प्रयोग करने का निर्देश जारी किया है | भारत में अभी इस प्रकार की करेंसी को प्रतिबंधित नहीं किया गया है |
यहाँ पर हमनें डिजिटल करेंसी क्या है, लाभ, हानि, उपयोग के विषय में जानकारी उपलब्ध करायी है, यदि इस जानकारी से सम्बन्धित आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न आ रहा है, अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है, हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहे है |
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लोगों ने डिजिटल वॉलेट्स का इस्तेमाल डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी दोनों को रखने के लिए शुरू कर दिया, और अकसर लोग क्रिप्टोकरेंसी को डिजिटल करेंसी कहते दिख जाते हैं, लेकिन इन दोनों में फर्क है.
डिजिटल करेंसी सरकारी फ्लैट करेंसी यानी रुपया, डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म को कहते हैं. डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल कॉन्टैक्टलेस पेमेंट करने में किया जाता है, जैसे कि आप जब अपने बैंक अकाउंट से किसी और के बैंक अकाउंट में पैसे भेजते हैं या फिर अपने फोन में किसी पेमेंट ऐप का इस्तेमाल कर रहे होते हैं, तो आप फ्लैट मनी में ही ट्रांजैक्शन कर रहे होते हैं, लेकिन फ्लैट मनी के ही इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म को ही डिजिटल करेंसी कहते हैं. जब आप इसी पैसे को एटीएम से निकाल लेते हैं, तो वो कैश बन जाता है.
लेकिन क्रिप्टोकरेंसी एक वर्चुअल करेंसी है, इसका कोई फिजिकल फॉर्म नहीं है, आप इसे छू नहीं सकते हैं. इसकी वैल्यू इसे असाइन की गई कीमत में है. इन्हें डिजिटल कॉइन्स भी कहते हैं. क्रिप्टो इकोसिस्टम में बिटकॉइन, ईथर और डॉजकॉइन जैसी कई दूसरी डिजिटल कॉइन्स हैं. इन कॉइन्स को हाई-फाई कंप्यूटरों पर ऑनलाइन माइनिंग के जरिए जेनरेट किया जाता है और अधिकतर देशों में इनपर कोई सरकारी नियमन नहीं है. ये एडवांस्ड ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर काम करती हैं और कह सकते हैं कि ये खुद का नियमन खुद करती हैं.
2. दोनों की सिक्योरिटी और इस्तेमाल
डिजिटल करेंसी को एन्क्रिप्शन की जरूरत नहीं पड़ती है, लेकिन हां, यूजर्स को अपने डिजिटल वॉलेट्स यानी की बैंकिंग ऐप या पेमेंट ऐप्स को स्ट्रॉन्ग पासवर्ड के जरिए सेफ रखना पड़ता है. इसके अलावा डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड को पासवर्ड के जरिए सुरक्षित रखना होता है. डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल किसी भी उपलब्ध ऑनलाइन माध्यम से और हर उस चीज के लिए किया जा सकता है, जिसके लिए नकदी की जरूरत पड़ती है.
वहीं, क्रिप्टोकरेंसी को सुरक्षा के लिए बहुत मजबूत और जटिल एन्क्रिप्शन की जरूरत पड़ती है. क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग करने या इसे डिजिटल करेंसी क्या होती है खरीदने-बेचने के लिए सबसे पहले तो आपके पास बैंक अकाउंट और डिजिटल करेंसी की जरूरत पड़ेगी. उसके बाद आपको किसी क्रिप्टो एक्सचेंज पर ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होगा. वहां से डिजिटल करेंसी से क्रिप्टोकरेंसी खरीदनी होगी, उसके बाद आप क्रिप्टोकरेंसी में निवेश शुरू करेंगे.
3. डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी का नियमन
जैसाकि हम पहले कह चुके हैं, डिजिटल करेंसी फ्लैट मनी का ही इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म है, ऐसे में इसका नियमन भी वही संस्थाएं देखती हैं जो फ्लैट करेंसी का नियमन देखती हैं. फ्लैट करेंसी की एक निश्चित नियामक संस्था होती है, जो मौद्रिक नीतियां बनाती है और मॉनेटरी सिस्टम पर कंट्रोल रखती हैं. भारत में रुपया का नियम रिजर्व बैंक देखता है, वहीं डिजिटल करेंसी के ट्रांजैक्शन को संबंधित अथॉरिटी देखती है.
लेकिन वहीं, क्रिप्टोकरेंसी एक डिसेंट्रलाइज़्ड सिस्टम पर बना हुआ है, यानी इसका कोई एक नियामक बिंदु नहीं है, जहां से इसपर नियंत्रण रखा जाता है या फिर इसपर नियम कानून लागू किए जाते हैं. इसे कोई एक संस्था नियमित नहीं करती है. क्रिप्टो मार्केट में जितने भी ट्रांजैक्शन होते हैं, उन्हें हर कोई देख सकता है. इसके लिए एक पब्लिक लेज़र होता है, जो सबके लिए कहीं भी उपलब्ध रहता है.
4. दोनों की स्थिरता
डिजिटल करेंसी सामान्यतया स्थिर ही रहती है. करेंसी में हल्का-उतार चढ़ाव रहता है, जिससे बाजार में अचानक तूफान नहीं आता. ऊपर से विश्व भर में इसे मान्यता मिली हुई है तो इसके ट्रांजैक्शन में कोई दिक्कत नहीं आती है. वहीं, क्रिप्टोकरेंसी बाजार बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव का शिकार होता है. यहां पर बहुत ज्यादा अनिश्चितता होती है. वैसे भी क्रिप्टो अभी बहुत नया है. नये बाजार में अनिश्चितता और उतार-चढ़ाव रहना बहुत ही सामान्य बात है.
डिजिटल करेंसी या फ्लैट करेंसी का सिस्टम बहुत ही प्राइवेट है. इसके ट्रांजैक्शन की जानकारी बस सेंडर, रिसीवर और बैंकिंग अथॉरिटी को रहती है. वहीं, क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में जो भी ट्रांजैक्शन हो रहा है, उसकी जानकारी सबको होती है. सभी ट्रॉन्जैक्शन पब्लिक लेज़र यानी बहीखाते में दर्ज होते हैं. इससे सिस्टम में पारदर्शिता बनी रहती है.
क्रिप्टोकरंसी पर प्रतिबंध लगाकर डिजिटल करंसी शुरू करने की तैयारी में मोदी सरकार, जानें दोनों में क्या है अंतर
केंद्र की मोदी सरकार निजी क्रिप्टोकरंसी पर प्रतिबंध लगाकर डिजिटल करंसी शुरू करने की तैयारी में है। संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरंसी पर प्रतिबंध लगाने के लिए विधेयक लाया जाएगा। इसके बाद भारतीय रिजर्व बैंक देश में जल्द ही डिजिटल करंसी पेश करेगा। ऐसे में अगर आप डिजिटल और क्रिप्टोकरंसी में फर्क को लेकर ऊहापोह में हैं तो हम आपके मन में उठ रहे सभी सवालों के जवाब दे रहे हैं। आइए जानते हैं कि डिजिट करंसी क्रिप्टोकरेंसी से कितना अलग है।
क्रिप्टोकरेंसी बाजार में बनी रहेगी: पेटीएम संस्थापक
वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनी पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा ने बृहस्पतिवार को कहा कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर जताई जा रही तमाम आपत्तियों के बावजूद यह आभासी मुद्रा बनी रहने वाली है। शर्मा ने उद्योग मंडल इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी)के एक कार्यक्रम को 'ऑनलाइन' संबोधित करते हुए कहा कि क्रिप्टोकरेंसी असल में सुरक्षित संचार तकनीकों के अध्ययन वाली विधा क्रिप्टोग्राफी पर आधारित मुद्रा है।
उन्होंने कहा, 'क्रिप्टो सिलिकॉन वैली की तरफ से वॉल स्ट्रीट को एक जवाब है। मैं इसे लेकर खासा सकारात्मक हूं। कुछ वर्षों में यह हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन चुके इंटरनेट की तरह मुख्यधारा की प्रौद्योगिकी हो जाएगी।'
क्रिप्टोकरेंसी के नियमन के लिए भारत में विधेयक लाने की तैयारी चल रही है। इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक भी इसके दुरुपयोग को लेकर गहरी आशंका जता चुका है। इस संदर्भ में पेटीएम संस्थापक ने कहा कि इस डिजिटल मुद्रा के बारे में इस समय भ्रम की स्थिति है। उन्होंने कहा, 'हर सरकार इसे लेकर संशयग्रस्त है। लेकिन अगले पांच वर्षों में यह मुख्यधारा की प्रौद्योगिकी बन जाएगी।' हालांकि उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी परंपरागत मुद्रा की जगह नहीं ले पाएगी।
सबसे लोकप्रिय डिजिटल करेंसी बिटक्वाइन (Most popular digital currency bitcoin)
आज से समय में सबसे ज्यादा लोकप्रिय और मूल्यवान क्रिप्टो करेंसी बिटक्वाइन ही है, और दूसरा इथेरियम पसंदीदा क्रिप्टो करेंसी है अगर हम टाप टेन डिजिटल मुद्राओं की बात करें तो इनमें पोल्काडॉट, लाइटक्वाइन, टेथर, डिजिटल करेंसी क्या होती है डॉजक्वाइन सहित अन्य भी शामिल है
बजार में बिटक्वाइन का ही ज ज्यादा माग था और जैसे -जैसे समय बीतता गया वैसे ही समय के साथ ये बाजार बढ़ता गया और डिजिटल मुद्राएं हजारों की संख्या में चलने लगी. आज डिजिटल करेंसी क्या होती है से समय में क्रिप्टो के कारोबार दुनिया के ज्यादातर देशो में फैल गया है .
कंप्यूटर सिस्टम के माध्यम से संचालित
Crypto Currency एक प्रकार की डिजिटल कैश प्रणाली है Crypto Currency blockchain के माध्यम से कम करती है, और कंप्यूटर एल्गोरिदम पर बनी है इस पर किसी भी देश या सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। इसके लोकप्रियता में इस कदर इजाफा रहा है की जहा पर कई देश ऐसे भी है जो लीगल कर चुके है अल सल्वाडोर में तो डिजिटल मुद्रा पर केंद्रित बिटक्वाइन सिटी बनाने की तैयारी भी शुरू हो गया है .
ब्लॉकचेन उसे कहते है जिसमे क्रिप्टो करेंसी का लेन-देन करने के लिए जिस प्रणाली का इस्तेमाल किया जाता है डिजिटल करेंसी इनक्रिप्टेड होती हैं इसको एक कंप्यूटर नेटवर्क के द्वारा नियंत्रित जाता है, ब्लॉकचेन प्रत्येक लेन-देन का डिजिटल हस्ताक्षर द्वारा सत्यापन किया जाता है.
इसमें क्रिप्टोग्राफी की मदत से नियंत्रित होती है. इसमे सभी काम कंप्यूटर नेटवर्क के द्वारा चलता है , कोई भी लेन देन होता है इसकी जानकारी ब्लॉकचेन में दर्ज की जाती है, अर्थात उसे एक ब्लॉक में रख दिया जाता है .
इस तरह खरीदी जाती है क्रिप्टो करेंसी (This is how crypto currency is bought)
Crypto Currency को खरीदने के दो तरीके है इसमे सबसे आसन तरीका है इन्हें क्रिप्टो एक्सचेंज के जरिए खरीदना, सैकड़ों Crypto Currency दुनिया भर में एक्सचेंज पर काम कर रहे है भारत में कम कर रहे जेबपे, वजीरएक्स, क्वाइनस्विच कुबेर, डीसीएक्स गो समेत कई एक्सचेंज संचालित है.
क्वाइनबेस और बिनान्से जैसे अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म भी इसमे मौजूद हैं जहा से इथेरियम, टेथर, बिटक्वाइन, और डॉजक्वाइन समेत दुनिया भर की सभी डिजिटल मुद्राएं खरीदी जा सकती हैं।
ब्लॉग: डिजिटल करेंसी का स्वागत कीजिए
Highlights डिजिटल करेंसी क्या होती है डिजिटल करेंसी एक नंबर होता है जिसे आप अपने मोबाइल अथवा कम्प्यूटर पर रख सकते हैं. कई केंद्रीय बैंकों ने डिजिटल करेंसी जारी करने का मन बनाया है. डिजिटल करेंसी केंद्रीय बैंक के गैरजिम्मेदाराना व्यवहार से हमारी रक्षा नहीं करती है.
भारतीय रिजर्व बैंक डिजिटल करेंसी जारी करने पर विचार कर रहा है. डिजिटल करेंसी हमारे नोट की तरह ही होती है. अंतर यह होता है कि यह कागज पर छपा नोट नहीं होता है बल्कि यह एक नंबर मात्र होता है जिसे आप अपने मोबाइल अथवा कम्प्यूटर पर संभाल कर रख सकते हैं.
उस नंबर को किसी के साथ साझा करते ही उस नंबर में निहित रकम सहज ही दूसरे व्यक्ति के पास पहुंच जाती है.