विदेशी मुद्रा पर पैसे कैसे बनाने के लिए?

क्या हुई चूकः एक आरोपी अफस को तीन पासवर्ड मालूम थे. संदेश भी दो ही लोगों ने भेजे मालूम देते हैं.
Rupee Vs Dollar: शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 12 पैसे टूटकर 79.25 पर आया
By: ABP Live | Updated at : 08 Jul 2022 11:43 AM (IST)
Rupee Vs Dollar: अमेरिकी करेंसी के मजबूत होने और विदेशी फंड्स की निरंतर निकासी के चलते शुक्रवार को रुपया शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 12 पैसे टूटकर 79.25 पर आ गया. कल अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 79.13 पर बंद हुआ था.
रुपये के शुरुआती लेवल क्या रहे
इंटरबैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 79.20 पर खुला, और फिर गिरावट के साथ 79.25 पर आ गया जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 12 पैसे की गिरावट दर्शाता है.
डॉलर इंडेक्स, क्रूड और FII के आंकड़े
इस बीच छह प्रमुख करेंसी के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दिखाने वाला डॉलर इंडेक्स 0.05 फीसदी की गिरावट के साथ 107.07 पर था. ग्लोबल ऑयल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा 0.17 फीसदी बढ़कर 104.83 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया. शेयर बाजार विदेशी मुद्रा पर पैसे कैसे बनाने के लिए? के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बीते कल शुद्ध रूप से 925.22 करोड़ रुपये के शेयर बेचे.
डॉलर के मुकाबले रुपया धड़ाम, 32 विदेशी मुद्रा पर पैसे कैसे बनाने के लिए? पैसे की बड़ी गिरावट
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 32 पैसे कमजोर होकर 74.42 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ। वैश्विक स्तर पर निवेशक जोखिम उठाने से कतरा रहे हैं, इससे रुपये की धारणा पर भी असर पड़ा। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया विदेशी मुद्रा पर पैसे कैसे बनाने के लिए? 74.40 पर खुला और आगे अधिक गिरावट के साथ अंत में डॉलर के मुकाबले 32 पैसे की गिरावट दर्शाता 74.42 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
सत्र के दौरान रुपये में 74.28 रुपये के उच्चतम स्तर और 74.45 रुपये के निम्नतम स्तर के बीच घट-बढ़ हुई। गुरुवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 23 पैसे घटकर दो महीने के निचले स्तर 74.10 पर बंद हुआ था। ईद-ए-मिलाद के कारण शुक्रवार को विदेशी मुद्रा बाजार बंद था।बाजार सूत्रों ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले अनिश्चितता के माहौल का असर निवेशकों की धारणा पर हुआ। इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक, 0.23 फीसद बढ़कर 94.25 हो गया। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 3.08 विदेशी मुद्रा पर पैसे कैसे बनाने के लिए? फीसद घटकर 36.77 डॉलर प्रति बैरल रह गया।
कैसे नीरव मोदी ने नॉस्ट्रो अकाउंट में लूट लिया बैंक का पैसा
- नई दिल्ली,
- 27 फरवरी 2018,
- (अपडेटेड 27 फरवरी 2018, 11:08 AM IST)
नीरव मोदी ने पंजाब नेशनल बैंक का पैसा उसके नॉस्ट्रो अकाउंट में पहुंचाया और फिर बेहद सुरक्षित मानें जाने वाले नॉस्ट्रो अकाउंट को लूट लिया. नॉस्ट्रो अकाउंट किसी भारतीय बैंक का विदेशी मुद्रा वाला वह अकाउंट है जिसे किसी अन्य बैंक की विदेश में स्थित शाखा में खुलावाया जाता है.
आमतौर पर विदेश में बैंकों के बीच विदेशी मुद्रा में लेनेदेन का काम इस अकाउंट के जरिए किया जाता है. लिहाजा एक बात साफ है कि यह बैंक का एक खास अकाउंट है क्योंकि इसके जरिए वह विदेशी मुद्रा में ट्रांजैक्शन करता है. वहीं बैंकिंग नियम के मुताबिक बैंक के इस अकाउंट की नियमित सूचना केन्द्रीय रिजर्व बैंक को देने का प्रावधान है जिससे यह अकाउंट कभी किसी बड़ा धांधली का शिकार न हो. वहीं इस अकाउंट को ऑनलाइन संचालित करने के लिए खास पासवर्ड का इस्तेमाल होता है जिसकी जानकारी बैंक में शीर्ष और सीमित लोगों तक रहती है.
विदेशी कंपनियों में पैसा लगाने की रहे हैं सोच? तो हो जाएं सावधान, समझें पूरा मामला
अभिषेक श्रीवास्तव | Edited By: सौरभ शर्मा
Updated on: Feb 06, 2022 | 6:35 AM
क्या आप भी फेसबुक (Facebook), ट्विटर (Twitter), यूट्यूब (Youtube), गूगल (Google), बिंग आदि सोशल मीडिया (Social Media) प्लेटफॉर्म्स पर विज्ञापन देखकर विदेशी कंपनियों विदेशी मुद्रा पर पैसे कैसे बनाने के लिए? विदेशी मुद्रा पर पैसे कैसे बनाने के लिए? में पैसा लगाकर मोटा मुनाफा (Profit) कमाने की सोच रहे हैं. अगर हां, तो तुरंत अपनी सोच को यहीं रोक दीजिए. भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI ने अनऑथराइज्ड इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म यानी ETP पर विदेशी मुद्रा कारोबार नहीं करने या ऐसे लेनदेन के लिए पैसे भेजने से जनता को सावधान किया है. RBI ने अपनी चेतावनी में कहा है कि ऐसा करने वालों विदेशी मुद्रा पर पैसे कैसे बनाने के लिए? के खिलाफ विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम यानी फेमा के तहत दंडात्मक कार्रवाई की विदेशी मुद्रा पर पैसे कैसे बनाने के लिए? जाएगी. केंद्रीय बैंक को पता चला है कि सोशल मीडिया, सर्च इंजन, ओटीटी प्लेटफॉर्म्स, गेमिंग ऐप्स और इसी तरह के दूसरे प्लेटफॉर्म्स पर भ्रामक विज्ञापनों के जरिये अनाधिकृत ईटीपी से विदेशी मुद्रा कारोबार की पेशकश की जा रही है.
ऐसे विज्ञापनों पर भी रोक की तैयारी
केंद्रीय बैंक मंत्रालय और नियामक संस्था से प्रमुख सोशल मीडिया और सर्च इंजन प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब, गूगल, बिंग आदि के लिए कुछ ऐसे नए प्रावधान बनाने के लिए कहेगा, जो ऐसे विज्ञापनों पर रोक लगाएंगे. इसके अलावा गूगल, एप्पल और माइक्रोसॉफ्ट के प्रमुख ऐप स्टोर से भी भारतीय कानून का पालन नहीं करने वाले अनऑथराइज्ड ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को हटाने के लिए कहा जाएगा. इलेक्ट्रॉनिक फॉरेक्स ट्रांजेक्शन के लिए केवल आरबीआई अधिकृत ईटीपी या मान्यताप्राप्त स्टॉक एक्सचेंज का ही इस्तेमाल करें.
ऐसा भी पता चला है कि अनाधिकृत ईटीपी ने कुछ एजेंट्स भी नियुक्त किए हैं, जो लोगों से सीधा संपर्क कर उन्हें फॉरेक्स ट्रेडिंग या इनवेस्टमेंट स्कीम में बहुत अधिक लाभ का लालच देकर निवेश करवा रहे हैं. आरबीआई ने इसे एक नए तरह की धोखाधड़ी बताया है, जिससे सभी लोगों को सावधान रहने की जरूरत है.
डॉलर की मजबूती के आगे फीके पड़े बड़े देशों के विदेशी मुद्रा भंडार, अमेरिका और जापान के मुकाबले कहां है भारत
Foreign Reserve डॉलर की मजबूती के कारण पिछले कुछ महीनों में यूरो ब्रिटिश पाउंड और येन की कीमत में तेजी के गिरावट हुई है जिससे दुनिया के बड़े केंद्रीय बैंकों का विदेशी मुद्रा भंडार बड़ी मात्रा में गिरा है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। डॉलर के लगातार मजबूत रहने के कारण वैश्विक विदेशी मुद्रा भंडार में बड़ी गिरावट देखने विदेशी मुद्रा पर पैसे कैसे बनाने के लिए? को मिली है। भारत ही नहीं, यूरोप के बड़े देशों के विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से नीचे गिरे हैं। इसके पीछे का कारण इन देशों की ओर से अपनी मुद्रा को सहारा देने के लिए डॉलर को बड़ी संख्या में खर्च करना है।
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल की शुरुआत से अब तक दुनिया के कुल विदेशी मुद्रा भंडार में 1 ट्रिलियन डॉलर की कमी आ चुकी है और यह घटकर 12 ट्रिलियन डॉलर रह गया है। ब्लूमबर्ग की ओर से 2003 से आंकड़े एकत्रित किए जाने के बाद से अब तक की यह सबसे बड़ी गिरावट है।
डॉलर दो साल की ऊंचाई पर
अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेड की ओर से ब्याज दर लगातार तीसरी बार 0.75 प्रतिशत बढ़ाने के एलान के बाद से डॉलर पूरी दुनिया की मुद्राओं के मुकाबले लगातार मजबूत हो रहा है। डॉलर, यूरो और येन जैसी मजबूती मुद्राओं के सामने 20 सालों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है।
विदेशी मुद्रा भंडार कमी का कारण
डॉलर की मजबूती के कारण दुनिया के विभिन्न देशों के पास विदेशी मुद्रा भंडारों में मौजूद अन्य विदेशी मुद्राओं जैसे यूरो और पाउंड की कीमत में तेजी से गिरावट हुई हैं। इसके कारण दुनिया के विदेशी मुद्रा भंडारों का मूल्यांकन गिरा है। वहीं, दुनिया के सभी देशों के विदेशी मुद्रा भंडार में कमी का एक अन्य बड़ा कारण डॉलर के सामने अपने देश की मुद्रा के अवमूल्यन में कमी लाने के लिए बड़ी मात्रा में डॉलर को बेचना है।
उदाहरण के लिए, भारत का विदेश मुद्रा भंडार इस साल की शुरुआत से अब तक 96 बिलियन डॉलर गिरकर 538 बिलियन डॉलर पहुंच विदेशी मुद्रा पर पैसे कैसे बनाने के लिए? गया है। इसमें 67 प्रतिशत गिरावट दुनिया की अन्य मुद्राओं में कमी के कारण है, जबकि बाकी की गिरावट भारतीय रुपये में गिरावट रोकने के लिए डॉलर खर्च करने के कारण हुई है। इस साल की शुरुआत से अब विदेशी मुद्रा पर पैसे कैसे बनाने के लिए? तक डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में 10 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है।