ट्रेंड मूवमेंट क्या है?

टाटा स्टील, जुबिलेंट फूडवर्क्स, टाटा मोटर्स, एसबीआई और अल्ट्राटेक इसके पसंदीदा शेयर हैं. इक्विरस सिक्योरिटीज के मुताबिक, वैसे तो कमोडिटी शेयर पहले ही काफी चढ़ चुके हैं. लेकिन, उनमें तेजी की गुंजाइश अब भी है.
शेयर बाजार में लगाने जा रहे हैं पैसा तो अनिल सिंघवी से समझिए कैसे करें कमाई वाली ट्रेडिंग
घरेलू शेयर बाजार में मंगलवार को शुरुआती कारोबार के दौरान रिवकरी देखी गई. हालांकि उतार-चढ़ाव का दौर जारी था.
3 फैक्टर से बाजार का ट्रेंड तय होता है. (reuters)
घरेलू शेयर बाजार में मंगलवार को शुरुआती कारोबार के दौरान रिवकरी देखी गई. हालांकि उतार-चढ़ाव का दौर जारी था, लेकिन मेन इंडेक्स सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी में हरे निशान के साथ कारोबार चल रहा था.
बीते सत्र में घरेलू शेयर बाजार में निराशाजनक कारोबार माहौल में सेंसेक्स और निफ्टी दो फीसदी से ज्यादा लुढ़के थे. बाजार के ऐसे हालात में इन्वेस्टर को क्या करना चाहिए? जी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने 3 सबसे जरूरी फैक्टर बताए हैं, जिनसे बाजार का ट्रेंड तय होता है.
इन शेयरों में जबर्दस्त उछाल, क्या आपको करना चाहिए निवेश?
जिस शेयर में मार्केट के मुकाबले कम मूवमेंट होता है, उसका बीटा एक से कम होता है. आमतौर पर हाई बीटा शेयर साइक्लिकल नेचर वाली कंपनियों के होते हैं. इनका संबंध बदलते इकनॉमिक, मैक्रो, सरकारी रेगुलेशंस या राजनीतिक संरक्षण से होता है.
फाइनेंशियल सर्विसेज, कैपिटल गुड्स, कंस्ट्रक्शन, मेटल जैसे सेक्टरों और कुछ कंज्यूमर डिस्क्रीशनरी कंपनियों के शेयर हाई बीटा कैटेगरी के हैं. इनमें से कुछ कंपनियां बैलेंसशीट पर भारी भरकम कर्ज वाली एसेट हैवी बिजनेस हैं.
क्वालिटी शेयर क्या होते हैं?
जहां तक क्वालिटी शेयरों की बात है तो पिछले कुछ वर्षों में व्यापक आर्थिक सुस्ती और कॉरपारेट प्रॉफिट ग्रोथ के बीच निवेशकों ने इनमें खूब दिलचस्पी ली है. आमतौर पर ऐसी कंपनियों की अर्निंग विजिबिलिटी हाई होती है. प्रॉफिटेबिलिटी बढ़ रही होती है. रिटर्न ऑन कैपिटल इम्प्लॉयड ज्यादा होता है. कैश फ्लो मजबूत होता है. कर्ज का स्तर कम होता है. ऐसे ज्यादातर शेयर ट्रेंड मूवमेंट क्या है? लो बीटा यानी कम वोलेटिलिटी वाले होते हैं.
इमोशनल होने या ना होने के लिए नो शेम कैम्पेन
लड़कियां अगर इमोशनल हो जाएं तो उन्हें लेकर बहुत ज्यादा बातें बनाई जाती हैं। अगर वो इमोशनल ना हों तो भी बहुत ज्यादा बातें बताई जाती हैं। लड़की इमोशनल ना हो उसे पत्थर दिल मान लिया जाता है और रोना शुरू करे तो ये समझा जाता है कि बस ये तो रोती ही रहती है। इसके लिए भी एक नो शेम कैम्पेन होना चाहिए। (इमोशनल ईटिंग को कैसे रोकें)
अगर कोई लड़की मां बनना चाहती है तो ये उसकी मर्जी होनी चाहिए ना कि समाज के दबाव में आकर उसे ये फैसला लेना चाहिए। आजकल के ट्रेंड में अगर कोई लड़की मां ना बनना चाहे तो उसे ताने मारे जाते हैं और ये ट्रेंड मूवमेंट क्या है? समझाने की कोशिश की जाती है कि उसकी जिंदगी तो बच्चे के बिना अधूरी है। उसपर दबाव डाला जाता है उस जिम्मेदारी के लिए जो उसे निभानी ही नहीं है। इसके लिए भी एक नो शेम कैम्पेन होनी चाहिए।
मॉर्डन कपड़े या फिर ट्रेडिशनल कपड़ों के लिए नो शेम कैम्पेन
आजकल कपड़ों को लेकर बहुत सारी बातें कही जा रही हैं। ईरान में हिजाब हटाने को लेकर आंदोलन किया जा रहा है और भारत में हिजाब पहनना जारी रखने को लेकर आंदोलन किया जा रहा है। इन दोनों ही मामलों को लोग बहुत कम्पेयर कर रहे हैं, लेकिन ये नहीं सोच रहे हैं कि आखिर यहां बात आज़ादी की है। जिसे ये पहनना है वो पहने और जिसे नहीं पहनना वो ना पहने। महिलाओं को इसकी आजादी मिलनी चाहिए कि वो ट्रेंड मूवमेंट क्या है? चाहे मॉर्डन कपड़ों में कंफर्टेबल हो सके या फिर ट्रेडिशनल में ट्रेंड मूवमेंट क्या है? उन्हें टोकने वाला कोई ना हो। इसके लिए भी एक नो शेम कैम्पेन जरूरी है।
रात में घूमने के लिए या ना घूमने के लिए नो शेम कैम्पेन
जैसा कि हम जानते हैं कि विक्टिम ब्लेमिंग भारत की एक बहुत बड़ी समस्या है जहां पर रात में घूमने वाली महिलाओं को लेकर तरह-तरह की बातें की जाती हैं। इसके अलावा, जो लड़कियां बाहर नहीं जाती उन्हें लेकर भी तरह-तरह की बातें कही जाती हैं और उन्हें बोर माना जाता है। ऐसे में भला लड़कियां करें तो क्या करें।
ऐसे कई सारे मुद्दे हैं जिन्हें लेकर लड़कियों को गाहे-बगाहे ट्रोल किया जाता है और आइरनी यही है कि लोग ये समझना पसंद नहीं करते कि आखिर जीने की आज़ादी तो हर किसी को होनी चाहिए ना। अगर ब्रा की स्ट्रैप भी दिखने लगे तो ये माना जाता है कि लड़कियों के लिए तो ये बहुत ही गलत हो गया, लेकिन आखिर ऐसा क्यों? क्या वो उनके पहनावे का हिस्सा नहीं है? इस तरह की छोटी-छोटी बातों को लेकर रोजाना लड़कियों को परेशानी से जूझना पड़ता है और इसे लेकर रोज़ाना उन्हें शर्मिंदा किया जाता है।
Tanushree Dutta Birthday: 10 साल रहीं गायब, फिर ‘#MeToo’ मूवमेंट से बॉलीवुड मचाया हड़कंप
आज अभिनेत्री तनुश्री दत्ता (Tanushree Dutta) का बर्थडे है। तनुश्री दत्ता को भारत में 'मीटू मूवमेंट' (#Metoo Movement) की शुरुआत का श्रेय दिया जाता है। उनकी आपबीती के बाद कई महिलाओं ने अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाई।
तनुश्री ने 10 वर्ष पहले ट्रेंड मूवमेंट क्या है? हुए यौन उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाई, जिसके बाद कई अन्य महिलाओं ने भी अपनी आपबीती सुनाई। तनुश्री इस मूवमेंट को लेकर कह चुकी हैं कि मीडिया केवल एक साधारण व्यक्ति की आम यात्रा से बाहर निकाल उसे एक नायिका बना दिया। उन्हेंने केवल अपनी बात कही, जिसके माध्यम से समाज में कुछ बदलाव या जागरूकता आई। उन्होंने कहा कि एक तरह से, मुझे उस ट्रेंड मूवमेंट क्या है? घटना का बदला लेना था, जिसने मुझे अपने पेशेवर जीवन में कई साल पीछे धकेल दिया।
Editor's Take: US मार्केट्स में क्या चल रहा है? Dollar Index में गिरावट कितनी पॉजिटिव? समझें मार्केट गुरु अनिल सिंघवी से
यूएस मार्केट के प्रमुख इंडेक्स Dow Jones 417 अंक या 1.4%, S&P 500 1.7% और नैस्डेक 2.3% तक नीचे आ गए थे. हालांकि, बाजार अपने निचले स्तर से सुधरकर बंद हुए.
अमेरिकी बाजारों को बुधवार को ट्रेंड मूवमेंट क्या है? बड़ा झटका लगा. लगातार दो दिनों से जारी तेजी पर ब्रेक लग गया. यूएस मार्केट के प्रमुख इंडेक्स Dow Jones 417 अंक ट्रेंड मूवमेंट क्या है? या 1.4%, S&P 500 1.7% और नैस्डेक 2.3% तक नीचे आ गए थे. हालांकि, बाजार अपने निचले स्तर से सुधरकर बंद हुए. डॉलर इंडेक्स में गिरावट दर्ज हो रही ट्रेंड मूवमेंट क्या है? है, वहीं ट्रेजरी यील्ड में तेजी को बाजार में आई गिरावट की सबसे बड़ी वजहों में से एक माना जा रहा है. ट्रेजरी यील्ड 3.713 फीसदी पर पहुंच गई है. इससे पहले ट्रेजरी यील्ड 3.6 फीसदी के नीचे बरकरार था, जिससे अमेरिकी बाजार हफ्ते के पहले दो दिन मजबूती पर चल रहे थे.