शेयर बाज़ार का चार्ट किस तरह देखते है

Apple Inc (AAPL)
Apple शेयर (AAPL शेयर) (ISIN: US0378331005) के बारे में। आप इस पृष्ठ के अनुभागों में से किसी एक में जा कर ऐतिहासिक डेटा, चार्ट्स, तकनीकी विश्लेषण तथा अन्य के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
Apple Inc समाचार
जेफ्री स्मिथ द्वारा Investing.com - देश में फिर से खुलने की गति बढ़ने के साथ ही चीनी संपत्तियां उड़ती हैं। रूसी कच्चे तेल और उत्पादों पर यूरोप के प्रतिबंध के लागू होने के बाद ओपेक+.
एलेसेंड्रो अल्बानो द्वारा Investing.com - इलेक्ट्रिक कारों के बाजार में, जो आने वाले वर्षों में बढ़ना जारी रखेगा, Goldman Sachs ने एक स्टॉक की ओर इशारा किया जो निवेशकों के लिए कुछ.
Investing.com - बाजार इस उम्मीद के साथ सप्ताह की शुरुआत में आशावादी हैं कि चीन में COVID-विरोधी नीति जल्द ही समाप्त हो जाएगी, जिससे दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था पूरी तरह.
Apple Inc विश्लेषण
Apple (NASDAQ:AAPL) स्टॉक नवंबर के महीने में निचले स्तर पर बंद होने के लिए तैयार है क्योंकि "क्रूर" आपूर्ति श्रृंखला के मुद्दे शेयरों पर एक प्रमुख ओवरहैंग के रूप में कार्य करना.
S&P 500 कल लगभग 20 अंक गिरकर समाप्त हुआ। यह बढ़ती दरों और मजबूत डॉलर के बारे में था। आश्चर्यजनक रूप से, VIX 1% नीचे चला गया, जो शेयर बाज़ार का चार्ट किस तरह देखते है कि विषम है, फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष, पॉवेल की आज.
2022 ने खुदरा निवेशक और दुनिया के कुछ सबसे धनी लोगों को भी नुकसान पहुंचाया है बुफे सरासर अपवाद बना हुआ है ओमाहा के रहस्य का ओरेकल (NYSE:ORCL) विविधीकरण और एकाग्रता के जटिल मिश्रण.
Apple Inc कंपनी प्रोफाइल
Apple Inc कंपनी प्रोफाइल
- प्रकार : इक्विटी
- बाज़ार : यूनाइटेड स्टेट्स
- आईसआईन : US0378331005
- सीयुसआईपी : 037833100
Apple Inc. designs, manufactures, and markets smartphones, personal computers, tablets, wearables, and accessories worldwide. It also sells various related services. In addition, the company offers iPhone, a line of smartphones; Mac, a line of personal computers; iPad, a line of multi-purpose tablets; and wearables, home, and accessories comprising AirPods, Apple TV, Apple Watch, Beats products, and HomePod. Further, it provides AppleCare support and cloud services store services; and operates various platforms, including the App Store that allow customers to discover and download applications and digital content, such as books, music, video, games, and podcasts. Additionally, the company offers various services, such as Apple Arcade, a game subscription service; Apple Fitness+, a personalized fitness service; Apple Music, which offers users a curated listening experience with on-demand radio stations; Apple News+, a subscription news and magazine service; Apple TV+, which offers exclusive original content; Apple Card, a co-branded credit card; and Apple Pay, a cashless payment service, as well as licenses its intellectual property. The company serves consumers, and small and mid-sized businesses; and the education, enterprise, and government markets. It distributes third-party applications for its products through the App Store. The company also sells its products through its retail and online stores, and direct sales force; and third-party cellular network carriers, शेयर बाज़ार का चार्ट किस तरह देखते है wholesalers, retailers, and resellers. Apple Inc. was incorporated in 1977 and is headquartered in Cupertino, California.
Stock Analysis kya hai tatha Stock Analysis kaise kren in Hindi
यदि हम stock market में investment करने के लिए बढ़िया शेयर चुनने में सफल हो जाते हैं तो हम अपने investment पर कई गुना रिटर्न पा सकते है। इसके लिए हमें stock analysis करना आना चाहिए। तो आज की पोस्ट Stock Analysis tatha stock analysis kaise के बारे में विस्तार से जानेंगे।
स्टॉक एनालिसिस करने के तीन तरीके-
- फंडामेंटल एनालिसिस
- टेक्निकल एनालिसिस
- क्वालिटेटिव एनालिसिस
Stock Trading या Investment के लिए आप को उपर्युक्त तीनो तरीकों से स्टॉक एनालिसिस करना आना चाहिए। आप चाहें तो तीनों तरीके से Stock A nalysis कर सकते है।
ट्रेडिंग या इन्वेस्टमेंट के लिए शेयर चुनने तथा स्टॉक एनालिसिस का कोई स्टैंडर्ड फार्मूला नहीं है क्योंकि जब स्टॉक मार्केट में ट्रेड होता है, तब कोई आदमी शेयर बेच रहा होता है तथा कोई उसी कीमत पर खरीद रहा होता है, तभी ट्रेड होता है। इसका मतलब दोनों की इन्वेस्टमेंट पर राय तथा इन्वेस्टमेंट एनालिसिस करने का तरीका अलग-अलग है। इसलिए Stock Analysis करने का कोई फिक्स-फॉर्मूला नहीं है। आगे स्टॉक एनालिसिस के तरीको के बारे में विस्तार से समझिये।
फंडामेंटल एनालिसिस:
Stock Analysis करते समय फंडामेंटल एनालिसिस के द्वारा शेयर की सही कीमत पता करने की कोशिश की जाती है शेयर की कीमत पता करने के लिए, कम्पनी वर्तमान में जो कारोबार रही है। वह अगले दो, पांच या दस सालों में कितना बढ़ सकता है।
मान लीजिये, आज कम्पनी को 500 करोड़ का प्रॉफिट हो रहा है, तो अगले साल कितना प्रॉफिट हो सकता है। इस तरह हम जितने साल के लिए कम्पनी में इन्वेस्ट करना चाहते है, उतने साल तक का अनुमान Fundamental Analysis में लगाया जाता है।
फंडामेंटल एनालिसिस में ये भी देखा है कि अगले दो , पांच या दस साल में कंपनी के कैशफ्लो कैसे रह सकते है। कैशफ्लो की आज की तरीख में नेट प्रजेंट वैल्यू निकलने की कोशिश की जाती है। ऐसी आधार पर कम्पनी के प्रत्येक शेयर की प्रजेंट वैल्यु निकली जाती है।
दूसरा तरीका है कि कम्पनी की इंट्रिनसिक वैल्यू क्या है ? यानि की कम्पनी की सभी सम्पत्तियो तथा देनदारियों को शेयर बाज़ार का चार्ट किस तरह देखते है निकालकर कम्पनी की नेट वैल्यू निकली जाती है।
कई बार लोग stock Analysis करते समय ये भी देखते है कि कम्पनी की डिविडेंट पॉलिसी क्या है ? यदि कम्पनी साल दर साल अच्छा डिविडेंड दे रही है। इसका मतलब कम्पनी कैश जेनरेशन भी कर रही है तथा Investor friendly भी है। ये सब मुददे स्टॉक एनालिसिस में देखे जाते है। उपर्यक्त सभी तरीको के द्वारा आप यह पता लगा सकते है कि कोई शेयर फंडामेंटली अच्छा है या बेकार।
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टेक्नीकल एनालिसिस:
इसमें शेयर का चार्ट देखकर भविष्य बताने की कोशिश की जाती है। पुराने डेटा के आधार पर अब तक शेयर ने कितना वॉल्यूम किया तथा किस तरह का प्राइस एक्शन शेयर ने किया। शेयर कब कितना ऊपर - नीचे हुआ तथा कितन कितने वॉल्यूम पर हुआ , कितने समय में हुआ।
इस तरह Technical Analysis चार्ट पर पुराने डेटा को देखकर Stock Analysis करके किसी शेयर के भविष्य में होने वाले उतर -चढ़ाव को जानने की कोशिश को कहते है।
बहुत से लोग टेक्निकल एनालिसिस को शेयर का पोस्टमार्टम कहते है, डायग्नोसिस नहीं क्योंकि इसमें पुराने डेटा से भविष्य का अनुमान लगते है। ये भी एक stock analysis का तरीका है इसलिए लोग ऐसा करते है अतः ये गलत नहीं है।
इसमें इस बात से कोई खास फर्क नहीं पड़ता कि कम्पनी फंडामेंटल कैसे है, कम्पनी अच्छी है या बुरी क्योंकि इसमें सिर्फ price और volume एक्शन देखा जाता है technical analysis उन लोगों के लिए अच्छा है जो ट्रेडर हैं, intraday या short term trade करते है।
टेक्निकल एनालिसिस उन लोगो के लिए भी अच्छा है ,जो किसी शेयर में लम्बे समय तक निवेशित रहना चाहते है ,वो चार्ट के आधार पर उस लेवल का पता लगा सकते है जिस पर शेयर में लम्बे समय के लिए निवेश करना फायदे का सौदा हो सकता है इन्वेस्टर के लिए टेक्निकल एनालिसिस के द्वारा किसी शेयर में एंट्री तथा एग्जिट के थोड़े संकेत मिलते है।ट्रेडर के लिए technical analysis सीखना आवश्यक है क्योंकि ट्रेडर को ट्रेड करने से पहले ही तय करना होता है, कि शेयर किस कीमत पर खरीदना तथा बेचना है। इसके लिए ट्रेडर को चार्ट पढ़ना आना चाहिए ,ये बात भी सही है कि जिन लोगों को चार्ट पढ़ना आता है वो शेयर बाजार में काफी पैसे कमाते है।
टेक्निकल एनालिसिस में stop loss लगाना बहुत जरूरी होता है। कई बार यह ट्रिगर भी हो जाता है ,स्टॉप लॉस ट्रेडर को बड़े नुकसान से बचता है।इसमें एक बात साफ होती है कि आपको शेयर एक निश्चित कीमत पर खरीदना होता है तथा निश्चित टार्गेट के लिए खरीदना होता है, आप टार्गेट को revise कर सकते है टार्गेट के साथ-साथ स्टॉप लॉस को भी रीवाइज करना चाहिए।
क़्वालीटेटिव एनालिसिस:
Stock analysis करने का तीसरा तरीका qualitative analysis है इसमें ये देखा जाता है कि जो लोग चला रहे हैं ( कम्पनी के प्रमोटर) उनका बैकग्राउंड कैसा है ? मान लेते हैं कि टाटा, अंबानी, वाडिया ये लोग बिज़नेस चला रहे है इन लोगों ने बड़ा एम्पायर खड़ा किया है।
आपको ये जानने का प्रयास करना चाहिए कि इनका कम्पनी खड़ी करने का पुराना रिकॉर्ड कैसा है ? गवर्नेंस तथा लेन -देन को लेकर कम्पनी के मेनेजमेंट का रिकॉर्ड कैसा है ? कोई गलत काम तो नहीं किये। मेनेजमैंट के खिलाफ रेगुलेटर के कोई एक्शन तो नहीं हुए।
यह भी जरूर जानना चाहिए कि कम्पनी का बिज़नेस मॉडल कैसा है ? क्या उसमें कुछ बेरियर ? कॉम्पिटिशन कितना आ सकता है ? उस बिज़नेस में रेवेन्यू विसिबिल्टी कैसी रह सकती है ? ये भी देखना चाहिए कि इसकी इंडस्ट्री कितना ग्रोथ कर रही है क्योंकि यदि इसकी इंडस्ट्री में ही ग्रोथ नहीं होगी, तो ये कम्पनी भी कहाँ ग्रोथ कर पायेगी ? ये कुछ फैक्टर है जिनसे qualitative analysis किया जाता है।
शेयर खरीदने से पहले आपको उपर्युक्त तीनों तरीकों से stock analysis अवश्य करना करना चाहिए जिसमें यह शेयर बाज़ार का चार्ट किस तरह देखते है पोस्ट काफी हेल्पफुल होगी। कृपया इस पोस्ट को सोशल मीडिया में जरूर शेयर करें जिसे आपके दोस्त भी इससे जानकारी प्राप्त कर सकें।
Stock Analysis kya hai tatha Stock Analysis kaise kren in Hindi
यदि हम stock market में investment करने के लिए बढ़िया शेयर चुनने में सफल हो जाते हैं तो हम अपने investment पर कई गुना रिटर्न पा सकते है। इसके लिए हमें stock analysis करना आना चाहिए। तो आज की पोस्ट Stock Analysis tatha stock analysis kaise के बारे में विस्तार से जानेंगे।
स्टॉक एनालिसिस करने के तीन तरीके-
- फंडामेंटल एनालिसिस
- टेक्निकल एनालिसिस
- क्वालिटेटिव एनालिसिस
Stock Trading या Investment के लिए आप को उपर्युक्त तीनो तरीकों से स्टॉक एनालिसिस करना आना चाहिए। आप चाहें तो तीनों तरीके से Stock A nalysis कर सकते है।
ट्रेडिंग या इन्वेस्टमेंट के लिए शेयर चुनने तथा स्टॉक एनालिसिस का कोई स्टैंडर्ड फार्मूला नहीं है क्योंकि जब स्टॉक मार्केट में ट्रेड होता है, तब कोई आदमी शेयर बेच रहा होता है तथा कोई उसी कीमत पर खरीद रहा होता है, तभी ट्रेड होता है। इसका मतलब दोनों की इन्वेस्टमेंट पर राय तथा इन्वेस्टमेंट शेयर बाज़ार का चार्ट किस तरह देखते है एनालिसिस करने का तरीका अलग-अलग है। इसलिए Stock Analysis करने का कोई फिक्स-फॉर्मूला नहीं है। आगे स्टॉक एनालिसिस के तरीको के बारे में विस्तार से समझिये।
फंडामेंटल एनालिसिस:
Stock Analysis करते समय फंडामेंटल एनालिसिस के द्वारा शेयर की सही कीमत पता करने की कोशिश की जाती है शेयर की कीमत पता करने के लिए, कम्पनी वर्तमान में जो कारोबार रही है। वह अगले दो, पांच या दस सालों में कितना बढ़ सकता है।
मान लीजिये, आज कम्पनी को 500 करोड़ का प्रॉफिट हो रहा है, तो अगले साल कितना प्रॉफिट हो सकता है। इस तरह हम जितने साल के लिए कम्पनी में इन्वेस्ट करना चाहते है, उतने साल तक का अनुमान Fundamental Analysis में लगाया जाता है।
फंडामेंटल एनालिसिस में ये भी देखा है कि अगले दो , पांच या दस साल में कंपनी के कैशफ्लो कैसे रह सकते है। कैशफ्लो की आज की तरीख में नेट प्रजेंट वैल्यू निकलने की कोशिश की जाती है। ऐसी आधार पर कम्पनी के प्रत्येक शेयर की प्रजेंट वैल्यु निकली जाती है।
दूसरा तरीका है कि कम्पनी की इंट्रिनसिक वैल्यू क्या है ? यानि की कम्पनी की सभी सम्पत्तियो तथा देनदारियों को निकालकर कम्पनी की नेट वैल्यू निकली जाती है।
कई बार लोग stock Analysis करते समय ये भी देखते है कि कम्पनी की डिविडेंट पॉलिसी क्या है ? यदि कम्पनी साल दर साल अच्छा डिविडेंड दे रही है। इसका मतलब कम्पनी कैश जेनरेशन भी कर रही है तथा Investor friendly भी है। ये सब मुददे स्टॉक एनालिसिस में देखे जाते है। उपर्यक्त सभी तरीको के द्वारा आप यह पता लगा सकते है कि कोई शेयर फंडामेंटली अच्छा है या बेकार।
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टेक्नीकल एनालिसिस:
इसमें शेयर का चार्ट देखकर भविष्य बताने की कोशिश की जाती है। पुराने डेटा के आधार पर अब तक शेयर ने कितना वॉल्यूम किया तथा किस तरह का प्राइस एक्शन शेयर ने किया। शेयर कब कितना ऊपर - नीचे हुआ तथा कितन कितने वॉल्यूम पर हुआ , कितने समय में हुआ।
इस तरह Technical Analysis चार्ट पर पुराने डेटा को देखकर Stock Analysis करके किसी शेयर के भविष्य में होने वाले उतर -चढ़ाव को जानने की कोशिश को कहते है।
बहुत से लोग टेक्निकल एनालिसिस को शेयर का पोस्टमार्टम कहते है, डायग्नोसिस नहीं क्योंकि इसमें पुराने डेटा से भविष्य का अनुमान लगते है। ये भी एक stock analysis का तरीका है इसलिए लोग ऐसा करते है अतः ये गलत नहीं है।
इसमें इस बात से कोई खास फर्क नहीं पड़ता कि कम्पनी फंडामेंटल कैसे है, कम्पनी अच्छी है या बुरी क्योंकि इसमें सिर्फ price और volume एक्शन देखा जाता है technical analysis उन लोगों के लिए अच्छा है जो ट्रेडर हैं, intraday या short term trade करते है।
टेक्निकल एनालिसिस उन लोगो के लिए भी अच्छा है ,जो किसी शेयर में लम्बे समय तक निवेशित रहना चाहते है ,वो चार्ट के आधार पर उस लेवल का पता लगा सकते है जिस पर शेयर में लम्बे समय के लिए निवेश करना फायदे का सौदा हो सकता है इन्वेस्टर के लिए टेक्निकल एनालिसिस के द्वारा किसी शेयर में एंट्री तथा एग्जिट के थोड़े संकेत मिलते है।ट्रेडर के लिए technical analysis सीखना आवश्यक है क्योंकि ट्रेडर को ट्रेड करने से पहले ही तय करना होता है, कि शेयर किस कीमत पर खरीदना तथा बेचना है। इसके लिए ट्रेडर को चार्ट पढ़ना आना चाहिए ,ये बात भी सही है कि जिन लोगों को चार्ट पढ़ना आता है वो शेयर बाजार में काफी पैसे कमाते है।
टेक्निकल एनालिसिस में stop loss लगाना बहुत जरूरी होता है। कई बार यह ट्रिगर भी हो जाता है ,स्टॉप लॉस ट्रेडर को बड़े नुकसान से बचता है।इसमें एक बात साफ होती है कि आपको शेयर एक निश्चित कीमत पर खरीदना होता है तथा निश्चित टार्गेट के लिए खरीदना होता है, आप टार्गेट को revise कर सकते है टार्गेट के साथ-साथ स्टॉप लॉस को भी रीवाइज करना चाहिए।
क़्वालीटेटिव एनालिसिस:
Stock analysis करने का तीसरा तरीका qualitative analysis है इसमें ये देखा जाता है कि जो लोग चला रहे हैं ( कम्पनी के प्रमोटर) उनका बैकग्राउंड कैसा है ? मान लेते हैं कि टाटा, अंबानी, वाडिया ये लोग बिज़नेस चला रहे है इन लोगों ने बड़ा एम्पायर खड़ा किया है।
आपको ये जानने का प्रयास करना चाहिए कि इनका कम्पनी खड़ी करने का पुराना रिकॉर्ड कैसा है ? गवर्नेंस तथा लेन -देन को लेकर कम्पनी के मेनेजमेंट का रिकॉर्ड कैसा है ? कोई गलत काम तो नहीं किये। शेयर बाज़ार का चार्ट किस तरह देखते है मेनेजमैंट के खिलाफ रेगुलेटर के कोई एक्शन तो नहीं हुए।
यह भी जरूर जानना चाहिए कि कम्पनी का बिज़नेस मॉडल कैसा है ? क्या उसमें कुछ बेरियर ? कॉम्पिटिशन कितना आ सकता है ? उस बिज़नेस में रेवेन्यू विसिबिल्टी कैसी रह सकती है ? ये भी देखना चाहिए कि इसकी इंडस्ट्री कितना ग्रोथ कर रही है क्योंकि यदि इसकी इंडस्ट्री में ही ग्रोथ नहीं होगी, तो ये कम्पनी भी कहाँ ग्रोथ कर पायेगी ? ये कुछ फैक्टर है जिनसे qualitative analysis किया जाता है।
शेयर खरीदने से पहले आपको उपर्युक्त तीनों तरीकों से stock analysis अवश्य करना करना चाहिए जिसमें यह पोस्ट काफी हेल्पफुल होगी। कृपया इस पोस्ट को सोशल मीडिया में जरूर शेयर करें जिसे आपके दोस्त भी इससे जानकारी प्राप्त कर सकें।
राकेश झुनझुनवाला इन 3 वजहों से बेचते हैं कोई शेयर, जानें अभी कौन-कौन से शेयर हैं उनके पास
शेयर मार्केट के ‘बिग बुल’ राकेश झुनझुनवाला (Big Bull Rakesh Jhunjhunwala) हमेशा कैसे बाजार को लेकर इतने ‘बुलिश’ रहते हैं. कैसे उनके पास मौजूद शेयरों ने उन्हें एक दिन में 1100 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई दी है और अभी उनके पास कौन-कौन सी शेयर बाज़ार का चार्ट किस तरह देखते है कंपनियों के शेयर हैं, इन सबके बारे में उन्होंने इंडिया टुडे कॉनक्लेव में खुलकर बातें की.
हाल में राकेश झुनझुनवाला ने शेयर बाजार में 1100 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की. उनके पास Tata Group की दो कंपनियों Tata Motors और Titan के शेयर थे. बीते सप्ताह इन दोनों के शेयर ने जबरदस्त बढ़त हासिल की और इनके शेयरों से ‘बिग बुल’ ने एक ही दिन में 1,125 करोड़ रुपये की कमाई की. टाइटन, टाटा समूह की दूसरी ऐसी कंपनी है जिसका मार्केट कैपिटलाइजेशन 2 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंचा है.
इंडिया टुडे कॉनक्लेव में जब उनसे पूछा गया कि वो अपने पोर्टफोलियो के लिए शेयर का चुनाव कैसे करते हैं, तो उन्होंने कहा कि वो हमेशा किसी शेयर का चुनाव करने से पहले उससे जुड़े जोखिम और उस पर मिलने वाले लाभ के अनुपात को देखते हैं.
हाल में शेयर ब्रोकर हर्षद मेहता के जीवन पर आई वेब सीरीज Scam 1992 का सबसे लोकप्रिय डायलॉग ’रिस्क है तो इश्क है’ के ही अंदाज में राकेश झुनझुनवाला ने कहा कि जब आप शेयर बाजार में निवेश करने का रिस्क उठाते हैं तो आपको उसके लिए सचेत रहना चाहिए क्योंकि ‘जहां रिस्क है, वहीं अवसर भी है’. उन्होंने कहा कि चीन में भी हालात इस समय समान हैं वहां संकट है, तो अवसर भी है.
किस कंपनी का शेयर कब बेचना है, इसका चुनाव राकेश झुनझुनवाला तीन कारणों से करते हैं. उन्होंने कहा कि जब किसी शेयर पर कमाई का स्तर सबसे ऊंचाई पर पहुंच जाता है या उस शेयर की कीमत और कमाई का अनुपात अपने चरम पर होता है या उन्हें उसके अलावा कहीं और बेहतर निवेश विकल्प मिल जाता है, तो वो शेयर बेच देते हैं. अन्यथा वो जल्दी शेयर नहीं बेचते.
राकेश झुनझुनवाला ने हाल में सबसे बड़ी खरीदारी सरकारी केनरा बैंक में की है. उन्होंने इस बैंक के 2,90,97,400 शेयर खरीदे हैं जो बैंक की 1.6% हिस्सेदारी के बराबर है. बाकी बड़े निवेशकों की तरह राकेश झुनझुनवाला भी सरकारी बैंकों को लेकर काफी ‘बुलिश’ बने हुए हैं.
अगर एक नजर राकेश झुनझुनवाला के पोर्टफोलियो पर डाली जाए तो केनरा बैंक में नए निवेश और टाटा से जुड़े शेयरों के अलावा उनके पोर्टफोलियो में Aptech Limited, NCC Limited, Mandhana Retail Ventures, Nazara Technologies, Ralis India, Agro Tech Foods Limited और Va Tech Wabag Limited जैसी कंपनियों के शेयर हैं.
शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए राकेश झुनझुनवाला का कहना है कि बाजार में कल क्या होगा, इसका अंदाजा कोई नहीं लगा सकता. लेकिन एक बात ध्यान रखने की है कि अच्छे शेयरों में निवेश करें और धीरज रखें. उन्होंने वारेन बफेट की एक बात याद दिलाई कि, ‘शेयर बाजार अधीरों से पैसा लेकर धैर्यवानों को देने का काम करता है’।