टर्नओवर गणना

कर्मचारी स्टॉक विकल्प योजना (ईएसओपी) एक कर्मचारी लाभ योजना है, जो कर्मचारी को किसी संगठन में इक्विटी रखने की अनुमति देती है। जिस कीमत पर किसी कर्मचारी को शेयरों की पेशकश की जाती है वह आमतौर पर उचित बाजार मूल्य से कम होती है। जहां कर्मचारियों को इस तरह के ईएसओपी विकल्प प्रदान किए जाते हैं, दो कीमतों के बीच का अंतर आईटी अधिनियम की धारा 17 (2) (vi) के अनुलाभ के रूप में कर योग्य होगा।
Asset Turnover Ratio क्या है?
Asset Turnover Ratio, जिसे कुल एसेट टर्नओवर अनुपात के रूप में भी जाना जाता है, उस दक्षता (efficiency) को मापता है जिसके साथ एक कंपनी अपनी संपत्ति का उपयोग बिक्री करने के लिए करती है। एसेट टर्नओवर अनुपात फॉर्मूला किसी कंपनी की कुल टर्नओवर गणना या औसत संपत्ति से विभाजित शुद्ध बिक्री के बराबर है। उच्च परिसंपत्ति कारोबार अनुपात वाली कंपनी कम अनुपात वाले प्रतिस्पर्धियों की तुलना में अधिक कुशलता से काम करती है।
एसेट टर्नओवर अनुपात किसी कंपनी की बिक्री या राजस्व के मूल्य और उसकी संपत्ति के मूल्य के बीच का अनुपात है। यह उस दक्षता (efficiency) का संकेतक है जिसके साथ एक कंपनी राजस्व उत्पन्न करने के लिए अपनी संपत्ति को तैनात कर रही है। इस प्रकार, परिसंपत्ति कारोबार अनुपात (asset turnover ratio) कंपनी के प्रदर्शन का निर्धारक हो सकता है। रेश्यो जितना अधिक होगा, कंपनी का प्रदर्शन उतना ही बेहतर होगा। एसेट टर्नओवर रेश्यो कंपनी से कंपनी में भिन्न हो सकता है। आमतौर पर, इसकी गणना एक विशिष्ट वित्तीय वर्ष के लिए वार्षिक आधार पर की जाती है।
What is the formula of Asset Turnover Ratio?
- शुद्ध बिक्री (Net Sales) बिक्री रिटर्न, बिक्री छूट और बिक्री भत्ते में कटौती के बाद उत्पन्न राजस्व की राशि है।
- औसत कुल संपत्ति (Average of total sales) वर्तमान या पिछले वित्तीय वर्ष के वर्ष के अंत में कुल संपत्ति का औसत है। नोट: एक विश्लेषक या तो औसत या अवधि के अंत की संपत्ति का उपयोग कर सकता है।
एसेट टर्नओवर अनुपात की गणना किसी कंपनी द्वारा वर्ष की शुरुआत में और एक वित्तीय वर्ष के अंत टर्नओवर गणना में संपत्ति के औसत पर विचार करके और संपत्ति की कुल संख्या को हर के रूप में रखते हुए की जा सकती है। कुछ क्षेत्रों की कंपनियों के लिए रेश्यो दूसरों की तुलना में अधिक हो सकता है।
Bhopal News: कम्पलायंस के नाम टर्नओवर गणना पर आयकरदाताओं के लिए मुसीबतें बढ़ गई हैं: सीए गिरीश आहूजा
Bhopal News : भोपाल, नवदुनिया प्रतिनिधि। सरकार ने कम्पलायंस के नाम पर आयकरदाताओं के लिए मुसीबतें बढ़ा दी हैं। सरकार वैसे तो ‘ईज आफ डुइंग बिजनेस’ की बात करती है, लेकिन ला में पेचीदगियां बढ़ाते जा रहे हैं। वहीं पार्टनरशिप फर्म में यदि कोई पार्टनर रिटायर हो रहा है या पार्टनरशिप टूट रही है तो ऐसे में पार्टनर को दिए गए बेनीफिट्स कर टैक्स फर्म को ही भरना होगा। लेकिन इस टैक्स की गणना और कैपिटल आउटस्टैंडिंग निकालना भी आसान नहीं होता है। यहह बात रविवार को एमपी नगर के एक होटल में टैक्स पर आयोजित सीए के दो दिवसीय सम्मेलन के अंतिम दिन सीए गिरीश आहूजा ने कही। आइसीएआई के भोपाल चेप्टर द्वारा आयोजित सम्मेलन में भोपाल, जबलपुर, इंदौर, ग्वालियर समेत पूरे देशभर के चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ने भाग लिया। सीए आहूजा ने कहा कि लोगों के लिए एक बड़ी समस्या कुछ कंपनियों के शेयर ‘शून्य’ हो जाना भी है। यानि किसी निवेशक ने यदि उक्त कंपनी के शेयर में एक लाख रुपए का निवेश किया था तो उसे शेयर की वैल्यू शून्य हो जाने से हुए नुकसान का लाभ मिलेगा या नहीं। ऐसा कोई सेक्शन नहीं जिसमें यह स्पष्ट रूप से कहा गया हो कि लाभ मिलेगा या नहीं। ऐसे में सरकार को अपना रूख स्पष्ट करना चाहिए। इसी तरह क्रिप्टो करंसी में भी कौन से हेड पर टैक्स लगेगा। आयकर विभाग को हमारे बारे में हमसे ज्यादा जानकारी है। जहां तक टर्नओवर गणना संख्या न बढ़ने की बात है तो लोग धीरे-धीरे डर के मारे टैक्स देना शुरू कर चुके हैं। जीएसटी और आइटी को डिजिटली लिंक कर दिया गया है।
Bhopal News: कम्पलायंस के नाम पर आयकरदाताओं के लिए मुसीबतें बढ़ गई हैं: सीए गिरीश आहूजा
Bhopal News : भोपाल, नवदुनिया प्रतिनिधि। सरकार ने कम्पलायंस के नाम पर आयकरदाताओं के लिए मुसीबतें बढ़ा दी हैं। सरकार वैसे तो ‘ईज आफ डुइंग बिजनेस’ की बात करती है, लेकिन ला में पेचीदगियां बढ़ाते जा रहे हैं। वहीं पार्टनरशिप फर्म में यदि कोई पार्टनर रिटायर हो रहा है या पार्टनरशिप टूट रही है तो ऐसे में पार्टनर को दिए गए बेनीफिट्स कर टैक्स फर्म को ही भरना होगा। लेकिन इस टैक्स की गणना और टर्नओवर गणना कैपिटल आउटस्टैंडिंग निकालना भी आसान नहीं होता है। यहह बात रविवार को एमपी नगर के एक होटल में टैक्स पर आयोजित सीए के दो दिवसीय सम्मेलन के अंतिम दिन सीए गिरीश आहूजा ने कही। आइसीएआई के भोपाल चेप्टर द्वारा आयोजित सम्मेलन में टर्नओवर गणना भोपाल, जबलपुर, इंदौर, ग्वालियर समेत पूरे देशभर के चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ने भाग लिया। सीए आहूजा ने कहा कि लोगों के लिए एक बड़ी समस्या कुछ कंपनियों के शेयर ‘शून्य’ हो जाना भी है। यानि किसी निवेशक ने यदि उक्त कंपनी के शेयर में एक लाख रुपए का निवेश किया था तो उसे शेयर की वैल्यू शून्य हो जाने से हुए नुकसान का लाभ मिलेगा या नहीं। ऐसा कोई सेक्शन नहीं जिसमें यह स्पष्ट रूप से कहा गया हो कि लाभ मिलेगा या नहीं। ऐसे में सरकार को अपना रूख स्पष्ट करना चाहिए। इसी तरह क्रिप्टो करंसी में भी कौन से हेड पर टैक्स लगेगा। आयकर विभाग को हमारे बारे में हमसे ज्यादा जानकारी है। जहां तक संख्या न बढ़ने की बात है तो लोग धीरे-धीरे डर के मारे टैक्स देना शुरू कर चुके हैं। जीएसटी और आइटी को डिजिटली लिंक कर दिया गया है।
Income Tax Calculation : वेतनभोगी कर्मचारियों के सीटीसी पर ऐसे लगता है टैक्स, आप भी जान लें
Income Tax Calculation क्या आपको पता है कि वेतनभोगी कर्मचारियों के वेतन पर किस तरह से इनकम टैक्स लगता है। अगर नहीं जानते हैं तो जान लें कि रिइंबर्समेंट यात्रा भत्ता वेरिएबल पे बोनस डीए ग्रेच्युटी तथा एचआरए में कैसे टैक्स लगता है.
जमशेदपुर, जासं। आयकरदाताओं में सबसे बड़ा वर्ग वेतनभोगी कर्मचारी होता है, शायद आप जानते होंगे। आयकर विभाग इनके आय की गणना सीधे-सीधे करता है। इसलिए आपको भी जानना चाहिए कि आयकर विभाग वेतनभोगी कर्मचारी के आय की गणना कैसे करता है।
एक निजी कंपनी में वेतनभोगी कर्मचारी के सीटीसी में विभिन्न घटक होते हैं। इसमें मूल वेतन, मकान किराया भत्ता (एचआरए), महंगाई भत्ता, वाहन भत्ता, मनोरंजन भत्ता, चिकित्सा भत्ता, भविष्य निधि, भोजन भत्ता आदि शामिल हैं।