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बिटकॉइन किसने बनाया था?

बिटकॉइन किसने बनाया था?
परन्तु Bitcoin Cryptocurrency समय के साथ इतना तेजी से Grow हुआ की आज 2021-22 की स्थिति में एक Bitcoin की कीमत 20 भारतीय रूपये से बढ़कर 42,86,457.38 रूपये हो गया है. बिटक्वाइन का तेजी से बढ़ता हुआ ग्रोथ इसका नया नामकरण करता है और वह है “Digital Gold” देखा जाये तो यह नाम Bitcoin के लिए बिल्कुल सहीं बैठता है.

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Cryptocurrency चुराने के आरोप में बिटकॉइन किसने बनाया था? कपल गिरफ्तार, 94000 से अधिक Bitcoin बरामद, इतनी है इनकी कीमत

By: ABP Live | Updated at : 10 Feb 2022 06:47 AM (IST)

Bitcoin Latest News: अमेरिकी न्याय विभाग (US Justice Department) ने मंगलवार को घोषणा की कि उसने 2016 में चोरी हुए 94,000 से अधिक बिटकॉइन (bitcoin) बरामद किए है. वर्तमान में $3.6 बिलियन का मूल्य, एक रिकॉर्ड जब्ती है. मौजूदा वक्त में इसकी कीमत 3.6 बिलियन डॉलर बताई जा रही है. विभाग ने कहा कि बिटकॉइन को लूटने की कोशिश करने वाले एक जोड़े को न्यूयॉर्क में गिरफ्तार किया गया था.

34 वर्षीय इल्या लिचेंस्टीन और उनकी 31 वर्षीय पत्नी हीथर मॉर्गन को आरोपों को लेकर संघीय अदालत में पेश होना था. लिचेंस्टीन और मॉर्गन ने कथित तौर पर 119,754 बिटकॉइन से कमाई की कोशिश की थी. उस समय इनकी कीमत 6.5 करोड़ डॉलर बिटकॉइन किसने बनाया था? थी. ये 2016 में वर्चुअल करेंसी एक्सचेंज बिटफिनेक्स के हैक के दौरान चोरी हो गए थे.

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क्या आप जानना चाहते हैं की Blockchain technology kya hai और इस technology का अविष्कार किसने किया था, तो इस आर्टिकल में बने रहिये।

अभी के समय आपने एक क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन के बारे में जरूर सुना होगा बिटकॉइन को लेकर लोगों को बहुत ज्यादा उम्मीद है क्योंकि बिटकॉइन की कीमत प्रति दिन बढ़ती जा रही है।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस क्रिप्टोकरंसी के पीछे कौन सी टेक्नोलॉजी होती है? अगर आप जानना चाहते हैं कि बिटकॉइन के पीछे की टेक्नोलॉजी क्या बिटकॉइन किसने बनाया था? है तो इस आर्टिकल Blockchain kya hai के साथ अंत तक बने रहे।

बिटकॉइन प्राइस को कौन कंट्रोल करता है

बिटकॉइन प्राइस (Bitcoin Price) को कौन कंट्रोल करता है? यह सवाल कई बार उठाया जाता है। लेकिन आपको बता दें कि बिटकॉइन प्राइस (Bitcoin Price) को कोई भी कंट्रोल नहीं करता है। यह एक विकेन्द्रीकृत (Decentralized) मुद्रा है। मतलब इसका कोई केंद्र नहीं है, इसका कोई दफ्तर नहीं है।

जैसे भारतीय रुपये को आरबीआई बिटकॉइन किसने बनाया था? कंट्रोल करता है। किसी भी तरह की समस्या होने पर हम रिजर्व बैंक से गुहार लगा सकते हैं लेकिन बिटकॉइन के मामले में ऐसा नही है। बिटकॉइन को बिटकॉइन किसने बनाया था? खरीदने और बेचने के लिए कई एप का इस्तेमाल किया जाता है।

जैसा कि हमने पहले बताया है कि बिटकॉइन की एक निश्चित संख्या है। इस लिए जब ज्यादा लोग बिटकॉइन को खरीद लेते हैं तो खुले में बिटकॉइन कम बचते हैं। इस लिए उसका दाम अपने आप बढ़ जाता है। वहीं जब यही लोग बिटकॉइन को बेंचने लगते हैं तो इसका दाम कम होने लगता है। क्योंकि बाजार में बहुत सारे बिटकॉइन आ जाते हैं।

बिटकॉइन का इस्तेमाल कैसे किया जाता है

बिटकॉइन का इस्तेमाल करने के लिए पहले बिटकॉइन वॉलेट की आवश्यक्ता होती है। वालेट सेंडर और रिसीवर यानी भेजने वाले और पाने वाले दोनों के पास होना चाहिए। उसके बाद रिसीवर यानी बिटकॉइन पाने वाला सेंडर को अपना बिटकॉइन एड्रेस देता है।

सेंडर अपने वॉलेट में उस एड्रेस को डालता है और कितना बिटकॉइन भेजना है यह लिख कर सेंड कर देता है। इस प्रोसेस को पूरा करते ही सेंडर के वॉलेट में पड़े बिटकाइन कट जाते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है कि बिटकॉइन तुरंत ही पहुंच जाता है।

वह कई कंप्यूटरों से जुड़ा होता है। वहां से वेरीफाई होने के बाद वह रिसीवर को मिलता है। इस प्रक्रिया में 5-6 मिनट लग जाते हैं। कई बार यह समय आधे घंटे तक हो जाता है। अब सवाल यह आता है कि जब कोई सेंट्रल सिस्सटम नहीं होता तो आखिर बिटकॉइन वेरीफाई किस कंप्यूटर से होता है?

बिटकॉइन कैसे प्रचलित हुआ

बैंकों से पैसे के ट्रांसफर में समय और धन ज्यादा लगता है। साथ ही यह खर्च और बढ़ जाता है जब आप विदेशों से पैसा भेज रहे हों। फॉरेन एक्सचेंज में लोगों का ज्यादा खर्च लगता था। जबकि यही दाम बिटकॉइन ट्रांसफर में बहुत ही कम हो गया।

कहा जाए तो भेजी जाने वाली राशि के 1 प्रतिशत से भी कम दाम में। जिसके बाद लोगों ने बिटकॉइन का इस्तेमाल शुरू कर दिया। इसकी एक खास बात और थी कि इसे ट्रैक नहीं किया जा सकता था। जिसके कारण सरकारें चिंतित हो गईं।

कई देशों की सरकारों का मानना था कि बिटकॉइन का इस्तेमाल करके अवैध व्यापार जैसे स्म्गलिंग, हथियारों का धंधा किया जा सकता है। इस लिए कई देशों ने इसे बैन कर दिया। बिटकॉइन से पैसा भेजने का फायदा यह भी था कि बिटकॉइन वॉलेट का अकाउंट ब्लॉक नहीं होता है।

बिटक्वाइन कैसे कार्य करता है?

बिटक्वाइन Blockchain तकनीक पर आधारित है. सभी Bitcoin ट्रांजेक्शन का एक पब्लिक अकाउंट होता है. जिसे लेजर कहते हैं यह पब्लिक अकाउंट सभी सिस्टम पर उपलब्ध होता है. जो लोग इस सिस्टम को चलाते हैं उन्हें माइनर कहा जाता है. माइनर का काम सभी ट्रांजेक्शन को वेरिफाई करना होता बिटकॉइन किसने बनाया था? है की अगर A व्यक्ति B के पास 2 बिटक्वाइन भेजता है माइनर का बिटकॉइन किसने बनाया था? यह यह काम होता की क्या A के खाते में सचमुच 2 बिटक्वाइन यह पता करना.

यह बहुत ही जटिल और कंप्यूटरकृत कार्य है जिसके लिए हाई प्रोसेसिंग वाले कम्प्यूटर की आवश्यकता पड़ती है. एक बार एक्वीजन पूरा हो जाने के बाद नेटवर्क के सभी कम्प्यूटर इसे कन्फर्म करते हैं और यह ट्रांजेक्शन चैन में शामिल हो बिटकॉइन किसने बनाया था? जाती है. इसी लिए टेक्नोलॉजी को ब्लॉक चेन कहते हैं. माइनर को यह कार्य करने के बदले कुछ Bitcoin दिया जाता है.

क्रिप्टोकरेंसी और बिटकॉइन का उपयोग कैसे किया जाता है?

  • बिटकॉइन का सर्वाधिक प्रयोग इन्वेस्टमेंट के रूप में किया जाता है.
  • कहीं कहीं पर Bitcoin का उपयोग करंसी की तरह गुड्स एवं सर्विस खरीदने के लिए किया जाता है.

Bitcoin पर लोगों का भिन्न-भिन्न तरह का राय है. कोई इसे आने वाला भविष्य मानता है तो कोई Bitcoin को बिना वेल्यू का बताता है क्योंकि इसे देखा और छुवा नहीं जा सकता, लोगों का मानना है की Bitcoin अगर सोने के सामान Gold करंसी है तो गोल्ड को तो देखा और छुवा जा सकता है परन्तु Bitcoin के साथ ऐसा नहीं है. घर और सम्पति को देखा जा सकता है उसे भौतिक रूप से महसूस किया जा सकता है बिटकॉइन किसने बनाया था? परन्तु Bitcoin को नहीं इसलिए अभी भी ज्यादातर लोग Bitcoin को पूरी तरह सहीं बिटकॉइन किसने बनाया था? नहीं मानते.

इसके अलावा अगर किसी दुकान से सामान लेना है तब Bitcoin का उपयोग नहीं किया जा सकता हालांकि लगातार परिवर्तन जारी है कई जगह पर हॉटल रेस्तरा में Bitcoin का उपयोग किया जा रहा है. देखा जाये तो यह अभी भी निश प्रोडक्ट बना हुआ है. परन्तु समय के साथ इसमें कितना परिवर्तन होता है यह कहा नहीं जा सकता.

Bitcoin की कमियां?

बिटक्वॉइन की कुछ कमियां भी है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता जैसे –

  • Bitcoin का प्रोसेसिंग टाइम बहुत धीमा है एक ब्लॉक प्रोसेस को पूरा होने में लगभग दश मिनट का समय लग जाता है. देखा जाये तो प्रत्येक ट्रांजेक्शन के लिए दश मिनट का समय लगना लोगों को उबाऊ कर सकता है.
  • मनी लॉन्ड्रिग और हथियार खरीदी के लिए इसका उपयोग आसानी से किया जा सकता है.

Bitcoin के फायदे?

जहाँ बिटकॉइन की कुछ मामलों में कमियां है वही इसके कुछ फायदे भी है –

  • अगर आप विदेशों से लेन देन अर्थात फण्ड ट्रांसफर करते हैं तब बैंक में अधिक फीस चुकाना पड़ता है और फंड ट्रांसफर प्रोसेस में 2 से 3 दिन लग जाता है. ऐसे में Bitcoin सबसे अच्छा विकल्प है जिसे बिना कोई फीस के केवल केवल दश मिनट में ट्रांसफर किया जा सकता है.

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Bitcoin Price- दुनिया की सबसे पुरानी और सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) किशोर अवस्था में प्रवेश करने वाली पहली क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) बन गई है। बिटकॉइन ने 13 साल पुरे कर लिए हैं। हालांकि, बिटकॉइन का श्वेतपत्र सातोशी नाकामोतो द्वारा 28 अक्टूबर, 2008 को जारी किया गया था, लेकिन मिंट डेट 3 जनवरी, 2009 है, इसीलिए लोग 3 जनवरी को ही इसका बर्थडे मानते हैं। Mudrex के सीईओ और सह-संस्थापक एडुल पटेल (Edul Patel) ने कहा कि दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन (blockchain) के उदय के पीछे बिटकॉइन की अहम भूमिका रही है।

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