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PNB घोटाला : शेट्टी ने तोड़ा हर नियम, नीरव मोदी तक पहुंचा दिया सीक्रेट पासवर्ड

पांचवें स्तर का पासवर्ड वह जरिया था, जिसके तहत स्विफ्ट प्रणाली के जरिए नीरव मोदी और गीतांजलि समूह को कई बैंकों से पैसे जारी किए गए थे.

Updated: February 19, 2018 11:38 PM IST

PNB Scam: Gokulnath Shetty achieved the password and gave it to Nirav modi

नई दिल्ली। पीएनबी धोखाधड़ी मामले में सीबीआई की जांच में नए-नए खुलासे हो रहे हैं. इन खुलासों से पता चल रहा है कि किस तरह बैंक अधिकारी ने ही बैंक को लूटने में हदें पार कर दी थीं. इस मामले में गिरफ्तार पंजाब नेशनल बैंक के डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी ने जांचकर्ताओं को बताया है कि उसने अनधिकृत रूप से स्विफ्ट प्रणाली के पांचवें स्तर के पासवर्ड को हासिल कर लिया था, जिसका इस्तेमाल इस घोटाले में लेटर ऑफ अंडरटेकिंग(एलओयू) और विदेशी साख पत्र (एफएलसी) के जरिए पैसा जारी करने के लिए किया गया.

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शेट्टी का सनसनीखेज खुलासा

शेट्टी ने यह खुलासा केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारियों द्वारा उनसे एलओयू के अंतर्गत दूसरे बैंकों को गारंटी और एफएलसी मुहैया कराने की कार्यप्रणाली के संबंध में पूछताछ के बाद किया. शेट्टी ने जांचकर्ताओं को यह भी बताया कि उसने इस पासवर्ड को अन्य लोगों, जरूरी कर्मचारियों और नीरव मोदी की कंपनी के निदेशकों के साथ साझा किया था.

पांचवें स्तर का पासवर्ड वह जरिया था, जिसके तहत स्विफ्ट प्रणाली के जरिए नीरव मोदी और गीतांजलि समूह को कई बैंकों से पैसे जारी किए गए थे, जिस वजह से 11,300 करोड़ रुपये का पीएनबी धोखाधड़ी संभव हो सका. अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संचार प्रणाली(स्विफ्ट) का मुख्यालय बेल्जियम में है, जो एक नेटवर्क मुहैया कराती है, जिसके अंतर्गत सुरक्षित और मानकीकृत तरीके से वित्तीय संस्थाओं को वित्तीय लेन-देन के लिए सूचनाएं प्राप्त की जाती हैं या भेजी जाती हैं.

तीन और अधिकारी गिरफ्तार

एजेंसी ने पीएनबी के ब्रैडी हाऊस शाखा को भी फोरेक्स रणनीति सील कर दिया है, जहां से यह घोटाला हुआ था. सीबीआई यहां से 10 कंप्यूटर, फाइलें, दस्तावेज भी ले गई. इसके अलवा आज सीबीआई ने मुंबई में पीएनबी के एमसीबी ब्रैडी हाउस ब्रांच में फोरेक्स के चीफ मैनेजर इनचार्ज बेचू तिवारी, फोरेक्स डिपार्टमेंट स्केल 2 मैनेजर यशवंत जोशी और एक्सपोर्ट के स्केल 1 ऑफिसर प्रफुल सावंत को गिरफ्तार कर लिया.

इस बीच सीबीआई ने सोमवार को नीरव मोदी की कंपनी के मुख्य वित्त अधिकारी(एफएलओ) विपुल अंबानी और रवि गुप्ता के अलावा कई पीएनबी अधिकारियों से पूछताछ की. सीबीआई ने धीरूभाई अंबानी के छोटे भाई नटुभाई अंबानी के बेटे विपुल अंबानी से इस संबंध में मुंबई फोरेक्स रणनीति में लगभग आठ घंटे तक पूछताछ की. वह नीरव मोदी की कंपनी फायरस्टार के मुख्य वित्त अधिकारी हैं.

अब तक 5716 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त

वहीं, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को हीरा कारोबारी नीरव मोदी के मुंबई स्थित आवास की तलाशी ली. पंजाब नेशनल बैंक के 11,400 करोड़ रुपये के कथित घोटाले के मामले में एजेंसी द्वारा मनी लॉन्डरिंग के लिए की जा रही जांच के तहत पांचवें दिन भी छापेमारी जारी रही. छापेमारी में 5716 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ईडी के अधिकारी नीरव मोदी के दक्षिणी मुंबई के वर्ली स्थित समुद्र महल बंगले पर पहुंचे और परिसर की तलाशी ली. केंद्रीय जांच एजेंसी ने जांच के संबंध में मुंबई, पुणे, औरंगाबाद, ठाणे, कोलकाता, दिल्ली, लखनऊ, बेंगलुरु और सूरत समेत विभिन्न शहरों में 38 अन्य स्थानों पर भी छापा मारा. इसने 22 करोड़ रुपये की नई संपत्ति जब्त की जिसमें मोदी, उनके रिश्तेदार और व्यावसायिक साझीदार और कुछ ठिकानों से रत्न, नकदी और सोना शामिल है.

(आईएएनएस इनपुट)

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Paytm पर मंडरा रहे संकट के बादल, रिलायंस के कारण ठप्प हो सकता है भारत में ई-कॉमर्स का कारोबार

paytm

नई दिल्ली। देश को डिजिटल बनाने के लिए कई तरह के एप को लॉन्च किया गया, जिसमें पेटीएम एक खास एप के रुप में सामने आया था। आज से करीब दो साल पहले पेटीएम के फाउंडर और सीईओ विजय शेखर शर्मा ने अलीबाबा के मॉडल से प्रेरित होकर ई-कॉमर्स को बढ़ावा दिया था। ग्राहकों को डिजिटल बनाने के लिए कंपनी ने ग्राहकों को सामान पर फोरेक्स रणनीति भारी छूट दी। इसके साथ ही कैशबैक के ऑफर भी ग्राहकों को दिए, जिससे ग्राहक इस एप की ओर आकर्षित होने लगे, लेकिन आज देश में पेटीएम के हालात कुछ ठीक नहीं हैं।

नकदी के संकट से जूझ रही पेटीएम मॉल

काउंटर प्वाइंट रिसर्च में सीनियर एनालिस्ट पॉवेल नैया ने कहा कि यह अल्पावधि की रणनीति थी, लेकिन भारत जैसे कीमतों को लेकर संवेदनशील बाजार में इससे लंबी अवधि में लाभ कमाना मुश्किल काम था क्योंकि लाभ कई कारकों पर निर्भर करता है। इसके साथ ही नैया ने जानकारी देते हुए कहा कि जैसे ही कैशबैक गायब हुआ, ग्राहक भी गायब हो गए। इसके बाद कम मार्जिन और ई-कॉमर्स में बड़ी नकदी के संकट से जूझ रही पेटीएम मॉल ने छोटे विक्रेताओं के लिए ऑनलाइन से ऑफलाइन (ओ-टू-ओ) मंच बनने के लिए अपनी रणनीति बदलना शुरू कर दिया।

रिलायंस बन सकता है मुसीबत का सबब

इसके साथ ही रिलायंस के उरतने की घोषणा के बाद से ही पेटीएम और उसके मालिकों की चिंता और भी ज्यादा बढ़ गई है। पिछले साल नवंबर में मेक इन ओडिशा सम्मेलन में रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा कि रिलायंस दुनिया का सबसे बड़ा ऑनलाइन-टू-ऑफलाइन न्यू कॉमर्स प्लेटफॉर्म बनाने पर विचार कर रही है। रिलायंस रिटेल के पूरे भारत में 10,000 आउटलेट हैं, जिसका रिलायंस को अवश्य लाभ मिलेगा और यह रिटेल क्षेत्र की अन्य कंपनियों के लिए चिंता का सबब होगी।

रिलायंस के पास असीमित संसाधन है

फोरेस्टर रिसर्च के सीनियर एनालिस्ट सतीश मीना ने जानकारी देते हुए बताया कि रिलायंस के पास पूंजी, असीमित क्षमता, व्यापक रिटेल आउटलेट, और संसाधन हैं, जिससे वह प्रतिस्पर्धा को ही समाप्त फोरेक्स रणनीति कर सकती है। मुकेश अंबानी का मकसद देश में रिटेल क्षेत्र में शीर्ष स्थान हासिल करना है और वह यह काम उसी तरह आसानी से कर सकते हैं जिस तरह उन्होंने रिलायंस जियो के लिए किया।

पेटीएम का बढ़ा घाटा

वित्त वर्ष 2018 में पेटीएम मॉल का घाटा बढ़ गया और कंपनी को करीब 1,800 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। फोरेस्टर रिसर्च के अनुसार, पेटीएम की बाजार हिस्सेदारी 2018 में पिछले साल से घटकर करीब आधी रह गई। मतलब 2017 में जहां कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 5.6 फीसद थी वह 2018 में घटकर तीन फीसदी रह गई।

आगे भी पेटीएम मॉल को चलाएंगे

पेटीएम के सीईओ ने कहा कि वह भारी प्रतिस्पर्धा के बावजूद भी पेटीएम मॉल को चलाना चाहते हैं। वहीं दूसरी तरफ विश्लेषक इसे आखिरी दौर में देख रहे हैं और उनका मानना है कि अब डिजिटल पेमेंट मार्केट पर ध्यान लगाना चाहिए जिस पर अलीबाबा का हमेशा जोर रहा है। वहीं, साइबर मीडिया रिसर्च के वाइस प्रेसिडेंट थॉमस जॉर्ज ने कहा कि मुझे इस बात में कोई हैरानी नहीं होगी कि भारत में ई-कॉमर्स बाजार में अवसर बनाए रखने के लिए रिलायंस या अलीबाबा का लक्ष्य पेटीएम का अधिग्रहण करना होगा।

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बैंकिंग नहीं, बिजनस बैंकिंग से दें करियर को नई ऊंचाई

निजी बैंकों के साथ सरकारी बैंकों ने भी युवाओं के लिए ढेरों मौके दे रहे हैं। यही वजह है कि इस क्षेत्र में प्रफेशनल्स की मांग बढ़ी है।

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2. क्रेडिट ऑफिसर: क्रेडिट ऑफिसर बैंक के कॉर्पोरेट और एसएमई ग्राहकों की लोन की आवश्यकताओं का मूल्यांकन करने का प्रभारी होता है। मेजर काम बैलेंस शीट का मूल्यांकन करना, व्यापार का विश्लेषण करना और लोन की मंजूरी से पहले डायरेक्टर का इंटरव्यू करना।

3. कैश मैनेजमेंट ऑफिसर: कैश मैनेजमेंट ऑफिसर स्थापित व्यापार ग्राहकों और संभावित कॉर्पोरेट ग्राहकों के लिए नकदी प्रबंधन सेवाएं प्रदान करने का काम करता है। ग्राहकों की जरूरतों का आकलन, उनकी लागत का लाभ और जोखिम विश्लेषण करता है इसके अलावा प्रभावी रणनीति की सिफारिश भी करता है।

यह होता है कोर्स में
ग्लोबल पीजी डिप्लोमा इन बैंकिंग ऐंड फाइनेंस एक वर्ष का कोर्स है। इसके तहत बैंकिंग ऑपरेशंस, धन प्रबंधन, ट्रेड फाइनेंस, फोरेक्स जैसे विषय पढ़ाए जाते हैं। इस कोर्स में स्टूडेंट्स कंप्यूटर की बेसिक जानकारी के साथ, व्यापार संचार और शेयर बाजार में किस तरह काम होता है उसका प्रशिक्षण दिया जाता है। छात्र एक प्रफेशनल बैंकर और ट्रेडर कैसे बने और किसी भी आपात स्थिति व परिस्थिति में किस तरह काम करे इसकी भी भली प्रकार से ट्रेनिंग दी फोरेक्स रणनीति जाती है।

योग्यता
किसी भी स्ट्रीम से ग्रैजुएशन में अंतिम वर्ष के छात्र इस कोर्स में आवेदन कर सकते हैं। जिन विद्यार्थी के ग्रैजुएशन में कम से कम 50 प्रतिशत है वह भी इस कोर्स में आसानी से आवेदन कर सकते हैं। मेधावी छात्रों को स्कॉलरशिप भी दी जाती है।

करियर और प्लेसमेंट
इस कोर्स के खत्म होने के बाद स्टूडेंट को इंटरनैशनल बैंकिंग, फोरेक्स और ट्रेजरी, कॉर्पोरेट लोन्स, फाइनैंशल रिसर्च संबंधित बड़े ब्रांडों से ऑफर मिलने लगते हैं। कई इंटरनैशनल बैंक अलग-अलग स्किल्स के बच्चों को अच्छी सैलरी पर नियुक्ति करते हैं। सार्वजनिक बैंक ज्यादातर अखिल भारतीय स्तर की परीक्षा के आधार पर नियुक्तियां करते हैं।

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