लाभ पद्धति

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ब्रेल लिपि पद्धति
ब्रेल लिपि उभरे हुए छ: बिन्दुओं की ऐसी लिपि है, जिससे जिससे स्पर्श द्वारा पढ़ा-लिखा जाता है। इसमें पढ़ने व लिखने के लिए दृष्टि की आवश्यकता नहीं होती है। इस लिपि का आविष्कार सन् 1937 में एक दृष्टिहीन व्यक्ति लुई ब्रेल ने किया, परन्तु इस लिपि को मान्यता लुई ब्रेल के मरणोपरान्त मिली।
इस लिपि का स्वरूप इस प्रकार है :
इन छ: बिन्दुओं के विभिन्न संयोगों के आधार पर विश्व की सभी भाषाओं की वर्ण मालाएँ, विराम चिन्ह, संक्षेप तथा संकेत आदि तैयार किए गये हैं। भारतीय ब्रेल भी इन्हीं छः बिन्दुओं पर आधारित है। भारत की सभी भाषाएँ हिन्दी, संस्कृत, मराठी,गुजराती, बंगाली, तमिल, तेलुगू इत्यादि इस लिपि के माध्यम से पढ़ी तथा लिखी जा सकती हैं।
ब्रेल चिन्ह मोटे कागज पर लेखन पाटी (ब्रेल स्लेट) तथा स्टाइल्स अथवा ब्रेल लेखन सामग्री की सहायता से उभारे जाते हैं। लेखन पाटी पर लिखते समय स्टाइल्स दबाकर एक-एक बिन्दु कागज पर बनाए जाते हैं, जो दूसरी ओर उभरकर आते हैं। अतः लेखन पाटी पर दायें से बायें लिखना पड़ता लाभ पद्धति लाभ पद्धति है। लेखन पाटी पर कागज के दोनों ओर लिखा जा सकता है। दूसरी ओर लाभ पद्धति लिखते समय दो पंक्तियों के बीच नई ब्रेल पंक्ति लिखी जाती है।
ब्रेल मशीनों के प्रकार
बेल लेखन मशीनें मुख्यतः दो प्रकार की हैं—
एक ऐसी जिनसे कागज के दोनों और लिखा जा सकता है और शब्द कागज के दूसरी ओर उभरते हैं। उदाहरण के लिए स्टेन्सवी लेखन मशीन। लेखन पाटी की तरह इस मशीन पर भी दायें से बायें लिखना होता है। ‘स्टेन्सवी‘ (Stainby) लेखन मशीन के साथ दो प्रकार के बोर्ड लगे होते हैं—एक अन्तर पंक्तियाँ (Interline) ब्रेल लेखन के लिए जबकि एक अन्तर बिन्दीय (Inter Point) ब्रेल लेखन के लिए। जब कागज के दूसरी तरफ लिखते समय पहले से लिखी हुई दो पंक्तियों के बीच नई बेल पंक्ति लिखी जाती है तो अन्तर पंक्तिय ब्रेल कहा जाता है। अन्तर-बिन्दीय ब्रेल लेखन करते समय ब्रेल पंक्तियाँ एक-दूसरे के अधिक समीप होती लाभ पद्धति हैं। कागज के एक तरफ लिखे हुए शब्दों के बिन्दुओं के बीच खाली जगह में दूसरी ओर नये शब्द लिखे जाते हैं अत: इसे अन्तर बिन्दीय ब्रेल कहा जाता है। अतः स्पष्ट है कि अन्तर बिंदीय ब्रेल द्वारा एक लाभ पद्धति कागज पर अंतर पंक्तिय ब्रेल की अपेक्षा अधिक लिखा जा सकता है।
ब्रेल लिपि सीखने की विधि
दृष्टिबाधित विद्यार्थि की स्पर्श क्षमता के विकास के बाद उसे ब्रेल पढना सिखाया जाता है। ब्रेल सीखने की अग्र तीन विधियाँ बतायी गयी हैं-
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लाभ पद्धति
- वाक्य विधि- वाक्य विधि में छोटे वाक्यों का सहारा लिया जाता है। वाक्य में शब्दों का मामूली फेरबदल हो सकता है। यह एक खिलौना है। यह बड़ा खिलौना है। यह मेरा खिलौना है। मेरा खिलौना बड़ा है आदि। बच्चों को वाक्यों को याद करके उन्हें पढ़ने की कोशिश करनी चाहिए। अभ्यास करने से विभिन्न शब्दों से परिचय हो जाता है। कई शब्दों का परिचय हो जाने पर अक्षर विन्यास पर ध्यान देना चाहिए।
- शब्द विधि- इस विधि द्वारा शुरू में परिचित तथा सार्थक शब्दों का सहारा लिया जाता है। बिन्दु विन्यास समझ में आने से पूर्व ही बच्चे शब्दों को छूकर पहचानने का प्रयास करते हैं। कागज (या फ्लैश कॉर्ड्स) पर तीन चार पंक्तियों में तीन-चार शब्दों को बार-बार लिखकर बच्चों को दिया जा सकता है। अगली पंक्ति में वही शब्द अपने पूर्व पंक्ति में आए शब्द के ठीक नीचे लिखा हो तो अच्छा रहेगा। शब्दों को छूकर पहचानने के बाद अक्षर विन्यास पर विचार किया जा सकता है।
- अक्षर विधि- ऊपर दोनों विधियाँ विश्लेषण की हैं, जबकि अक्षर विधि लाभ पद्धति संश्लेषण विधि है। इसमें बच्चे पहले अक्षर पहचानते हैं तथा फिर अक्षरों से शब्दों का निर्माण करते हैं। पहचानने में सरल अक्षरों की पहचान पहले करवाते हैं।
लाभ पद्धति
ज्योतिष भावी दम्पति के स्वभाव गुण आचार विचार सुख चरित्र के विषय में जानकारी देता है। जब तक समानता ना हो तब तक सुख-साधन का अभाव रहता है। क्योंकि विवाह पूर्व ही अपने भावी जीवन साथी के विषय में जानकारी प्राप्त करना बहुत कठिन होता है। लेकिन अष्टकूट मेलापक सारिणी के माध्यम से बहुत कुछ जाना जा सकता है। ज्योतिष की वैज्ञानिक पद्धति के बारे में यहाँ हम बता रहे है जिससे वर-कन्या के बारे में ज्यादा से ज्यादा जाना जा सके।
नोट: यहाँ पर सभी नाम हिंदी या अंग्रेजी में भरे। केवल ड, ट से नाम हिंदी में ही भरे।
Vidya Amrit Mahotsav 2022: विद्या अमृत महोत्सव 2022 – शिक्षा को नई सोच, आपके लिए सुनहरा मौका
Vidya Amrit Mahotsav 2022: भारत में, शि क्षा को किताबों का बोझ वाली नकारात्मक सोच से बदलकर अब शिक्षा को नई सोच के तौर पर प्रस्तुत करने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने, राष्ट्रीय स्तर पर Vidya Amrit Mahotsav 2022 का आयोजन किया है जिसकी सभी मुख्य विशेषताओं की जानकारी हम आपको इस लेख में, प्रदान करेगे।
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आपको बता दें कि, Vidya Amrit Mahot s av 2022 के तहत आप सभी शिक्षक व विद्यार्थी ना केवल अद्धितीय तरीके पढ़ा सकेगे बल्कि पढ़ भी सकेगे जिससे आपको पढ़ना एक बोझिल क्रिया ना लगकर एक रोचक और ज्ञानवर्धक क्रिया प्रतीत होगी और इस प्रकार भारतीय शिक्षा पद्धति मे, नवीनता का समावेश होगा।
Vidya Amrit Mahotsav 2022 – Overview
Name of the Ministry | Mini s try of Education, Govt. of India |
Name of the Article | Vidya Amrit Mahotsav 2022 |
Type of Article | Latest Update |
Detailed Information of this Mahotsav | Please Read This Article Carefully. |
Official Website | Click Here |
सारांश
भारतीय शिक्षा पद्धति मे क्रान्तिकारी परीवर्तन लाने के उद्धेश्य से हमने आप सभी विद्यार्थियों से लेकर शिक्षकों को विस्तार से Vidya Am r it Mahots av 2022 के बारे में बताया ताकि आप सभी इस महोत्सव से परिचित हो सके औऱ इसका हिस्सा बनकर नई सकारात्मक शिक्षण पद्धति के निर्माण मे अपना योगदान दे सकें।
अन्त, आर्टिकल के अन्त में, हमे उम्मीद है कि, आप सभी को हमारा यह आर्टिकल बेहद पसंद आया होगा जिसके लिए आप हमारे इस आर्टिकल को लाइक, शेयर व कमेट करेगे।
क्विक लिंक्स
FAQ’s – Vidya A m rit Mahotsav 2022
What is project capability? How can I use it for Vidya Amrit Mahotsav (VAM)?
Micro-improvement projects can be taken up for a particular time to bring in the desired changes in any process, program or activity. For VAM, school leaders and teachers can do the project that is assigned to them by their respective states.
How can I find the projects of Vidya Amrit Mahotsav?
You can find the DIKSHA project via 4 ways: ● Find Project via Link shared by the state ● Find Project via QR Code shared by the state ● Find Project via Programs tile in DIKSHA Homepage. ● Find Project via Projects tile in DIKSHA Homepage.
हिन्दी या अंग्रेजी प्रश्न
हिन्दी या अंग्रेजी दोनों के ही 20 प्रश्न 40 अंक के होते हैं उम्मीदवार दोनों मे से कोई एक विषय को हाल कर सकते हैं।
हिन्दी के प्रश्न जिसमे शब्दों के समानार्थक हिन्दी शब्द, संधि, उपसर्ग, प्रत्यय, पर्यायवाची शब्द, मुहावरे, अनेकार्थी शब्द इत्यादि।
अंग्रेजी विषय सिलेबस
अंग्रेजी मे Fill in the blanks, Spellings, Error spotting, Synonyms, Cloze Passages, Active/Passive Voice इत्यादि।
लिखित परीक्षा मे प्रत्येक प्रश्न 2 अंक के होंगे और 0.50 का नकारात्मक अंक होगा। यानि दो प्रश्न गलत होने पर 1 अंक नकारात्मक मिलेंगा।
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