क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई?

भारत की सबसे अच्छी 5 क्रिप्टोकरंसी कौनसी है?
Top 5 Cryptocurrency in India की बात करे तो यह हमेशा बदलती रहती है क्योंकी यह Most Volitile CryptoCurrancy होती है जो बहुत उपर निचे क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई? होती रहती है, कभी कभी एक एक दिन मे यह 10-30 % तक उछाल आ जाता है. इसलिये Top 5 Cryptocurrency in India की लिस्ट आज जो है वह कुछ दिनों मे बदल जाती है.
Cryptocurrency kya hai ?
क्रिप्टो करेंसी क्या है अगर आसान भाषा मे कहा जाये तो यह एक Digital Currancy है. Digital Computer System के माध्यम से इसे स्टोर किया जाता है. दरसल इसे क्रिप्टो मुद्रा भी कहा जाता है क्योंकि यह एक प्रकार की मुद्रा ही है.
यह एक प्रकार के Digital Assets होते है जिनका इस्तमाल किसी भी चीजों के खरिदने और बेचने के लिये होता है.
CryptoCurrancy Exchange Market मे कितने क्रिप्टोकरेंसी Listed है?
जनवरी 2021 तक की बात की जाये तो CryptoCurrancy Exchange Market मे लगभग 4000 के ऊपर क्रिप्टोकरेंसी संख्या लिस्टेड हुई है और CryptoCurrancy व्यापार यानी रोज Trade होनेवाले CryptoCurrancy की बात करे तो 10,000 के ऊपर संख्या जाती है अगर रोज CryptoCurrancies Trading कि बात करे तो.
Top 5 CryptoCurrancy 2021 भारत मे कौन कौन से है?
Best CryptoCurrancy to invest in India की बात करे तो इसकी रॅक ऊपर नीचे होती रहती है अगले महिने देखेंगे तो यह बदल गई होगी लेकिन आज मैै आपको इस समय के Top 10 CryptoCurrancy 2022 बताऊंगा जो की अभी के लिये Trending मे है. Best CryptoCurrancy to invest Today की बात करे तो आज के समय मे Bitcoin, Dogecoin, Ripple, Ethereum, Litcoin, Binance आप इने देख सकते है. तो चलिये जानते है बेहतरिन 5 क्रिप्टो करेंसी इंडिया कौन कौन से है.
1. BITCOIN Kya Hai?
भारत मे नहीं बल्की दुनिया मे सबसे जादा कोई कोई चर्चित क्रिप्टो करंसी होगी तो वह है Bitcoin. चलिए देखते है बिटकाॅईन क्या है?
Bitcoin CryptoCurrancy यह Blockchain पर आधारित काम करती है. Bitcoin Market Cap की बात करे तो यह लगभग 650.07 b तक है.
बिटकॉइन का आज का भाव देखे तो 1 बिटकॉइन की कीमत भारतीय रुपयोंं के हिसाब से 26,00,000 (7 जुलै 2021) रुपये के पास चल रही है. इसकी बात करे तो 1 बिटकाॅईन प्राईस लगभग 50,00,000 लाख के भी ऊपर जाकर आई है. देखा जाये तो Bitcoin Historical Returns कि बात करे तो काफी कम समय मे बहुत जादा रिटर्न्स दिये है.
बिटकॉइन का भविष्य की बात करे तो इसका अंदाजा कोई नहीं लगा सकता क्यों यह बहुत ही ऊपर नीचे होता रहता है यह काफी Volatile होता है.
2. ETHEREUM Kya Hai?
Bitcoin के बाद अगर कोई लोकप्रिय Crypto Currancy होगी तो वो है Ethereum. यह बिटकाॅईन के बाद दुसरे पायदान पर आती है. यह जिस Technology पर काम करती है उसे Ethereum Blockchain कहते है.
Vitalik Buterin नामक व्यक्ती ने इसका आविष्कार किया है वह एक Canada के नागरिक है. इसे साल 2015 मे लाॅन्च किया गया है. Ethereum Market Cap 2021 की बात करे तो वह लगभग 250 Billion U.S.D से भी जादा है. Ethereum price की बात करे तो वह 1,82,000 भारतीय रुपयो (7 जुलै 2021) के आसपास चल रही है.
बीच मे इसके Founder के मरने की खबरो से Ethereum कीमत मे थोडी गिरावट हुईं थी. काफी लोग Ethereum कीमत भविष्यवाणी कर रहे है की यह काफी बढने वाली है लेकिन क्रिप्टोकरंसी की बात करे तो यह बढ भी सकती है और कभी भी बहुत जादा भी गिर सकती है क्योंकि क्रिप्टोकोर्रेंसी न्यूज़ से भी यह खाफी जादा ऊपर नीचे होती रहती है.
3. DOGECOIN क्या है?
इसकी कहानी काफी दिलचस्प है दरसल यह मजाक मजाक मे एक मिम्स पर बनाई गई करेंसी क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई? है. दरसल यह Culture Trends पर आधारित है इसलिये यह बाकी के मायनो मे जादा रिस्की है. चलिये जानते डाॅगकाईन क्या है ?
Dogecoin भी Bitcoin की तरह ही एक CryptoCurrancy है, जिसे Jackson Palmer और Billy Markus ने 2013 मे लाॅन्च किया गया था.
यह क्रिप्टो करंसी एक डाॅग की नसल Shiba Inu है उसको दर्शाता है जो की एक Memes पर से बहुत लोकप्रिय बन गई. यह Peer-to-Peer के हिसाब से काम करती है. यह Litecoin CryptoCurrancy पर आधारित है लेेकिन अब इसकी मार्केट कैप Litecoin से भी जादा हो गई है.
Dogecoin कीमत भविष्यवाणी की बात करे तो यह एक Cultural Trend पर आधारित है इसलिए इसका अंदाजा लगाना ना मुमकिन है. इसपर भरोसा करनेेेेेेवाले लोग बोल रहे है जल्द ही इसकी किमत 1 U.S.D तक जानी चाहिये.
Elon Musk Twitter पर काफी ट्वीट करते रहते है इसलिये Dogecoin Price हाल ही से काफी उपर नीचे होती रहती है. ऐसे मानना है की Elon Musk जी ने Dogecoin holding की हुई है. Elon Musk Bitcoin के बारे मे बिचबिच मे काफी Twit करते रहते है.
4. LITECOIN Kya Hai?
Litecoin क्या है देखे तो यह भी एक CryptoCurrancy ही है लेकिन यह एक अलग तरह से काम करती है. यह Peer-to-Peer आधारित है, इसके ट्राॅझेक्शन मे काफी कम अवधी लगता है और इसकी फिस भी काफी कम लगती है अगर हम Bitcoin और दुसरे मुद्रा करेंसी की बात करे. यह दुसरे Online Payment Systems की तरह ही काम करता है.
1 Litecoin Price In India की बात करे तो वह लगभग 10,800 क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई? भारतीय रुपयों पर चल रहा है. LiteCoin Market Cap की बात करे तो वह लगभग 8.349 B के भी ऊपर है और Litecoin Cryptocurrency ranking की बात करे अगर पुरे Crypto CryptoCurrancy Market Cap की बात करे तो यह Top 5 Cryptocurrency in India मे आती है.
5. RIPPLE Kya Hai?
रिपल क्या है (Ripples meaning in Hindi) अगर देखे तो यह एक Open Network Payment Network पर आधारित काम करता है. यह दरसल वास्तविक समय और सकल आधार पर काम करता है. यह एक Real Time Gross Settlement काम करती जो की NEFT की तरह काम करती है. इसे Ripple Transaction Protocol (RTXP) के नाम से भी जाना जाता है.
Ripple एक मुद्रा के साथ साथ एक माध्यम भी है, XRP एक केंद्रीयकृत CryptoCurrancy है जिसे Ripple Labs कंपनी द्वारा विकसित किया गया है, यह साल इसे Jed McCaleb ने साल 2012 मे इसका अविष्कार किया था.
इसकी किमत (Ripple price in India) की बात करे तो यह आजके समय मे लगभग 51 भारतीय रुपयों के आसपास चल रही हैं. Ripple Market Cap की बात करेे तो यह अब $72 b के आसपास है.
निष्कर्ष/ Conclusion:
इसे ब्लाॅग मे हमने पढा की Top 5 Cryptocurrency in 2022 कौन कौन से है और इसको बनानेवाले कौन है और यह कब बने है. यह 5 Cryptocurrency हमने सिर्फ मार्केट कॅप के आधार पर नहीं बताये है बल्कि ट्रेंड, लोकप्रियता, इतिहास को ध्यान मे रखकर बताया हैं.आपको कैसे लगा हमे जरुर बताये.
FAQ
Ans: यह लिगल टेंडर नहीं है लेकिन आप इनवेस्टमेंट या ट्रेंड कर सकते हो, भारत सरकार इसपर निगरानी के लिये एक विधेयक भी लाने की तयारी मे है.
संकटकाल में क्रिप्टोकरेंसी लाभकारी मगर जोखिम भारी
महामारी काल में क्रिप्टोकरेंसी ने परिसंपत्ति वर्ग में एक अलग पहचान बनाई है। कारोबारी मात्रा तथा बाजार पूंजीकरण, दोनों स्तरों पर सबसे अधिक लोकप्रिय दो क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन तथा इथीरियम हैं। जनवरी के बाद से बिटकॉइन की कीमतों में लगभग 141 प्रतिशत की तेजी आई है जबकि इथीरियम की कीमतें 250 प्रतिशत से ज्यादा हो चुकी हैं। दोनों क्रिप्टोकरेंसी तीन साल के उच्चतम स्तर पर हैं। क्रिप्टोकरेंसी किसी मात्रा का डिजिटल भंडारण है। ये कॉइन भौतिक मुद्रा (रुपये, डॉलर इत्यादि) से अलग डिजिटल तौर पर भंडारित रहते हैं और किसी भी केंद्रीय बैंक द्वारा इनका संचालन नहीं किया जाता। किसी कॉइन को कई हिस्सों में बांटा जा सकता है और प्रत्येक अंश को उसके अनूठे कोड द्वारा परिभाषित किया जाता है। प्रत्येक क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन की सत्यता को ब्लॉकचेन पर जांचा जाता है और देखा जाता है कि संबंधित कॉइन दिए गए वॉलेट में उपलब्ध है अथवा नहीं। इस बात की भी जांच की जाती है कि कोई एक कॉइन दो लेनदेन में प्रदर्शित तो नहीं किया गया।
लेकिन क्रिप्टोकरेंसी के अपने जोखिम हैं। अगर आपका पासवर्ड हैक कर लिया गया तो आपके पास बचने का कोई साधन नहीं है। हालांकि क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट से संबंधित निजी एवं सार्वजनिक कुंजी अलग-अलग होती हैं और उसके लिए शा-256 एनकोडिंग तकनीक का उपयोग किया जाता है, लेकिन हैकर को किसी भी तरह आपकी निजी कुंजी का पता चल गया तो आपकी क्रिप्टोकरेंसी खतरे में हैं। इसलिए क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई? में जोखिम भी बहुत अधिक है। बिटकॉइन साइबर अपराधियों के लिए काफी प्रचलित मुद्रा है, जिस कारण इसकी छवि पर सवालिया निशान लगते रहते हैं। हालांकि इसका एक लाभ यह है कि अगर आपको निजी एवं सार्वजनिक कुंजी याद है तो किसी इलेक्ट्रॉनिक या भौतिक रिकॉर्ड के बिना भी आप क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन कर सकते हैं। क्रिप्टो का उपयोग आम लेनदेन में काफी कम किया जाता है। लेकिन सीमापार लेनदेन के लिए वे काफी उपयोगी हैं। वे लेनदेन के खर्च को कम से कम रखने के साथ ही सरकारी नियंत्रणों से मुक्त सीमापार लेनदेन को सुविधाजनक बनाते हैं। रुपये में बिटकॉइन खरीदकर उसे अमेरिकी डॉलर में बेचना, रुपया-डॉलर विनिमय का एक आम तरीका बन गया है। जापान और कोरिया जैसी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं सहित कुछ राष्ट्रों ने क्रिप्टोकरेंसी को कारोबारी लेनदेन के तौर पर उपयोग करने की अनुमति दी है। वहीं, कुछ देशों ने इनपर प्रतिबंध भी लगाया है। कई देशों में क्रिप्टोकरेंसी की वैधता ग्रे एरिया में है या उन्हें कल एवं वस्तु के तौर पर माना जा रहा है। किसी कला की तरह, क्रिप्टो में थोड़ा आंतरिक मूल्य हो सकता है लेकिन मांग के आधार पर इसकी कीमत बहुत अधिक हो सकती है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन पर बैंकिंग प्रतिबंध लगा दिया था, जिसे मार्च 2020 में उच्चतम न्यायालय ने हटा दिया। कई एक्सचेंजों पर भारतीय रुपये में क्रिप्टोकरेंसी का लेनदेन कर सकते हैं। हालांकि यह भी संभव है कि भविष्य में विधायी कार्रवाई के माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी कारोबार पर दोबारा प्रतिबंध लगा दिया जाए। अगर आप क्रिप्टोकरेंसी में कारोबार करते हैं तो आपको इसके लिए तैयार रहना चाहिए। विनियामक एवं डिजिटल जोखिम के अलावा अस्थिर कीमतें भी चिंता का विषय रहती हैं। क्रिप्टोकरेंसी में दैनिक स्तर पर कीमतों में उतार-चढ़ाव शेयर, डेरिवेटिव एवं विदेशी मुद्रा की तुलना में अधिक है। ऐसा इसलिए है क्योंकि कीमत को प्रभावित करने वाला कोई भी कारक मौलिक नहीं है। इनकी कीमतों को पूरी तरह मांग एवं आपूर्ति के अनुसार तय किया जाता है जिनमें समाचारों के माध्यम से बनाई गई जन-भावना का भी योगदान रहता है। वर्ष 2015 से दैनिक स्तर पर बिटकॉइन की अधिकतम एवं निम्नतम कीमतों में 5 प्रतिशत से अधिक का अंतर है। क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में स्थान विशेष के आधार पर भी अंतर देखा जाता है। इसलिए कीमतों में अधिक अंतर होने पर एक्सचेंजों पर आर्बिट्राज होना काफी आम है। इसके अलावा किसी लेनदेन के सत्यापन की गति फिलहाल धीमी है। अधिक मात्रा वाले लेनदेन के ब्लॉकचेन सत्यापन में फिलहाल काफी क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई? समय (कुछ मिनट या कुछ घंटे का) लगता है। लेकिन सीमापारीय भौतिक मुद्रा लेनदेन में लगने वाले समय (2-4 दिन) से यह कम है।
सभी जोखिमों को देखते हुए सवाल उठता है कि आखिर क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन क्यों किया जाए? क्रिप्टोकरेंसी में संभावित रिटर्न काफी अधिक है। संकट के समय क्रिप्टोकरेंसी काफी लाभदायक रही है। अनिश्चितता के समय क्रिप्टोकरेंसी निवेश के लिए सोने की तरह कारगर रही हैं।
दरअसल वर्ष 2008 के सबप्राइम संकट के बाद सतोशी नाकोमोते नामक एक अनजान शख्स या व्यक्तियों के समूह ने बिटकॉइन की अवधारणा को जन्म दिया और वर्ष 2011-12 के वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान इसके विस्तार के साथ साथ कीमतों में भी काफी तेजी देखी क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई? गई। जब भी भू-राजनीतिक तनाव या वित्तीय उथल-पुथल का समय आता है तो क्रिप्टोकरेंसी लाभदायक साबित होती हैं। उदाहरण के तौर पर भारत में नोटबंदी के बाद क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में तेज उछाल आई थी।
तो क्या वैश्विक अनिश्चितता वर्ष 2021 में भी जारी रहेगी?
इसकी काफी ज्यादा संभावना है कि ऐसा ही होगा। हालांकि टीके के विकास को लेकर खबरें आ रही हैं लेकिन 7 अरब लोगों के टीकाकरण में लंबा वक्त लगेगा। वैश्विक अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल हो रही है। भूराजनीतिक संकट भी दिखाई दे रहे हैं जैसे ब्रेक्सिट, अमेरिका में सत्ता संक्रमण, सीरिया, यूक्रेन बनाम रूस, पोलैंड और हंगरी बनाम यूरोपीय संघ, भारत-चीन आदि।
वैश्विक अर्थव्यवस्था को अपने आकार में आने में करीब दो वर्ष या उससे ज्यादा समय लग सकता है। क्रिप्टोकरेंसी शुद्ध लाभ प्रदान कर सकती हैं हालांकि मध्यम स्तर पर कई बार कीमतों में गिरावट देखी जा सकती है। अगर आप किसी कलाकृति को निवेश के तौर पर खरीदने में सहज हैं तो समान जोखिम के साथ क्रिप्टो ज्यादा प्रतिफल दे सकती हैं।
जानिए क्या है बिटकॉइन और क्यों चढ़ रही है कीमत?
इन दिनों निवेश की दुनिया में सबसे ज्यादा चर्चा में बिटकॉइन है. मगर क्या आप जानते हैं कि क्या है बिटकॉइन? लगातार क्यों चढ़ रही हैं इसकी कीमतें?
भारत में भी नियामक संस्थाएं बिटकॉइन से खुश नहीं हैं. आरबीआई के वरिष्ठ अधिकारी सुदर्शन सेन क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई? ने सितंबर में कहा था कि केंद्रीय बैंक इस तरह की 'गैर-व्यवस्थित' क्रिप्टोकरेंसी में कारोबार से सहज नहीं है. मगर सवाल उठना लाजमी है कि बिटकॉइन क्या है और यह कैसे काम करता है?
क्या है बिटकॉइन
बिटकॉइन एक तरह की क्रिप्टोकरेंसी है. अंग्रेजी शब्द 'क्रिप्टो' का अर्थ गुप्त होता है. यह एक प्रक्रार की डिजिटल करेंसी है, जो क्रिप्टोग्राफी के नियमों के आधार पर संचालित और बनाई जाती है. क्रिप्टोग्राफी का अर्थ को कोडिंग की भाषा को सुलझाने की कला है.
बिटकॉइन को आप छू नहीं सकते यानी की यह डिडिटल फॉर्म में ही रहती हैं. यही इसकी सबसे खास बात है. दूसरे शब्दों में आप इसे विकेंद्रीकृत डिजिटल करेंसी भी क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई? कह सकते हैं. बिटकॉइन का आविष्कार साल 2009 में सतोषी नाकामोटो ने किया था.
कैसे करता हैं यह काम?
बिटकॉइन विशेषज्ञ हितेश मालवीय का कहना है कि बिटकॉइन वर्चुअल कॉइन (कृत्रिम सिक्के) हैं, जो अपनी कीमत बनाने और बढ़ाने के लिए डिजाइन किए गए हैं. इस तरह पैसों के लेन-देन के लिए आपकों बैंकों तक जाने की जरूरत नहीं है.
यदि आपके पास बिटकॉइन है, तो इसकी कीमत और वैल्यू उसी तरह मानी जाएगी जैसे ईटीएफ में कारोबार करते समय सोने की होती है. आप बिटकॉइन के जरिए ऑनलाइन शॉपिंग भी कर सकते हैं और इसे निवेश के रूप में भी रख सकते हैं.
बिटकॉइन एक पर्सनल ई-वॉलेट से दूसरे पर्सनल ई-वॉलेट में ट्रांसफर किए जाते हैं. ये ई-वॉलेट्स आपका निजी डेटाबेस होते हैं, जिसे आप अपने कंप्यूटर, लैपटॉप, स्मार्टफोन, टैबलेट या किसी ई-क्लाउड पर स्टोर करते हैं.
बिटकॉइन का रिटर्न
बिटकॉइन ने अपनी एंट्री के साथ ही गगनचुंबी रिटर्न दिए हैं. सात सालों में बिटकॉइन ने 10 रुपये के निवेश को 6.2 लाख रुपये कर दिया. इस साल बिटकॉइन ने जनवरी से नवंबर के दौरान 900 फीसदी का रिटर्न दिया है.
Bitcoin is a digital currency that is not tied to a bank or government and allows users to spend money anonymously.
बुधवार को ही अमेरिकी बाजार में इस क्रिप्टोकरेंसी की कीमत $10,000 के स्तर के पार गई. कमाल की बात यह है कि इसकी मांग और लोगों की बिटकॉइन के लिए दिवानगी का आलम यह था कि चंद ही घंटों में यह करेंसी 20 फीसदी की छलांग लगाकर $11,000 का स्तर भी पार कर गई.
इस करेंसी की अस्थिरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक ही दिन में इसकी कीमत $11,434 के सर्वोच्च स्तर को छूने के बाद $9,009 तक भी लुढ़क गई. अमेरिकी बाजार पर काफी समय तक इसकी कीमतों में कोई फेरबदल देखने को नहीं मिला.
चिंता के बादल
गौरतलब है कि इस सितंबर के अंत तक इस क्रिप्टोकरेंसी की कीमत $4,171.25 थी. कई विशेषज्ञ इस गु्ब्बारे क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई? ही हवा निकलने के संकेत दे रहे हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि इतने कम समय में दोगुना रिटर्न देने के बाद असली सवाल यह कि वे निवेशकों को कब बाहर जाने कि सलाह दें.
इसमें कोई दो राय नहीं कि बिटकॉइन के रिटर्न असाधारण हैं. इस बुलबुल के फूटने के संकेत इस बात से भी लगाए जा रहे हैं कि जहां एक तरफ कुछ दिग्गजों को उम्मीद हैं कि बिटकॉइन 2018 के अंत तक $40,000 डॉलर के स्तर को पार कर जाएगा, वहीं 2017 में यह तीन दफा एक ही सत्र में 25 फीसदी तक टूट चुका है.
क्रिप्टोकरेंसी में आएगी भारी गिरावट, बिटकॉइन 25 फीसदी और टूट सकती है
मुंबई- क्रिप्टोकरेंसी के सबसे बड़े एक्सचेंजों में से एक एफटीएक्स के दिवालिया होने से क्रिप्टो निवेशक सकते में हैं। एफटीएक्स के दिवालिया होने से यह ट्रिलियन डॉलर की इंडस्ट्री बुरी तरह हिल गई है। लेकिन निवेशकों का दुख अभी खत्म नहीं हुआ है। क्रिप्टो निवेशकों को अभी और दर्द सहना होगा। जेपी मॉर्गन के विश्लेषकों का कहना हैं कि आने वाले हफ्तों में बिटकॉइन में 25 फीसदी की और गिरावट आ सकती है। इससे दूसरी क्रिप्टोकरेंसीज भी औंधे मुंह गिर सकती हैं।
फेडरल रिजर्व की बात करें, तो ब्याज दरों में बढ़ोतरी के अलावा यह जून से लगातार अपनी बैलेंस शीट को भी छोटा कर रहा है। यह महंगाई के खिलाफ अपनी लड़ाई में इकनॉमी को कूल करने के लिए वित्तीय बाजारों से पैसा निकाल रहा है। इसका मतलब है कि बाजार से लिक्विडिटी कम हो रही है। यह केवल क्रिप्टो के लिए ही बुरा नहीं है, बल्कि स्टॉक्स जैसी दूसरी एसेट क्लास के लिए भी यह सही नहीं है।
कुल मिलाकर बात यह है कि क्रिप्टोकरेंसी के लिए यह काफी बुरा समय चल रहा है। सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की वैल्यू एक साल में 75 फीसदी से अधिक गिर गई है। हालांकि, मंगलवार को यह बढ़त के साथ 16,675 डॉलर के करीब ट्रेड करती दिखाई दी। कोरोना महामारी के समय लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी में जमकर पैसा लगाया था। इसका कारण था अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा बाजार में जमकर लिक्विडिटी लाना। फेडरल रिजर्व ब्याज दरों को जीरो के करीब ले आया था। लेकिन अब यह काफी पुरानी बात हो गई है।
हाल के महीनों में महंगाई काफी बढ़ी है। ब्याज दरें बहुत ऊपर जा चुकी हैं और बाजार में लिक्विडिटी धीरे-धीरे कम हो रही है। यह स्थिति डिजिटल एसेट्स के लिए अच्छी नहीं है, क्योंकि एक्सपर्ट्स के अनुसार डिजिटल एसेट्स में लोग अपना अतिरिक्त पैसा ही निवेश करते हैं।
जेपी मॉर्गन के विश्लेषकों का कहना है कि फेड की नीतियों से अगले साल भी निवेश के लिए नकदी की उपलब्धता पर भारी दबाव रहेगा। इसके अनुसार, आने वाले वर्षों में भी ग्लोबल मनी ग्रोथ में मंदी जारी रहेगी। कम पैसे का मतलब है रिस्क बढ़ना। इसलिए निवेशक क्रिप्टो से बाहर निकल रहे हैं।
बिग टेक जैसे दूसरे संवेदनशील सेक्टर्स भी इसी तरह की समस्या का सामना कर रहे हैं। आईटी सेक्टर में हम इस समय छंटनी देख रहे हैं। इसका कारण है कि यह सेक्टर मंदी की चपेट में आ रहा है। एपल, अल्फाबेट और माइक्रोसॉफ्ट जैसी टेक्नोलॉजी कंपनीज में गिरावट है। इन कंपनियों का एसएंडपी 500 में बड़ा हिस्सा है। फेड पॉलिसी में बदलाव से यूएस हाउसिंग मार्केट इंडस्ट्री भी काफी प्रभावित हुई है।
हालांकि, पिछले हफ्ते चीन ने कोविड प्रतिबंधों में ढील दी। इससे बाजार में सकारात्मक रुख दिखा है। युआन एक महीने के उच्च स्तर पर आ गई है। हांगकांग में लिस्ट ट्रैवल कंपनियों के शेयरों में भी तेजी दिखी। चीनी अथॉरिटीज देश के रियल एस्टेट संकट को खत्म करने की कोशिश कर रही है, जिसने पिछले एक साल से इकनॉमी को बुरी तरह प्रभावित किया है।
क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज टर्नकी
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एक क्रिप्टो एक्सचेंज केवल तकनीकों से कहीं अधिक है। इसमें कई भाग और विभिन्न पहलू शामिल हैं जिन्हें प्रत्येक व्यवसाय के मालिक को इस प्रकार के संचालन यानी कानूनी, विपणन, बिक्री, संचालन, वित्त, तरलता और प्रौद्योगिकी के साथ शुरू करते समय ध्यान में रखना चाहिए।