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कॉमर्स प्लेटफार्मों की तुलना

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October 7, 2021

एनईटीसी फास्टैग ने जुलाई 2020 में पार किया 86 मिलियन ट्रांजेक्शंस का आंकड़ा

जयपुर 13 अगस्त 2020 – नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने आज जानकारी दी कि नेशनल इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (एनईटीसी) प्रोग्राम के तहत एनईटीसी फास्टैग के ट्रांजेक्शंस की संख्या जुलाई 2020 में 86 मिलियन को पार कर गई है। पिछले दो महीनों की तुलना में इसमें 54 प्रतिशत की तेज उछाल देखी गई।

जुलाई 2020 में 1623.30 करोड़ रुपए के साथ 86.26 मिलियन एनईटीसी फास्टैग से संबंधित लेन-देन हुए, जबकि जून 2020 में 1511.93 करोड़ रुपए के 81.92 मिलियन ट्रांजेक्शन हुए।

एनपीसीआई की चीफ आॅपरेटिंग आॅफिसर प्रवीणा राय ने कहा, ‘‘शुरुआत से लेकर अब तक सिर्फ 4 साल के भीतर एनईटीसी फास्टैग ने नई ऊंचाइयों को हासिल किया है। एनईटीसी फास्टैग की इंटरऑपरेबिलिटी ने लाखों वाहन मालिकों को टोल प्लाजा पर सहज और सरल अनुभव हासिल करने में मदद की है। एनपीसीआई में हम ग्राहकों के लिए आवश्यक यात्रा को सुरक्षित बनाने और उन्हें संपर्क रहित, परेशानी रहित और सुविधाजनक टोल भुगतान प्रदान करने का प्रयास करते हैं। हमें विश्वास है कि आने वाले समय में एनईटीसी फास्टैग को और अधिक लोग अपनाएंगे, क्योंकि यह राज्य के राजमार्गों, शहर के टोल प्लाजा और पार्किंग स्थल में भी प्रवेश कर रहा है, जिससे स्थानीय शहरवासियों को डिजिटल संपर्क रहित टोल भुगतान की सुविधा मिल सकेगी।‘‘

हाल ही में एनपीसीआई ने दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और बेंगलुरू जैसे प्रमुख शहरों में एनईटीसी फास्टैग के साथ अपने 100 प्रतिशत संपकरहित और इंटरआॅपरेबल पार्किंग समाधान के विस्तार की घोषणा की है। जीएमआर हैदराबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट ने यात्रियों को 100 प्रतिशत सुरक्षित पार्किंग भुगतान अनुभव प्रदान करने के लिए एनईटीसी फास्टैग के साथ अपनी तरह की पहली संपर्क रहित कार पार्किंग सुविधा शुरू की है।

एनईटीसी फास्टैग उपयोग करने में बहुत सरल है। यह एक रिलोडेबल टैग है, जिसे वाहन की विंडस्क्रीन पर लगाया जाता है और इसके बाद लिंक किए गए प्रीपेड या बचत खाते से टोल शुल्क की स्वचालित कटौती संभव हो जाती है। उपयोगकर्ता को अपने टैग खाते में किए गए सभी लेनदेन के लिए अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक एसएमएस अलर्ट प्राप्त होता है। एनईटीसी फास्टैग वाले वाहन को यात्रा के दौरान टोल भुगतान कॉमर्स प्लेटफार्मों की तुलना के लिए टोल प्लाजा पर रुकने की आवश्यकता नहीं है और इस तरह ईंधन और समय की बचत होती है।
एनईटीसी फास्टैग 1 दिसंबर 2019 से सभी राष्ट्रीय राजमार्ग टोल प्लाजा पर अनिवार्य है। एनईटीसी फास्टैग को टोल प्लाजा, चुनिंदा बैंक शाखाओं और ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों के माध्यम से ऑनलाइन खरीदा जा सकता है। इसे यूपीआई, बीबीपीएस और कार्ड सहित सभी भुगतान चैनलों के माध्यम से ऑनलाइन रिचार्ज किया जा सकता है।
एनपीसीआई का प्रयास है कि टैक्नोलाॅजी के इस्तेमाल के साथ खुदरा भुगतान प्रणालियों में नवाचार लाया जा सके और इस तरह देश को डिजिटल अर्थव्यवस्था में बदलने के की दिशा में प्रभावी कदम उठाए जा सकें। एनपीसीआई पूरी तरह से डिजिटल सोसाइटी बनने की देश की उम्मीदों को पूरा करने के लिए न्यूनतम लागत पर राष्ट्रव्यापी पहुंच के साथ सुरक्षित भुगतान समाधान की सुविधा प्रदान कर रहा है।

चिल्लर की समस्या से आइडिया लेकर करोड़ों की कंपनी खड़ी करने वाले पीटीएम के सीईओ आज शहर में

आम जनता की रोजमर्रा की जिंदगी में आने वाली चिल्लर की समस्या कैसे दूर हो, यह आइडिया जब विजय शेखर शर्मा को आया तो इसने ही मोबाइल बैंकिंग को जन्म दिया। पेटीएम (पेमेंट थ्रू मोबाइल) के नाम से एप तैयार किया और अब करीब 5 बिलियन डॉलर की कंपनी बन गई है। पेटीएम को 23 मई को बैंकिंग लाइसेंस भी मिल गया है। पेटीएम के संस्थापक और

चिल्लर की समस्या से आइडिया लेकर करोड़ों की कंपनी खड़ी करने वाले पीटीएम के सीईओ आज शहर में

जबलपुर। आम जनता की रोजमर्रा की जिंदगी में आने वाली चिल्लर की समस्या कैसे दूर हो, यह आइडिया जब विजय शेखर शर्मा को आया तो इसने ही मोबाइल बैंकिंग को जन्म दिया। पेटीएम (पेमेंट थ्रू मोबाइल) के नाम से एप तैयार किया और अब करीब 5 बिलियन डॉलर की कंपनी बन गई है। पेटीएम को 23 मई को बैंकिंग लाइसेंस भी मिल गया है। पेटीएम के संस्थापक और सीईओ विजय शेखर शर्मा गुरुवार को शहर आ रहे हैं। राज्य सभा कॉमर्स प्लेटफार्मों की तुलना सांसद विवेक तन्खा ने बताया कि विजय शेखर शर्मा ने लक्ष्य रखा है कि जबलपुर को आईटी हब बनाया जाए। आईटी पार्क के निवेशक और पेटीएम (197 दिल्ली) के डायरेक्टर विजय शेखर शर्मा गुरुवार को शाम 5.30 बजे से शहीद स्मारक में 'स्टार्ट-अप से उद्यमिता की ओर' विषय पर आयोजित संगोष्ठी में शामिल होंगे। दूसरे दिन आईटी पार्क बिल्डिंग का निरीक्षण करने बरगी हिल्स जाएंगे।

ऐसे पड़ी पेटीएम की नींव

स्मार्टफोन का उपयोग जब तेजी से बढ़ने लगा तो इसके जरिये ही लोगों की समस्याओं का निदान विजय शेखर शर्मा ने सोचा। उन्होंने कंपनी वन 97 कम्यूनिकेशेन्स्‌ लिमिटेड के अंतर्गत पेटीएम डाट कॉम नाम की वेबसाइट खोली और ऑनलाइन मोबाइल रिजार्च सुविधा शुरू की। इसकी सुविधा अन्य कंपनियों की तुलना में कॉमर्स प्लेटफार्मों की तुलना आसान थी इसलिए लोगों ने इसे खूब पसंद किया। इसका बिजनेस बढ़ने पर पेटीएम डाट कॉम में आनलाइन वॉलेट, मोबाइल रिचार्ज, बिल पेमेंट, मनी ट्रान्सफर और शापिंग फीचर भी जोड़ दिए। आज यह भारत का सबसे बड़ा मोबाइल पेमेंट और ई- कॉमर्स प्लेटफार्म बन गया।

जबलपुर में आईटी डेस्टीनेशन

राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा का कहना है कि जबलपुर को आईटी डेस्टीनेशन बनाना है। इस संबंध में सीईओ विजय शेखर शर्मा से चर्चा हुई है। हमारी कोशिश है कि इस साल जबलपुर के 1000 युवाओं को रोजगार मिलेगा। पेटीएम को बैंकिंग का लाइसेंस मिल गया है। इसका उद्देश्य गांव गांव तक डिजिटल बैंकिंग शुरू करना है।

चिल्लर की समस्या से आइडिया लेकर करोड़ों की कंपनी खड़ी करने वाले पीटीएम के सीईओ आज शहर में

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जबलपुर। आम जनता की रोजमर्रा की जिंदगी में आने वाली चिल्लर की समस्या कैसे दूर हो, यह आइडिया जब विजय शेखर शर्मा को आया तो इसने ही मोबाइल बैंकिंग को जन्म दिया। पेटीएम (पेमेंट थ्रू मोबाइल) कॉमर्स प्लेटफार्मों की तुलना के नाम से एप तैयार किया और अब करीब 5 बिलियन डॉलर की कंपनी बन गई है। पेटीएम को 23 मई को बैंकिंग लाइसेंस भी मिल गया है। पेटीएम के संस्थापक और सीईओ विजय शेखर शर्मा गुरुवार को शहर आ रहे हैं। राज्य सभा सांसद विवेक तन्खा ने बताया कि विजय शेखर शर्मा ने लक्ष्य रखा है कि जबलपुर को कॉमर्स प्लेटफार्मों की तुलना आईटी हब बनाया जाए। आईटी पार्क के निवेशक और पेटीएम (197 दिल्ली) के डायरेक्टर विजय शेखर शर्मा गुरुवार को शाम 5.30 बजे से शहीद स्मारक में 'स्टार्ट-अप से उद्यमिता की ओर' विषय पर आयोजित संगोष्ठी में शामिल होंगे। दूसरे दिन आईटी पार्क बिल्डिंग का निरीक्षण करने बरगी हिल्स जाएंगे।

ऐसे पड़ी पेटीएम की नींव

स्मार्टफोन का उपयोग जब तेजी से बढ़ने लगा तो इसके जरिये ही लोगों की समस्याओं का निदान विजय शेखर शर्मा ने सोचा। उन्होंने कंपनी वन 97 कम्यूनिकेशेन्स्‌ लिमिटेड के अंतर्गत पेटीएम डाट कॉम नाम की वेबसाइट खोली और ऑनलाइन मोबाइल रिजार्च सुविधा शुरू की। इसकी सुविधा अन्य कंपनियों की तुलना में आसान थी इसलिए लोगों ने इसे खूब पसंद किया। इसका बिजनेस बढ़ने पर पेटीएम डाट कॉम में आनलाइन वॉलेट, मोबाइल रिचार्ज, बिल पेमेंट, मनी ट्रान्सफर और शापिंग फीचर भी जोड़ दिए। आज यह भारत का सबसे बड़ा मोबाइल पेमेंट और ई- कॉमर्स प्लेटफार्म बन गया।

जबलपुर में आईटी डेस्टीनेशन

राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा का कहना है कि जबलपुर को आईटी डेस्टीनेशन बनाना है। इस संबंध में सीईओ विजय शेखर शर्मा से चर्चा हुई है। हमारी कोशिश है कि इस साल जबलपुर के 1000 युवाओं को रोजगार मिलेगा। पेटीएम को बैंकिंग का लाइसेंस मिल गया है। इसका उद्देश्य गांव गांव तक डिजिटल बैंकिंग शुरू करना है।

कॉमर्स प्लेटफार्मों की तुलना

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दिल्ली सरकार द्वारा शुरू किया गया शॉपिंग ई-पोर्टल दिल्ली बाजार दिसंबर में लाइव होगा।

  • Post category: Technology / टैकनोलजी
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ई-पोर्टल दुनिया भर के दुकानदारों को शहर के मुख्य बाजारों का आभासी (Virtual) दौरा करने और उसी तरह खरीदारी करने की अनुमति देगा जैसे वे अन्य ई-कॉमर्स साइटों पर करते हैं।

एक आधिकारिक घोषणा के अनुसार, दिल्ली सरकार का Ambitious “दिल्ली बाजार” ई-पोर्टल, जो दुनिया भर के ग्राहकों को शहर के महत्वपूर्ण बाजारों का आभासी दौरा करने और अन्य ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों की तरह ही खरीदारी करने की अनुमति देगा। दिसंबर में 10,000 विक्रेताओं के साथ लाइव होगा।

Highlights

1. सीएम ने प्रगति का आकलन करने के लिए समीक्षा बैठक बुलाई।

2. Deputy CM और DDCD Vice चेयरपर्सन भी मौजूद थे।

3. सीएम ने कहा कि व्यापारियों की Confirmed मंडी संघ (Association) द्वारा की जाएगी।

बयान के अनुसार, अरविंद केजरीवाल सरकार का दिल्ली बाजार दिल्ली के बाजारों को एक “Leading-Edge” डिजिटल प्लेटफॉर्म में बदलने का इरादा रखता है, जहां दिल्ली का कोई भी व्यापारी दुनिया के बाकी हिस्सों में अपना माल Display और Sell सकेगा।

इसके उद्घाटन कॉमर्स प्लेटफार्मों की तुलना के छह महीने के भीतर, सरकार की योजना दिल्ली की एक लाख से अधिक दुकानों को ई-पोर्टल पर लाने और उन्हें एक डिजिटल स्टोरफ्रंट प्रदान करने की है जो सप्ताह के सातों दिन 24 घंटे खुला रहता है। बयान के अनुसार, शून्य सेटअप लागत के कारण दिल्ली बाजार के उत्पाद अन्य ई-कॉमर्स पोर्टलों की तुलना में काफी कम होंगे।

केजरीवाल ने प्रोजेक्ट की प्रोग्रेस का आकलन करने के लिए दिल्ली सचिवालय में एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और दिल्ली संवाद और विकास आयोग (डीडीसीडी) की उपाध्यक्ष जैस्मीन शाह भी शामिल थीं।

“भविष्य के वर्षों में, दिल्ली के बाजारों को पूरी दुनिया में जाना जाएगा।” दिसंबर 2022 तक दिल्ली में 10,000 स्टोरफ्रंट के साथ ‘दिल्ली बाजार’ खुल जाएगा। घोषणा के मुताबिक शुरुआती चरण में दिल्ली सरकार की योजना एक लाख विक्रेताओं को पोर्टल से जोड़ने की है।

उन्होंने कहा कि मार्केट एसोसिएशन इन व्यवसायों का वेरीफाई करेगा।

उन्होंने एक बयान में कहा, “दिल्ली बाजार की गतिविधियों कॉमर्स प्लेटफार्मों की तुलना के सभी क्षेत्रों की निगरानी के लिए एक एजेंसी नियुक्त की जाएगी। दिल्ली के बाजार देश में पहली बार कई डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होंगे।”

घोषणा के अनुसार, पोर्टल दिल्ली में ई-मार्केटप्लेस का एक खुला नेटवर्क बनाने के लिए ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) प्रोटोकॉल का उपयोग करेगा, जो खरीदारों और विक्रेताओं को बंद प्लेटफॉर्म से विकेंद्रीकृत खुले नेटवर्क में संक्रमण में सहायता करेगा।

उदाहरण के लिए, यदि कोई उपभोक्ता कनॉट प्लेस की किसी दुकान से अपने घर के आराम से जूते खरीदना चाहता है, तो वह पोर्टल पर लॉग इन कर सकता है और वांछित जोड़ी का चयन कर कॉमर्स प्लेटफार्मों की तुलना सकता है। बयान के अनुसार, खरीदार के पास न केवल दिल्ली बाजार पोर्टल के माध्यम से, बल्कि अन्य सूचीबद्ध पोर्टलों के माध्यम से भी जूते खरीदने का विकल्प होगा, जहां व्यापारी ने अपने माल का विज्ञापन किया है।

“यह विकल्प दिल्ली के दुकानदारों को न केवल दिल्ली बाजार वेब पर बल्कि कई ई-कॉमर्स पोर्टलों पर भी डिजिटल उपस्थिति स्थापित करने में मदद करेगा, जिससे उन्हें व्यापक अवसर मिलेंगे।”

सरकार के अनुसार, पोर्टल के उत्पाद सभी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होंगे, जिसमें लेनदेन के लिए सभी ई-भुगतान विकल्प होंगे।

इसमें , दिल्ली बाजार वर्चुअल मार्केट टूर भी शुरू करेगा, जो ग्राहकों और आगंतुकों को बाजार की सड़कों और व्यवसायों का निरीक्षण करने की अनुमति देगा, जिससे उनकी खरीद और यात्रा कार्यक्रम की योजना आसान हो जाएगी।

अन्य राज्यों या राष्ट्रों के लोग, उदाहरण के लिए, प्रत्येक सड़क पर चलकर यह जांच सकते हैं कि वहां के व्यवसाय क्या बेच रहे हैं और उन उत्पादों को खरीद सकते हैं जिन्हें वे एक अद्वितीय अनुभव का कॉमर्स प्लेटफार्मों की तुलना आनंद लेते हुए पसंद करते हैं, बयान के अनुसार।

बयान के अनुसार, सभी दुकानदारों को प्लेटफॉर्म पर एक व्यक्तिगत डिजिटल स्टोरफ्रंट कॉमर्स प्लेटफार्मों की तुलना प्राप्त होगा, जिसमें उनके सभी उत्पाद ई-पोर्टल पर प्रकाशित होंगे।

उपयोगकर्ता पोर्टल के माध्यम से नाम से दुकानदार, बाजार या उत्पाद की खोज कर सकेंगे। यह व्यापक उत्पाद कैटलॉग के साथ मान्यता प्राप्त दिल्ली डीलरों के डेटाबेस के रूप में भी कॉमर्स प्लेटफार्मों की तुलना काम करेगा।

इस कदम का लक्ष्य दिल्ली के अनूठे बाजारों को एक आभासी मंच पर प्रदर्शित करना, शहर के उद्यमों को कॉमर्स प्लेटफार्मों की तुलना दुनिया भर के ग्राहकों के सामने लाना, व्यवसायों को शुरू करना, विस्तार करना और विविधता प्रदान करना और व्यापारियों को एक विश्वसनीय और सस्ते ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म देना है।

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