मुद्रा व्यापार

क्या होगा व‍िदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का असर?

क्या होगा व‍िदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का असर?
विदेशी मुद्रा बाजार में अस्थिरता को कम करने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार की प्रभाव पूर्ण भूमिका होती है।

Forex Reserve : भारत के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार, चिंता करने की जरूरत नहीं : अजय सेठ

What is foreign currency reserves, क्या है विदेशी मुद्रा भंडार, क्या हैं इसके मायने ?

Foreign currency reserve kya hai:- किसी भी देश के इकॉनमी के क्या होगा व‍िदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का असर? लिए विदेशी मुद्रा भंडार का होना बहुत ही जरुरी है। इस लेख में हम नजर डालने वाले है क्या होता है विदेशी मुद्रा भंडार, क्या हैं इसके मायने ? और इससे संबधित महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में… किसी भी देश के इकॉनमी के लिए विदेशी मुद्रा भंडार का होना बहुत ही जरुरी है। ऐसा माना जाता है कि जिसे देश की विदेशी मुद्रा भंडार ज्यादा होगा उस देश के लिए अच्छा रहेगा। विदेशी मुद्रा भंडार किसी भी देश के केंद्रीय बैंक द्वारा रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां हैं ताकि जरूरत पड़ने पर वह अपनी देनदारियों का भुगतान कर सकें। इस तरह की मुद्राएं केंद्रीय बैंक जारी करता है।

दरअसल 1990 में चंद्रशेखर प्रधानमंत्री के सात महीने के शासन काल में देश की आर्थिक स्थिति बेहद खराब थी। तब भारत की इकॉनमी भुगतान संकट में फंसी हुई थी। इसी समय रिजर्व बैंक ने 47 टन सोना गिरवी रख कर कर्ज लेने का फैसला किया। उस समय के गंभीर हालात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार 1.1 अरब डॉलर ही रह गया था। भारत की मुद्रा रुपया है, लेकिन अर्थव्यवस्था के लिए ज़्यादा डॉलर का होना बहुत ज़रूरी है। वर्ल्ड इकॉनमी में किस देश की आर्थिक सेहत सबसे मज़बूत है, इसका निर्धारण इससे भी होता है कि उस देश का विदेशी मुद्रा भंडार कितना भरा हुआ है।

What is Foreign currency reserve/Foreign currency reserve kya hai ?

विदेशी क्या होगा व‍िदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का असर? मुद्रा भंडार किसी देश के केंद्रीय बैंक द्वारा रखी गई विदेशी मुद्रा या अन्य परिसंपत्तियां हैं। विदेशी मुद्रा भंडार में विदेशी मुद्रा (foreign exchange), गोल्ड रिजर्व( Gold reserve, एसडीआर और आईएमएफ कोटा डिपाजिट(), ट्रेज़री बिल (क्या होगा व‍िदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का असर? Treasury bills), बॉन्ड और अन्य सरकारी प्रतिभूतियों () शामिल होतीं हैं। जरूरत क्या होगा व‍िदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का असर? पड़ने पर इस भंडार से देनदारियों का भुगतान किया जाता है। विदेशी क्या होगा व‍िदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का असर? मुद्रा भंडार को फॉरेक्स रिजर्व भी कहा जाता है। RBI (Reserve Bank Of India) भारत में विदेशी मुद्रा भंडार का संरक्षक है।

दुनिया भर के विदेशी मुद्रा भंडार में प्रभुत्व डॉलर का ही यानि डॉलर सबसे उपर है। आप बाज़ार जाते हैं तो जेब में रुपए लेकर जाते हैं। इसी तरह भारत को किसी अन्य देश से तेल ख़रीदना होता है तो वहां रुपए नहीं डॉलर देने होते हैं। जैसे उदाहरण को तौर पर समझे तो भारत ने फ़्रांस से रफ़ाल लड़ाकू विमान ख़रीदा तो भुगतान डॉलर में करना पड़ा न कि रुपए में। मतलब रुपया राष्ट्रीय मुद्रा है, लेकिन भारत को अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए डॉलर की शरण में ही जाना पड़ता है।

इकोनॉमी के लिए क्यों जरूरी है फॉरेक्स रिजर्व?

देश की इकॉनमी में विदेशी मुद्रा भंडार का अहम योगदान होता है। इसे एक उदाहरण से समझते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर नवंबर 1990 में सात महीनों के शासन काल में देश की आर्थिक स्थिति बेहद खराब थी। तब भारत की इकॉनमी भुगतान संकट में फंसी हुई थी। इसी समय रिजर्व बैंक ने 47 टन सोना गिरवी रख कर कर्ज लेने का फैसला किया। उस समय के गंभीर हालात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार 1.1 अरब डॉलर ही रह गया था। हालात यह हो गई थी कि इतनी रकम तीन हफ्तों के आयात के लिए पर्याप्त नहीं थी।

किसी भी वस्तु या सेवा की क़ीमत उसकी मांग और आपूर्ति पर निर्भर करती है। अगर रुपए की मांग कम है तो उसकी क़ीमत भी कम होगी और डॉलर की मांग ज़्यादा है, लेकिन उसकी आपूर्ति कम है तो उसकी क़ीमत ज़्यादा होगी। आपूर्ति तब ही पर्याप्त होगी जब उस देश का विदेशी मुद्रा भंडार पर्याप्त होगा।

Foreign Exchange: भारत के विदेशी मुद्रा भंडार 20.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 532.868 अरब डॉलर रहा

By: ABP Live | Updated at : 14 Oct 2022 07:47 PM (IST)

विदेशी मुद्रा भंडार

Foreign Exchange Reserves: भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार गिरावट देखी जा रही थी. भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के आंकड़े के अनुसार भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) 10 वें सप्ताह में पहली बार अप्रत्याशित रूप से बढ़ा है. भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 7 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 20.4 करोड़ क्या होगा व‍िदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का असर? डॉलर बढ़कर 532.868 अरब डॉलर पर पंहुच गया. आपको बता दे कि सुरक्षित सोने के भंडार का मूल्य बढ़ने से विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि हुई है. इसके पिछले हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 4.854 अरब डॉलर घटकर 532.664 अरब डॉलर पर आ गया था. मालूम हो कि पिछले साल अक्टूबर 2021 में देश का विदेश मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर था.

Forex Reserve : भारत के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार, चिंता करने की जरूरत नहीं : अजय सेठ

Dollar vs Rupee: सेठ ने बताया विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आने का कारण विदेशी मुद्रा प्रवाह में कमी और व्यापार घाटा बढ़ना है. यह कोई चिंता वाली बात नहीं है. डॉलर के मुकाबले रुपया अबतक के सबसे निचले स्तर 81.67 पर आ गया था.

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40 साल में पहली बार निगेटिव में गई भारत की GDP, जानिए इससे आप पर होगा क्या असर?

इस वित्त वर्ष में सरकार का राजकोषीय घाटा GDP के 13% पर पहुंच जाएगा: SBI Report

  • News18Hindi
  • Last Updated : August 31, 2020, 18:51 IST

नई दिल्ली. रिजर्व बैंक (RBI-Reserve Bank of India) ने जीडीपी ग्रोथ नेगेटिव (India GDP Negative) में रहने का आदेशा पहले ही दे चूका था. कोरोना (Coronavirus) के कारण अप्रैल से जून के इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 23.9 फीसदी की रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई है. सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2020-21 की अप्रैल से जून तिमाही के लिए क्या होगा व‍िदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का असर? जीडीपी के आंकड़े जारी कर दिये हैं. थोड़ी देर पहले आए कोर सेक्टर के आंकड़ों ने भी निराश किया है. जुलाई महीने में आठ इंडस्ट्री के उत्पादन में 9.6 फीसदी की गिरावट आई है. आइए आपको बताते हैं कि जीडीपी के गिरने का आप पर क्या असर होगा.

विदेशी मुद्रा भंडार और स्वर्ण भंडार में जारी है गिरावट का दौर

विदेशी मुद्रा भंडार और स्वर्ण भंडार में एक बार फिर गिरावट का दौर जारी होता नज़र आ रहा है। क्योंकि पिछले कुछ समय से दोनों के आंकड़ों में ही गिरावट दर्ज हुई है। इसका खुलासा RBI द्वारा जारी आंकड़ों से हुआ।

Kavita Singh Rathore

Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। देश में जितना भी विदेशी मुद्रा भंडार और स्वर्ण भंडार जमा होता है, उसके आंकड़े समय-समय पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किए जाते हैं। इन आंकड़ों में हमेशा ही उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। काफी समय तक विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) में गिरावट के बाद पिछले सप्ताह दर्ज हुई बढ़त के बाद अब एक बार फिर इसमें बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। उधर यही हाल स्वर्ण भंडार (Gold Reserves) का भी नज़र आ रहा है। इस बात का खुलासा RBI द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ों से हुआ है। बता दें, यदि विदेशी मुद्रा परिस्थितियों में बढ़त दर्ज की जाती है तो, कुल विदेशी विनिमय भंडार में भी बढ़त दर्ज होती है।

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