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मार्जिन क्या है

मार्जिन क्या है
फिर चाहे दोस्तों वह कार लोन हो या होम लोन हो मशीनरी लोन हो चाहे वह किसी भी प्रकार का लोन हो ! आपको मार्जिन मनी (margin money) तो देनी ही पड़ती है !

Sebi New intrady Margin rule

Loan margin money क्या होता है?

नमस्कार दोस्तों आज मैं आपको बताऊंगा कि जब भी आप लोन लेने जाते हैं तो बैंक आपको Margin Money के बारे में पूछता है, तो यह Margin Money क्या है और हर लोन में अलग-अलग यह Margin Money कैसे होगी? यह मैं आपको एक एग्जांपल के साथ बताने वाला हूं।

Loan margin money kya Hota hai? :-सबसे पहले आपको यह जानना जरूरी है कि जब भी आप लोन लेने जाते हैं ,किसी भी पर्पस के लिए चाहे घर खरीदने के लिए, मशीनरीखरीदने के लिए, कार खरीदने के लिए कोई भी परपस हो तो बैंक आपको साड़ी कॉस्ट नहीं देती उसमें से 10 या 20 परसेंट आपको लानी होती है,उसे हम Margin Money कहते हैं।

Margin Money के उदाहरण:-

मान के चलिए कि आप कोई 10 लाख की कार ले रहे हैं और बैंक के पास ₹10,000,00 लोन लेने जाएंगे तो बैंक आपको कहेगी की आठ लाख या 8:30 लाख तक का फाइनेंस हम आपको कर देंगे और बाकी के डेढ़ लाख रुपए आपको खुद देने होंगे बैंक आपको पूरे ₹10,000,00 नहीं देगी। तो यह डेढ़ लाख रुपए जो हो गए वह आपके Margin Money होंगे।

बैंक कौन-कौन से लोन पर Margin Money लेती है?

बैंक सभी लोन पर चाहे कोई भी लोन हो उसपर एक मार्जिन मनी लेती है और ये मार्जिन मनी Mandatory होता है,ये लगना ही लगना है चाहे वो होम लोन हो,कार लोन हो,मुद्रा लोन हो कोई भी लोन हो एक Fixed mrgin money के लिए बैंक आपको ज़रूर बोलेगा।

Loan Margin Money calculate करने के बारे में बात करें तो ये मनी Totally Depend करता है कि bank मार्जिन क्या है आपको कितने प्रतिशत का Margin मनी के लिए बोलती है,अगर माँ के चले की बैंक 10% के लिए आपको बोलती है और आपका लोन अमाउंट दस लाख रुपय है तो आपको एक लाख मार्जिन मनी जमा करने होंगे।

बैंक आपको सिर्फ़ Nine laks ही loan provide करेगी।

कार लोन Margin Money (Car Loan Margin Money):-

मान लेते हैं कि आपके कार की Price ₹1000000 हैं, तो आपको कार खरीदने के लिए ₹1000000 की आवश्यकता होगी अब आप बैंक में जाकर कार लोन के लिए अप्लाई करेंगे तो आपको बैंक कार के कुल कीमत का 10 से 20 परसेंट Margin रखकर लोन प्रोवाइड करेगी यानी कि अगर 20% Margin करती है तो आपको आठ लाख तक का लोन मिलेगा और ₹2,000,00 आपको खुद ही कार लेने के मार्जिन क्या है लिए कार डीलर के पास या बैंक में जमा करने होंगे।

यह ₹2,000,00 आपके कार लोन के Margin Money का हुए।

शेयर बाजार में मार्जिन ट्रेडिंग क्या है ? Margin Trading Meaning In Hindi

मार्जिन ट्रेडिंग का अर्थ मार्जिन क्या है है आपके दलाल से उधार ली गई धनराशी का उपयोग करके स्टॉक खरीदने और बेचने का ! मार्जिन ट्रेडिंग अनिवार्य रूप से आपके ब्रोकर या ब्रोकरेज हाउस से पैसे उधार लेने से स्टॉक खरीदने की एक विधि है ! यह एक लाभकारी तंत्र है जो आपको अपने स्वयं के संसाधनों के मुकाबले अधिक मूल्य से बाजार में पोजीशन लेने की अनुमति देता है ! हालाँकि , मार्जिन ट्रेडिंग के लिए , आपको एक मार्जिन अकाउंट की जरुरत है !

साधारण शब्दों में हम कह सकते है कि मार्जिन ट्रेडिंग , किसी ब्रोकर कंपनी द्वारा उपलब्ध करवाई गई एक ऐसी सुविधा है जिसमे हमें ब्रोकर कंपनी ट्रेडिंग के लिए फंड प्रदान करती है ! यह सुविधा हमें सिर्फ intraday ट्रेडिंग करने पर ही प्राप्त होती है !

मान लीजिये आपके पास 10 हजार रूपये है और आप टाटा के शेयर खरीदना चाहते है जिसके एक शेयर की कीमत 100 रूपये है ! तो ऐसी स्थिति में आपको सिर्फ 100 शेयर ही मिलेंगे ! यदि आप मार्जिन का लाभ लेना चाहते है तो आपको 10 टाइम ( 10 गुना ) का मार्जिन ब्रोकर कंपनी देती है ! ऐसी स्थिति में अब आप 10 हजार रूपये की जगह मार्जिन क्या है एक लाख रूपये के एक हजार शेयर खरीद सकते है !

ब्रोकर की भूमिका

हर ब्रोकर के पास ग्राहकों के लिए मार्जिन खाते खोलने का अधिकार नहीं है ! कम से कम 3 करोड़ की नेट वर्थ के साथ ब्रोकरेज घर ही इसका सही आनंद उठाते है !

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड द्वारा निर्दिष्ट प्रारूप के अनुसार ग्राहक के साथ मार्जिन ट्रेडिंग समझोते में प्रवेश करने के लिए दलाल की जिम्मेदारी है !

व्यापारी की भूमिका

भारत में मार्जिन क्या है एक इक्विटी व्यापारी ब्रोकरेज हाउस से कुल लेनदेन मान के 50 प्रतिशत तक उधार लेने का अधिकार प्राप्त करता है ! हालाँकि इस तरह के लेनदेन में शामिल होने से पहले , व्यापारी को दलाल के साथ आवश्यक राशी ( कम से कम 50 प्रतिशत मूल्य ) जमा करनी होगी !

एक व्यापारी जो दलाल द्वारा प्रदान किये गए ऋण पर स्टॉक खरीदता है वह तब ऋण रख सकता है जब तक वह इसका ईरादा रखता है लेकिन यह एक कीमत पर आता है !

ब्याज पर ऋण की राशी पर चार्ज किया जाता है और यह तब तक जमा रहता है जब तक की व्यापारी इस राशी को पूर्ण रूप से नहीं चुकाता !

मार्जिन मनी को कैलकुलेट कैसे किया जाता है? (How is Margin Money Calculated?)

दोस्तों बात करते हैं लोन मार्जिन मनी कैलकुलेट (Margin Money Calculated) करने के बारे में तो ! यह आप पर ही डिपेंड करता है कि आप कितना लोन (loan) लेना चाहते हो और बैंक आपको कितना लोन दे सकती है ! अगर मान लो कि आप को बैंक 10% का मार्जिन मनी (bank Margin Money) के लिए बोलती है ! तो अगर आपका लोन अमाउंट ₹1000000 है तो आपको ₹100000 की मार्जिन मनी जमा करवानी होगी !

  • बैंक सिर्फ और सिर्फ आपको ₹900000 तक का ही लोन प्रदान करेगी !

कार लोन मार्जिन मनी (car loan margin money)

दोस्तों अगर आप ₹1000000 की कार खरीदते हो और आपको कार खरीदने के लिए 1000000 रुपए की आवश्यकता है ! तो आप bank में जाकर कार लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं ! इस लोन पर आपको बैंक के द्वारा कुल कीमत का 10 या 20% मार्जिन मनी (Margin Money) जमा करवा कर लोन प्रदान करेगी ! अगर 20% का मार्जिन मनी बैंक आपसे लेती है तो आपको ₹800000 तक का ही लोन मिलेगा ! ₹200000 आपको ही कार लेने के लिए कार डीलर के पास या बैंक में जमा करवाने होंगे !

दोस्तों कई बार ऐसा होता है कि स्टूडेंट्स मार्जिन मनी (Margin Money) को लेकर काफी परेशान हो जाते हैं ! तो इसके लिए हम आपको बिलकुल आसानी से बताएंगे कि अगर किसी स्टूडेंट की 1 वर्ष की फीस ₹1000000 है ! और मार्जिन क्या है 10 से 20% मार्जिन मनी (student Margin Money loan) लग रहा है तो बैंक केवल आपको ₹800000 तक का ही स्टूडेंट को पढ़ाई के लिए लोन देगी ! बाकी के ₹200000 स्टूडेंट को खुद को ही अपने घरवालों से लेकर कॉलेज में जमा करवाने होंगे !

मुद्रा लोन मार्जिन मनी (Margin Money Mudra Loan)

दोस्तों अगर मान लें कि आप कोई बिजनेस करना चाहते हो और मशीनरी लगवाने के लिए आपका ₹1000000 का खर्चा है ! बिजनेस स्टार्ट करने के लिए तो आपकी बैंक से ₹1000000 लोन लेने की मांग है ! तो बैंक आपको उस मशीन पर ₹800000 तक का ही लोन देगी और 20% आपको मार्जिन मनी लगेगा (Mudra Loan Margin Money) ! मतलब कि ₹200000 आपको स्वयं ही जमा करवाने पड़ेंगे !

  • यह भी पढ़े – axis business loan kaise le : एक्सिस बिजनेस लोन कैसे ले हिंदी में

उदाहरण

ऑपरेटिंग मार्जिन जितना अधिक होगा, कंपनी के पास उतना ही कम वित्तीय जोखिम होगा

निश्चित रूप से यह आपके लिए पहले ही स्पष्ट हो चुका है कि ऑपरेटिंग मार्जिन क्या है और इसकी गणना कैसे की जाती है। लेकिन यह मार्जिन क्या है सुनिश्चित करने के लिए, हम इसे बेहतर ढंग से देखने के लिए एक छोटा सा उदाहरण देने जा रहे हैं। इस उदाहरण में हम एक कारखाने के ऑपरेटिंग मार्जिन की गणना करना चाहते हैं जो एयर कंडीशनिंग मशीन का उत्पादन करता है।

पिछले अभ्यास के दौरान, इस कंपनी की कुल बिक्री का मूल्य €550.000 था। बिक्री की इस मात्रा को प्राप्त करने और पूरा करने के लिए, निश्चित मान लेना आवश्यक है आवश्यक खर्च जो निम्नलिखित होगा:

  • कर्मचारियों के लिए €100.000
  • €235.000 कच्चे माल में
  • मार्केटिंग में €3.000
  • €10.000 मार्केटिंग खर्च में

लिवरेज अथवा मार्जिन कैसे काम करता हैं?

चलिये जानते हैं इसे विस्तार से, अगर कोई शेअर कि किंमत है मान लिजीये 100 रुपयें है और अगर आपको उसपर आपके ब्रोकर के यहां से 10% Margin मिलता है तो वह शेअर को आप Margin लेकर 10 रुपयों में भी खरिद सकते हों।

पहले कई सारे ब्रोकर 1% से लेकर 20% तक भी ब्रोकरेज देते थे लेकिन अभी Sebi के नये नियम अनुसार इसका गणित पुरा बदल दिया गया हैं। पहले आपके पास 5000 रुपयें भी है तो आप Levarage कि मदत से 50 हजार रुपयों के भी शेअर खरिदी कर सकते थे लेकिन इसमें Sebi ने अंकुश लगा दिया है लेकिन एक्सपर्ट कि माने तो इससे हमारे ऊपर यानी Retailer को ज्यादा असर देखने को नहीं मिलेगा, जो लोग ज्यादा मार्जिन लेके पहले ट्रेंड करते थे उनपर इसका असर जरुर देखने को मिलेगा।

Sebi New Margin Rule Effects in Hindi

अब हम देखेंगे कि अलग अलग प्रोडक्ट यानी Delivery, Intraday, Future & Options ( F&O) पर इसका क्या क्या असर पड़ेगा? वैसे तो बहुत सारे लोग इस मार्जिन के नियमों से काफी कंफ्यूज हैं अभी भी यह क्लियर नहीं हो रहा है कि क्या-क्या और किस मे बदलाव आया हैं तो आज आपको इसमें पुरे विस्तार से हर एक Product Margin Rule हम बचायेंगे।

डिलीवरी ‌के लिये मार्जिन रुल (Delivery):

SEBI New Margin Rule for delivery

अगर आप Long Term या Short Swing Term ट्रेडिंग करते हैं या अभी करना चाहते हैं तो आपको इसमें पहले जैसा ही कोई मार्जिन नहीं मिलने वाला है यानी अगर आपको Reliance Share खरिदना हैं और अभी Reliance Share Price 2388.5 रुपयें चल रही है तो आपको Delivery के लिये एक शेअर के लिये 2388.5 रुपयें ही लगेंगे यानी 100% राशी आपको Long term यानी CNC में लगेगी इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है पहले भी इसपर कोई मार्जिन नहीं दिया जाता था और अभी भी आपको जितने Share Buy करने हैं उतनी ही राशी आपको लगेगी।

New Sebi Leverage Rule से किसका फायदा और नुकसान होगा ?

इससे फायदा देखें तो नये लोग जो भी इन्वेस्टमेंट्स या ट्रेडिंग करने आयेंगे उन्हें इसका काफी फायदा होगा। मतलब नये लोग ज्यादातर बिना शेअर मार्केट का गणित, रणनिती, रिसर्च किये बिना हि ट्रेडिंग करना चालु कर देते हैं और फ्युचर एंड ऑप्शन जैसी चीजों में लालच के कारण ज्यादातर लोग पैसा गवा देते हैं तो यह कम देखने को मिलेगा।

सबसे ज्यादा नुकसान अगर इससे किसी का होगा हो वह ब्रोकर कंपनीयों का होगा क्योंकि वह ज्यादा से ज्यादा मार्जिन देने के कारण ट्रेडिंग भी काफी ज्यादा लोग करते थे और इसकी वजह से उसमें उन्हें ज्यादा ब्रोकरेज अथवा कमिशन मिल जाता था इसलिये बहुत से ब्रोकर लोग इसके खिलाफ बहुत-से कैंपेन चला रहे हैं लेकिन यह रिटेलर्स के लिये देखा जाये तो यह निर्णय बहुत अच्छा हैं।

हर एक ट्रांजेक्शन पर बहुत से चार्ज और सर टैक्स जैसे कई प्रकार के चार्जेस सरकार को कम मिलेंगे इसलिये इसे सरकार के लिये नुकसान दायक ही कहना होगा।

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