क्या विदेशी मुद्रा खरीदना अवैध है?

वह पिछले छह सालों से अपने बॉयफ्रेंड के साथ रिश्ते में है , जो उसका बैचमेट भी है। वैसे तो वह बहुत ही सभ्य और केयरिंग है, लेकिन वह उसकी एक आदत से बहुत ज्यादा परेशान है. उसने अक्सर उसे दूसरी लड़कियों को गलत तरीके से घूरते हुए देखा है, तब भी जब वह उसके साथ होता है। हाल ही में, वो दोनों एक कैफे में डेट के लिए गए हुए थे और वह वहां की वेट्रेस को पीछे से देख रहा था। जब उसने उसे डांटा तो उसने माफी मांगी और कहा ‘आदत से मजबूर’ और यह भी…
Author: Mashal News
अवैध तरीके से मकान पर कब्ज़ा करने का लगा आरोप सरासर झूठा-बबन सिंह सरायकेला-खरसावां जिले के आदित्यपुर में एक मकान पर किरायेदार द्वारा कथित तौर पर कब्ज़ा करने के मकसद से फर्जीवाड़ा किए जाने संबंधी खबर पिछले दिनों प्रकाशित होने के बाद नया मोड़ ले रहा है. जिस शख्स क्या विदेशी मुद्रा खरीदना अवैध है? पर यह आरोप लगा है, उसका कहना है कि बाकायदा कीमत अदा कर उसने मकान खरीदा है और अवैध तरीके से मकान पर कब्ज़ा करने का उस पर लगा आरोप सरासर झूठा है. थाना प्रभारी के अनुसार प्रथम दृष्टया फर्जीवाड़े की आशंका ज्ञात हो कि विगत 18 क्या विदेशी मुद्रा खरीदना अवैध है? मई को एक न्यूज़…
श्रीलंका की अर्थव्यवस्था लागातार क्यों गिर रही है ?
श्रीलंका के भयावह आर्थिक संकट की सबसे बड़ी वजह ये है कि श्रीलंका अपनी रोज़मर्रा की ज़रूरतों के लिए आयात पर निर्भर रहा है लेकिन श्रीलंका के पास आयात का बिल चुकाने के लिए डॉलर नहीं है. उसका विदेशी मुद्रा भंडार लगातार गिर रहा है.श्रीलंका की अर्थव्यवस्था पर कोविड महामारी की भी मार पड़ी है. वहीं साल 2019 के चर्च धमाकों ने देश में पर्यटन को नुक़सान पहुँचाया था. वहीं विशेषज्ञों का मानना है कि श्रीलंका के आर्थिक संकट के लिए सरकार की ख़राब आर्थिक प्रबंधन भी ज़िम्मेदार रहा है. Also watch : Jamshedpur News :मुश्किलों को मात देने वाले…
किसी देश में अगर खाने का ज़रूरी सामान पर्याप्त मात्रा में नहीं होता है, तो उस देश को बाहर से वो सामान आयात करना पड़ता है, जिसके लिए विदेशी मुद्रा भंडार की ज़रूरत होती है. विदेशी मुद्रा हासिल करने के लिए उस देश को कुछ निर्यात करने की ज़रूरत पड़ती है, जिसके लिए क्या विदेशी मुद्रा खरीदना अवैध है? अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में प्रतिस्पर्धा के लिए भी तैयार रहना चाहिए. लेकिन लंबे अंतराल में केंद्र सरकार को इस बात पर ध्यान देने की ज़रूरत है कि भारत सरकार अपने आयात बिल को कैसे कम कर सके.पारंपरिक तौर पर माना जाता है कि किसी देश का विदेशी मुद्रा…
क्या ताजमहल कभी तेजो महालय के नाम से जाना जाता था ?
अभी तक हमलोग जानते हैं की शाहजहाँ ने 17वीं सदी में क्या विदेशी मुद्रा खरीदना अवैध है? अपनी बेगम मुमताज की याद में ताजमहल बनवाया था. 1560 के आसपास दिल्ली में बने हुमायूँ के मक़बरे की तर्ज़ पर ताजमहल बनवाया गया था. ताजमहल के निर्माण का काम जनवरी 1632 में शुरू हुआ था और यह 1655 में बनकर तैयार हुआ. इस की चारों मीनारें 139 फ़ीट ऊँची हैं और सबके ऊपर एक छतरी लगाई गई है . याचिका में यह माँग भी की गई है कि पुरातत्व विभाग क्या विदेशी मुद्रा खरीदना अवैध है? को उन बंद कमरों में मूर्तियों और शिलालेखों की खोज करने का भी आदेश दिया जाए. सोमवार…
फरवरी के अंत में रूस यूक्रेन की जंग ने भारत के गेहूं की माँग दुनिया में थोड़ी और बढ़ा दी है. दुनिया में गेहूं का निर्यात करने वाले टॉप 5 देशों में रूस, अमेरिका, कनाडा, फ़्रांस और यूक्रेन हैं. इसमें से तीस फ़ीसदी एक्सपोर्ट रूस और यूक्रेन से होता है.रूस का आधा गेहूं मिस्र, तुर्की और बांग्लादेश ख़रीद लेते हैं. जबकि यूक्रेन के गेहूं के ख़रीदार हैं मिस्र, इंडोनेशिया, फिलीपींस, तुर्की और ट्यूनीशिया. इस तरह वैश्विक परिस्थितियों ने भी गेहूं की कीमतें बढ़ाने में योगदान दिया है . सरकारी ख़रीद कम होने की पीछे केंद्रीय मंत्रियों का बड़बोलापन भी कहीं…
क्या है अमेरिका की करेंसी मॉनीटरिंग लिस्ट जिसमें से हटाया गया है भारत को?
News18 हिंदी 3 दिन पहले Vikas Sharma
इस समय दुनिया के सभी देश आर्थिक चुनौतियों से निपटने में उलझे हुए हैं. कोविड-19 महामारी के कमजोर पड़ने और रूस यूक्रेन संघर्ष के चलते दुनिया की क्या विदेशी मुद्रा खरीदना अवैध है? अर्थव्यवस्था में अमेरिका (USA) और ब्रिटेन जैसे बड़े बड़े देश तक डगमगाते दिख रहे हैं. ऐसे में अमेरिका के आर्थिक नीतिगत फैसलों पर दुनिया की निगाहें होना स्वाभाविक है. हाल ही में अमेरिका ने टेजरी विभाग ने मुद्रा निगरानी सूची (Currency Monitoring List) जारी की है जिसमें इस बार भारत का नाम नहीं (India) हैं. साल में दो बार अमेरिकी रोजकोष विभाग द्वारा वहां की संसद में पेश की जाने वाली रिपोर्ट में यह सूची जारी की जाती है. आखिर इस सूची में नाम होने का क्या मतलब है, उससे हटने के क्या फायदे-नुकसान है और क्या उसका कोई बहुत बड़ा प्रभाव भी पड़ेगा या नहीं.
Xiaomi India का फंड कानून के उल्लंघन के चलते ED ने किया जब्त
राज एक्सप्रेस। पिछले कुछ समय से चीनी स्मार्टफोन कंपनी शाओमी (Xiaomi India) भारत में काफी नाम कमाया है। जिसके चलते आज भारत में भी Xiaomi की पूछ परख काफी ज्यादा हो गई है। क्योंकि, आज Xiaomi का स्मार्टफोन भारत के हर घर में आपको मिल ही जाएगा। कहां, Xiaomi India कंपनी ने भारत में अपना कारोबार का विस्तार करने का मन बनाया था और अब, ऐसी खबर सामने आई है कि, भारत की एक बड़ी जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने Xiaomi India का फंड जब्त कर लिया है।
Xiaomi India का फंड जब्त :
ब्यूरो डी चेंज
एक ब्यूरो डी चेंज [1] (बहुवचन ब्यूरो डी चेंज , दोनों / ˌ ख jʊər oʊ घ ə ʃ ɒ n ʒ / ) ( ब्रिटिश अंग्रेजी ) या मुद्रा विनिमय [2] ( अमेरिकी अंग्रेजी ) एक व्यवसाय है जहां लोगों को एक का आदान-प्रदान कर सकते हैं दूसरे के लिए मुद्रा ।
हालांकि मूल रूप से फ्रेंच , शब्द "ब्यूरो डे चेंज" का व्यापक रूप से पूरे यूरोप और फ्रेंच-भाषी कनाडा में उपयोग क्या विदेशी मुद्रा खरीदना अवैध है? क्या विदेशी मुद्रा खरीदना अवैध है? किया जाता है , जहां "एक्सचेंज" या "चेंज" कहने वाला एक संकेत मिलना क्या विदेशी मुद्रा खरीदना अवैध है? आम है। यूरो को अपनाने के बाद से , कई विनिमय कार्यालयों ने अपने साइनेज पर इसके लोगोटाइप को प्रमुखता से शामिल करना शुरू क्या विदेशी मुद्रा खरीदना अवैध है? कर दिया है ।
में संयुक्त राज्य अमेरिका और अंग्रेजी बोलने वाले कनाडा व्यवसाय के रूप में "मुद्रा विनिमय" और कभी कभी "पैसे विनिमय", कभी कभी इस तरह के "विदेशी", "डेस्क", "कार्यालय", "काउंटर", "सेवा" के रूप में विभिन्न परिवर्धन के साथ वर्णन किया गया है , आदि।; उदाहरण के लिए, "विदेशी मुद्रा विनिमय कार्यालय"।
हैदराबाद: विदेश में आपकी नौकरी का ऑफर हो सकता है घोटाला
धोखाधड़ी करने वाली कंपनियां अक्सर अपनी विश्वसनीयता स्थापित करने के लिए काफी हद तक जाती हैं। हैदराबाद पुलिस के मुताबिक, ऐसी कई कंपनियों के मेडिकल टेस्ट और इंटरव्यू लेने के मामले सामने आए हैं। कुछ ने तो ऑफर लेटर भी भेजे।
आमतौर पर धोखेबाज व्यक्ति से मोटी रकम की मांग करके आगे बढ़ते हैं। सभी वीजा प्रसंस्करण और अन्य संबंधित औपचारिकताओं को पूरा करने के नाम पर।
हैदराबाद में एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, साइबर अपराधी, विशेष रूप से भारत के उत्तर में, नौकरी चाहने वालों द्वारा विभिन्न प्रसिद्ध नौकरी पोर्टलों पर पोस्ट किए गए रिज्यूमे को देखते हैं। जॉब पोर्टल्स से रिज्यूमे खरीदने के बाद, ऐसे धोखेबाज नौकरी चाहने वालों से सीधे संपर्क करते हैं, उन्हें विभिन्न बहुराष्ट्रीय कंपनियों में उच्च-भुगतान वाली नौकरियों का आश्वासन देते हैं।