एक ट्रेडिंग खाता क्या है

What Is Trading Account In Hindi – व्यापार खाता क्या है?
Hello दोस्तों ! Accounting Seekho में आपका स्वागत है। आज के इस article में हम जानेंगे की Accounting में व्यापार खाता (Trading Account) क्या होता है? (What Is Trading Account In Accounting In Hindi) , Definition Of Trading Account In Hindi हम यह भी समझेंगे कि इसे कैसे बनाया जाता है? इसे बनाते वक़्त हमें किन-किन बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है। इसके अलावा अलग-अलग topic से related बहोत से article पहले से ही हमारी website पर हैं, आप चाहें तो उन्हें भी पढ़ कर अच्छे से समझ सकते हैं, तो आइये सबसे पहले जानते हैं Trading Account Meaning In Hindi के बारे में।
(What Is Trading Account In Hindi ) – व्यापार खाता क्या है?
Trading Account business के Gross Profit या Gross Loss का पता लगाने के लिए बनाया जाता है। इसमें कितनी goods purchase की गई है? कितनी sell हुई हैं? यह सारी detail Trading Account में show की जाती है? इसके अलावा किसी भी company के वो सारे खर्चे जो directly business से related होते हैं या फिर raw material purchase करने के लिए किए जाते हैं, ये सारे खर्चे प्रत्यक्ष व्यय (Direct Expenses) कहलाते हैं।
(Definition Of Trading Account) – व्यापार खाता की परिभाषा?
According to J. R. Batliboi :-
“The Trading Account shows the results of buying and selling of goods. In preparing this account, the general establishment charges are ignored and only the transactions in goods are included.”
Trading Account दो हिस्सों में तैयार किया जाता है। left part डेबिट (Debit) और right part क्रेडिट (Credit) कहलाता है। Debit side में purchase और Credit Side में Sale को show किया जाता है और इस account का जो balance निकल कर आता है वह Debit या Credit दोनों तरह का हो सकता है।
इस account में Credit balance लाभ (Profit) को show करता है जबकि Debit balance हानि (Loss) को दिखाता है। यह Trading Account लाभ-हानि खाता (Profit And Loss Account) का ही एक part है। इस तरह इस account का जो title लिखा जाता है वह “Trading And Profit And Loss Account” लिखा जाता है।
कभी-कभी Trading Account को ‘Goods A/c’ भी कहा जाता है क्योंकि जितने भी goods से related transactions होते हैं वह सब इसमें ही record किये जाते हैं जैसे – Opening Stock, Purchase, Purchase Return, Sales, Sales Return, Closing Stock इसके अलावा वो सारे expenses जो किसी goods की manufacturing के वक़्त incurred होते हैं। इस तरह इन सारे expenses को year के end में summarize करके ‘Trading Account’ में record किया जाता है।
दोस्तों आज के इस article में इतना ही,उम्मीद करता हूँ आपको Meaning Of Trading Account In Hindi के बारे में समझ में आ गया होगा। इसे Facebook या Whatsapp के through अपने दोस्तों को भी Share करें। अगर आप Functions Of Accounting In Hindi या फिर Advantages of Accounting In Hindi के बारे में भी जानना चाहते हैं तो इस पर Click करके आप इसके बारे में भी अच्छे से समझ सकते हैं।
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Demat Account क्या है ? और यह कैसे काम करता है
दोस्तों सिक्का बाजार पर एक बार फिर आपका स्वागत है। जब भी हम शेयर या शेयर मार्केट के बारे में बात करते है। तो एक बहुत ही महत्वपूर्ण शब्द का प्रयोग होता है और वो शब्द है डीमैट अकाउंट (Demat Account), बात सही भी है क्योंकी जब तक हम डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोल नहीं लेते तब तक हम शेयर मार्केट में निवेश नहीं कर सकते।
बहुत से लोग आज भी नहीं जानते है की डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है (What is Demat and Trading Account) और सच में इन दोनों अकाउंट में कोई अंतर है, या डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट एक ही है?
वैसे तो डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट दोनों अलग-अलग है।
तो आज की पोस्ट में हम समझेँगे की डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है और डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है? (Difference Between Demat and Trading Accounts)
डीमैट अकाउंट क्या है ?
डीमैट अकाउंट (Demat Account)
डीमैट खाता 'डीमटेरियलाइज्ड अकाउंट' का एक संक्षिप्त रूप है। यह एक बैंक खाते के समान है। जिस तरह आपके बचत खाते में पैसा रखा जाता है, उसी तरह आपके खरीदे गए शेयरों को आपके डीमैट एक ट्रेडिंग खाता क्या है खाते में रखा जाता है।
दूसरे शब्दों में, एक डीमैट खाता एक सुविधा के रूप में कार्य करता है जहां आपके द्वारा खरीदे गए शेयरों को जमा किया जाता है और बेचे गए स्टॉक को हटा दिया जाता है। डीमैट खाते का उपयोग केवल स्टॉक के भंडारण के लिए किया जाता है, लेन-देन (खरीदने / बेचने) के लिए नहीं।
डीमैट खाते के बारे में त्वरित तथ्य
भारत में इंटरनेट लोकप्रिय होने से पहले, डीमैट खाते नहीं थे। जब भी आप स्टॉक खरीदते थे , वो स्टॉक्स कागजात पर ख़रीदे जाते थे और शेयर सर्टिफिकेट प्रदान किए जाते थे। हालाँकि, पेपर शेयर प्रमाणपत्रों का उपयोग करने की कई सीमाएँ थीं। वे फटे हुए या चोरी या सुरक्षा से संबंधित मुद्दों का सामना करते थे या स्याही समय के साथ फीकी पड़ जाती थी ।
फिर भी, 1990 के दशक के मध्य से इंटरनेट आने के बाद, शेयरों को खरीद्दारो के डीमैट खाते में इलेक्ट्रॉनिक डीमटेरियलाइज्ड रूप में रखा जाने लगा। इसने पुराने पेपर शेयर प्रमाणपत्रों की अधिकांश सीमाओं को हल कर दिया।
डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट किस प्रकार खोला जाता है
डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होती है-
- पैन कार्ड/ PAN Card
- आधार कार्ड (पते के प्रमाण के लिए) /Aadhar card (for address proof)
- रद्द किया गया चेक / बैंक स्टेटमेंट / पासबुक/Canceled cheque/Bank Statement/Passbook
- पासपोर्ट साइज फोटो/ Passport size photos
आपका सेविंग अकाउंट किसी भी निजी / सार्वजनिक भारतीय बैंक में हो सकता है।
उस बैंक के माध्यम से आप अपना ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खोल सकते है।
ट्रेडिंग अकाउंट क्या है?
ट्रेडिंग अकाउंट (Trading Account)
ट्रेडिंग अकाउंट शेयर बाजार में शेयर खरीदने और बेचने का एक माध्यम है। सरल शब्दों में, इसका एक ट्रेडिंग खाता क्या है उपयोग बाजार में स्टॉक के लिए ऑर्डर देने के लिए मतलब खरीदने या बेचने के लिए किया जाता है।
विभिन्न स्टॉकब्रोकर अपने ट्रेडों को सरल बनाने के लिए अपने क्लाइंट को विभिन्न ट्रेडिंग टूल प्रदान करते हैं। उदाहरण के लिए, Zerodha, भारत में सबसे बड़ा स्टॉकब्रोकर है जो स्टॉक में व्यापार करने के लिए अपने प्लेटफॉर्म के रूप में KITE ’प्रदान करता है। एक बार जब आप एक स्टॉकब्रोकर के साथ अपना ट्रेडिंग अकाउंट खोल लेते हैं, तो आप उन प्लेटफार्मों का उपयोग करके अपने स्टॉक के खरीदी और बिक्री के आदेश दे सकते हैं।
डीमैट और ट्रेडिंग खातों का उदाहरण
आइए एक उदाहरण की मदद से ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट के बीच के अंतर को समझते हैं। मान लें कि आप टाटा मोटर्स के 100 स्टॉक खरीदना चाहते हैं। यहां, प्रक्रिया के दौरान अनुक्रम निम्नानुसार होगा -
- सबसे पहले, आपको अपने बचत खाते में खरीद राशि के बराबर या उससे अधिक की बचत राशि रखनी होगी।
- इसके बाद, आप बचत खाते से ट्रेडिंग खाते में धन स्थानांतरित करेंगे।
- अब, आप अपने ट्रेडिंग खाते का उपयोग करके और राशि का भुगतान करके स्टॉक एक्सचेंज से टाटा मोटर्स के शेयर खरीदेंगे।
- अंत में, पैसा आपके ट्रेडिंग खाते के माध्यम से विक्रेता को ट्रांसफर किया जाता है और टाटा मोटर्स के शेयरों को आपके डीमैट खाते में ट्रांसफर कर दिया जाता है।
अब मान लेते हैं कि कुछ महीनों के बाद, आप अपने 100 शेयरों में से टाटा मोटर्स के 20 शेयरों को बेचना चाहते हैं। यहाँ क्रम निम्नानुसार होगा -
- सबसे पहले, आप खरीददार को खोजने के लिए अपने ट्रेडिंग खाते का उपयोग करके बाजार में बेचने का आदेश देंगे।
- यदि कोई खरीददार मिल जाता है, तो शेयर आपके डीमैट खाते से खरीददार तक पहुंच जाएंगे।
- अंत में, आपके स्टॉक को बेचकर प्राप्त धन आपके ट्रेडिंग खाते से आपके लिंक्ड बचत खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा।
डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में जानने के लिए कुछ अन्य बिंदु
- भारत के अधिकांश लोकप्रिय स्टॉकब्रोकर, डीमैट और ट्रेडिंग खाते एक साथ खोलते हैं (भारत में इन्हे 2-इन-1 खाते के रूप में भी जाना एक ट्रेडिंग खाता क्या है जाता है) । उदाहरण के लिए, ज़ेरोधा, एंजेल ब्रोकिंग, 5 पैसा (Zerodha, Angel Broking, 5 Paisa) आदि।
- कुछ बड़े स्टॉकब्रोकर (आम तौर पर बैंक ब्रोकर) भी अपने ग्राहकों को 3-इन-1 खाते यानि सेविंग + डीमैट + ट्रेडिंग खाते की पेशकश करते हैं। उदाहरण के लिए आईसीआईसीआई डायरेक्ट, एचडीएफसी सिक्योरिटीज (ICICI Direct, HDFC Securities) आदि।
- सामान्य तौर पर, ट्रेडिंग खाते के लिए कोई वार्षिक रखरखाव शुल्क नहीं होता है, जहां डीमैट खाते के लिए यह रखरखाव शुल्क दलाल से दलाल तक भिन्न हो सकता है। यह आमतौर पर प्रति वर्ष लगभग 300-400 रुपये होता है।
- इन दिनों, निवेशक और व्यापारी, प्रमुख स्टॉकब्रोकर के साथ 10 मिनट के भीतर तत्काल (पेपरलेस) डीमैट और ट्रेडिंग खाता खोल सकते हैं। बहरहाल, ऑफ़लाइन खाता खोलने की सुविधा अभी भी भारत में लोकप्रिय है और इन सभी दलालों द्वारा पेश की जाती है।
- डीमैट और ट्रेडिंग खाते के लिए खाता खोलने का शुल्क भी दलाल से दलाल तक भिन्न होता है। कुछ ब्रोकर मुफ्त खाता खोलने की पेशकश करते हैं। हालांकि, उनमें से अधिकांश आपके ब्रोकरेज खाते को खोलने के लिए 300-500 रुपये के बीच कहीं चार्ज करेंगे।
- इसके अलावा, आपको एक ही पैन कार्ड का उपयोग करके कई डीमैट और ट्रेडिंग खाते खोलने की भी अनुमति है। उदाहरण के लिए, आपके पास कई खाते हो सकते हैं - एक आईसीआईसीआई (ICICI direct) में और दूसरा ज़िरोधा (Zerodha) में।
- अंत में, अपने ब्रोकर को अपना डीमैट और ट्रेडिंग खाता खोलने के लिए समझदारी से चुनें यदि आप अनावश्यक शुल्क और जोखिम से बचना चाहते हैं।
सारांश
भारत में ट्रेडिंग और डीमैट खाते के बारे में इस लेख में हमने जो चर्चा की है, उसे जल्दी से संक्षेप में समझेंगे।
एक ट्रेडिंग खाता, बाजार में हिस्सेदारी खरीदने या बेचने के लिए एक मंच प्रदान करता है। यह आपके बचत खातों और डीमैट खातों के बीच मध्यस्थ के रूप में कार्य करता है। सरल शब्दों में, यह आपके डीमैट खाते से हिस्सा लेता है और उन्हें बाजार में बेचता है।
दूसरी ओर, यह आपके बचत खाते से पैसे लेता है और डीमैट खाते में रखने के लिए एक शेयर खरीदता है। इसके अलावा, एक डीमैट खाता आपके शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक डीमटेरियलाइज्ड रूप में रखने की सुविधा प्रदान करता है।
तो दोस्तों आज हमने जाना है की Demat Account Kya Hai, Trading Account Kya hai और इन्हे किस प्रकार खोला जाता है (Demat Account Kaise open Kare) और इनका उपयोग क्या है।
दोस्तों हम उम्मीद करते है की हमारे इस पोस्ट से आपको मदद मिली होगी। ऐसी ही और महत्त्वपूर्ण जानकारी के साथ मिलते है अगले पोस्ट में।
जाने ट्रेडिंग अकाउंट क्या है कैसे खोलें ? | What is trading account in hindi
स्टॉक मार्केट के संबंध में पिछले आर्टिकल में हमने आपको डीमैट खाता ( Demat account ) एक ट्रेडिंग खाता क्या है के बारे में बताया था। इस आर्टिकल में हम ट्रेडिंग खाता ( Trading account ) के विषय में चर्चा करेंगे। आज कुछ वर्ष पहले जब ऑनलाइन ट्रेडिंग नहीं होती थी तब स्टॉक ब्रोकर ही अपने क्लाइंट की तरफ से शेयर खरीदता और बेचता था लेकिन आज के इस मॉडर्न समय में शेयर मार्केट ऑनलाइन हो गया है और निवेशकों को एक सुविधा हो गई है। आज निवेशक जब चाहे तब अपने शेयर खरीद और बेच सकता है इसके लिए वह ब्रोकर द्वारा दिए गए ऑनलाइन ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर के द्वारा या एक फ़ोन कॉल के जरिये अपना लेन-देन कर सकता है। जाने ट्रेडिंग अकाउंट क्या है कैसे खोलें ?
स्टॉक मार्केट में शेयर्स की खरीदी और बिक्री करने के लिए डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट दोनों की आवश्यकता होती है।
ट्रेडिंग अकाउंट क्या है ? | What is trading account in hindi?
कई लोगों को शुरुआत में यह समझ नहीं आता कि ट्रेडिंग अकॉउंट क्या होता है ? आपको हम बता दें कि ट्रेडिंग खाता वह खाता है जो बैंक खाता और डीमैट खाता के बीच एक माध्यम का कार्य करता है। ट्रेडिंग अकाउंट में सिक्योरिटीज और कैश होल्ड किया जाता है। इस ट्रेडिंग अकाउंट के माध्यम से एक इन्वेस्टर ( निवेशक ) जितनी मात्रा में और चाहे जितनी बार खरीदी-बिक्री कर सकता है। और जब ट्रेडिंग अकाउंट के माध्यम से शेयर्स की खरीदी हो जाती है तो फिर शेयर्स डीमैट अकाउंट में जमा हो जाते हैं।
हम और भी ट्रेडिंग अकाउंट की डिटेल्स हिंदी में समझेंगे जैसे ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खोलें, ट्रेडिंग खाता कैसे बनता है, ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है आदि विषयों पर चर्चा करेंगे।
ऑनलाइन ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खोलें? How to open trading account online ?
ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है ये तो आप अब समझ गए होंगे आप ये जानना चाहते हैं कि ट्रेडिंग अकाउंट कैसे बनाते हैं? तो आपको हम बता दें कि आपके एक ही एप्लीकेशन फॉर्म से ट्रेडिंग और डीमैट अकॉउंट दोनों साथ-साथ ओपन हो जायेंगे क्यूंकि स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग और शेयर्स को होल्ड करने के लिए आपको दोनों अकाउंट की आवश्यकता होगी।
- सबसे पहले अपने लिए किसी सही ब्रोकर का चुनाव करें इसके लिए आप ऑनलाइन ब्रोकरेज रेट आदि बातों का अध्यन कर सकते हैं।
- फिर आप Online Trading Account खोलने के लिए अपने पसंदीदा Broker की Website पर जाएँ और वहाँ उस ब्रोकर के नियम और शर्तों को पढ़ें।
- इन सभी जनकारियों को भरने के बाद आपके रेजिस्टर्ड ईमेल आई डी और फ़ोन नंबर पर आपके ट्रेडिंग और डीमैट खुलने की जानकारी आ जाएगी जिसमे आपके ट्रेडिंग और डीमैट के नंबर सहित सभी जानकारी मिल जाएगी।
व्यापार खाता क्या है। (What is Trading Account)
दोस्तों इस पोस्ट मे हम व्यापार खाता (Trading Account) के बारे में बात करेगे। की व्यापार खाता (Trading Account) क्या होता है। और व्यापार खाता (Trading Account) खाता क्यों बनाया जाता है। तथा व्यापार खाता (Trading Account) बनाने से किसी व्यवसायी को क्या लाभ होता है।
पर दोस्तों व्यापार खाता (Trading Account) बनाने से पहले हमे इसके पहले बनने वाले खातों को समझना होगा। तभी हम व्यापार खाता (Trading Account) बना सकते हैं।
जैसा कि मेने पहले भी कहा था कि लेखांकन (Accounting) की शुरुआत रोजनामचा (journal) से की जाती है। रोजनामचा (journal) से प्रत्येक पक्ष के खाता बही (Ledger) मे खतौनी (Posting) की जाती है तथा इस खाता बही (Ledger) के आधार पर तलपट (Trial Balance) बनाया जाता है। और य़ह तलपट (Trial Balance) अंतिम खाते का आधार होता है। अतः इस तलपट (Trial Balance) के आधार पर ही व्यापार खाता (Trading Account) बनाया जाता है।
Trading Account जिसे हम हिन्दी मे व्यापार खाता या माल खाता भी कहते हैं। किसी व्यवसायी द्वारा माल (Goods) का क्रय विक्रय करने के बाद व्यवसाय में होने वाले सकल लाभ या हानि (Gross Profit and Loss) सकल लाभ या हानि (Gross Profit and Loss) का पता लगाने के लिए व्यवसायी द्वारा एक खाता बनाया जाता है। जिसे व्यापार खाता (Trading Account) कहते हैं।
व्यापार खाता (Trading Account) मे माल (Goods) क्रय विक्रय तथा माल (Goods) क्रय (Purchase) करते समय लगने वाले प्रत्यक्ष खर्चों (Direct Expenses) को शामिल किया जाता है। व्यापार खाता (Trading Account) से किसी व्यवसायी को व्यवसाय में होने वाले सकल लाभ या हानि (Gross Profit एक ट्रेडिंग खाता क्या है and Loss) का पता चलता है।
साधारण भाषा में कहे तो व्यवसाय मे सकल लाभ या हानि (Gross Profit and Loss) का ज्ञात करने के लिए जो खाता तैयार किया जाता है। व्यापार खाता या माल खाता (Trading Account) कहते हैं। व्यापार खाते को माल खाता इसलिए भी कहा जाता है, क्योंकि इस खाते में केवल माल (Goods) के क्रय विक्रय संबधित लेन देनो को ही शामिल किया जाता है।
व्यापार खाता (Trading Account) से होने वाले लाभ या महत्व :-
1. व्यापार खाता (Trading Account) बनांने से किसी व्यवसायी को व्यवसाय के सकल लाभ या हानि (Gross Profit and Loss) का ज्ञान होता है।
2. व्यापार खाता (Trading Account) बनाने से सकल लाभ (Gross Profit) का पता चलता है। और इसी सकल लाभ (Gross Profit) के प्रतिशत (Ratio) से व्यवसायी अपने व्यवसाय का मूल्यांकन एक ट्रेडिंग खाता क्या है करता है।
3. व्यापार खाता (Trading Account) बनाने से व्यवसायी को व्यवसाय में होने वाले शुद्ध क्रय (Net Purchase) का ज्ञान होता है।
शुद्ध क्रय (Net Purchase) निकालने के लिए सूत्र :-
Net Purchase = Cash Purchase + Credit Purchase – Purchase Return
4. व्यापार खाता (Trading Account) बनाने से व्यवसायी को व्यवसाय में होने वाले शुद्ध विक्रय (Net Sales) का ज्ञान होता है।
शुद्ध विक्रय (Net Sales) निकालने के लिए सूत्र :-
Net Sales = Cash Sales + Credit Sales – Sales Return
5. व्यापार खाता (Trading Account) बनाने से व्यवसायी को व्यवसाय में होने वाले प्रत्यक्ष व्ययों (Direct Expenses) का ज्ञान होता है।
6. व्यापार खाता (Trading Account) बनाने से व्यवसाय में विक्रय (Sale) किये गए मॉल (Goods) की लागत का मूल्यांकन करने में आसानी होती है।
व्यापार खाता (Trading Account) का प्रारूप :-
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व्यापार खाते का प्रारूप |
व्यापार खाता (Trading Account) कब बनाया जाता है। :-
साधारणतः व्यापार खाता (Trading Account) वित्तीय वर्ष के अंत में बनाया जाता है। परन्तु कभी-कभी ये व्यवसायी द्वारा 3 माह , 6 माह , तथा 9 माह में व्यवसाय की वित्तीय स्थिति की जानकारी प्राप्त करने के लिए बनाया जा सकता है।
व्यापार खाता (Trading Account) बनाने का आधार :-
जैसा की हमने पहले भी पढ़ा था। की तलपट (Trial Balance) अंतिम खाते का आधार होता है। यदि आप नहीं जानते की तलपट (Trial Balance) क्या होता है। तो आप जरूर पढ़े :-
व्यापार खाता (Trading Account) तलपट (Trial Balance) के आधार पर एक ट्रेडिंग खाता क्या है बनाया जाता है। अर्थात सबसे पहले तलपट (Trial Balance) बनाया जाता है। फिर इस तलपट (Trial Balance) को देखकर व्यापार खाता (Trading Account) बनाया जाता है।
व्यापार खाता (Trading Account) में शामिल होने वाली मदे :-
- Opening Stock (प्रारंभिक रहतिया )
- Purchase (क्रय )
- Purchase Return (क्रय वापसी )
- Cost Of Purchase (मॉल क्रय करते समय लगने वाले व्यय)
- Cost Of Production (मॉल उत्पादन करते समय लगने वाले व्यय)
- Sales (विक्रय )
- Sales Return (विक्रय वापसी)
- Closing Stock (अंतिम रहतिया )
दोस्तों इस पोस्ट में हमने देखा की व्यापार खाता (Trading Account) क्या है। तथा इसके क्या लाभ है। तो दोस्तों आप को ये पोस्ट कैसा लगा। कृपया मुझे Comment Box में जरूर बताये। और मुझे Follow जरूर करे। ताकि में इन Comment के आधार पर आप की मदद कर सकू।
नमस्कार दोस्तों मेरा नाम विकास जरीवाला है। और Accounting सीखें हिंदी में ब्लॉग में आप का स्वागत है। दोस्तों आप को इस ब्लॉग पर Accounting, Tally Prime, Tally Erp 9, Commerce Stream आदि से सम्बंधित विषयो की जानकारी हिन्दी भाषा में मिलेगी। दोस्तों मेरा लक्ष्य इस ब्लॉग के माध्यम से आप सभी को कम शब्दों में ज्यादा ज्ञान उपलब्ध करना है। और इसके लिए में हमेशा नई – नई जानकारी अपडेट करता रहता हु। इसलिए आप मेरे ब्लॉग से हमेशा जुड़े रहे। तथा सोशल आइकॉन की मदद से ब्लॉग को शेयर जरूर करे।
डीमैट अकाउंट खोलना चाहते हैं तो ये बातें जान लें
अगर आप भी सीधे शेयरों में निवेश करना चाहते हैं तो आप ऑनलाइन ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खोलकर ऐसा कर सकते हैं.
अगर आप भी सीधे शेयरों में निवेश करना चाहते हैं तो आप ऑनलाइन ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खोलकर ऐसा कर सकते हैं.
जानिए कैसे खुलेगा यह अकाउंट:
ब्रोकरेज कंपनियां खोलती हैं यह अकाउंट
ऑनलाइन निवेश करने के लिए ब्रोकिंग खाते की जरूरत होती है. इसे एचडीएफसी सिक्योरिटीज, आईसीआईसीआई डायरेक्ट, एक्सिस डायरेक्ट, फेयर्स और जेरोधा जैसे किसी भी ब्रोकरेज के पास जाकर खोला जा सकता है.
ट्रेडिंग के लिए डीमैट काफी नहीं
शेयरों में सीधे निवेश करने के लिए आपके पास तीन खाते होने चाहिए. इनमें बैंक खाता, ट्रेडिंग खाता और डीमैट खाता शामिल हैं. ट्रेडिंग खाते के बगैर डीमैट खाता अधूरा है. डीमैट खाते में आप सिर्फ डिजिटल रूप में शेयरों को रख सकते हैं.
जबकि ट्रेडिंग अकाउंट के साथ आप शेयर, आर्इपीओ, म्यूचुअल फंड और यहां तक गोल्ड में निवेश कर सकते हैं. इसके बाद आप इन्हें डीमैट खाते में रख सकते हैं.
डीमैट में शेयरों के रखरखाव का काम एक ट्रेडिंग खाता क्या है डेपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (डीपी) करते हैं. इनमें नेशनल सिक्योरिटी डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) और सेंट्रल डिपॉजटरी सर्विसेज लिमिटेड (सीडीएसएल) शामिल हैं.
एक से दूसरे खाते में इस तरह जाती है रकम
-पहले आपके सेविंग्स बैंक अकाउंट से ट्रेडिंग अकाउंट में रकम आती है.
-ट्रेडिंग अकाउंट की अपनी खास आर्इडी होती है. इस खाते की मदद से शेयरों की खरीद-फरोख्त की जा सकती है.
-जितने शेयर खरीदे या बेचे जाते हैं, यह डीमैट खाते में दिखता है. डीमैट खाते का इस्तेमाल बैंक की तरह होता है जहां शेयरों को जमा किया जाता है.
ब्रोकरेज फर्म की फीस देख लें
किसी भी वित्तीय सेवा की तरह डीमैट खाते के साथ भी चार्ज जुड़े होते हैं. इसमें ब्रोकर को चुनने में खास ध्यान देना चाहिए. खाता खोलने की फीस और ब्रोकिंग चार्ज के अलावा ट्रांजैक्शन चार्ज को भी देख लेना चाहिए.