शेयर सूचकांक

बाजार में इतने उछाल की एक वजह यह भी है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक इस वक्त बड़े पैमाने पर बॉन्ड खरीद रहा है. हालांकि बांड खरीद कर अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक अभी जिस तरह से लिक्विडिटी पंप कर रहा है, आने वाले समय में वह इससे हाथ भी खींच सकता है. अगर फेडरल रिजर्व बैंक ने अचानक ऐसा कोई कदम उठाया तो ग्लोबल लेवल पर बाजारों में बड़ी गिरावट देखने को मिलेगी. जब दुनिया भर के मार्केट गिरेंगे तो इंडियन मार्केट में भी गिरावट नजर आएगी, खासतौर से यह गिरावट स्मॉल कैप्स और आईपीओ मार्केट में नजर आएगी.
भारत के प्रमुख Share Markets और Stock Price Indices in Hindi
राष्ट्रीय शेयर बाजार (National Stock Exchanges)– राष्ट्रीय शेयर बाजार की स्थापना 1992 को हुई. इसकी सिफारिश 1991 में फेर्वानी समिति (M J Pherwani Committee) ने की थी. इसका मुख्यालय दक्षिण मुंबई वर्ली में है.
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE)– यह एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है. इसकी स्थापना 1875 ई. में स्टॉक एक्सचेंज मुंबई के नाम से की गई थी जिसे 2002 में बदलकर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) कर दिया गया.
ओवर दी काउंटर एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया (OTCEI)– इसकी स्थापना नवम्बर, 1992 में मुंबई में की गयी. इसकी शेयर सूचकांक स्थापना भारत में सर्वप्रथम ऑनलाइन ट्रेडिंग सुविधा सम्पन्न Computerized Exchange के रूप में हुई. इसकी अवधारणा USA के स्टॉक एक्सचेंज “NASDAQ” के आधार पर की गयी. जिन लघु या मध्यम औद्योगिक इकाइयों का पूँजी स्तर 30 लाख रु. से 25 करोड़ रु. हो, उन्हीं को OTCEI में सूचीबद्ध किया जाता है.
विश्व के प्रसिद्ध शेयर बाजारों के प्रमुख शेयर मूल्य सूचकांक/Important Stock Price Index in the World Share Market
शेयर मूल्य सूचकांक/Share Price Index | स्टॉक एक्सचेंज/Stock Exchanges |
---|---|
डो जोन्स (Dow Jones) | न्यूयॉर्क |
निक्की (Nikkei) | टोकियो |
मिड डेक्स (MID DAX) | फैंकफर्ट, जर्मनी |
हैंग सेंग (HANG SENG) | हांगकांग |
सिमेक्स (SIMEX) | सिंगापुर |
कोस्पी (KOSPI) | कोरिया |
सेट (SET) | थाइलैंड |
तेन (TAIEN) | ताईवान |
शंघाई कॉम (Shanghai Com) | चीन |
नासदाक (NASDAQ) | USA |
एस.एंड.पी (S.शेयर सूचकांक & P.) | कनाडा |
बोवेस्पा | ब्राजील |
मिब्टेल | इटली |
आई.पी.सी. (IPC) | मैक्सिको |
जकार्ता कम्पोजिट | इंडोनेशिया |
KLSE कम्पोजिट | मलेशिया |
सियोल कम्पोजिट | दक्षिण कोरिया |
FTSE-100 | लन्दन |
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वैश्विक बाजारों में गिरावट की तपिश से झुलसा भारत का शेयर बाजार, Bears की पकड़ मजबूत
निफ्टी50 और BSE सेंसेक्स में आज बड़ी गिरावट देखने को मिली है.
निफ्टी50 और BSE सेंसेक्स में आज बड़ी गिरावट देखने को मिली है. दुनियाभर के बाजारों में लगातार हो रही गिरावट की तपिश आखिर . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : October 11, 2022, 15:46 IST
निफ्टी 50 में 275.00 अंकों (1.60 फीसदी) की गिरावट आई.
निफ्टी 50 ने अपना 17,000 का महत्वपूर्ण स्तर एक बार फिर खो दिया है.
आज रियलिटी, मेटल और आईटी सेक्टर में आज सबसे ज्यादा बिकवाली हुई.
नई दिल्ली. दुनियाभर के बाजारों में लगातार हो रही गिरावट की तपिश आखिरकर आज भारतीय बाजार को भी झुलसा गई. आज प्रमुख सूचकांक निफ्टी 50 में बड़ी गिरावट दर्ज की गई. इसके अलावा, BSE सेंसेक्स में भी बड़ी गिरावट आई. कोई भी शेयर सूचकांक सेक्टर इस गिरावट से बचा नहीं. रियलिटी, मेटल और आईटी सेक्टर में आज सबसे ज्यादा बिकवाली देखी गई. बाजार में डर का मीटर (इंडिया विक्स) आज 4 फीसदी से अधिक बढ़ गया.
शेयर बाजार में गिरावट, सेंसेक्स और निफ्टी में ‘इतने’ अंक टूटे
मुंबई: stock market news: आज शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिली. बाजार में बिक्री में शेयर सूचकांक तेजी आई है। शेयर बाजार में जब कारोबार शुरू हुआ तो कुछ तेजी दिखी। हालांकि इसके बाद बाजार में गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स शेयर सूचकांक और निफ्टी आज गिरे। आईटी, पावर, एनर्जी और ऑयल एंड गैस सेक्टर में जोरदार बिकवाली देखी जा रही है।
आज जब बाजार में कारोबार शुरू हुआ तो बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक सेंसेक्स 207.15 अंकों की गिरावट के साथ 61,456.33 अंकों की गिरावट के साथ शुरू हुआ। इस बीच, राष्ट्रीय शेयर बाजार का सूचकांक निफ्टी 61.25 अंक की गिरावट के साथ 18,246.40 अंक पर खुला। सुबह करीब 10.30 बजे सेंसेक्स 460 अंकों की गिरावट के साथ 61,202.4 पर, जबकि निफ्टी 134.20 अंकों की गिरावट के साथ 18,173.45 पर बंद हुआ था।
ग्लोबल मार्केट से बेहतर परफॉर्म कर रहा है भारतीय बाजार
भारतीय बाजार की इस वक्त जैसी स्थिति है यह साल 2003 से 2007 के बुल मार्केट जैसी है. जो 2 से 3 साल तक बनी रहेगी. हालांकि आने वाले समय में बाजार में उतार-चढ़ाव जरूर दिख सकते हैं, ऐसे में कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत है. लेकिन फिलहाल भारतीय बाजार मजबूत अपट्रेंड में है और ग्लोबल मार्केट शेयर सूचकांक से भी बेहतर परफॉर्म कर रहा है. हालांकि इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि आने वाले समय में कच्चे तेल की बढ़ती कीमत और युएस बॉन्ड यील्ड का बढ़ना बाजार में शार्ट टर्म उतार-चढ़ाव ला सकता है. अगर बाजार में 10 से 20 पर्सेंट का कोई करेक्शन दिखे तो खरीददारों के लिए यह बढ़िया मौका साबित हो सकता है.
भारतीय बाजार की जैसी स्थिति है उसमें जानकार मानते हैं कि इस वक्त रियल स्टेट स्टॉक्स को लंबे समय तक के लिए होल्ड किया जा सकता है. ऐसे में भारत में फिर से एक बार रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी के दाम बढ़ सकते हैं और यह दौर आने वाले 5 सालों तक चलने की संभावना है. अगर आप रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी खरीदना चाहते हैं तो यह समय आपके लिए उचित है क्योंकि आने वाले वक्त में रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी की कीमतों में उभार देखने को मिल सकता है.