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श्रीमती उर्मिला राजोरिया ने बताया कि जिन्स तुलाई के लिए आने वाले कृषकों के लिए पेयजल, छाया तथा शीघ्र परिवहन की व्यवस्था कर दो दिवस में भण्डारण रसीदें जारी कराने के प्रयास किये जा रहे है।

RBI ने जो नोट सबसे पहले छापा था उसकी वैल्यू कितनी थी. पढ़िए भारतीय करेंसी से जुड़ी जनरल नॉलेज की बातें

By: ABP Live | Updated at : 22 Nov 2022 09:27 PM (IST)

भारतीय मुद्रा के बारे में सामान्य ज्ञान

Knowledge: जितनी पुरानी भारतीय सभ्यता है उतनी ही पुरानी है भारतीय करेंसी. भारत में सिक्कों का चलन 2000 साल पहले से ही हो रहा है. भारत के सिक्कों और नोट का इतिहास काफी दिलचस्प है. हालांकि, भारत में सिक्कों का चलन तो हजारों वर्षों से रहा है, लेकिन Note के रूप में मुद्रा का चलन ज्यादा पुराना नहीं है. समय के साथ-साथ सिक्कों को बनाने के लिए अलग-अलग तरह की धातुओं का इस्तेमाल किया जाता रहा है. प्राचीन काल के सिक्के सोने, चांदी, तांबे आदि जैसी धातुओं के बने होते थे. आज की ही तरह उस समय भी सोने और चांदी के सिक्कों का मूल्य बहुत ज्यादा हुआ करता था.

हमें यह तो पता है कि सिक्कों को अलग-अलग धातुओं से तैयार किया जाता है, लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि भारत में चलने वाले ये नोट किस चीज के बने होते है? आइए भारतीय करेंसी से जुड़े ऐसे ही कुछ रोचक सवालों का जवाब जानते हैं.

Tax Collection: चालू वित्त वर्ष में कर संग्रह चार लाख करोड़ रुपये का इजाफा होगा, राजस्व सचिव ने किया दावा

तरुण बजाज

राजस्व सचिव तरुण बजाज ने बुधवार को कहा कि भारत का कर संग्रह चालू वित्त वर्ष में बजट अनुमान से करीब चार लाख मूल्य सीमाएं करोड़ रुपये अधिक होगा। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा है कि कर राजस्व में वृद्धि जीडीपी वृद्धि की तुलना में अधिक बनी रहेगी, इसे अर्थव्यवस्था के फॉर्मल होने और इसके बेहतर अनुपालन से मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, "मार्च 2023 को समाप्त होने वाले इस वित्तीय वर्ष के लिए केंद्रीय बजट में निर्धारित कर संग्रह लक्ष्य लगभग 27.50 लाख करोड़ रुपये है।"

बजाज ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में व्यक्तिगत और कॉरपोरेट करों सहित प्रत्यक्ष कर संग्रह 17.50 लाख करोड़ रुपये के करीब रहेगा। अप्रत्यक्ष करों (सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क और जीएसटी) से 14 लाख करोड़ रुपये के करीब की आमदनी होगी।

विस्तार

राजस्व सचिव तरुण बजाज ने बुधवार को कहा कि भारत का कर संग्रह चालू वित्त वर्ष में बजट अनुमान से करीब चार लाख करोड़ रुपये अधिक होगा। मीडिया से बातचीत मूल्य सीमाएं में उन्होंने कहा है कि कर राजस्व में वृद्धि जीडीपी वृद्धि की तुलना में अधिक बनी रहेगी, इसे अर्थव्यवस्था के फॉर्मल होने और इसके बेहतर अनुपालन से मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, "मार्च 2023 को समाप्त होने वाले मूल्य सीमाएं इस वित्तीय वर्ष के लिए केंद्रीय बजट में निर्धारित कर संग्रह लक्ष्य लगभग 27.50 लाख करोड़ रुपये है।"

बजाज ने कहा कि चालू मूल्य सीमाएं वित्त वर्ष में व्यक्तिगत और कॉरपोरेट करों सहित प्रत्यक्ष कर संग्रह 17.50 लाख करोड़ रुपये के करीब रहेगा। अप्रत्यक्ष करों (सीमा शुल्क, उत्पाद मूल्य सीमाएं मूल्य सीमाएं मूल्य सीमाएं शुल्क और जीएसटी) से 14 लाख करोड़ रुपये के करीब की आमदनी होगी।

उन्होंने कहा कि 2022-23 में कुल कर संग्रह करीब 31.50 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। बजट में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर संग्रह 14.20 लाख करोड़ रुपये और चालू वित्त वर्ष के लिए 13.30 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया गया था, जिससे कुल आंकड़ा 27.50 लाख करोड़ रुपये हो गया।

न्यूनतम समर्थन मूल्य : कृषक पंजीयन सीमा को 20 प्रतिशत तक बढ़ाया

सहकारिता मंत्री श्री उदयलाल आंजना – फाइल फोटो

जयपुर, 24 मई। सहकारिता मंत्री श्री उदयलाल आंजना ने मंगलवार को बताया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर चना बेचान करने के लिए किसानों की पंजीयन सीमा को 20 प्रतिशत तक बढ़ाया गया है। राज्य के 22 जिलों के 152 केन्द्रों पर चने की निर्धारित पंजीकरण सीमा पूर्ण होने मूल्य सीमाएं के कारण पंजीयन सीमा में 20 प्रतिशत वृद्धि करने का निर्णय लिया गया है। इससे 7 हजार 693 और किसानों को लाभ मिलेगा। किसान 25 मई से चना बेचान के लिए पंजीयन करा सकेंगे। श्री आंजना ने बताया कि अब तक 97 हजार 388 किसानों ने चना विक्रय के लिए पंजीकरण करवाया है। इनमें से 68 हजार 925 किसानों को तुलाई दिनांक आवंटित कर दी गई है तथा 43 हजार 369 किसानों से 90 हजार 660 मीट्रिक टन चना खरीदा गया है, जिसकी राशि 474 करोड़ रूपए है। न्यूनतम समर्थन मूल्य चना खरीद 29 जून तक होगी। सहकारिता मंत्री ने बताया कि चना खरीद की पंजीयन सीमा 20 प्रतिशत बढ़ाने से राज्य के 22 जिलों यथा अजमेर, अलवर, बारां, भीलवाड़ा, बीकानेर, बूंदी, चित्तौडगढ़, दौसा, जयपुर, जैसलमेर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनू, जोधपुर, नागौर, पाली, राजसमंद, सवाईमाधोपुर, सीकर, श्रीगंगानगर, टोंक, उदयपुर जिलों के संबंधित 152 केन्द्रों पर किसान पंजीयन करवा सकेंगे। प्रबन्ध निदेशक, राजफैड श्रीमती उर्मिला राजोरिया ने बताया कि सरसों के बाजार भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य 5050 रूपए प्रति क्विंटल से अधिक होने के कारण किसान समर्थन मूल्य केन्द्रों पर न आकर बाजार में सरसों का विक्रय कर रहे हैं। श्रीमती राजोरिया ने यह भी बतलाया कि मौसम में आ रहे बदलाव के फलस्वरूप समस्त क्रय केन्द्र प्रभारियों को क्रय कृषि जिन्स चने को सुरक्षित रखने के लिए कारगर कदम उठाने के लिए निर्देशित किया गया जिसके तहत त्रिपाल आदि की व्यवस्था करने के लिए कहा गया है।

किसान कर रहे है देशव्यावी आंदोलन ! Kisan Andolan : MSP के मुद्दे पर किसान संगठन आंदोलन की मुद्रा में !

देश में 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए किसान नेताओं ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी के मुद्दे को फिर से खड़ा करने के लिए आंदोलन शुरू कर दिया है.

देश में 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए किसान नेताओं ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी के मुद्दे को फिर से खड़ा करने के लिए आंदोलन शुरू कर दिया है. फिलहाल मूल्य समूल्य सीमाएं ीमाएं इस संबंध में विभिन्न किसान संगठनों के बीच अनौपचारिक बातचीत चल रही है.

दिल्ली की सीमा पर साल भर चले किसानों के आंदोलन का नेतृत्व करने वाला संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) पिछले साल से बिखरने लगा है. यह मोर्चा अब कमजोर होता नजर आ रहा है. इस पृष्ठभूमि में एमएसपी गारंटी के मुद्दे पर संगठनों के बीच चर्चा शुरू हो गई है.

जय किसान आंदोलन के साथ-साथ संयुक्त किसान मोर्चा की संचालन समिति के सदस्यों में से एक अविक साहा ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी एक ऐसा मुद्दा है जिस पर किसी भी किसान संगठन में कोई मतभेद नहीं है. साथ ही हम मूल्य सीमाएं इस बात से भी सहमत हैं कि C2+50 प्रतिशत फॉर्मूले पर MSP तय होनी चाहिए.

साप्ताहिक समीक्षा बैठक: अधिकारियों की रोकी जाएगी वेतन वृद्धिः कलेक्टर

कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित हुई समय सीमा पत्रों की साप्ताहिक समीक्षा बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में सोमवार को समय सीमा पत्रों की साप्ताहिक समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में मुख्य रूप से कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस मौजूद रहे।

बैठक के दौरान कलेक्टर ने कहा कि जिन अधिकारियों के द्वारा सीएम हेल्पलाइन की लंबित शिकायतों के निराकरण की प्रगति संतुष्टि प्रतिशत से कम है, उनकी वेतन वृद्धि रोक दी जाएगी। सीएम हैल्पलाइन की लंबित शिकायतों की विभागवार समीक्षा करते हुए पाया गया है कि कुछ विभागों के द्वारा अच्छा कार्य किया गया है। बैठक में खाद्य विभाग, पीएचई, पीडब्ल्यूडी, शिक्षा, मूल्य सीमाएं महिला एवं बाल विकास, वित्त विभाग सहित अन्य विभागों की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि आप लोगों के विभाग में सीएम हेल्पलाइन शिकायतों हैं उनका निराकरण समय सीमा में करें।

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