इंट्रा डे के लिए शेयरों का चयन कैसे करें?

इसे सुनेंरोकेंमध्यम से उच्च वोलैटिलिटी (अस्थिरता) ट्रेडर्स को आमतौर पर डे ट्रेडिंग में पैसा बनाने के लिए प्राइस मूवमेंट की आवश्यकता होती है और इसलिए ऐसे शेयरों का चयन मूल्य या प्रतिशत की दृष्टि से महत्वपूर्ण होता है। आमतौर पर जो स्टॉक 3% से अधिक की ओर जाता है, वह इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए अच्छा स्टॉक माना जाता है।
Best Share Market Books In Hindi In 2022 | शेयर मार्किट बुक्स
आज हम इस आर्टिकल में आपको Share Market Books for Beginners in Hindi के बारे में बताएंगे दोस्तों शेयर मार्केट में लोगों की रुचि दिन पर दिन बढ़ती जा रही है और कुछ नए इन्वेस्टर या फिर जो इन्वेस्ट करना चाहते है उनके लिए इसे समझना थोड़ा चुनौती पूर्ण होता है क्योंकि उन्हें शेयर मार्केट के बारे में सही नॉलेज नहीं होती और वो किसी के बहकावे में आकर स्टॉक्स में इन्वेस्ट कर देते है फिर बाद में उनका पैसा डूब जाता है ऐसे में आपको पहले शेयर मार्किट में लर्निंग की जरूरत होती है इसलिए आज हम आपको शेयर मार्केट से जुड़ी Share Market Books In Hindi के बारे में बताएंगे और इन बुक्स को आपको जरूर पढ़ना चाहिए
आइए जानते हैं Share Market Books for Beginners in Hindi शेयर मार्केट लर्निंग के लिए बेस्ट बुक्स के बारे में और अगर आपको शेयर मार्केट में नए हैं या फिर आप शेयर मार्केट के बारे में जानना चाहते हैं तो मैं आपको ऐसे ही Best Share Market Books In Hindi के बारे में बताऊंगा
The intelligent Investor | द इंटेलिजेंट इन्वेस्टर
यदि आप शेयर मार्केट के बारे में अच्छे से जानना चाहते हैं तो मैं आपसे सिफारिश करूंगा कि आप द इंटेलीजेंट इन्वेस्टर बुक का चयन करें क्योंकि इस बुक्स में शेयर मार्केट के बारे में एक दम बेसिक से जानकारी दी गई है और यह अब तक की बेस्ट शेयर मार्केट लर्निंग बुक्स भी है और यह बुक शेयर मार्केट की बाइबिल के रूप में जानी जाती है और यह बुक महान इन्वेस्टर बेंजामिन ग्राहम के द्वारा लिखी गई है
आप इस बुक में शेयर मार्केट की संपूर्ण जानकारी और अपने लाभ को कैसे बढ़ाया जाए और इंट्रा डे के लिए शेयरों का चयन कैसे करें? आप अपने इमोशन पर काबू कैसे रखें और फाइनेंस विश्लेषण के बारे में अच्छे से जानकारी प्राप्त कर पायेंगे
Rich Dad’s Guide to Investing | रिच डैड्स गाइड टू इन्वेस्टिंग
दोस्तों इस बुक को रॉबर्ट कियोसकी द्वारा लिखा गया है इंट्रा डे के लिए शेयरों का चयन कैसे करें? और रॉबर्ट कियोसकी एक ऐसे व्यक्ति हैं जो अपनी इन्वेस्टिंग के स्ट्रेटजी के दम पर ना सिर्फ अपनी जिंदगी इंट्रा डे के लिए शेयरों का चयन कैसे करें? बल्कि लाखों लोगों की लाइफ में बदलाव लाया है और वह एक महान इन्वेस्टर व बिजनेस कोच भी रह चुके हैं और रॉबर्ट कियोसकी रिच डैड गाइड इन्वेस्टिंग बुक्स के फाउंडर भी है
इस बुक में आपको इन्वेस्टिंग करने के बेहतरीन टिप्स व आप अपना रिच माइंडसेट कैसे बना सकते हैं और यह भी जाने को मिलेगा कि अमीर कैसे बना जा सकता है और इस बुक से शेयर मार्केट समझ में पहले बेहतरी होगी
निवेश के लिए कैसे करें सही शेयर का चुनाव, ताकि कम जोखिम में मिल सके बेहतर रिटर्न
शेयर मार्केट में निवेश करते समय कुछ बुनियादी बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है.
How To Invest For Better Returns: शेयर मार्केट में सही निवेश की पहली सीढ़ी है ऐसे शेयर्स का चुनाव जो लंबे समय के दौरान अच्छा मुनाफा देने की संभावना रखते हैं हों. ऐसे शेयरों की पहचान यूं ही सिर्फ सुनी-सुनाई बातों या यहां-वहां से मिलने वाले टिप्स के आधार पर करना ठीक नहीं होता. अगर आप चाहते हैं कि कम से कम जोखिम में आप बाजार से बेहतर रिटर्न इंट्रा डे के लिए शेयरों का चयन कैसे करें? हासिल करें, तो आपको कुछ खास फिल्टर्स या कसौटियों पर नजर रखनी होगी. आइए जानते हैं, क्या हैं वो महत्वपूर्ण कसौटियां जिन पर ध्यान देकर आप सही शेयर का चुनाव कर सकते हैं.
अच्छी क्वॉलिटी के शेयर जिनकी कीमत अभी कम है
अच्छी क्वॉलिटी वाले शेयर की पहली कसौटी है निवेश की सुरक्षा. यानी ऐसी कंपनी जिसकी इंट्रा डे के लिए शेयरों का चयन कैसे करें? वित्तीय स्थिति और हाल के वर्षों का परफॉर्मेंस अच्छा हो. निवेश की सुरक्षा के लिहाज से कम से कम 500 करोड़ रुपये के मार्केट कैपिटलाइजेशन वाली कंपनी पर ध्यान देना एक अच्छी रणनीति साबित हो सकती है. इसके अलावा शेयर का PEG यानी Price-earnings to Growth रेशियो एक से कम होना चाहिए. इससे कंपनी के शेयर की सही वैल्यूएशन का पता चलता है.
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अच्छा डिविडेंड देने वाले शेयर
निवेश के लिए बेहतर शेयर के चुनाव की एक और कसौटी अच्छा डिविडेंड भी हो सकता है. डिविडेंड यानी लाभांश का अर्थ है वो मुनाफे का वो हिस्सा जो कंपनी अपने शेयरधारकों में बांटती है. लगातार डिविडेंड से न सिर्फ शेयरधारक को सीधे-सीधे निवेश पर रिटर्न मिलता है, बल्कि इससे कंपनी की अच्छी वित्तीय सेहत का भी पता चलता है. निवेश से पहले कंपनी के पिछले 5 साल का डिविडेंड देने का रिकॉर्ड देखना चाहिए. साथ ही कंपनी का डिविडेंड-पे-आउट रेशियो 40 फीसदी से कम हो तो बेहतर. क्योंकि इससे पता चलता है कि कंपनी अपने लाभ का एक हिस्सा बांटने के बाद बाकी रकम बिजनेस के विस्तार में भी लगाती है.
अगर कोई शेयर ऊपर की दोनों कसौटियों पर खरा उतर रहा हो तो तीसरी बात उसके ‘डिस्काउंट-टू-बुक वैल्यू’ पर नजर डालनी चाहिए. अगर कंपनी बाकी हर लिहाज से मजबूत और बेहतर भविष्य वाली नजर आ रही है, फिर भी उसके शेयर अपनी बुक वैल्यू के मुकाबले कम कीमत पर मिल रहे हैं, तो उसमें आगे चलकर अच्छे रिटर्न मिल सकते हैं. ऐसे शेयर में यह भी जरूर देखना चाहिए कि उसका डेट-इक्विटी रेशियो 1.5 से कम हो और हाल के वर्षों में रिटर्न ऑन नेट वर्थ 10 फीसदी से अधिक रहा हो.
ग्रोथ की अच्छी संभावना और वाजिब कीमत वाले शेयर
बेहतरीन शेयर के चुनाव के लिए यह भी एक अहम कसौटी हो सकती है. सवाल यह है कि ग्रोथ की इंट्रा डे के लिए शेयरों का चयन कैसे करें? अच्छी संभावना और वाजिब कीमत का अंदाजा कैसे लगाएं. फंडामेंटल रूप से मजबूत शेयर का P/E यानी प्राइस-टू-अर्निंग्स रेशियो अगर 15 से कम है, तो आमतौर पर कीमत को वाजिब मान सकते हैं. पिछले 5 साल में कंपनी की अर्निंग्स ग्रोथ कम से कम 20 फीसदी होनी चाहिए. YoY आधार पर पिछली तिमाही की अर्निंग्स ग्रोथ और पिछले 12 महीनों की ट्रेलिंग अर्निंग्स ग्रोथ भी कम से कम इतनी ही यानी 20 फीसदी होनी चाहिए.
इन तमाम कसौटियों पर खरा उतरने वाला शेयर आने वाले दिनों में कम जोखिम में अच्छा रिटर्न देने वाला साबित हो सकता इंट्रा डे के लिए शेयरों का चयन कैसे करें? है. हालांकि इस बात का ध्यान रखें कि यहां कही गई बातें इनवेस्टमेंट टिप्स नहीं हैं. ये कसौटियां बेहतर निवेश के लिए अपनाई जाने वाली कुछ बुनियादी बातों में शामिल हैं. इनके अलावा शेयर से जुड़ी खबरों, संबंधित इंट्रा डे के लिए शेयरों का चयन कैसे करें? इंडस्ट्री की दशा-दिशा और पूरी इकॉनमी को प्रभावित करने वाले राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय हालात जैसी बातों पर नजर रखना भी जरूरी है.
Share Market में निवेश के लिए ब्रोकर चुन रहे हैं? इन 5 बातों का ख्याल रखें
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2018 से अब तक 34 ब्रोकर डिफॉल्टर घोषित हो चुके हैं. इस साल अब तक 3 ब्रोकर डिफॉल्टर हुए हैं.
ब्रोकिंग उद्योग के सूत्रों का कहना है कि ये डिफॉल्ट ज्यादातर ब्रोकरों द्वारा क्लाइंट सिक्योरिटीज और फंड के दुरुपयोग का परिणाम है. भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने इस तरह की प्रथाओं पर रोक लगाने के लिए और कड़े मानदंडों की शुरुआत की है. जिसके बाद ये ब्रोकर उसकी अनुपालन नहीं कर सके और डिफॉल्टर हो गए.
अपने मार्जिन पर ट्रेड करें
सबसे पहले, जिस बात का निवेशकों को ध्यान रखना चाहिए वो क्लाइंट मार्जिन के अलगाव और आवंटन से जुड़ा है. रेगुलेटर द्वारा यह एक बड़ा कदम है जो 2 मई से प्रभावी होगा.
वर्तमान में ग्राहकों की व्यक्तिगत सीमा तय करना ब्रोकर के हाथ में है. ब्रोकर देखता है कि पिछले सप्ताह तीन ग्राहकों ने लेन-देन नहीं किया है, तो वह सात ग्राहकों के बीच अपनी 10 लाख रुपये की सीमा निर्धारित कर सकता है. इसे ऐसे समझें, ब्रोकर ग्राहकों के एक समूह से संबंधित धन का उपयोग दूसरों के लेन-देन के लिए कर सकता है.
बिजनेस स्टैंडर्ड के रिपोर्ट के मुताबिक, SEBI के नए नियम इस तरह के मामलों पर नजर रखेगी. 2 मई से ब्रोकरों को CCIL की बेवसाइट पर एक फाइल अपलोड करनी होगी. जिसमें प्रत्येक ग्राहक को दी जाने वाली सीमा का ब्रेक-अप देना होगा. इस जानकारी के आधार पर CCIL यह सुनिश्चित करेगा कि कोई ग्राहक अपनी व्यक्तिगत सीमा से अधिक पोजीशन न लें.इंट्रा डे के लिए शेयरों का चयन कैसे करें?
फ्लोटिंग नेट वर्थ की अवधारणा
अब फ्लोटिंग नेट वर्थ की अवधारणा पेश की गई है. ब्रोकरों को न्यूनतम नेट वर्थ के अलावा फ्लोटिंग नेट वर्थ भी मेंटेन करना होगा. मान लीजिए की एक ब्रोकर का एवरेज कैश बैलेंस 10,000 करोड़ रुपये है, उसे अब 1,000 करोड़ रुपये का नेट वर्थ बनाए रखना होगा. ब्रोकरों को फरवरी 2023 तक इस मानदंड का पालन करना होगा.
ब्रोकर के साथ खाता खोलने से पहले ऑनलाइन रिव्यू जरूर पढ़ें. एक्सचेंजों इंट्रा डे के लिए शेयरों का चयन कैसे करें? की वेबसाइटों पर ब्रोकर के खिलाफ शिकायतों की जांच करें. यदि आपको भुगतान में देरी, धन के गलत प्रबंधन, या अनधिकृत ट्रेडों से संबंधित शिकायतें मिलती हैं, तो उस ब्रोकर से बचें. हाई लीवरेज के वादे के साथ इंट्रा डे के लिए शेयरों का चयन कैसे करें? ग्राहकों को लुभाने की कोशिश करने वाले किसी भी ब्रोकर से बचना चाहिए.
ब्रोकिंग चार्जेज का ध्यान रखें
अकसर ब्रोकर्स अपना ब्रोकिंग चार्ज फिक्स्ड ही रखते हैं. हालांकि, ये कारोबार के वॉल्यूम और फ्रीक्वेंसी पर भी निर्भर करते हैं. ऐसे में इस बारे में बात कर लेना भी जरूरी है.
कुछ ब्रोकरेज हाउस सिर्फ इक्विटी ब्रोकिंग की सेवा ही नहीं प्रदान करतें, बल्कि कई प्रकार की अन्य सेवाएं भी आप तक पहुंचाते हैं. ऐसे में जान लें कि यह सेवाएं क्या हैं और आपके लिए इनकी क्या उपयोगिता है. इसके बाद ही ब्रोकर का चयन करें.इंट्रा डे के लिए शेयरों का चयन कैसे करें?
इक्विटी और डेरिवेटिव्स में निवेश करें
इक्विटी निवेश में आपके बैंक खाते में साधारण बचत राशि की तुलना में अधिक बढ़त होती है। इक्विटी और वित्तीय डेरिवेटिव्स बाजारों में निवेश करने से, उच्च दर का रिटर्न देते हुए और निवेश की गई मूल राशि के मान को बढ़ाते हुए मुद्रास्फीति के दबाव को कम करने में सहायता मिलती है। पूंजीगत लाभ और आवधिक आय इक्विटी निवेश से होने वाले मुनाफ़े के स्रोत हैं।
- समय के साथ धन बढ़ाएं
- किसी भी समय चलनिधि
- लाभांश और पूंजी की वृद्धि
- मुद्रास्फीति से बचाव
- एक्सचेंज में व्यापार
- स्तविक समय में निवेश को ट्रैक करें
इक्विटी निवेश के लिए अमेरिका को क्यों चुनें
- लीवरेज उत्पाद
- निजीकृत इक्विटी ट्रेडिंग सलाह
- अनुसंधान समर्थित इक्विटी निवेश योजनाएं
- प्रोफाइल आधारित इक्विटी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म
- सभी डिवाइस पर सुरक्षित इक्विटी ट्रेडिंग
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इसे सुनेंरोकेंAnswer: उत्तर. उत्पादन का उद्देश्य-ऐसी वस्तुएं एवं सेवाएं उत्पादित करना जिसकी हमें आवश्यकता होती है।
इसे सुनेंरोकेंहम यह मानते हैं कि एक फर्म का उद्देश्य अधिकतम लाभ, जितना वह कर सके, प्राप्त करना है। एक फर्म का उत्पादन फलन उपयोग में लाए गए आगतों तथा फर्म द्वारा उत्पादित निर्गतों के मध्य का संबंध है। उपयोग में लाए गए आगतों की विभिन्न मात्राओं के लिए यह निर्गत की अधिकतम मात्रा प्रदान कर सकता है, जिसका उत्पादन किया जा सकता है।