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डिमैट अकाउंट कैसे खोलें 15 मिनट में

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Stock market ke sabse bade Crash kaun se hai?

ऐसे क्रैश में जो डट कर खड़ा रहता है और सोच समझकर पैसा निवेश करता है वही सफल हो सकता है। स्टॉक मार्केट से पैसा कमाना इतना भी आसान नहीं है। आज हम स्टॉक मार्केट में हुए बड़े-बड़े क्रैश के बारे में जानेंगे।

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1929 ka The Great Crash

इस क्रैश को द वॉल स्ट्रीट क्रैश 1929 (The Wall Street Crash) भी कहते हैं। 1921 में dow-jones की वैल्यू चल रही थी 65 पॉइंट पर। यह वैल्यू 1929 तक 6 गुना बढ़कर 380 पॉइंट्स डिमैट अकाउंट कैसे खोलें 15 मिनट में डिमैट अकाउंट कैसे खोलें 15 मिनट में के आसपास हो जाती है।

इस क्रैश की शुरुआत नवंबर 1929 में होती है। पहले 15 दिन में ही डाउ जॉन्स 50% टूट जाता है। स्टॉक मार्केट का यह क्रैश अप्रैल 1932 तक शुरू रहता है। 1932 में डाउ जॉन्स की वैल्यू रह जाती है सिर्फ 41 पॉइंट्स। यह क्रैश 89% का था। अगर करेक्शन से पहले ही किसी ने खरीदारी की होगी तो कॉस्ट टू कॉस्ट आने में 1954 तक का समय लग जाता है। यानी डाउ जॉन्स फिर से अपने महत्तम लेवल पर आने में करीबन 20 साल लगा देता है।

इस क्रैश का मुख्य कारण था ओवर लेवरेज (Over Leverage) जो आज भी मेजॉरिटी लॉस का कारण होता है। उस समय लोगों ने अपनी सारी सेविंग स्टॉक मार्केट में लगा दी थी। यहां तक कि लोग उधार लेकर भी मार्केट में निवेश करते थे।

1987 ka The Black Monday crash

1929 के बाद यूएस स्टॉक मार्केट में आया अक्टूबर 1987 का क्रैश। यह क्रैश सबसे बड़े यूएस स्टॉक मार्केट करेक्शन (US stock market correction) में से एक था।

अक्टूबर 19, 1987 सोमवार के दिन अमेरिकी स्टॉक मार्केट में 22.6 प्रतिशत की गिरावट होती है और मार्केट 508 पॉइंट्स टूट जाता है। पूरे अक्टूबर महीने में टोटल 769 पॉइंट की गिरावट होती है। यह गिरावट 1929 की गिरावट से भी ज्यादा कह सकते हैं। क्योंकि उस समय अमेरिकी मार्केट बहुत छोटा था।

इस क्रैश का मुख्य कारण यह था कि यूएस फेडरल गवर्नमेंट ने अनुमान से भी ज्यादा की ट्रेड डिफिसिट की घोषणा की कर दी थी और साथ में डॉलर की वैल्यू भी गिर गई थी। साथ में कई अन्य कारण भी थे।

Dot Com Bubble crash

1995 में Nasdaq की वैल्यू चल रही थी 1000 पॉइंट्स के आसपास। जो बढ़ते बढ़ते 2000 में करीबन 5000 के ऊपर चली जाती है। अब समय आ गया था डॉट कॉम बबल बर्स्ट का। Nasdaq में से 75% का बहुत बड़ा क्रैश आता है और उनकी वैल्यू रह जाती है सिर्फ 1100 तक की।

इस क्रैश का असर भारत में भी देखने को मिलता है। भारत में भी खासकर टेक्नोलॉजी के स्टॉक ताश के पत्तों की तरह बिखर जाते हैं। डॉट कॉम बबल में ऐसा माहौल था कि कोई भी कंपनी आती और कहती कि मेरा काम इंटरनेट से जुड़ा हुआ है और उसके पीछे डॉट कॉम लगा हुआ है तो उनकी वैल्यू रातों-रात बढ़ जाती थी। सभी टेक्नोलॉजी कंपनी में इस तरह का बबल बना हुआ था।

जब यह बबल ब्लास्ट हुआ तब अच्छी कंपनियां जैसे कि टीसीएस, इंफोसिस, आदि मैं भी भारी गिरावट हुई और उनके शेयर प्राइस को कॉस्ट टू कॉस्ट आने में 7 साल का समय लग गया था।

2008 ka Financial Crisis

साल 2008 का स्टॉक मार्केट क्रैश और फाइनैंशल क्राइसिस हममें से बहुत सारे लोगों ने देखा होगा। इसके बीज 2000 में डॉट कॉम बबल बर्स्ट के बाद ही बोए गए थे।

अमेरिका में साल 2000 से लेकर 2003 तक फेडरल फंड्स के रेट 6.5% से 1% तक घटा दिए गए। सस्ता इंटरेस्ट रेट देखकर लोग ज्यादा लोन लेने लगे और घर खरीदने लगे। इकोनामी में निवेश बढ़ गया।

लेकिन 2004 से फिर इंटरेस्ट रेट बढ़ने लगे जो 2007 तक 5.25% हो गए। घरों के दाम कम हो गए। लोगों के ने जिस दाम डिमैट अकाउंट कैसे खोलें 15 मिनट में में घर खरीदे थे उससे बहुत कम दाम में घर मिलने लगे।

बैंक बिना सिक्योरिटी वाले को लोन दे रखे थे वह सब डिफॉल्ट होने लगे। और इसमें सबसे बड़ा नाम लेहमन ब्रदर्स (Lahman Brothers) का आया। और इस तरह 2008 मैं यह सबसे बड़ा फाइनेंशियल क्राइसिस अमेरिका डिमैट अकाउंट कैसे खोलें 15 मिनट में में देखने को मिला। जिसकी वजह से स्टॉक मार्केट में बहुत बड़ा क्रैश आया। इसकी असर पूरी दुनिया के साथ भारत में भी पड़ी।

2015-16 ka Chinese stock market crash

12 जून 2015 में चीन का स्टॉक मार्केट क्रैश होना शुरू होता है जो 14 जून 2016 तक पूरे साल तक गिरता रहता है। चीन की सरकार ने इस क्रैश को रोकने की कोशिश की फिर भी स्टॉक मार्केट गिरता रहा।

चीन का कमजोर होता हुआ विकास और 2015 में सतत तीन बार चीन की करेंसी युआन (Yuan) का डीवैल्युएशन होना इस क्रैश के मुख्य कारण बताए जा रहे हैं।

2020 ka Pandemic crash

2020 में आए कोरोना पैंडेमिक ने जो तबाही मचाई उसका लाइव उदाहरण हम सब है। पूरे विश्व के सभी स्टॉक मार्केट में करीबन 50% का क्रैश 2020 के पैंडेमिक की वजह से हुआ। भारत का निफ्टी भी जो 12000 पॉइंट के ऊपर था वह टूटकर 7000 पॉइंट पर आ गया था।

लेकिन एक से डेढ़ साल में स्टॉक मार्केट फिर से रिकवर हो गया। जिसने भी पैंडेमिक के बॉटम लेवल पर खरीदारी की होगी उसको छप्पर फाड़ रिटर्न मिले हैं।

तो दोस्तों यह थे स्टॉक मार्केट के इतिहास के सबसे बड़े क्रैश। आपने भी 2020 के पैंडेमिक में हुए शेयर मार्केट क्रैश में अपना पोर्टफोलियो कैसे मैनेज किया यह मुझे नीचे कमेंट में जरूर बताना।

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Share Market kya hai | शेयर मार्केट में पैसे कैसे कमाएं?

आज हर कोई पैसे कमाना चाहता हैं इसके लिए कोई व्यापार करता हैं कोई नौकरी करता हैं, और कई तरह में काम हैं जिसे करकर लोग लाखों रुपये कमाते हैं लेकिंन कुछ लोग ऐसे होते हैं जो अपने पैसे को ही काम पर लगा देते हैं और उससे लाखों – करोड़ों रुपये कमाते हैं। शेयर मार्केट ऐसी जगह हैं जहां लोग रातों रात करोड़पति भी बन जाते हैं और कंगाल भी हो जाते हैं अगर आपको शेयर मार्केट का अच्छा ज्ञान हो तभी इसमें इन्वेस्ट करें अन्यथा आपको कंगाल होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।

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Share Market kya hai | शेयर मार्केट क्या है?

स्टॉक मार्केट ऐसी जगह जहां सभी बड़ी कंपनियां अपने शेयर को बेचती हैं और बदले में मिलने वाले पैसे से अपने व्यापार को और बढ़ाते हैं। शेयर मार्केट में शेयर बेचने का मतलब हैं कि कंपनी की हिस्सेदारी को बेचना मान लो आपने किसी कंपनी के 10% शेयर खरीदे तो आपने उस कम्पनी की 10% हिस्सेदारी खरीद ली हैं अब आप भी उस कंपनी के 10% मालिक हैं। मतलब की अगर भविष्य में इस कंपनी को मुनाफा होता हैं उसका मुनाफा आपको भी मिलता हैं। परंतु इसके विपरीत अगर आपके खरीदे हुए शेयर वाली कंपनी को नुकसान हो रहा हैं तो आपके पैसे भी डूब जाएंगे कुल मिलाके यदि आपने जिस कंपनी के शेयर खरीद रखे हैं और वह कंपनी मुनाफा कमा रही हैं तो आपको भी बहुत फायदा होगा।

शेयर मार्केट में निवेश कैसे करें | How to Invest in Share Market

शेयर मार्केट में आप सीधे निवेश नहीं कर सकते हैं आपको इसके लिए एक डिमैट अकॉउंट खुलवाना अनिवार्य बिना डिमैट अकॉउंट के आप कोई भी शेयर खरीद या बेच नहीं सकते और ना ही किसी कंपनी में निवेश कर सकते हों अगर आपके पास डिमैट अकॉउंट अकाउंट नहीं हैं तो आप यह अकाउंट किसी स्टॉक ब्रोकर से ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों ही तरह से खुलवा सकते हों।

अगर आप डिमैट अकाउंट ऑनलाइन खुलवाना चाहते हैं तो आप Angel one या Zerodha पर अपना डिमैट अकॉउंट खुलवा सकते हों Angel one आपको मुफ्त में डिमैट अकाउंट ओपन करने की सुविधा देती हैं वही Zerodha में अपना डिमैट अकाउंट खुलवाने के लिए आपको कुछ चार्ज चुकाना पड़ेगा।

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ICICI Direct डिमैट अकाउंट कैसे खोलें 15 मिनट में डीमेट खाता खोलने के लिए क्लिक करें Open Account

एक्सिस बैंक में डीमेट खाता खोलने के लिए क्लिक करें खाता खोलें

Intra-day ट्रेडिंग क्या होती हैं ?

Intra-day ट्रेडिंग का मतलब होता हैं उसी दिन खरीदना और उसी दिन बेचना इस ट्रेडिंग में अगर आप कोई शेयर खरीदते हैं तो आपको उस शेयर को उसी दिन मार्केट बंद होने से पहले बेचना हैं अगर आप मार्केट बंद होने से पहले शेयर को नहीं बेच पाते हैं तो आपका खरीदा हुआ शेयर मार्केट बंद होने से 15 मिनट पहले अपने आप बिक जाता हैं चाहे उस समय उस शेयर की कीमत कुछ भी रही हों।

इस ट्रेडिंग में बहुत रिस्क होता हैं इसलिए हम आपको सलाह देते है कि आपको इंट्रा डे ट्रेडिंग का पूरा ज्ञान हो तब ही आप इसमें शेयर खरीदे अन्यथा आपको भारी नुकसान हो सकता हैं। इसमें मुनाफा इस तरह से होता हैं मैन लीजिए आपने सुबह एक शेयर खरीदा जिसकी कीमत 20 रुपये थी और उस शेयर की कीमत शाम को 40 रुपये हो गई और आपने उस शेयर को बेच दिया तो आपको शुद्ध 20 रुपये प्रति शेयर मुनाफा होगा।

Options Trading क्या होती हैं?

यह ट्रेडिंग इंट्रा-डे के मुकाबले बहुत ही रिस्की हैं इस ट्रेडिंग में आंकड़े इतनी तेजी से बदलते हैं कि पालक झपकते ही आप फायदे से नुकसान और नुकसान से फायदे में पहुच जाते हो। इसमे में आप शेयर lot में खरीद सकते हों 1 या 2 शेयर आप इसमें नहीं खरीद सकते हों इसमें आप Nifty और banknifty में ट्रेडिंग कर सकते हो Nifty का एक लॉट आपको 75 शेयर का मिलेगा वही banknifty का एक लॉट आपकी 25 शेयर का मिलेगा।

इस ट्रेडिंग में आपको मार्केट का अनुमान लगाना हैं कि मार्केट डाउन जाएगा या ऊपर जाएगा इसमें 2 तरह के अनुमान होते हैं PE और CE PE का मतलब हैं कि मार्किट नीचे गिरेगा और CE का मतलब हैं कि मार्केट ऊपर जाएगा अगर आपका लगाया अनुमान सही होता हैं तो आप कुछ ही घंटों में या मिनटों में लखपती बन सकते हों।

SEBI क्या है ? | SEBI full form in hindi

इसकी स्थापना आधिकारिक तौर पर वर्ष 1988 में भारत सरकार द्वारा की गई और भारतीय संसद द्वारा पारित सेबी अधिनियम, 1992 के साथ 1992 में इसे वैधानिक अधिकार दिया गया था। सेबी के अस्तित्व में आने से पहले पूंजी निर्गम नियंत्रक नियामक प्राधिकरण था, जिसे पूंजी मुद्दे (नियंत्रण) अधिनियम, 1947 के अंतर्गत अधिकार प्राप्त थे।

SEBI Full form in English :- Securities and Exchange Boards of India

SEBI Full form in Hindi :- भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड

यह संसद में पारित होकर 29 अक्टूबर 2002 से लागू हुआ जो शेयर बाजार में गड़बड़ियों के दोषियों को अधिक कठोर सजा के लिए सेबी को व्यापक अधिकार उपलब्ध कराता है। इस अधिनियम के अंतर्गत इनसाइडर ट्रेडिंग के लिए सेबी द्वारा 25 करोड़ रुपये तक का जुर्माना किया जा सकता है। लघु निवेशकों के साथ धोखाधड़ी के मामलों में एक लाख रुपये प्रतिदिन की दर से, एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान भी इस अधिनियम में है। किसी भी शेयर बाज़ार को मान्यता प्रदान करने का अधिकार सेबी को प्रदान किया गया है।

IPO क्या होता हैं ?

किसी प्राइवेट कंपनी को पूंजी की जरूरत होती है तो वह IPO के तहत पूंजी जुटाती है कंपनी द्वारा SEBI में अपना पंजीयन कराकर यह प्रक्रिया अपनाई जाती है। SEBI द्वारा कंपनी की पूरी जांच पड़ताल के पश्चात SEBI द्वारा कंपनी को IPO लाने की मंजूरी दी जाती है। SEBI से मंजूरी के बाद कंपनी अपनी शेयर की प्राइस और IPO की लॉट साइज तय की जाती इसके बाद कोई भी इसे अपने ब्रोकर के तहत खरीदने के लिए आवेदन कर सकता है।

IPO full form in English :- Initial Public Offering IPO Full Form in hindi :- (इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग)

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