इन्वेस्टिंग

म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट कैसे करे – आसान हिन्दी में बेहतरीन आर्टिकल्स की एक शुरुआती गाइड
म्युचुअल फंड इन्वेस्टमेंट हर एक इन्वेस्टर के बीच काफ़ी लोकप्रिय हैं । जिसका कारण है इससे मिलने वाले फायदे। इसके कईं फायदों में से कुछ सबसे महत्वपूर्ण फ़ायदे नीचे दिए हैं, जो इन्वेस्टर्स को अपनी ओर खींचते है और जिसकी वजह से –
- इन्वेस्टर्स कितनी भी राशि के साथ शुरुआत कर सकते हैं ( 500 जितना कम भी )
- इन्वेस्टर्स, अलग-अलग स्टॉक्स और डेट,गोल्ड जैसे इंस्ट्रूमेंट्स में इन्वेस्ट कर सकते हैं
- हर महीने ऑटोमेटेड इन्वेस्मेंट्स शुरू कर सकते हैं (SIP)
- डीमैट अकाउंट खोले बिना भी इन्वेस्ट कर सकते हैं
शुरुआती इन्वेस्टर्स के लिए इस म्युचुअल फंड इन्वेस्टमेंट गाइड में हमने कुछ आर्टिकल्स को आपके लिए चुना है। जो म्युचुअल फंड को समझने में और कैसे इन्वेस्ट करना शुरू करें, इसमें आपकी मदद करेंगे। हम सुझाव देंगे कि आप इस पेज को बुकमार्क कर लें ताकि आप इन आर्टिकल्स को अपनी सुविधा के अनुसार कभी भी पढ़ सकें।
1.म्युचुअल फंड्स की जानकारी
अगर आप म्युचुअल फंड्स और उसके प्रकारों के बारे में पहले से जानते हैं, तो आप सीधे अगले सेक्शन पर जा सकते है । ये 5 आर्टिकल्स, म्युचुअल फंड्स और उसके प्रकारों के बारे में सारी ज़रूरी जानकारी देंगे । हम टैक्स सेविंग फंड्स पर भी एक विशेष आर्टिकल दे रहे हैं।
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और ये कैसे काम करते हैं?
- म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करना बनाम डायरेक्ट इक्विटी
- . म्युचुअल फंड्स के फायदे और नुकसान
- टैक्स सेविंग(ईएलएसएस) फंड्स
2.म्युचुअल फंड्स का एक पोर्टफ़ोलियो बनाना
म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करने का सही तरीका है – सबसे पहले इसका पोर्टफोलियो बनाना । एक पोर्टफोलियो, म्युचुअल फंड का एक समूह होता है। यह आपको अपने इन्वेस्टमेंट के लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेगा। आपका सारा रिटर्न् आपके पूरे पोर्टफोलियो पर टिका होता है, ना कि किसी एक विशेष फंड पर। इस सेक्शन में, हम यह सीखेंगे कि म्युचुअल फंड पोर्टफोलियो कैसे तैयार किया जाता है।
- पोर्टफोलियो इन्वेस्टिंग क्या है कैसे तैयार किया जाए
- अपने पोर्टफोलियो के लिए सही म्युचुअल फंड चुनना
- म्युचुअल फंड को कब बेचें
3.म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करना
कईं शुरुआती इन्वेस्टर्स म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करने की इन्वेस्टिंग प्रक्रिया को मुश्किल मानकर उसमें इन्वेस्ट करने से कतराते हैं। ये आर्टिकल्स ऐसे ही शुरुआती इन्वेस्टर्स को म्युचुअल फंड को समझने में और इन्वेस्टमेंट शुरू करने में मदद करेंगे।
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और ये म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करने के लिए ज़रूरी क्यों है (SIP) के द्वारा इन्वेस्ट करना
4.कुछ और महत्वपूर्ण जानकारियाँ
म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करते समय कुछ ज़रूरी बातें है, जिनकी जानकारी हर शुरुआती इन्वेस्टर को होनी चाहिए । इन बातों को समझे बिना इन्वेस्ट करने से, रिटर्न्स पर काफ़ी बुरा असर पड़ सकता है।
- म्युचुअल फंड्स पर टैक्स
- म्युचुअल फंड्स से पैसे निकालने पर एग्ज़िट लोड
- म्युचुअल फंड्स का एक्सपेंस रेशो
- इन्वेस्टमेंट से जुड़ी भाषा की जानकारी
जहाँ म्युचुअल फंड्स की बात आती है वहाँ आमतौर पर लिस्ट में दिए गए इन शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है । हालाँकि शुरुआती इन्वेस्टर्स को इन सभी शब्दों को याद रखने की ज़रूरत नहीं है, आप किसी भी शब्द को सीखने के लिए, ग्लोसरी (डिक्शनरी) के तौर पर इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
SMART INVESTING : क्या है निवेश का स्मार्ट तरीका, कैसे मिल सकता है आपको बेहतर रिटर्न
यह तरीका सोचने में अच्छा लगता है कि किसी स्टॉक को कम कीमत पर खरीदो और कीमत ज्यादा होने पर बेच दो. लेकिन इस तरीके में जोखिम काफी ज्यादा होता है.
स्मार्ट इनवेस्टर जानते हैं कि बाजार को लेकर किसी भी तरह की भविष्यवाणी नहीं की जा सकती.
SMART INVESTING : बाजार में निवेश करते समय निवेशकों की सबसे बड़ी चिंता ज्यादा रिटर्न का पीछा करने में शामिल जोखिमों को लेकर होती है. स्मार्ट इनवेस्टर अच्छी तरह जानते हैं कि बाजार को लेकर किसी भी तरह की भविष्यवाणी नहीं की जा सकती. छोटी अवधि में किसी भी निवेश पर फायदा या नुकसान हो सकता है लेकिन ज्यादा रिटर्न की चाहने वाले निवेशक लंबी अवधि तक निवेश करना पसंद करते हैं. अक्सर बाजार में टाइम इन द मार्केट (Time in the market) और टाइमिंग द मार्केट (Timing the market) को लेकर बहस होती रहती है. कई निवेशक निवेश करते समय किसी स्टॉक के भविष्य के बाजार मूल्य का अनुमान लगाने की कोशिश करते हैं. इसमें जोखिम काफी ज्यादा होता है. निवेश की इस रणनीति को ही टाइमिंग द मार्केट कहते हैं. इसके उलट, कई निवेशक लंबी अवधि के लिए निवेश करते हैं. ऐसे निवेशक यह अनुमान लगाने की कोशिश किए बिना स्टॉक खरीदते हैं कि बाजार में कब तेजी या मंदी होगी. निवेश की इस रणनीति को टाइम इन द मार्केट कहा जाता है. अब सवाल यह है कि दोनों में बेहतर रणनीति क्या है.
टाइमिंग द मार्केट
टाइमिंग द मार्केट का मतलब यह है कि एक निवेशक स्टॉक के भविष्य के शेयर की कीमत का अनुमान लगाने की कोशिश कर रहा है. हालांकि यह तरीका सोचने में अच्छा लगता है कि कम कीमत पर खरीदो और कीमत ज्यादा होने पर बेच दो. लेकिन इस तरीके में जोखिम काफी ज्यादा होता है. हो सकता है कि किसी दिन आपकी ‘किस्मत’ अच्छी हो और आपको इस रणनीति से ज्यादा रिटर्न मिल जाए, पर इस रणनीति की सबसे बड़ी कमजोरी ‘किस्मत’ ही है. किसी दिन ऐसा भी हो सकता है कि आपकी किस्मत अच्छी ना हो ओर आपको काफी ज्यादा नुकसान हो जाए. स्टॉक मार्केट में भविष्य के बारे में किसी भी तरह का अनुमान नहीं लगाया जा सकता. स्टॉक की कीमतें तेजी के साथ बदलती हैं, इसका मतलब यह है कि आपका अनुमान हमेशा सटीक नहीं हो सकता. अगर आपको कोई भी वित्तीय सलाहकार इस रणनीति के साथ निवेश की सलाह देता है तो आपको सचेत हो जाना चाहिए. टाइमिंग द मार्केट में कई बार आपको बहुत ज्यादा नुकसान उठाना पड़ सकता है. अगर आप ब्रोकर की मदद ले रहे हैं तो बार-बार ट्रेडिंग करने से ब्रोकरेज कमीशन की लागत बढ़ जाती है. जितना अधिक स्टॉक खरीदा और बेचा जाता है, उतना ही ज्यादा कमीशन ब्रोकर कमाता है. इसमें सबसे बुरी बात यह है कि इस कमीशन का भुगतान निवेशक को ही करना होता है, भले ही उसे बाजार में नुकसान उठाना पड़ रहा हो.
टाइम इन द मार्केट
टाइम इन द मार्केट, टाइमिंग द मार्केट से बिल्कुल अलग है क्योंकि इस रणनीति में छोटी अवधि के लिए भविष्यवाणी नहीं किए जाते. यहां निवेशक यह अनुमान लगाने की कोशिश नहीं करेगा कि बाजार अपने सबसे निचले स्तर पर है या उच्चतम स्तर पर. इसमें निवेशक को स्टॉक खरीदते समय यह पता होता है कि हो सकता है उसकी टाइमिंग सही ना हो, लेकिन लंबी अवधि में वह स्टॉक ज्यादा रिटर्न दे सकती है. अगर स्टॉक फंडामेंटली स्ट्रांग है और उसमें लंबी अवधि में ज्यादा रिटर्न देने की संभावनाएं हैं, तो ऐसे में शॉर्ट टर्म में उस स्टॉक की कीमत में होने वाला उतार-चढ़ाव से ज्यादा फर्क नहीं पड़ता.
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यह रणनीति साबित करती है कि बाजार को समय देना और धैर्य बनाकर रखना, छोटी अवधि के निवेश से ज्यादा फायदेमंद है. जब कोई किसी शेयर को 10 साल के लिए अपने पास रखता है, तो चक्रवृद्धि और इनवेस्टमेंट ग्रोथ के सकारात्मक प्रभाव से बढ़िया रिटर्न मिलता है. धैर्य के साथ निवेश करने वाले निवेशकों को रिटर्न ज्यादा मिलता है. लंबी अवधि में ज्यादा रिटर्न जनरेट करने के लिए बाजार में समय बिताना जरूरी होता है. ऐसा करने से, निवेशक नेचुरल मार्केट साइकिल पर काबू पा लेता है. कुछ लोगों को बाजार में ज्यादा समय बिताना मुश्किल लग सकता है, लेकिन उन्हें यह समझना इन्वेस्टिंग चाहिए लंबी अवधि में उनका फाइनेंशियल गोल क्या है. समय के साथ स्थिर ग्रोथ के लिए इंतजार करके, स्मार्ट निवेशक अपनी लंबी अवधि के वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं.
(इस आर्टिकल को Parthajit Kayal और Malvika Saraf ने लिखा है. Kayal मद्रास स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं, वहीं Saraf मद्रास स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से हाल ही में ग्रेजुएट हुए हैं.)
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मैपलट्री लॉजिस्टिक्स ट्रस्ट ने खरीदी लॉजिस्टिक्स फर्म
सिंगापुर मेंं सूचीबद्ध मैपलट्री लॉजिस्टिक्स ट्रस्ट (एमएलटी) ने मॉर्गन स्टैनली रियल एस्टेट इन्वेस्टिंग की इकाई से लॉजिस्टिक्स फर्म केएसएच इन्फ्रा की खरीद 455 करोड़ रुपये मेंं की है। केएसएच इन्फ्रा के पास पुणे में वेयरहाउसिंग परिसंपत्तियों का स्वामित्व है।
इस लेनदेन से मैपलट्री लॉजिस्टिक्स ट्रस्ट ने भारत के लॉजिस्टिक्स बाजार में प्रवेश कर लिया है। पुणे में दो वेयरहाउसिंग व इंडस्ट्रियल लॉजिस्टिक्स पाक्र्स का कुल क्षेत्रफल करीब 10 लाख वर्गफुट है और उसे ब्लूचिप मल्टीनैशनल को पट्टे पर दिया गया है।
मॉर्गन स्टैनली रियल एस्टेट इन्वेस्टिंग इनवेस्टिंग ने साल 2019 में केएसएच इन्फ्रा की बहुलांश हिस्सेदारी करीब 350 करोड़ रुपये में खरीदी थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल सिंगापुर की रियल एस्टेट ऐसेट मैनेजर मैपलट्री इन्वेस्टमेंट्स ने चाकण में 12 लाख वर्गफुट वेयरहाउस का एक हिस्सा 5 करोड़ डॉलर में खरीदा।
इस लेनदेन में मॉर्गन स्टैनली रियल एस्टेट इन्वेस्टिंग की इकाई व केएसएच इन्फ्रा के अन्य शेयरधारकों की वित्तीय सलाहकार एवेंडस कैपिटल थी। ई-कॉमर्स आदि की बढ़त को देखते हुए कई वैश्विक फर्म वेयरहाउसिंग के क्षेत्र में बड़ा दांव लगा रही है।
पिछले साल दिसंबर में सिंगापुर की जीआईसी और ईएसआर ने देश में वेयरहाउसिंग परियोजना के लिए 75 करोड़ डॉलर का संयुक्त उद्यम गठित किया। ईएसआर ने हाल में पुणे के पास चाकण में 38 एकड़ क्षेत्र में इंडस्ट्रियल व लॉजिस्टिक्स पाक्र्स विकसित करने की योजना की घोषणा की है।
मॉर्गन स्टैनली रियल एस्टेट इन्वेस्टिंग इंडिया के कार्यकारी निदेशक विनीत सक्सरिया ने कहा, एवेंडस की टीम ने काफी मूल्यवान दिशानिर्देश मुहैया कराया और इस परिसंपत्ति
वर्ग में उनकी गहरी समझ सराहनीय है।
एवेंडस कैपिटल के निदेशक व प्रमुख (इन्फ्रा ऐंड रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट बैंंकिंग) प्रतीक झावर ने कहा, मैपलट्री लॉजिस्टिक्स की तरफ से अधिग्रहण भारत में वैश्विक रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट के पहले प्रत्यक्ष निवेशों में से एक है और यह वेयरहाउसिंग व लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में एवेंडस की बाजार में अग्रणी स्थिति को रेखांकित करता है।
सेविंग बनाम इन्वेस्टिंग
सेविंग और इन्वेस्टमेंट दो शर्तें हैं, जिनका इस्तेमाल फाइनेंशियल क्षेत्र में व्यापक रूप से किया गया है. हालांकि, कम ही लोग जानते हैं कि यह कैसे अलग हैं, और फाइनेंशियल लक्ष्य प्राप्त करने में आपकी मदद कैस कर सकते हैं. सेविंग और इन्वेस्टमेंट के बीच अंतर पर विस्तृत है.
सेविंग क्या है?
एक छोटी सी राशि को अलग करने और उसे बेहद सुरक्षित व लिक्विड विकल्प में रखने के प्रोसेस को सेविंग कहते हैं. नियमित रूप से सेविंग करने की आदत से आपको एक अच्छी-खासी राशि इकट्ठी करने में मदद मिलेगी जो आपातकालीन स्थितियों में बड़ी काम की साबित हो सकती है. आप अपने सेविंग लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक समयसीमा तय कर सकते हैं, और कार खरीदने या वेकेशन के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं. ऐसे मामलों में, अपने इन्वेस्टमेंट का इस्तेमाल करना एक बेहतर विकल्प है.
वर्तमान समय में, सेविंग की अधिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता है, ताकि कोई जोखिम न हो. लोग फिक्स्ड इनकम प्रदान करने वाले विकल्प, जैसे कि फिक्स्ड डिपॉजिट, प्रॉविडेंट फंड या सरकारी बचत योजनाओं में इन्वेस्ट करना चाहते हैं, जिन पर निश्चित रिटर्न मिलता है. सेविंग्स अकाउंट ऐसा ही एक विकल्प है, जिसमें प्रति वर्ष 3-5% से शुरू ब्याज़ दरें प्रदान की जाती हैं.
इन्वेस्टमेंट क्या है?
इन्वेस्टमेंट के तहत स्टॉक, बॉन्ड और रियल एस्टेट जैसे उच्च-ग्रोथ वाले इंस्ट्रुमेंट में फंड लगाया जाना शामिल है, क्योंकि इन फंड में तेजी से वृद्धि की संभावना है. आमतौर पर, किसी भी इन्वेस्टमेंट से संबंधित एक अंतर्निहित जोखिम होती है, जिसके आधार पर इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट को कम जोखिम और उच्च-जोखिम वाले इंस्ट्रूमेंट के तहत वर्गीकृत किया जा सकता है. आमतौर पर, कम जोखिम वाले इंस्ट्रुमेंट शॉर्ट-टर्म लक्ष्यों के लिए बेहतर ढंग से कार्य करते हैं, जबकि अधिक जोखिम वाले इंस्ट्रुमेंट में लंबे समय तक के लिए इन्वेस्ट किए जाते हैं.
आइए सेविंग और इन्वेस्ट करने के बीच महत्वपूर्ण अंतर देखते हैं:
सेविंग और इन्वेस्ट करने के बीच मुख्य अंतर
सेविंग | इन्वेस्टिंग |
---|---|
कम रिटर्न | उच्चतम रिटर्न |
पैसा धीमी व स्थिर गति से बढ़ता है | पैसे की उच्चतर और तेज़ वृद्धि की संभावना अधिक है |
आमतौर पर, आपकी सेविंग पर रिटर्न सुनिश्चित होता है | अधिकांश इन्वेस्टमेंट टूल, जोखिम वाले होते हैं, और उनके रिटर्न मार्केट से प्रभावित होते हैं |
सेविंग अकाउंट/शॉर्ट-टर्म डिपॉजिट में उपलब्ध पैसे | स्टॉक, शेयर, बॉन्ड और रियल एस्टेट में पैसे |
जोखिम पसंद न करने वाले लोग, जो अपनी बचत को बढ़ाना चाहते हैं, उनके लिए एफडी में पैसे इन्वेस्ट करना एक बेहतरीन विकल्प है. सबसे सुरक्षित साधनों में से एक, फिक्स्ड डिपॉजिट उन लोगों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है, जो स्थिरता के साथ बचत में वृद्धि चाहते हैं. सबसे अधिक ब्याज दर प्रदान करने वाले बैंकों और एनबीएफसी के बारे में जानकारी प्राप्त करें और अपनी बचत का एक हिस्सा एफडी स्कीम में इन्वेस्ट करें. बजाज फाइनेंस एफडी, प्रति वर्ष 7.85%* तक की आकर्षक ब्याज दरें प्रदान करता है, जो सेविंग अकाउंट पर प्रदान की जाने वाली दरों से अधिक होती हैं.
जोखिम रहित निवेश विकल्पों के साथ शुरुआत करने में कभी कोई देरी या जल्दी नहीं होती है. आज ही शुरूआत करें और अपने पैसे को बढ़ता देखें.
5 Best Stock Market Books In Hindi 2022 (Best For ट्रेडिंग & इन्वेस्टिंग)इन्वेस्टिंग
आज की इस post में मैं आपको बताऊंगा 5 Best Stock Market Books In Hindi 2022 (Best For ट्रेडिंग & इन्वेस्टिंग). जिसकी मदद से आप भी अपनी trading और investing की journey में बहुत अच्छा पैसा कमा सकते हो.
अगर देखा जाये तो आज की तारीख में trading और investing यानि कि Stock Market हर एक आदमी के लिए कमाई करने का एक जरिया बन गया है. हर कोई यहाँ पर अपनी कमाई गयी income को invest करके अच्छा खासा return निकाल रहा है. अगर हम सिर्फ बात करे Nifty50 की तो पिछले 10 वर्षो में निफ़्टी ने 12% से 13 % तक का average return दिया है जो किसी भी भारतीय saving account या फिर fixed deposit से कई ज़्यादा है.
अब यहाँ सवाल ये आता है कि कोई सामान्य व्यक्ति जिसे stock market के बारे में कोई जानकरी नहीं है वो इसमें अपनी journey की शुरुआत कैसे कर सकता है. तो इसका जो सबसे आसन और सरल तरीका है वो है stock market books– जो आपको financial market और स्टॉक मार्केट को समझने में help करेगी ताकि आप भी अपनी stock market की journey में आगे बढ़ सके.
इस post में मैं आपको स्टॉक मार्केट की सबसे बेस्ट बुक्स की जानकारी दी है जिन्हें पढने के बाद आप stock market में invest करना start कर सकते हो और धीरे-धीरे अपने लिए एक बेहतर portfolio तैयार कर इन्वेस्टिंग सकते हो.
Best Stock Market Books 2022
अब नीचे जो मैं आपको बेस्ट स्टॉक मार्केट बुक्स बताने वाला हूँ उन्हें कई तरह के factors को धयान में रख कर rank किया गया है इसी वजह से इन books को हर Stock Market Beginner, Intraday Trader और Investor पढ़ सकता है. और अगर आप इन books को पढने के बाद इनमे जो छोटे-छोटे steps बताये गए है उनको अपनी daily life में habit बना लेते हो तो आपको इससे अपनी life में काफी ज़्यादा changes नज़र आने लगेंगे.
1. The Psychology Of Money
The Psychology of Money by Morgan Housel
- Author : Morgan Housel
- Rating : 4.6 ★★★★★ (32K)
- Price : ₹250 to ₹400
- Number of Pages : 252
- Good For : Beginners
किसी भी Stock Market Beginner के लिए ये एक must read book है – जो आपको बताती है कि पैसा कैसे काम करता है और कैसे आप पैसो के साथ अपने बर्ताव को बदल कर मेजिकल तरीके से wealth बना सकते हो. इस book में आपको rich इन्वेस्टिंग होने और wealthy होने में फ़र्क बताया गया है.
साथ ही छोटी-छोटी savings से compounding wealth कैसे बनाई जाती है इसे भी समझने में मदद करती है. अगर एक लाइन में इस book कि importance आपको समझाऊं तो अगर आप अमीर बनाना और अमीर बने रहना चाहते हैं तो उसके लिए सबसे पहले आपको इस book को पढना होगा. इस book को पढने के बाद आपका एक money mindset बन जायेगा जो काफी ज्यदा ज़रूरी है अमीर बनने के लिए.
2. A Beginner’s Guide To The Stock Market
Beginner’s Guide To The Stock Market by Matthew R Kratter
- Author : Matthew R Kratter
- Rating : 4.4 ★★★★☆ (11K)
- Price : ₹1200 to ₹1500
- Number of Pages : 98
- Good For : Beginners
इस book के बारे में बताने से पहले मैं आपको इस book के author Matthew R Kratter के बारे में बता देता हूँ जिससे कि आप इस book की अहमियत को समझ पाए.
Matthew R Kratter को financial field में लगभग 20 साल का अनुभव है, साथ ही वो एक Trader University के founder भी है जहाँ वो Best Investment और Intraday Trading भी सिखाते हैं. ये book पूरी तरह से beginners के लिए जहाँ आप stock market के basic level को समझ सकते हो और फिर Trading और Investing start कर सकते हो. हालाँकि ये book USA के stock market को ध्यान में रखकर लिखी गयी है लेकिन आज की तारीख में global stock market एक ही जैसे काम करता है इसीलिए किसी भी देश का व्यक्ति इसे पढ़ सकता है.
3. Coffee Can Investing
Coffee Can Investing by Saurabh Mukherjea
- Author : Saurabh Mukherjea
- Rating : 4.5 ★★★★☆ (3.1K)
- Price : ₹330 to ₹500
- Number of Pages : 288
- Good For : Beginners & Investors
Saurabh Mukherjea इस book के author है जो कि Marcellus Investment Managers के Founder इन्वेस्टिंग & CIO है साथ ही ये Clear Capital के Co-founder भी रह चुके हैं. ये book basically आपको Low Risk & High Return Strategy के बारे में बताती है. जहाँ पर सबसे ज़्यादा stock selection पर ध्यान दिया गया है और बताया गया है कि आपको investment से पहेल कौन-कौन से fundamentals clear कर लेने चाहिए.
मेरे according ये एक Retail Investor के लिए Best Indian Stock Market Books में से एक है जो उसको High Risk Investment से दूर रखती है और long term में एक अच्छी wealth बनाने में help करती है.
4. One Up On Wall Street
One Up On Wall Street by Peter Lynch
- Author : Peter Lynch
- Rating : 4.5 ★★★★☆ (5.6K)
- Price : ₹300 to ₹500
- Number of Pages : 304
- Good For : Investors & Traders
Peter Lynch द्वारा लिखी गयी ये book one of the best selling investment books में से एक है जो 1989 में publish हुई थी और इसकी 1M से भी ज़्यादा copy बिक चुकी है. Peter Magellan Fund के manager रह चुके हैं और उन्होंने 1977 से 1990 के बीच 29.2% annual return निकाला है जो किसी भी Investment Enstoolment से कहीं ज़्यादा है. ये book कुछ ऐसी basic strategies के बारे में बात करती है जिसका इस्तमाल करते आप Pro Investor & Trader से ज़्यादा return निकाल सकते हो. जिन लोगो को Stock Market में 6 महीने से 1 साल का वक़्त हो गया है वो इस book को पढ़ सकते हैं.
5. Learn To Earn
Learn To Earn by Peter Lynch
- Author : Peter Lynch
- Rating : 4.4 ★★★★☆ (1780)
- Price : ₹450 to ₹600
- Number of Pages : 270
- Good For : Investors
ये book भी Peter Lynch द्वारा लिखी गई है इसमें long term investment से related tips दी गयी है जो आपको आगे चल कर wealthy बनाने में मदद करती है. ये book किसी भी company में पैसा लगाने से पहले कौनसे check points को देखना चाहिए, जिसके बाद आप कैसे एक smart investment decision ले सकते हैं इसके बारे में बताती है. अगर आप real में एक investor बनाना चाहते हैं तो ये आपके लिए एक must read book हो सकती है.
दोस्तों मैं उम्मीद करता हूँ कि आपको ये list पसंद आई होगी और आप भी मुझे अपनी Best Stock Market Books के बारे में comment करके बता सकते हैं और इस list में आगे और भी books को add करते रहेंगे.