इक्विटी फंड्स क्या हैं

Equity Mutual Funds: शेयर बाजार में उठापटक के बावजूद मई महीने में इक्विटी म्यूचुअल फंड में आया 18,529 करोड़ रुपये का निवेश
AMFI Data: एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स ( AMFI) ने मई महीने के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश के आंकड़े जारी किए हैं जिसके मुताबिक इक्विटी म्यूचुअल फंड में 18,529.43 करोड़ रुपये का निवेश आया है.
By: ABP Live | Updated at : 09 Jun 2022 05:29 PM (IST)
Investment In Equity Mutual Funds In May: मई महीने में भले ही शेयर बाजार (Share Market) में विदेशी निवेशकों ( Foreign Investors) की भारी बिकवाली के चलते उठापटक देखने को मिला हो. लेकिन म्यूचुअल फंड ( इक्विटी फंड्स क्या हैं Mutual Fund) में निवेश करने वाले निवेशकों ( Investors) का बाजार पर भरोसा बरकरार है. क्योंकि बाजार में उतार चढ़ाव के बावजूद मई महीने में इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीमों ( Equity Mutual Fund Schemes) में जबरदस्त निवेश देखने को मिला है.
मई महीने में इक्विटी फंड में आया जबरदस्त निवेश
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स ( AMFI) ने मई महीने के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश के आंकड़े जारी किए हैं जिसके मुताबिक इक्विटी म्यूचुअल फंड में 18,529.43 करोड़ रुपये का निवेश आया है. जिसमें से सबसे ज्यादा निवेश फ्लेक्सी कैप फंड्स में आया है. फ्लेक्सी कैप फंड्स में मई महीने में कुल 2938.93 करोड़ रुपये का निवेश आया है. लार्ज कैप बाजार में उतार चढ़ाव के मद्देनजर निवेशकों का पसंद बना हुआ है और इस फंड में 2485.37 करोड़ रुपये निवेश आया है. मिड कैप में 1831.54 करोड़, सेक्टोरल फंड में 2291 करोड़ रुपये और स्मॉल कैप में 1767 करोड़ रुपये का निवेश आया है.
Debt Fund आउटफ्लो
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स के मुताबिक डेट म्यूचुअल फंड ( Debt Mutual Fund) में मई महीने में 32,775 करोड़ रुपये का आउटफ्लो देखने को मिला है. जबकि अप्रैल में 54,756 करोड़ रुपये का इनफ्सो देखने को मिला था. ईटीएफ ( ETF) में 6.056 करोड़ रुपये का इनफ्लो देखने को मिला है, वही इंडेक्स फंड में 5,723 करोड़ रुपये का निवेश आया है.
इक्विटी पर निवेशकों का भरोसा बरकरार
बहरहाल इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश के आंकड़े से साफ है कि बाजार में उतार चढ़ाव के बावजूद निवेशकों को बेहतर रिटर्न की उम्मीद है. निवेशकों ने बाजार में गिरावट के बावजूद सिस्टमैटिक इवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए अपने निवेश को बरकरार रखा है.
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Published at : 09 Jun 2022 05:29 PM (IST) Tags: Mutual Funds SIP Equity Mutual Funds Large cap funds AMFI Mid Cap Funds Flexi Cap Funds हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
म्यूचुअल फंड्स क्या हैं? – Mutual Funds kya hain?
म्यूचुअल फंड एक एैसा फंड है जो एैसेट मैनेजमेंट कंपनीस / कंपनीज (एएमसी) द्वारा मैनेज किया जाता है जिसमे ये कंपनीस कई इन्वेस्टर्स से पैसा जमा करती है और स्टॉक, बॉन्ड और शार्ट-टर्म डेट जैसी सिक्युरिटीज में पैसा इन्वेस्ट करती है।
म्यूचुअल फंड की कंबाइंड होल्डिंग्स को पोर्टफोलियो के रूप में जाना जाता है। इन्वेस्टर्स म्यूचुअल फंड के यूनिट्स खरीदते हैं। प्रत्येक यूनिट फंड में इन्वेस्टर के हिस्से के ओनरशिप और इससे होने वाली इनकम का रिप्रजेंटेशन करता है।
म्यूचुअल फंड इन्वेस्टर्स के बीच एक लोकप्रिय विकल्प (पॉपुलर ऑप्शन) हैं क्योंकि वे आम तौर पर निचे दिये गये विशेषताएं प्रदान करते हैं:
फंड प्रोफेशनल तरीके से मैनेज करते हैं:
फंड मैनेजर इन्वेस्टर्स के लिए रिसर्च करते हैं। वे सिक्युरिटीज का सिलेक्शन करते हैं और उनके परफॉरमेंस को मॉनिटर करते हैं।
फंड् diversification:
म्यूचुअल फंड आमतौर पर कई कंपनियों और इंडस्ट्रीज में इन्वेस्ट करते हैं। यह एक कंपनी के फ़ैल होने पर इन्वेस्टर्स के रिस्क को कम करने में मदद करता है।
लिक्विडिटी (Liquidity)
इन्वेस्टर्स आसान तरीके से अपने यूनिट्स को किसी भी समय रिडीम कर सकतें हैं।
इन्वेस्टर्स के पास म्यूचुअल फंड में अपना पैसा लगाने और अपनी संपत्ति बढ़ाने के कई विकल्प हैं। उदाहरण के लिए, इक्विटी (Equity) फंड्स, बॉन्ड फंड्स (फिक्स्ड इनकम फंड्स), डेट फंडस या फिर फंड्स जिनमे दोनों में इन्वेस्ट किया जा सकता हो, याने :बैलेंस फंड्स।
इक्विटी: शेयर्स (कॉमन स्टॉक), म्युचुअल फंड (MF): किसी कंपनी के शेयर खरीदना।
- इक्विटी शेयरस लिक्विडिटी प्रदान करता; आप इनके वैल्यू बढ़ने पर, इन्हे बेच कर पैसा कमा सकतें है। कैपिटल मार्केट में आसानी से बिकता हैं।
- अधिक लाभ की स्थिति में इनसे हाई रेट पर प्रॉफिट प्राप्त होता है।
- इक्विटी शेयर होल्डर्स को कंपनी के मैनेजमेंट को नियंत्रित करने का कलेक्टिव अधिकार देता ह।
- इक्विटी शेयर होल्डर्स को दो तरह से लाभ मिलता है, वार्षिक डिविडेंट और शेयर होल्डर्स के इन्वेस्टमेंट पर उसके मूल्य में वृद्धि होने के कारन से होने वाला लाभ ।
- इक्विटी शेयरस में हाईएस्ट रिस्क होता है।
- म्युचुअल फंड (MF) इसके तुलना में कम रिस्की होता है।
- बहुत सारे इन्वेस्टर्स का कलेक्टिव फंड, एसेट मैनेजिंग कंपनीज द्वारा, अलग अलग सेक्टर्स के कंपनीज के शेयर्स खरीदने के लिए इन्वेस्ट कर, इन्वेस्टर्स को लाभ दिलाने के उद्देश्य से किया जाता है।
- डेट फंडस (स्टॉक और एमएफ) : जब किसी कंपनी को फंड्स की ज़रूरत होती है तो वह इन्वेस्टर्स के पास से पैसा उधर इक्विटी फंड्स क्या हैं के तौर पर लेती है। बदले में, वे एक स्थिर और नियमित इंटरेस्ट इन्वेस्टर्स को देना का वादा करती है। इस प्रकार, सरल शब्दों में, डेट फंड्स काम करते हैं।
- इनकम फण्ड: इसमें इंटरेस्ट पर निर्णय लिया जाता है और मुख्य रूप से एक्सटेंडेड मचुरिटी वाले डेट सिक्युरिटीज में इन्वेस्ट किया जाता। यह उन्हें डायनेमिक बॉन्ड फंड की तुलना में अधिक स्थिर बनाता है। इनकम फंड की एवरेज मैच्योरिटी लगभग पांच से छह साल की होती है।
- शॉर्ट-टर्म और अल्ट्रा शॉर्ट-टर्म डेट फंड: ये डेट फंड हैं जो एक साल से लेकर तीन साल तक की कम पीरियड के मैच्योरिटी वाले इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं। कंसरवेटिव इन्वेस्टर्स शॉर्ट-टर्म फंड में इन्वेस्ट करना पसंद करते हैं, क्योंकि ये फंड इंटरेस्ट रेट के उतार-चढ़ाव से ज्यादा प्रभावित नहीं होते हैं।
- लिक्विड फंड: लिक्विड फंड 91 दिनों से अधिक की मैच्योरिटी वाले डेट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश नहीं करते हैं। यह उन्हें लगभग रिस्क फ्री बनाता है। लिक्विड फंडों ने शायद ही कभी नेगेटिव रिटर्न दिया है । ये फंडस हायर यील्ड्स के साथ साथ लिक्विडिटी भी प्रदान करते हैं। कई म्यूचुअल फंड कमनीयाँ लिक्विड फंड इन्वेस्टमेंट पर इक्विटी फंड्स क्या हैं इंस्टेंट रिडेम्पशन (तत्काल पैसा निकलपने) की फैसिलिटी प्रदान करती हैं।
- गिल्ट फंड: ये फंड केवल हाई रेटेड क्रेडिट, सरकारी सिक्युरिटीज में, जिन में बहुत कम रिस्क होता है, में इन्वेस्टइन्वेस्ट करते है। इस वज़ह से फिक्स्ड इनकम वाले इन्वेस्टर्स के बीच लोकप्रिय हैं, क्योकि वे ज्यादा रिस्क नहीं लेना चाहतें हैं।
- क्रेडिट अपॉर्चुनिटीज फंड (FMP): ये तुलनामूलक नए डेट फंड हैं। अन्य डेट फंडों के तुलना में, क्रेडिट अपॉर्चुनिटीज फंड डेट इंस्ट्रूमेंट्स की मेचूरिटी पीरियड के अनुसार इन्वेस्ट नहीं करते हैं। ये फंड क्रेडिट रिस्क्स के अनुसार या हाई इंटरेस्ट रेट वाले, कम-रेटेड बॉन्डस में इनवेस्टेड रह कर हाईेर रिटर्न्स कमाने का प्रयास करते हैं। क्रेडिट अपॉर्चुनिटीज फंड रीलेटिव्ली रिस्की डेट फंड हैं।
- फिक्स्ड मेचुरीटी प्लॉनस :(FMP) क्लोज-एंडेड डेट फंड हैं। ये फंड फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज में भी इन्वेस्ट करते हैं। सभी FMP का एक फिक्स्ड समय होता है, जिस दौरान आपका पैसा लॉक-इन रहता है। यह समय महीनों या वर्षों में हो सकता है। आप केवल इनिशियल ऑफ़र पीरियड के दौरान ही इसमें इन्वेस्ट कर सकते हैं। यह एक फिक्स्ड डिपाजिट की तरह है जो बेहतर, टैक्स एफिसिएंट रिटर्न दे सकता है, लेकिन हाई रिटर्न की गारंटी नहीं देता है।
- बैलेंस्ड या हाइब्रिड म्यूचुअल फंड, वन-स्टॉप (one -stop) इन्वेस्टमेंट ऑप्शन हैं जो इक्विटी और डेट दोनों सेगमेंट में इन्वेस्टमेंट ऑफर करते हैं। हाइब्रिड फंड का मुख्य उद्देश्य रिस्क-रिवॉर्ड के रेश्यो को बैलेंस करना और इन्वेस्टमेंट पर रेतुर्न को ऑप्टिमाइज़ (optimize) करना है।
इन सारे प्रकार के म्यूच्यूअल फंड्स में भी और खास तरह के फंड्स में इन्वेस्ट किया जा सकता है, जैसे सेक्टर-फंड् – जैसे फार्मा, हैल्थ केयर, बैंकिंग, आई टी, आदि, विशेष प्रकार के इंडस्ट्री में इन्वेस्ट करने का मौका देता है और ग्रोथ-फंड्स इन्वेस्टर्स को उन कम्पनीज के शेयर्स में इन्वेस्टमेंट पर फोकस प्रदान करता है जिनके कैपिटल वैल्यू में वृद्धि (Capital appreciation) हो ।
इक्विटी फंड्स में निवेश की बना रहे योजना, इन स्कीम में हुई निवेशकों की बड़ी कमाई
ऐसे निवेशक जो जोखिम उठा सकते हैं और लंबी अवधि में ऊंचा रिटर्न पाने की उम्मीद रखते हैं उनके लिये इक्विटी फंड्स निवेश का अच्छा विकल्प होते हैं. ये फंड्स स्टॉक्स में निवेश करते हैं और निवेशकों को बाजार की ग्रोथ का ज्यादा से ज्यादा फायदा दिलाने की कोशिश करते हैं
TV9 Bharatvarsh | Edited By: सौरभ शर्मा
Updated on: Apr 16, 2022 | 6:42 PM
बाजार में निवेश (Investment) की योजना बना रहे आम निवेशकों को म्युचुअल फंड्स (Mutual Funds) में निवेश की सलाह दी जाती है. ये फंड्स कई तरह के होते हैं जिसमें निवेश पर जोखिम के अलग अलग स्तर होते हैं और इसी के आधार पर कम या ज्यादा रिटर्न (Return) मिलता है. बाजार में निवेश करने वाले निवेशक हमेशा ऐसी स्कीम की तलाश करते हैं जो उन्हें ज्यादा से ज्यादा रिटर्न दें. म्युचुअल फंड्स में ये खासियत इक्विटी फंड्स के पास होती है. इक्विटी फंड्स में अन्य स्कीम के मुकाबले रिटर्न ज्यादा होता है लेकिन इसमे जोखिम भी ज्यादा होता है .आज हम आपको बता रहे हैं ऐसे दो फंड्स जिनका रिटर्न काफी अच्छा रहा है. ये फंड्स मनी कंट्रोल के द्वारा चुने गए हैं. इन फंड्स की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इनकी क्रिसिल रेटिंग 4 स्टार से ऊपर है. इनका प्रदर्शन एक साल के रिटर्न के आधार पर दिया गया है. ध्यान रखें यहां स्कीम का प्रदर्शन दिया गया है ये निवेश सलाह नहीं है. अगर आप निवेश करना चाहते तो पहले स्कीम्स के आगे के प्रदर्शन को लेकर किसी जानकार से राय ले सकते हैं.
क्या होते हैं इक्विटी फंड्स
इक्विटी फंड्स म्युचुअल फंड्स की वो स्कीम होती हैं जिसमें फंड्स का अधिकांश हिस्सा कंपनियों के स्टॉक्स में निवेश किया जाता है. इन्हें ग्रोथ फंड भी कहते हैं. ये फंड उन निवेशकों के लिये सही होते हैं तो जोखिम उठा कर लंबी अवधि में ऊंचे रिटर्न की उम्मीद करते इक्विटी फंड्स क्या हैं हैं. शेयरों का चुनाव अलग अलग तरह से किया जाता है . स्कीम लार्ज कैप, स्मॉल कैप या मिड कैप या फिर मल्टी कैप के आधार पर स्टॉक्स का चुनाव करती है. इसके साथ ही अलग अलग सेक्टर या थीम के आधार पर भी स्टॉक्स का चुनाव किया जा सकता है.पोर्टफोलियो में शामिल स्टॉक्स के आधार पर ही स्कीम का रिटर्न और जोखिम तय होता है. आम तौर पर लार्ज कैप फंड्स में जोखिम दूसरे इक्विटी फंड्स से कम रहता है. अगर आप भी थोड़ा जोखिम उठा कर लंबी अवधि में ऊंचा रिटर्न पाना चाहते हैं तो देखिये बीते एक साल में ऊंची रेटिंग वाले किन लार्ज कैप फंड्स ने निवेशकों को ऊंचा रिटर्न दिया है.
Tata Large Cap Fund – Direct Plan – Growth
टाटा म्युचुअल फंड के इस लार्ज कैप फंड स्कीम ने बीते एक साल में निवेशकों को 24.40 प्रतिशत का रिटर्न दिया है. वहीं बेंचमार्क निफ्टी 100 टीआरआई का रिटर्न 23 प्रतिशत रहा है. वहीं इस कैटेगरी का औसत रिटर्न करीब 23 प्रतिशत है. स्कीम का फंड साइज 1176 करोड़ रुपये है. वहीं एक्सपेंस रेश्यो 1.66 प्रतिशत है. स्कीम में अगर किसी शख्स ने एक साल पहले 10000 रुपये का निवेश किया होगा तो उसके निवेश का मूल्य फिलहाल 12441 रुपये हो गया होगा. वहीं 5 साल में 10000 रुपये बढ़कर 18914 रुपये हो चुके होंगे. वहीं स्कीम में एक हजार रुपये की एसआईपी के जरिये एक साल में 12000 रुपये का निवेश 12728 रुपये हो चुका है. वहीं पांच साल में एसआईपी के जरिये 60 हजार रुपये बढ़कर 90 हजार रुपये से ज्यादा बन चुके हैं. स्कीम के पोर्टफोलियो में 50 स्टॉक हैं इसमें से 77 प्रतिशत निवेश लार्ज कैप स्टॉक्स में है. पोर्टफोलियो में शामिल अहम स्टॉक्स में आईसीआईसीआई बैंक, इंफोसिस, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक आदि शामिल हैं.
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BNP Paribas Large Cap Fund – Direct Plan – Growth
इस स्कीम में एक साल का रिटर्न 21 प्रतिशत से ज्यादा रहा है. बीएनपी पारिबा एमएफ के इस लार्ज कैप फंड का फंड साइज 1305 करोड़ रुपये है. वहीं एक्सपेंस रेश्यो 1 प्रतिशत है, जबकि इस कैटेगरी में औसत एक्सपेंस रेश्यो 1.11 प्रतिशत है. स्कीम में एक साल पहले निवेश किये गये 10 हजार रुपये बढ़कर अब 12112 के स्तर पर पहुंच गये हैं, वहीं 5 साल में 10 हजार रुपये बढ़त के साथ 19662 रुपये के स्तर पर हो गये हैं. वहीं एक हजार रुपये की एसआईपी एक साल में 12 हजार रुपये के कुल निवेश को बढ़ाकर 12633 रुपये तक पहुंचा चुकी है. 5 साल में एसआईपी के जरिये निवेश किये गये 60 हजार रुपये फिलहाल 90 हजार रुपये से ऊपर पहुंच चुके हैं. स्कीम में 37 स्टॉक्स में निवेश किया गया है और निवेश का करीब 75 प्रतिशत हिस्सा लार्ज कैप में है. स्कीम के पोर्टफोलियो में आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी और आरआईएल जैसे दिग्गज नाम शामिल हैं.
म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट कैसे करे – आसान हिन्दी में बेहतरीन आर्टिकल्स की एक शुरुआती गाइड
म्युचुअल फंड इन्वेस्टमेंट हर एक इन्वेस्टर के बीच काफ़ी लोकप्रिय हैं । जिसका कारण है इससे मिलने वाले फायदे। इसके कईं फायदों में से कुछ सबसे महत्वपूर्ण फ़ायदे नीचे दिए हैं, जो इन्वेस्टर्स को अपनी ओर खींचते है और जिसकी वजह से –
- इन्वेस्टर्स कितनी भी राशि के साथ शुरुआत कर सकते हैं ( 500 जितना कम भी )
- इन्वेस्टर्स, अलग-अलग स्टॉक्स और डेट,गोल्ड जैसे इंस्ट्रूमेंट्स में इन्वेस्ट कर सकते हैं
- हर महीने ऑटोमेटेड इन्वेस्मेंट्स शुरू कर सकते हैं (SIP)
- डीमैट अकाउंट खोले बिना भी इन्वेस्ट कर सकते हैं
शुरुआती इन्वेस्टर्स के लिए इस म्युचुअल फंड इन्वेस्टमेंट गाइड में हमने कुछ आर्टिकल्स को आपके लिए चुना है। जो म्युचुअल फंड को समझने में और कैसे इन्वेस्ट करना शुरू करें, इसमें आपकी मदद करेंगे। हम सुझाव देंगे कि आप इस पेज को बुकमार्क कर लें ताकि आप इन आर्टिकल्स को अपनी सुविधा के अनुसार कभी भी पढ़ सकें।
1.म्युचुअल फंड्स की जानकारी
अगर आप म्युचुअल फंड्स और उसके प्रकारों के बारे में पहले से जानते हैं, तो आप सीधे अगले सेक्शन पर जा सकते है । ये 5 आर्टिकल्स, म्युचुअल फंड्स और उसके प्रकारों के बारे में सारी ज़रूरी जानकारी देंगे । हम टैक्स सेविंग फंड्स पर भी एक विशेष आर्टिकल दे रहे हैं।
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और ये कैसे काम करते हैं?
- म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करना बनाम डायरेक्ट इक्विटी
- . म्युचुअल फंड्स के फायदे और नुकसान
- टैक्स सेविंग(ईएलएसएस) फंड्स
2.म्युचुअल फंड्स का एक पोर्टफ़ोलियो बनाना
म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करने का सही तरीका है – सबसे पहले इसका पोर्टफोलियो बनाना । एक पोर्टफोलियो, म्युचुअल फंड का एक समूह होता है। यह आपको अपने इन्वेस्टमेंट के लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेगा। आपका सारा रिटर्न् आपके पूरे पोर्टफोलियो पर टिका होता है, ना इक्विटी फंड्स क्या हैं कि किसी एक विशेष फंड पर। इस सेक्शन में, हम यह सीखेंगे कि म्युचुअल फंड पोर्टफोलियो कैसे तैयार किया जाता है।
- पोर्टफोलियो इन्वेस्टिंग क्या है कैसे तैयार किया जाए
- अपने पोर्टफोलियो के लिए सही म्युचुअल फंड चुनना
- म्युचुअल फंड को कब बेचें
3.म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करना
कईं शुरुआती इन्वेस्टर्स म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करने की प्रक्रिया को मुश्किल मानकर उसमें इन्वेस्ट करने से कतराते हैं। ये आर्टिकल्स ऐसे ही शुरुआती इन्वेस्टर्स को म्युचुअल फंड को समझने में और इन्वेस्टमेंट शुरू करने में मदद करेंगे।
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और ये म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करने के लिए ज़रूरी क्यों है (SIP) के द्वारा इन्वेस्ट करना
4.कुछ और महत्वपूर्ण जानकारियाँ
म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करते समय कुछ ज़रूरी बातें है, जिनकी जानकारी हर शुरुआती इन्वेस्टर को होनी चाहिए । इन बातों को समझे बिना इन्वेस्ट करने से, रिटर्न्स पर काफ़ी बुरा असर पड़ सकता है।
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- इन्वेस्टमेंट से जुड़ी भाषा की जानकारी
जहाँ म्युचुअल फंड्स की बात आती है वहाँ आमतौर पर लिस्ट में दिए गए इन शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है । हालाँकि शुरुआती इन्वेस्टर्स को इन सभी शब्दों को याद रखने की ज़रूरत नहीं है, आप किसी भी शब्द को सीखने के लिए, ग्लोसरी (डिक्शनरी) के तौर पर इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।