ट्रेंडिंग शेयर

कमाने के लिए कहां और कब तक जाना है?

कमाने के लिए कहां और कब तक जाना है?

MP NEWS- आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं का वेतन कब बढ़ेगा, पढ़िए विधानसभा में मुख्यमंत्री का जवाब

मध्य प्रदेश में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं का वेतन कब तक बढ़ जाएगा, इसके बारे में विधानसभा के मानसून सत्र में परासिया विधायक श्री सुनील जी के द्वारा प्रश्न पूछा गया। आइए पढ़ते हैं कि विधानसभा सदन में आधिकारिक रूप से मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार द्वारा क्या जवाब दिया गया।

वेतन विसंगति एवं आंगनवाड़ी भवनों की जानकारी [महिला एवं बाल विकास]

67. ( क्र. 653 ) श्री सुनील उईके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को 10,000/- राशि के स्थान पर 20,000/- वेतनमान एवं आंगनवाड़ी साहिकाओं को 5,000/- रूपये वेतन के स्थान पर 10,000/- वेतन दिया जाना था, यह वेतनमान कब तक लागू किया जायेगा। (ख) विधानसभा क्षेत्र जुन्नारदेव में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहिन है। जानकारी उपलब्ध करावें एवं उन आंगनवाड़ी विहिन केन्द्र में आंगनवाड़ी भवन कब तक स्वीकृत किये जायेंगे।

मुख्यमंत्री (श्री शिवराज सिंह चौहान) द्वारा विधानसभा में दिया गया लिखित उत्तर

(क) आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं आंगनवाड़ी सहायिकाओं का पद मानसेवी होने से वेतनमान लागू नहीं होता है। अतः शेष का प्रश्न नहीं।

(ख) विधानसभा क्षेत्र जुन्नारदेव अन्तर्गत कुल 105 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहिन है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है, अतः समय सीमा दिया जाना संभव नहीं है।

कुल मिलाकर विधानसभा सदन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह बताया कि, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को वेतन नहीं दिया जाता इसलिए हम इस प्रश्न का उत्तर नहीं देंगे।

Tez अब बन गया है Google Pay

खास भारत के लोगों के लिए बना. इसमें हैं वे सारी सुविधाएं और इनाम जो हैं आपको पसंद. साथ ही, और भी बहुत कुछ.

COVID‑19 से निपटने में साथ दें

कोरोना वायरस से निपटने में मदद कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों, दिहाड़ी मज़दूरों, और इससे बुरी तरह प्रभावित दूसरे लोगों की मदद करें. Google Pay के ज़रिए दान दें

⁠चैरिटीज़ ऐड फ़ाउंडेशन: कोरोना को फैलने से रोकने के लिए तुरंत मदद जुटाने में सहयोग करें
गिव इंडिया: कोरोना से प्रभावित परिवारों की मदद करें
पीएम केयर्स फ़ंड: आपात स्थितियों के लिए प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष
सीड्स: सबसे कमज़ोर और अक्सर मदद न पाने वाले लोगों की सेवा में
यूनाइटेड वे: स्वास्थ्यकर्मियों को समर्थन दें

Google Pay के ज़रिए दान दें

सीधे हमारे एनजीओ साझेदारों को दान दें

हमारे एनजीओ साझेदारों या पीएम केयर्स फ़ंड पर Google Pay के ज़रिए या सीधे उनकी वेबसाइट पर नीचे दिए गए लिंक के ज़रिए दान दें.

पैसे भेजने या पाने का आसान तरीका

सीधे अपने बैंक खाते से पैसे भेजें या पाएं, वह भी बिना किसी चार्ज के. अगर आपका कोई संपर्क Google Pay पर नहीं है, तो भी आप उसे पैसे भेज सकते हैं या उससे पैसे पा सकते हैं. किसी दोस्त के साथ लंच के आधे-आधे पैसे चुकाएं, किराया दें या मां को पैसे भेजें.

खरीदारी और रीचार्ज के अलावा भी बहुत कुछ

Google Pay पर बस एक टैप कर अपना मोबाइल रीचार्ज करें और हर महीने के अपने बिलों का भुगतान करें. अब आप जी भरकर शॉपिंग कर सकते हैं – चाहे वह ऑनलाइन हो या किसी दुकान में. आप पिछले लेन-देन का इतिहास देख सकते हैं, ताकि पता चल सके कि कब और किससे लेन-देन हुआ. जहां भी आपको UPI या Google Pay दिखाई दे, वहां इसका इस्तेमाल करें.

यहां Google Pay से खरीदारी करें

इनाम, जो कभी खत्म नहीं होंगे

Google Pay का इस्तेमाल करें और ₹1,00,000* तक की कीमत के स्क्रैच कार्ड और दूसरे इनाम पाएं. आपको कूपन कोड खोजने की ज़रूरत नहीं है. जब आपको इनाम मिलेगा, तो उसकी रकम सीधे आपके बैंक खाते में भेज दी जाएगी.

इनाम पाने के लिए क्या करना है? इसके साथ-साथ बाकी सारी जानकारी के लिए सभी नियम और शर्तें देखें.

पैसे सीधे आपके बैंक में

अपने मौजूदा बैंक खातों से झटपट पैसे भेजें और पैसे पाएं. न तो बार-बार मोबाइल वॉलेट में पैसे डालने की ज़रूरत और न ही एटीएम से पैसे निकालने के लिए अलग से चार्ज देने की दिक्कत. यह आपका ही पैसा है जिसका इस्तेमाल अब आप आसानी से कर सकते हैं.

Google Pay उन सभी बैंकों के साथ काम करता है जिनमें BHIM UPI की सुविधा है.

आस-पास के लोगों को पैसे चुकाएं

अपने बैंक खाते या फ़ोन नंबर जैसी निजी जानकारी शेयर किए बिना, आस-पास मौजूद किसी दूसरे Google Pay उपयोगकर्ता को झटपट पैसे भेजें. यह किसी को नकद रुपये देने जितना ही आसान, लेकिन उससे ज़्यादा सुरक्षित है.

इसे इस्तेमाल करना आसान है और यह बहुत तेज़ है.

Google Pay डाउनलोड करें

अपना स्क्रीन लॉक सेट करें

अपना बैंक खाता लिंक करें

इस्तेमाल के लिए तैयार!

आपका पैसा सुरक्षित है

Google Pay में दुनिया का बेहतरीन सुरक्षा सिस्टम है. यह सिस्टम धोखाधड़ी का पता लगाता है और हैकिंग से बचाता है, ताकि आपका पैसा रहे सुरक्षित. अपने खाते को फ़िंगरप्रिंट जैसी स्क्रीन लॉक की सुविधा से सुरक्षित करें. अगर आपको कभी भी मदद की ज़रूरत पड़े, तो हमारे सहायता केंद्र पर संपर्क करें. साथ ही, आप फ़ोन या चैट से भी हमसे संपर्क कर सकते हैं. हम हमेशा मौजूद हैं.

सहायता पाने के लिए, आप हमारे इस टोल-फ़्री नंबर पर कभी भी कॉल कर सकते हैं: 1-800-419-0157

कुछ सुविधाएं और डिवाइस शायद सभी जगहों पर न मिलें

Google इस साइट के ट्रैफ़िक का विश्लेषण करने के लिए कुकी का इस्तेमाल करता है. इसी मकसद से Google के साथ यह जानकारी शेयर की जाती है कि आप हमारी साइट का इस्तेमाल किस तरह करते हैं. जानकारी देखें

कांतारा वाला 'भूत कोला' अपनी आंखों से देखना है? जानें, कब-कहां जाना होगा?

कन्नड़ फिल्म 'कांतारा' ने अब तक 355 करोड़ रुपये की वर्ल्डवाइड कमाई की है। फिल्म में दिखाए गए दैव कोला ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा। जानिए, अगर इसे आपको अपनी आंखों से देखना हो तो क्या करना होगा?

कांतारा वाला 'भूत कोला' अपनी आंखों से देखना है? जानें, कब-कहां जाना होगा?

इस साल 30 सितंबर को रिलीज हुई कन्नड़ फिल्म कांतारा का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस के कई रिकॉर्ड तोड़ते हुए अब तक 355 करोड़ रुपये की वर्ल्डवाइड कमाई की है। खुद फिल्म के डायरेक्टर, राइटर और लीड ऐक्टर ऋषभ शेट्टी कई मौकों पर कह चुके हैं कि 16 करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म को बनाते वक्त हमने बिल्कुल नहीं सोचा था कि इसे ऐसा रेस्पॉन्स मिलेगा।

'कांतारा' क्यों खास है?
मगर कभी सोचा है आपने कि फिल्म का ऐसा कौन सा एलिमेंट है, जिसने इसे अपनी लीग की सभी फिल्मों से अलग खड़ा कर दिया? फिल्म में क्लाइमैक्स सीन में ऋषभ शेट्टी की ऐक्टिंग के अलावा और क्या खास है जो लोगों को याद रहा और डेढ़ महीने बाद भी उन्हें सिनेमाहॉल की ओर खींच रहा है। वो एक चीज है, फिल्म में दिखाया गया दैव कोला या भूत कोला। तुलुनाडु, कोस्टल कर्नाटक और केरल के कुछ हिस्सों में होने वाले इस धार्मिक नृत्य ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा। लोगों की इस कला और संस्कृति को जानने में रुचि पैदा हुई।

क्या है भूत कोला?
भूत कोला एकतरह की सालाना पूजा होती है। उत्तरी केरल, कोस्टल कर्नाटक जैसे मैंगलोर, उडुपी और कुंडापुर में तो लगभग हर गांव में यह पूजा होती है। लोगों की मान्यता है और जैसा कि फिल्म में भी दिखाया गया है, जो शख्स कोला करता है यानी नृत्य करता है, उसके अंदर पंजुरली देवता आ जाते हैं और वह गांव वालों के विवादों को सुलझाते हैं। उनका निर्देश उस गांव के लोगों के लिए सर्वोपरि होता है और इसका पालन करना जरूरी होता है।

करीब 600 सालों से चली आ रही परंपरा
यह परंपरा इस क्षेत्र में बीते करीब 550-600 सालों से चली आ रही है। फिल्म के लीड ऐक्टर और डायरेक्टर ऋषभ शेट्टी ने भी बताया है कि वह खुद कुंडापुर से हैं, जो 'भूत कोला' का एक केंद्र है। उन्होंने बचपन से जो भी देखा उसे हूबहू फिल्म में उतार दिया। लोग शादी-विवाह, किसी शुभ काम या गृह प्रवेश वगैरह से पहले भी भूत या दैव कोला का आयोजन करवाते हैं। स्थानीय लोग पूरे श्रद्धाभाव से इन कोला में शामिल होते हैं।

आपको कमाने के लिए कहां और कब तक जाना है? देखना हो तो क्या करना होगा?
अब सबसे जरूरी सवाल कि अगर आपको इसे अपनी आंखों से देखना हो तो क्या करना होगा? फिल्म 'कांतारा' में जैसे 'भूत कोला' को दिखाया गया है, वह मुख्यतः कर्नाटक के उडुपी, मैंगलोर और कुंडापुर के गांवों में होता है। आमतौर पर यह नवंबर महीने के अंत से शुरू होता है मई-जून तक चलता है। कई गांवों और देवस्थानों की तारीख फिक्स होती है। जैसे मैंगलोर के कल्लड़का में 6 और 7 जनवरी 2023 को दैव कोला होना है। मैंगलोर के ही गरोड़ी में 25 दिसंबर को और शिबरूर स्थित श्री कोडमानिट्टया क्षेत्र में 18-25 दिसंबर के बीच दैव कोला होगा।

पपीते की खेती कैसे और कब करें, कितनी होगी कमाई, कृषि वैज्ञानिक ने दी पूरी जानकारी

अगर जमीन भी किराए पर लेनी पड़े तो भी एक हेक्टेयर जमीन करीब 1-1.5 लाख रुपये किराए पर मिल जाएगी. यानी साल भर में आपकी 15 लाख रुपये तक की कमाई होगी, जिसमें से करीब 12-13 कमाने के लिए कहां और कब तक जाना है? लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा होगा. वहीं ये फसल आपको अगले साल भी फल देगी, लेकिन संख्या गिर जाएगी.

पपीते की खेती कैसे और कब करें, कितनी होगी कमाई, कृषि वैज्ञानिक ने दी पूरी जानकारी

उत्तर भारत में पपीता मार्च अप्रैल में पपीते (Papaya Cultivation) लगने लगते है. इस समय लगाए गए पपीता की फसल में विषाणु जनित एवं फफूंद जनित रोग (Viral and Fungal Diseases) कम लगते है. इस समय फरवरी का महीना चल रहा है इसलिए अधिकांश किसान पपीता की नर्सरी (Papaya Nursery) की तैयारी कर चुके होंगे या तैयारी कर ले. नर्सरी एक ऐसा स्थान है जहां पौधे , जहां ऊंची जमीन में रोपने से पहले उगाए जाते हैं. बीज की गुणवत्ता बहुत महत्वपूर्ण है. जिसके आधार पर पपीते जैसी फलो के लिए पहले नर्सरी में पौधे उगाते है , फिर मुख्य भूखंड में प्रत्यारोपित करने की आवश्यकता होती है. आम तौर पर, बीज को नर्सरी में बोने के बाद महीन मिट्टी की एक परत के साथ ढक दिया जाता है. सूरज से या पक्षियों या कृन्तकों द्वारा भी कभी कभी पौधे को खाया जाता है.

डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, समस्तीपुर, बिहार के अखिल भारतीय फल अनुसंधान परियोजना के प्रधान अन्वेषक एवं एसोसिएट डायरेक्टर डॉक्टर एसके सिंह टीवी9 के जरिए किसानों को आज पपीते की खेती की जानकारी दे रहे हैं.

जमीन सुनिश्चित करें

डाक्टर एस के सिंह पपीता की खेती करने वाले किसानों के नर्सरी तैयार करना जरुरी है. नर्सरी बनाने से पहले जमीन का चयन करते समय निम्नलिखित बातों पर विचार किया जाता है जैसे क्षेत्र जलभराव से मुक्त होना चाहिए. वांछित धूप पाने के लिए हमेशा छाया से दूर रहना चाहिए. नर्सरी क्षेत्र पानी की आपूर्ति के पास होना चाहिए. क्षेत्र को पालतू जानवरों और जंगली जानवरों से दूर रखा जाना चाहिए.

पौधा लगाने के फायदे

पपीता जैसे बहुत महंगे बीज की नर्सरी तैयार कर लेने से ,नुकसान कम होता है . भूमि का उचित उपयोग सुनिश्चित करता है. बेहतर वृद्धि और विकास के लिए सुगमता होती है. नर्सरी उगा लेने से समय की भी बचत होती है. अनुकूल समय तक पौध प्रतिरोपण के विस्तार की संभावना रहती है. विपरीत परिस्थिति में भी पौध तैयार किया जा सकता है. नर्सरी क्षेत्र की देखभाल और रखरखाव में आसानी होती है.

नर्सरी की मिट्टी कैसे करें तैयार

यदि संभव हो तो Plastic Tunnel से ढकी जुताई वाली मिट्टी पर लगभग 4-5 सप्ताह तक मिट्टी का सोलराइजेशन (Soil Solarization) करना बेहतर होता है. बुवाई के 15-20 दिन पहले मिट्टी को 4-5 लीटर पानी में 1.5-2% फॉर्मेलिन घोल कर प्रति वर्ग मीटर की मात्रा में मिलाकर प्लास्टिक शीट से ढक दें. कैप्टन और थीरम जैसे कवकनाशी @ 2 ग्राम /लीटर की दर से घोल बना कर मिट्टी के अंदर के रोगजनकों को भी मार देना चाहिए. फुराडॉन, हेप्टाक्लोर कुछ ऐसे कीटनाशक हैं जिन्हें सूखी मिट्टी में 4-5 ग्राम/वर्ग मी की दर से मिलाया जाता है और नर्सरी तैयार करने के कमाने के लिए कहां और कब तक जाना है? लिए 15-20 सेंटीमीटर की गहराई तक मिलाया जाना चाहिए. ढकी हुई पॉलीथीन शीट के नीचे कम से कम 4 घंटे लगातार गर्म भाप की आपूर्ति करें और मिट्टी को बीज बिस्तर तैयार करते है .

बीज का सलेक्शन

पपीते के उत्पादन के लिए नर्सरी में पौधों का उगाना बहुत महत्व रखता है. इसके लिए बीज की मात्रा एक हेक्टेयर के लिए 500 ग्राम पर्याप्त होती है. बीज पूर्ण पका हुआ, अच्छी तरह सूखा हुआ और शीशे की जार या बोतल में रखा हो जिसका मुंह ढका हो और 6 महीने से पुराना न हो, उपयुक्त है. बोने से पहले बीज को 3 ग्राम केप्टान से एक किलो बीज को उपचारित करना चाहिए.

कंपोस्ट ऐसे बनाए

बीज बोने के लिए क्यारी जो जमीन से ऊंची उठी हुई संकरी होनी चाहिए इसके अलावा बड़े गमले या लकड़ी के बक्सों का भी प्रयोग कर सकते हैं. इन्हें तैयार करने के लिए पत्ती की खाद, बालू, तथा सडी हुई गोबर की खाद को बराबर मात्र में मिलाकर मिश्रण तैयार कर लेते हैं. जिस स्थान पर नर्सरी हो उस स्थान की अच्छी जुताई, गुड़ाई करके समस्त कंकड़-पत्थर और खरपतवार निकाल कर साफ़ कर देना चाहिए . वह स्थान जहां तेज धूप तथा अधिक छाया न आए चुनना चाहिए.

ऐसे लगाएं पौधे

एक एकड़ के लिए 4050 वर्ग मीटर जमीन में उगाए गए पौधे काफी होते हैं. इसमें 2.5 x 10 x 0.5 मीटर आकार की कमाने के लिए कहां और कब तक जाना है? क्यारी बनाकर उपरोक्त मिश्रण अच्छी तरह मिला दें, और क्यारी को ऊपर से समतल कर दें. इसके बाद मिश्रण की तह लगाकर 1/2′ गहराई पर 3′ x 6′ के फासले पर पंक्ति बनाकर उपचारित बीज बो दे और फिर 1/2′ गोबर की खाद के मिश्रण से कमाने के लिए कहां और कब तक जाना है? ढक कर लकड़ी से दबा दें ताकि बीज ऊपर न रह जाए. यदि गमलों बक्सों या प्रोट्रे का उगाने के लिए प्रयोग करें तो इनमें भी इसी मिश्रण का प्रयोग करें. बोई गई क्यारियों को सूखी घास या पुआल से ढक दें और सुबह शाम फब्बारे द्वारा पानी दें. बोने के लगभग 15-20 दिन भीतर बीज जम जाते हैं. जब इन पौधों में 4-5 पत्तियां और ऊंचाई 25 से.मी. हो जाए तो दो महीने बाद मुख्य खेत में प्रतिरोपण करना चाहिए, प्रतिरोपण से पहले गमलों को धूप में रखना चाहिए.

रेटिंग: 4.22
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 357
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *