निवेशकों पर क्या होगा असर

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मेक इन इंडिया
भारतीय अर्थव्यवस्था देश में मजबूत विकास और व्यापार के समग्र दृष्टिकोण में सुधार और निवेश के संकेत के साथ आशावादी रुप से बढ़ रही है । सरकार के नये प्रयासों एवं पहलों की मदद से निर्माण क्षेत्र में काफी सुधार हुआ है । निर्माण को बढ़ावा देने एवं संवर्धन के लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितम्बर 2014 को 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम की शुरुआत की जिससे भारत को महत्वपूर्ण निवेश एवं निर्माण, संरचना तथा अभिनव प्रयोगों के वैश्विक केंद्र के रुप में बदला जा सके।
'मेक इन इंडिया' मुख्यत: निर्माण क्षेत्र पर केंद्रित है लेकिन इसका उद्देश्य देश में उद्यमशीलता को बढ़ावा देना भी है। इसका दृष्टिकोण निवेश के लिए अनुकूल माहौल बनाना, आधुनिक और कुशल बुनियादी संरचना, विदेशी निवेश के लिए नये क्षेत्रों को खोलना और सरकार एवं उद्योग के बीच एक साझेदारी का निर्माण करना है।
मंदी के साये में दुनिया, अब RBI के फैसले से तय होगा भारत का भविष्य!
अमेरिका के सेंट्रल बैंक फेड रिजर्व द्वारा लगातार तीसरी बार ब्याज दर बढ़ाए जाने के बाद अब लगभग तय मान लिया गया है कि दुनिया फिर से मंदी की चपेट में आने वाली है। इस बात पर अमेरिकी अर्थशास्त्री और 2008 मंदी की सटीक भविष्यवाणी करने वाले नूरील रूबिनी ने भी मुहर लगा दी है।
इस माहौल के बीच अब सवाल है कि क्या इससे भारत प्रभावित होगा, या भारत किसी तरकीब के जरिए खुद को मंदी से बचाए रख सकता है? ऐसे तमाम सवालों के जवाब केंद्रीय रिजर्व बैंक की आगामी बैठक में मिलने की उम्मीद की जा रही है।
Expalined: शेयर बाजार में क्यों हो रही गिरावट, निवेशकों के लिए क्या है एक्सपर्ट्स निवेशकों पर क्या होगा असर की सलाह
Stock Markets Crashed: भारत समेत दुनियाभर के बाजार में बड़ी गिरावट देखी गई है। बजट के ठीक पहले दलाल स्ट्रीट का इस मूड ने सभी को चिंता में डाल दिया है। वैसे माना जा रहा है कि अमेरिका में ब्याज दरों में बढ़ोतरी इसका सबसे बड़ा कारण है। कहा जा रहा है कि अभी कुछ और बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है। यानी निवेशकों के लिए मुश्किल दौर बना रहेगा। कोरोना महामारी भी बाजार के सेंटिमेंट्स को बिगाड़ रही है। अमेरिका और रूस के बीच तनातनी भी आग में घी का काम कर रही है। यहां जानिए एक्सपर्ट्स की राय कि आगे क्या करना चाहिए। वहीं गिरावट की बड़ी बजह क्या हैं
निवेशकों के करोड़ों रुपए फंस गए इस कंपनी में, अब रोज लगा रहे हैं दफ्तरों के चक्कर, नहीं मिल रहा कोई हल
कोई भी व्यक्ति अपना रुपया फायदे के आसार से ही निवेश करता है। लेकिन कभी-कभी ऐसा भी होता है कि लोगों का पैसा फंस जाता है। झारखंड में भी जिन लोगों ने सहारा इंडिया में पैसा लगाया था उनका पैसा फस गया है। झारखंड के ढाई लाख लोगों के 3 हजार करोड़ रुपये फंसे हैं। अलग-अलग दफ्तरों में लोग अपने पैसे को निकालने के लिए बेचैन हो रहे हैं।
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पैसे निकालने के लिए भीड़ लगा रहे हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं
बताते चलें कि रांची, हजारीबाग, रामगढ़, बेरमो, बोकारो, धनबाद, जमशेदपुर समेत कई शहरों में लोग अपने पैसे निकालने के लिए भीड़ लगा रहे हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं। इस वजह से दफ्तरों में काम करने वाले कर्मचारी भी काफी परेशान हो रहे हैं। लोगों का कहना है कि उन्होंने लाखों रुपए विश्वास के साथ कंपनी में जमा किए थे लेकिन अब जरूरत के समय उन्हें पैसे नहीं मिल रहे हैं।
लाखों रुपए फंसे, सारा काम रुका
अभी बताया गया है कि पैसे की कमी के कारण कई लोगों का इलाज नहीं हुआ, कई लोगों की शादी रुकी हुई है और बच्चों की शिक्षा पीछे जा रही है। किसी के 2000000 तो किसी के 2100000 रुपए फंसे हुए हैं। लोगों की शिकायत है कि उन्हें ब्याज तक की रकम भी नहीं नसीब हो रही है।
Mutual Fund के निवेशक ध्यान दें ! पेमेंट के नियमों में निवेशकों पर क्या होगा असर हुआ बदलाव, जान लीजिए वरना नहीं कर पाएंगे इंवेस्ट
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- नई दिल्ली,
- 22 मार्च 2022,
- (Updated 22 मार्च 2022, 12:42 PM IST)
म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) के निवेशकों के लिए जरूरी खबर है. अब म्यूचुअल फंड के निवेशक चेक से पेमेंट (MF Utilities To Discontinue Cheques) नहीं कर पाएंगे. क्योंकि म्यूचुअल फंड ट्रांजेक्शन एग्रीगेशन पोर्टल एमएफ यूटिलिटीज (MFU) 31 मार्च 2022 से फीजिकल इंस्ट्रूमेंट के जरिये पेमेंट सुविधा बंद करने जा रहा है.
चेक पेमेंट नहीं कर पाएंगे
दरअसल, फीजिकल इंस्ट्रूमेंट में चेक (Cheques), डिमांड ड्राफ्ट (Demand Draft), ट्रांसफर लेटर्स (Transfer Letters), बैंकर्स चेक (Banker’s Cheque), पे ऑर्डर (Pay Order) आते हैं, इससे निवेशकों पर क्या होगा असर आप आप म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए पेमेंट करते हैं. लेकिन, 31 मार्च से एमएफ यूटिलिटीज इन माध्यमों से पेमेंट नहीं लेगा.