स्टॉक एक्सचेंज की कार्य प्रणाली

दो बड़े पावर एक्सचेंजों की जांच के आदेश
कमोडिटी एक्सचेंजों के सौदों में घोटाले और अन्य घटनाओं के बुरे अनुभवों से सबक लेते हुए केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग (सीईआरसी) ने दो बड़े पावर एक्सचेंजों इंडियन एनर्जी एक्सचेंज लिमिटेड (आईईएक्स) और पावर एक्सचेंज इंडिया लिमिटेड में कार्यप्रणाली की जांच के आदेश दिए हैं। इसके तहत एक्सचेंजों द्वारा नियमों के अनुपालन की जांच और समीक्षा की जाएगी।
सरकार के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि सीईआरसी इस जांच के लिए थर्ड पार्टी के सेवाओं की मदद ले सकती है लेकिन इसके साथ स्टॉक एक्सचेंज की कार्य प्रणाली ही उन्होंने किसी घोटाले की आशंका के मद्देनजर सीईआरसी द्वारा कार्रवाई करने की बात से इनकार किया है। सूत्रों का कहना है कि पावर नियामक की कोशिश दोनों एक्सचेंजों में रोजाना भारी लेनदेन को देखते हुए इनकी विस्तृत समीक्षा करने की है। इसके साथ ही यह सुनिश्चित करना है कि दोनों एक्सचेंजों में कामकाज सुचारु रूप से चल रहा है।
अधिकारियों के मुताबिक, पावर एक्सचेंजों में बड़े वित्तीय लेनदेन के चलते यह माना रहा है कि एक्सचेंजों में कामकाज की प्रणाली और भागीदारों का भरोसा बेहतर तरीके से बरकरार रखा गया है, इसे सुनिश्चित करने के लिए सीईआरसी ने जांच समीक्षा की आवश्यकता जताई है। इस समीक्षा में दोनों पावर एक्सचेंजों के ऑपरेशन की पूरी हेल्थ जांच की जाएगी। साथ ही इसकी भी पड़ताल की जाएगी कि पावर एक्सचेंजों को चलाने के तय नियमों का पूरी तरह पालन किया जा रहा है।
प्रस्तावित जांच के अंतर्गत सीईआरसी द्वारा तय नियमों, आदेशों और फ्रेमवर्क के अनुसार एक्सचेंजों की कारोबारी प्रक्रियाएं संचालित हो रही हैं, इसकी पड़ताल की जाएगी। सीईआरसी के मुताबिक जांच में विभिन्न मार्केट सेगमेंट के लिए पावर एक्सचेंजों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे हैं मैचिंग इंजनों के ऑपरेशन की जांच की जाएगी। इसके अलावा एक्सचेंजों की पूरी कार्यप्रणाली में उचित नियंत्रण एवं संतुलन और कंट्रोल प्रणाली की भी पड़ताल की जाएगी। इसके तहत मौद्रिक लेनदेन, क्लीयरिंग एवं सेटलमेंट प्रक्रिया की स्क्रूटनी की समीक्षा किए जाने की भी गुंजाइश है।
सीईआरसी द्वारा आईईएक्स और पीएक्सआईएल की प्रस्तावित जांच परामर्श कंपनियों, जिनके पास पावर एक्सचेंज के परिचालन और स्टॉक एक्सचेंज की कार्य प्रणाली ऑडिट का अनुभव है, के जरिए की जाएगी। सीईआरसी द्वारा तय मानदंडों के अनुसार परामर्श कंपनी के पास वैधानिक ऑडिटर के रूप में सरकारी बैंक की ऑडिटिंग का अनुभव होना चाहिए। इसके अलावा परामर्श कंपनी के लिए स्टॉक एक्सचेंजों, कमोडिटी एक्सचेंजों और पावर एक्सचेंजों का अनुभव भी आवश्यक है। जांच करने की इच्छुक कंपनियों की वित्तीय स्थिति भी मजबूत होनी चाहिए। तय मानदंडों के अनुसार इच्छुक कंपनियों का पिछले वित्त वर्ष में न्यूनतम टर्नओवर 100 करोड़ रुपये होना आवश्यक है।
कमोडिटी एक्सचेंजों के सौदों में घोटाले और अन्य घटनाओं के बुरे अनुभवों से सबक लेते हुए केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग (सीईआरसी) ने दो बड़े पावर एक्सचेंजों इंडियन एनर्जी एक्सचेंज लिमिटेड (आईईएक्स) और पावर एक्सचेंज इंडिया लिमिटेड में कार्यप्रणाली की जांच के आदेश दिए हैं। इसके तहत एक्सचेंजों द्वारा नियमों के अनुपालन की जांच और समीक्षा की जाएगी।
सरकार के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि सीईआरसी इस जांच के लिए थर्ड पार्टी के सेवाओं की मदद ले सकती है लेकिन इसके साथ ही उन्होंने किसी घोटाले की आशंका के मद्देनजर सीईआरसी द्वारा कार्रवाई करने की बात से इनकार किया है। सूत्रों का कहना है कि पावर नियामक की कोशिश दोनों एक्सचेंजों में रोजाना भारी लेनदेन को देखते हुए इनकी विस्तृत समीक्षा करने की है। इसके साथ ही यह सुनिश्चित करना है कि दोनों एक्सचेंजों में कामकाज सुचारु रूप से चल रहा है।
अधिकारियों के मुताबिक, पावर एक्सचेंजों में बड़े वित्तीय लेनदेन के चलते यह माना रहा है कि एक्सचेंजों में कामकाज की प्रणाली और भागीदारों का भरोसा बेहतर तरीके से बरकरार रखा गया है, इसे सुनिश्चित करने के लिए सीईआरसी ने जांच समीक्षा की आवश्यकता जताई है। इस समीक्षा में दोनों पावर एक्सचेंजों के ऑपरेशन की पूरी हेल्थ जांच की जाएगी। साथ ही इसकी भी पड़ताल की जाएगी कि पावर एक्सचेंजों को चलाने के तय नियमों का पूरी तरह पालन किया जा रहा है।
प्रस्तावित जांच के अंतर्गत सीईआरसी द्वारा तय नियमों, आदेशों और फ्रेमवर्क के अनुसार एक्सचेंजों की कारोबारी प्रक्रियाएं संचालित हो रही हैं, इसकी पड़ताल की जाएगी। सीईआरसी के मुताबिक जांच में विभिन्न मार्केट सेगमेंट के लिए पावर एक्सचेंजों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे हैं मैचिंग इंजनों के ऑपरेशन की जांच की जाएगी। इसके अलावा एक्सचेंजों की पूरी कार्यप्रणाली में उचित नियंत्रण एवं संतुलन और कंट्रोल प्रणाली की भी पड़ताल की जाएगी। इसके तहत मौद्रिक लेनदेन, क्लीयरिंग एवं सेटलमेंट प्रक्रिया की स्क्रूटनी की समीक्षा किए जाने की भी गुंजाइश है।
सीईआरसी द्वारा आईईएक्स और पीएक्सआईएल की प्रस्तावित जांच परामर्श कंपनियों, जिनके पास पावर एक्सचेंज के परिचालन और ऑडिट का अनुभव है, के जरिए की जाएगी। सीईआरसी द्वारा तय मानदंडों के अनुसार परामर्श कंपनी के पास वैधानिक ऑडिटर के रूप में सरकारी बैंक की ऑडिटिंग का अनुभव होना चाहिए। इसके अलावा परामर्श कंपनी के लिए स्टॉक एक्सचेंजों, कमोडिटी एक्सचेंजों और पावर एक्सचेंजों का अनुभव भी आवश्यक है। जांच करने की इच्छुक कंपनियों की वित्तीय स्थिति भी मजबूत होनी चाहिए। तय मानदंडों के अनुसार इच्छुक कंपनियों का पिछले वित्त वर्ष में न्यूनतम टर्नओवर 100 करोड़ रुपये होना आवश्यक है।
एनएसई (NSE) क्या है? नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की पूरी जानकारी
NSE Kya Hai: अक्सर आप न्यूज़ पेपर, टीवी चैनल या न्यूज़ मीडिया में एनएसई (NSE) का नाम सुनते होंगे। क्या आप जानते है Share Market में NSE का क्या काम होता है? यदि आप नहीं स्टॉक एक्सचेंज की कार्य प्रणाली जानते, तो इस लेख में हम जानेंगे “एनएसई क्या है और एनएसई का मुख्य उद्देश्य और कार्य है?” साथ हम जानेंगे “नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का इतिहास क्या है?”
NSE भारत का सबसे बड़ा और दुनिया 11वां सबसे बड़ा स्टॉक मार्केट है, इसकी स्थापना के पीछे मुख्य उद्देश्य भारतीय शेयर बाजार में पारदर्शिता लाना था। इसके स्थापना के पश्चात भारतीय शेयर बाजार में शेयर्स की खरीद-बिक्री इलेक्ट्रॉनिक तरीके से होने लगी और लगभग सभी कागज़ी कार्यो को ख़त्म कर दिया गया।
जिसकी वजह से शेयर बाजार में स्टॉक एक्सचेंज की कार्य प्रणाली होने वाले Scam पर रोक लगी और निवेशको के हितो की रक्षा और उनके मन विश्वनीयता बन सकी। यदि आप स्टॉक एक्सचेंज में निवेश की सोच रहें है, तो आपको एनएसई के बारे में जानना आवश्यक हो जाता है। यदि आप वास्तव में NSE की पूरी जानकारी चाहते है, तो यह लेख आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होने वाला है।
पेइचिंग स्टॉक एक्सचेंज खुला
15 नवंबर की सुबह साढ़े स्टॉक एक्सचेंज की कार्य प्रणाली नौ बजे पेइचिंग स्टॉक एक्सचेंज औपचारिक तौर पर खुल गया। बताया जाता है कि पहले बैच की 81 सूचीबद्ध कंपनियां राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के 25 प्रमुख क्षेत्रों को कवर करती हैं, जिनमें से अधिकांश कंपनियां अपने उद्योग में अग्रणी हैं। इससे पूरी तरह से जाहिर है कि पेइचिंग स्टॉक एक्सचेंज अभिनव […]
November 16, 2021
15 नवंबर की सुबह साढ़े नौ बजे पेइचिंग स्टॉक एक्सचेंज औपचारिक तौर पर स्टॉक एक्सचेंज की कार्य प्रणाली खुल गया। बताया जाता है कि पहले बैच की 81 सूचीबद्ध कंपनियां राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के 25 प्रमुख क्षेत्रों को कवर करती हैं, जिनमें से अधिकांश कंपनियां अपने उद्योग में अग्रणी हैं। इससे पूरी तरह से जाहिर है कि पेइचिंग स्टॉक एक्सचेंज अभिनव छोटी और मझौली कंपनियों की सेवा करता है।
चीन प्रतिभूति नियामक आयोग (सीएसआरसी) के अध्यक्ष यिहुई ने कहा कि पेइचिंग स्टॉक एक्सचेंज का खुलना चीन के पूंजी बाजार के सुधार और विकास का एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। सीएसआरसी सुधार को गहरा करना जारी रखेगा, पेइचिंग स्टॉक एक्सचेंज का अच्छा संचालन करेगा और अभिनव छोटी और मझौली कंपनियों की सेवा करने को मुख्य कार्य बनाएगा।
पेइचिंग स्टॉक एक्सचेंज के बोर्ड के अध्यक्ष श्यू मिंग ने कहा कि पेइचिंग स्टॉक एक्सचेंज अभिनव छोटे और मझौले उद्यमों की सेवा करने के मुख्य कार्य बनाने के लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करेगा, सक्रिय रूप से छोटे और मझौले उद्यमों के अभिनव विकास के लिए अनुकूल नीतिगत प्रणाली, संस्थागत प्रणाली और सेवा प्रणाली की स्थापना का प्रयास करेगा। इसके साथ ही और अधिक समावेशी, अधिक सटीक, अधिक नवीन, और अधिक गतिशील क्षेत्रों में लगातार कोशिश करेगा। ( साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग )
स्टॉक एक्सचेंज की कार्य प्रणाली
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पेइचिंग स्टॉक एक्सचेंज खुला
बीजिंग, 15 नवंबर (आईएएनएस)। 15 नवंबर की सुबह साढ़े नौ बजे पेइचिंग स्टॉक एक्सचेंज औपचारिक तौर पर खुल स्टॉक एक्सचेंज की कार्य प्रणाली गया।
बताया जाता है कि पहले बैच की 81 सूचीबद्ध कंपनियां राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के 25 प्रमुख क्षेत्रों को कवर करती हैं, जिनमें से अधिकांश कंपनियां अपने उद्योग में अग्रणी हैं। इससे पूरी तरह से जाहिर है कि पेइचिंग स्टॉक एक्सचेंज अभिनव छोटी और मझौली कंपनियों की सेवा करता है।
चीन प्रतिभूति नियामक आयोग (सीएसआरसी) के अध्यक्ष यिहुई ने कहा कि पेइचिंग स्टॉक एक्सचेंज का खुलना चीन के पूंजी बाजार के सुधार और विकास का एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। सीएसआरसी सुधार को गहरा करना जारी रखेगा, पेइचिंग स्टॉक एक्सचेंज का अच्छा संचालन करेगा और अभिनव छोटी और मझौली कंपनियों की सेवा करने को मुख्य कार्य बनाएगा।
पेइचिंग स्टॉक एक्सचेंज के बोर्ड के अध्यक्ष श्यू मिंग ने कहा कि पेइचिंग स्टॉक एक्सचेंज अभिनव छोटे और मझौले उद्यमों की सेवा करने के मुख्य कार्य बनाने के लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करेगा, सक्रिय रूप से छोटे और मझौले उद्यमों के अभिनव विकास के लिए अनुकूल नीतिगत प्रणाली, संस्थागत प्रणाली और सेवा प्रणाली की स्थापना का प्रयास करेगा। इसके साथ ही और अधिक समावेशी, अधिक सटीक, अधिक नवीन, और अधिक गतिशील क्षेत्रों में लगातार कोशिश करेगा।
( साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग )
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बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में CM योगी ने रचा इतिहास, उत्तर भारत से पहला म्युनिसिपल बॉण्ड जारी
उत्तर प्रदेश के लखनऊ नगर निगम के म्युनिसिपल बॉन्ड की बुधवार स्टॉक एक्सचेंज की कार्य प्रणाली को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में लिस्टिंग हो गई। उत्तर भारत के किसी नगर निगम द्वारा पहली बार किए गए इस प्रयास स्टॉक एक्सचेंज की कार्य प्रणाली को मुख्यमंत्री योगी.
उत्तर प्रदेश के लखनऊ नगर निगम के म्युनिसिपल बॉन्ड की बुधवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में लिस्टिंग हो गई। उत्तर भारत के किसी नगर निगम द्वारा पहली बार किए गए इस प्रयास को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक नए युग की शुरुआत बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आबादी के लिहाज देश का सबसे बड़ा प्रदेश और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का राज्य उत्तर प्रदेश अपने नागरिकों को हर जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में सतत काम कर रहा है।
सीएम योगी ने कहा कि ईज ऑफ बिजनेस डूइंग की राष्ट्रीय स्तर की हालिया रैंकिंग में उत्तर प्रदेश ने पिछले वर्ष के प्रदर्शन से आगे निकलते हुए द्वितीय स्थान प्राप्त किया है। यह रैंकिंग निवेशकों, उद्यमियों और उद्योग जगत के विश्वास का ही प्रमाण है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र स्टॉक एक्सचेंज की कार्य प्रणाली मोदी के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश 'आत्मनिर्भर भारत' के संकल्प को साकार करने की धुरी बनेगा।
बुधवार को बीएसई के हेरिटेज हॉल में आयोजित 'रिंगिंग बेल सेरेमनी' में मुख्यमंत्री ने परंपरानुसार बेल बजाकर लखनऊ नगर निगम का म्युनिसिपल बॉन्ड जारी किया। सीएम योगी ने इस मौके पर कहा कि कोरोना के इस कालखंड में लखनऊ नगर निगम का 200 करोड़ रुपये के म्युनिसिपल बॉन्ड की लिस्टिंग के साथ 'आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ेगा। निगम का यह प्रयास न केवल लखनऊ वासियों को बेहतर अवस्थापना सुविधाएं देने के लिए वित्तीय जरूरतों को पूरा करने वाला होगा, बल्कि उत्तर प्रदेश के अन्य नगर निगमों को भी इस दिशा में कार्य करने के लिए प्रेरित करेगा।
तमाम उद्यमियों, निवेशकों, बीएसई के अधिकारियों व अनेक गणमान्य जनों की मौजूदगी में मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि लखनऊ के बाद अब अतिशीघ्र गाजियाबाद नगर निगम भी बीएसई में अपने म्युनिसिपल बांड की लिस्टिंग कराएगा। सीएम योगी ने कहा कि निवेशकों की रुचि के कारण ही यह बॉण्ड ओवर सब्सक्राइब हुआ। साढ़े चार गुना अधिक ओवर सब्सक्रिप्शन मिलना शानदार है। यह हमें और बेहतर करने को प्रेरित करेगा।
उन्होंने कहा कि नगर निगमों की कार्यपद्धति में आमूल चूल परिवर्तन के लिए आज का कार्यक्रम महत्वपूर्ण है। लखनऊ नगर निगम का यह म्युनिसिपल बॉन्ड न केवल यूपी में नगर निगमों की कार्यप्रणाली में आवश्यक सुधार का प्रतीक है, बल्कि जनता के प्रति नगरीय निकायों की प्रतिबद्धता का परिचायक भी है। बॉण्ड के माध्यम से निकायों में प्रशासनिक और वित्तीय सुधार सम्भव हो सकेंगे।
एमएसएमई इकाइयां भी हो रही बीएसई में लिस्ट
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम यूपी की एमएसएमई इकाइयों को एनएसई और बीएसई में लिस्टिंग के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। अब तक 15 इकाइयों ने बीएसई में लिस्टिंग कर अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए कदम उठाया है। विशेष अवसर सीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की नीतियां निवेशोंमुखी हैं। हम निवेशकों की सरलता और सुगमता के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।
सिंगल विंडो प्रणाली के माध्यम से हाल के समय में उत्तर प्रदेश में निवेशकों की जरूरतों और अपेक्षाओं का यथोचित समाधान हो रहा है। योगी ने बताया कि यूपी इन्वेस्टर समिट में उद्योग जगत की ओर से यूपी को आशातीत सहयोग मिला। यह प्रयास सतत जारी रहेगा। अब यूपी में डिफेंस कॉरिडोर की स्थापना हो रही है,जो देश को रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में ग्लोबल हब बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण होगा।
इस मौके पर लखनऊ नगर स्टॉक एक्सचेंज की कार्य प्रणाली निगम की मेयर संयुक्ता भाटिया, उप्र सरकार के मंत्री सतीश महाना,सिद्धार्थ नाथ सिंह, आशुतोष टण्डन, सरकार के वरिष्ठ अधिकारी नवनीत सहगल, अवनीश अवस्थी, संजय प्रसाद, मुत्थु स्वामी, नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी और अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे।
कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री ने बीएसई की 25 वी मंजिल से विहंगम मुम्बई का नजारा और जीवंत ट्रेडिंग को भी देखा। शेयर मार्केट के इतिहास को भी जाना। बीएसई के प्रतीक बुल के साथ फ़ोटो भी खिंचवाई। योगी आदित्यनाथ मुंबई स्टॉक एक्सचेंज में पहुचने वाले उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री भी बने।