ट्रेंड मूवमेंट क्या है?

ट्रेंड
एक प्रवृत्ति एक बाजार या संपत्ति की कीमत की समग्र दिशा है। तकनीकी विश्लेषण में, ट्रेंडलाइन या मूल्य कार्रवाई द्वारा रुझानों की पहचान की जाती है, जो तब उजागर होते हैं जब कीमत उच्च स्विंग उच्च और उच्च स्विंग चढ़ाव के लिए एक अपट्रेंड, या निचले स्विंग चढ़ाव और निचले स्विंग उच्च के लिए डाउनट्रेंड के लिए होती है।
कई व्यापारी एक ही दिशा में एक प्रवृत्ति के रूप में व्यापार करने का विकल्प चुनते हैं, जबकि विरोधाभासों ने प्रवृत्ति के खिलाफ प्रतिशोध या व्यापार की पहचान करना चाहते हैं। स्टॉक, बॉन्ड और वायदा जैसे सभी बाजारों में अपग्रेड और डाउनट्रेंड होते हैं । डेटा में रुझान भी होते हैं, जैसे कि मासिक आर्थिक डेटा महीने या महीने से गिरता है।
चाबी छीन लेना
- एक प्रवृत्ति एक बाजार, संपत्ति या मीट्रिक की कीमत की सामान्य दिशा है।
- अपग्रेड्स को बढ़ते हुए डेटा पॉइंट्स से चिह्नित किया जाता है, जैसे कि उच्च स्विंग हाइट और उच्च स्विंग लो।
- डाउनट्रेंड्स को डेटा पॉइंट्स गिरने से चिह्नित किया जाता है, जैसे कि लोअर स्विंग और लो स्विंग स्विंग हाई।
- कई व्यापारियों ने प्रवृत्ति के रूप में उसी दिशा में व्यापार करने का विकल्प चुना, जो उस प्रवृत्ति की निरंतरता से लाभ का प्रयास करते हैं।
- मूल्य कार्रवाई, ट्रेंडलाइन और तकनीकी संकेतक सभी उपकरण हैं जो प्रवृत्ति की पहचान करने में मदद कर सकते हैं और जब यह पलट रहा है तो चेतावनी दे सकता है।
कैसे काम करता है ट्रेंड
व्यापारी ट्रेंडलाइन, मूल्य कार्रवाई और तकनीकी संकेतकों सहित तकनीकी विश्लेषण के विभिन्न रूपों का उपयोग करके एक प्रवृत्ति की पहचान कर सकते हैं । उदाहरण के लिए, ट्रेंडलाइन एक प्रवृत्ति की दिशा दिखा सकती है, जबकि सापेक्ष शक्ति सूचकांक (आरएसआई) किसी भी समय बिंदु पर एक प्रवृत्ति की ताकत दिखाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
एक अपट्रेंड को मूल्य ट्रेंड मूवमेंट क्या है? में समग्र वृद्धि द्वारा चिह्नित किया जाता है। कुछ भी लंबे समय तक सीधे नहीं चलता है, इसलिए हमेशा दोलन होंगे, लेकिन इसे पूरा करने के लिए समग्र दिशा को उच्चतर बनाने की आवश्यकता है। हाल के झूले चढ़ाव पूर्व स्विंग चढ़ाव से ऊपर होने चाहिए, और वही झूले की ऊँचाई के लिए जाता है। एक बार जब यह संरचना टूटने लगती है, तो अपट्रेंड भाप खो सकता है या एक डाउनट्रेंड में उलट हो सकता है । डाउनट्रेंड निचले स्विंग चढ़ाव और निचले स्विंग उच्च से बना है।
जब तक यह चलन है, व्यापारी मान सकते हैं कि यह तब तक जारी रहेगा जब तक कि इसके विपरीत सबूत न हों। इस तरह के साक्ष्य में कम स्विंग स्विंग या उच्चता शामिल हो सकती है, एक ट्रेंडलाइन से नीचे की कीमत टूट रही है, या तकनीकी संकेतक मंदी की ओर मुड़ रहे हैं । हालांकि प्रवृत्ति यह है कि व्यापारियों ने निरंतर मूल्य वृद्धि से लाभ का प्रयास करते हुए, खरीद पर ध्यान केंद्रित किया है।
जब रुझान कम हो जाता है, तो व्यापारी मूल्य घटाने से लाभ या लाभ को कम करने का प्रयास करते हुए, बेचने या शॉर्टिंग पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं। अधिकांश (सभी नहीं) डाउनट्रेंड्स कुछ बिंदु पर रिवर्स करते हैं, इसलिए जैसे ही कीमत में गिरावट जारी रहती है, अधिक व्यापारी कीमत को सौदेबाजी के ट्रेंड मूवमेंट क्या है? रूप में देखना शुरू करते हैं और खरीदने के लिए कदम बढ़ाते हैं। इसके कारण फिर से तेजी आ सकती है।
मौलिक विश्लेषण पर केंद्रित निवेशकों द्वारा रुझानों का उपयोग भी किया जा सकता है । विश्लेषण का यह रूप राजस्व, आय, या अन्य व्यवसाय या आर्थिक मैट्रिक्स में परिवर्तन को देखता है। उदाहरण के लिए, मौलिक विश्लेषक प्रति शेयर आय और राजस्व वृद्धि में रुझान देख सकते हैं । अगर पिछले चार तिमाहियों से कमाई बढ़ी है, तो यह सकारात्मक प्रवृत्ति का प्रतिनिधित्व करता है। हालांकि, अगर पिछली चार तिमाहियों के लिए कमाई में गिरावट आई है, तो यह एक नकारात्मक प्रवृत्ति का प्रतिनिधित्व करता है।
एक प्रवृत्ति की कमी- यानी, एक ऐसी अवधि, जिसमें समग्र रूप से ऊपर या नीचे की ओर थोड़ी-थोड़ी प्रगति होती है – एक सीमा या निरर्थक अवधि कहलाती है।
ट्रेंडलाइन का उपयोग करना
रुझानों की पहचान करने का एक सामान्य तरीका ट्रेंडलाइन का उपयोग करना है, जो उच्च (डाउनट्रेंड) या चढ़ाव (अपट्रेंड) की एक श्रृंखला को जोड़ता है। भविष्य के मूवमेंट के लिए समर्थन स्तर बनाने के लिए अपट्रेंड्स उच्च चढ़ाव की एक श्रृंखला को जोड़ते हैं । डाउनट्रेंड्स भविष्य की मूवमेंट के लिए प्रतिरोध स्तर बनाते हुए, कम ऊंचाई की एक श्रृंखला को जोड़ते हैं । समर्थन और प्रतिरोध के अलावा, ये ट्रेंडलाइन प्रवृत्ति की समग्र दिशा दिखाते हैं।
जबकि ट्रेंडलाइन समग्र दिशा दिखाने का अच्छा काम करते हैं, अक्सर उन्हें फिर से तैयार करने की आवश्यकता होती है। उदाहरण के लिए, अपट्रेंड के दौरान, मूल्य ट्रेंडलाइन से नीचे गिर सकता है, फिर भी इसका मतलब यह नहीं है कि प्रवृत्ति समाप्त हो गई है। कीमत ट्रेंडलाइन से नीचे जा सकती है और फिर बढ़ती रह सकती है। ऐसी घटना में, नई मूल्य कार्रवाई को प्रतिबिंबित करने के लिए ट्रेंडलाइन को फिर से तैयार करने की आवश्यकता हो सकती है।
प्रवृत्ति का निर्धारण करने के लिए ट्रेंडलाइन को विशेष रूप से निर्भर नहीं होना चाहिए। अधिकांश पेशेवर मूल्य निर्धारण और अन्य तकनीकी संकेतकों को देखने में मदद करते हैं ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि कोई प्रवृत्ति समाप्त हो रही है या नहीं। ऊपर दिए गए उदाहरण में, ट्रेंडलाइन के नीचे एक बूंद जरूरी नहीं कि बिकने वाला संकेत है, लेकिन अगर कीमत एक पूर्व स्विंग कम से नीचे गिरती है और / या तकनीकी संकेतक मंदी की ओर मुड़ रहे हैं, तो यह हो सकता है।
एक ट्रेंड और ट्रेंडलाइन का उदाहरण
निम्नलिखित चार्ट एक आरएसआई पढ़ने के साथ एक बढ़ती प्रवृत्ति को दर्शाता है जो एक मजबूत प्रवृत्ति का सुझाव देता है। जबकि कीमत दोलन है, समग्र प्रगति उल्टा है।
बढ़ती प्रवृत्ति में गति कम होने लगती है और दबाव में बिकना शुरू हो जाता है। RSI 70 से नीचे गिर जाता है, इसके बाद एक बहुत बड़ी मोमबत्ती होती है जो मूल्य को ट्रेंडलाइन पर ले जाती है। अगले दिन जब मूल्य ट्रेंडलाइन के नीचे छाया हुआ था तब मूव कम होने की पुष्टि की गई थी । ये संकेत लंबे पदों से बाहर निकलने के लिए इस्तेमाल किए जा सकते थे क्योंकि इस बात के सबूत थे कि प्रवृत्ति बदल रही थी। लघु व्यापार भी शुरू किया जा सकता था।
जैसे ही कीमत कम होती है, यह कम कीमत में दिलचस्पी रखने वाले खरीदारों को आकर्षित करना शुरू कर देता है। एक और ट्रेंडलाइन (नहीं दिखाया गया) को भी गिरने की कीमत के साथ खींचा जा सकता है ताकि संकेत मिल सके कि उछाल आ रहा है। यह ट्रेंडलाइन ट्रेंड मूवमेंट क्या है? फरवरी के मध्य के पास प्रवेश किया गया होगा क्योंकि मूल्य ने एक त्वरित वी-तल बनाया और उच्चतर प्रगति की।
What is Price Action Trading, और कैसे करे?
शेयर बाजार में काम करने वालों के लिए किसी भी शेयर का भाव सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है आप लोगों ने शेयर बाजार में Price action का नाम बहुत तो बार सुना होगा। Price action के द्वारा हम बाजार का गतिविधि को जानने की कोशिश करते हैं बाजार किसी ना किसी ट्रेंड में चलता है। चाहे वह ट्रेंड अप ट्रेंड हो या फिर डाउनट्रेंड हो या मार्केट रेंज बाउंड हो सभी जगहों पर हमारा प्राइस एक्शन हमें ट्रेडिंग या इन्वेस्टमेंट में मदद करता है।
प्राइस का निर्भरता
जैसा कि हम लोग जानते हैं किसी भी कंपनी के शेयर का भाव उस कंपनी की दूरदर्शिता, गवर्नमेंट की पॉलिसी, अर्थव्यवस्था, न्यूज़, सेंटीमेंट, इत्यादि कई चीजों पर निर्भर करती हैं इन सभी कारणों से शेयर के भाव में उतार और चढ़ाव आते रहते हैं। अतः शेयर बाजार में काम करने वाले लोग एक बहुत ही अच्छी कहावत कहते हैं “भाव भगवान है”।
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प्राइस एक्शन क्या है?
प्राइस एक्शन में सबसे ज्यादा इंपॉर्टेंट मार्केट के ट्रेंड को समझना होता है मार्केट में 3 तरीके के ट्रेंड होते हैं अपट्रेंड डाउनट्रेंड और कंसोलिडेशन इन तीन ट्रेंडो को पता करने में सबसे सबसे ज्यादा उपयोग में लाया ट्रेंड मूवमेंट क्या है? जाता है Price action ट्रेडिंग का किया जाता है।
जब कभी भी मार्केट में प्राइस का मूव होता है तो प्राइस एक ही डायरेक्शन में नही चलता प्राइस कभी ऊपर तो कभी नीचे चलता है इसी तरह लगातार नीचे नही जाता है उस वक्त भी प्राइस ऊपर और फिर नीचे जाता है तो प्राइस का मूवमेंट कभी भी एक डायरेक्शन में नही होती है इसी क्रम में प्राइस के मूव को Price action कहते है।
सपोर्ट और रेजिस्टेंट क्या है इसे भी पढ़े
प्राइस एक्शन को कैसे समझे:
प्राइस एक्शन को समझने के लिए एक चित्र का सहारा लेते है जो नीचे है।
Fig.1
Price action को समझना बहुत ही आसान है अगर प्राइस एक हाई लगाने के बाद Low लगता है फिर एक हाई लगाता है जो पहले के हाई से कम होता है और फिर लो को नीचे ब्रेक करता है, और एक नया लो लगता है और पुनः एक हाई लगाता है जैसा कि हमने fig-1 में दिखाया गया है।
Top1 के बाद Bottom 1 फिर एक top 2 लगाता है और टॉप लगने के बाद प्राइस नीचे आ के एक नया bottom 2 लगाता है ये प्रक्रम आगे चलता है इस ही प्राइस एक्शन का जाता है।
प्राइस एक्शन पर ट्रेड कैसे करें?
Price action पर ट्रेड करने के लिए सबसे पहले प्राइस एक्शन को समझना बहुत जरूरी होता है एक बार अगर प्राइस एक्शन समझ आने लग जाए तो फिर इस पर ट्रेड करना भी आसान हो जाता है|
प्राइस एक्शन को समझने के लिए हमने ऊपर बात किया है कि आप इसे कैसे समझ सकते हो प्राइस एक्शन एक सबसे सिंपल तरीका है इसमें ना ही कोई इंडिकेटर का इस्तेमाल किया जाता है और ना ही किसी और दूसरे तरीके का केवल आप प्राइस के मूवमेंट को देखते हैं कि किस तरीके से प्राइस ऊपर या नीचे जा रहा है जिसके आधार पर अभी मार्केट का सपोर्ट रेजिस्टेंस क्या है यह सारे चीजों को समझते हुए देखते हुए अगर आप ट्रेड करते हैं तो आपका ट्रेडिंग स्टाइल प्राइस एक्शन का कहा जाएगा।
आइए अब प्राइस एक्शन पर ट्रेड कैसे करें इसको समझने के लिए एक चित्र का इस्तेमाल करते हैं जिसके बाद हम अच्छे से प्राइस एक्शन को समझते हुए काम कर सकते हैं।
Fig:- 2
चित्र दो में आप देख रहे हैं कि प्राइस टॉप वन से गिरता हुआ नीचे आता है बॉटम वन लगाता है फिर वहां से एक दूसरा टॉप 2 लगाता है जो पहले वाले टॉप से नीचे है अब हम बॉटम वन के पास एक लाइन बनाते हैं और अगर बॉटम वन का ब्रेक डाउन होता है या प्राइस उसके नीचे ट्रेड करना स्टार्ट करता है तो हम वहां पर सेलिंग का पोजीशन बनाते हैं और उसके ऊपर का स्टॉप लॉस रखते हैं जोकि चित्र में दिखाया गया है टारगेट के लिए नीचे का कोई सपोर्ट एरिया ढूंढते हैं जो हमारा टारगेट होता है।
इसी तरीके से अगर प्राइस एक्शन के द्वारा buying का पोजीशन बनाना है ट्रेंड मूवमेंट क्या है? तो इसके उल्टा हम सबसे पहले Chart Pattern को देखने का प्रयास करते हैं जिसमें एक अच्छी खासी selling के बाद बॉटम लगता है फिर एक top लगता है और फिर से प्राइस नीचे के साइड आता है लेकिन अबकी बार अपने पहले वाले बॉटम को नही तोड़ पता और फिर टॉप के पास अगर आकर और ऊपर निकलता है तो buying का postion बनाते हैं। यहां स्टॉप लॉस के लिए बॉटम 2 का इस्तेमाल करते है और टारगेट के लिए नजदीक का कोई रेजिस्टेंस का चयन करते है
यह ट्रेडिंग का तरीका पूर्णत प्राइस के मूवमेंट पर आधारित होता है। ट्रेडर ट्रेडिंग लिए प्राइस को फॉलो करता है। Price action trading में कुछ ज्यादा अलग अलग चीजों को देखने की जरूरत नहीं होती है बस प्राइस का मूवमेंट क्या कई है कैसे काम कर रहा है इसको देख के ही ट्रेड कर लेते है। प्राइस एक्शन ट्रेडिंग में ट्रेंड मूवमेंट क्या है? ट्रेंड भी अच्छे से समझ आ जाता है क्यू की ट्रेंड के आधार पर ही अपना पोजिशन बनाया जाता है।
Price action ट्रेडिंग में कैडल को भी ध्यान में रख कर अच्छे से टॉप बॉटम का ब्रेक आउट और ब्रेकडाउन को और अच्छे से समझ सकते है ताकि ट्रेडिंग एक्यूरेसी को और बढ़ाया जा सके जिससे लॉस कम से कम हो । कैंडल भी अलग अलग तरह के होते है जिससे अलग साइकोलॉजी पता चलता है की बायर और सेलर के बीच का सेंटीमेंट क्या है बाजार में बायर और सेलर क्या सोच रहे है इन सारे बातो का पता हमे अलग अलग कैंडल टाइप से पता लग जाता है ताकि हम अपने पोजिशन को और अच्छे तरीके से होल्ड कर सके और मार्केट से प्रॉफिट को बना सके।
अड्डामार्केट वेबसाइट पर प्रकाशित जानकारी विभिन्न प्रकार के तथ्य सभी विश्लेषण अनुमान बाजार अध्ययन या अन्य सामान्य मूल्यांकन या जानकारी प्रदान करता है कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले कृपया अपने सेबी रजिस्टर्ड एडवाइजर से सलाह मशवरा कर ले यहां पर प्रदान की गई जानकारी के आधार पर ट्रेड या इन्वेस्ट करने पर होने वाले प्रोफिट या लॉस का जिम्मेदार आप खुद होंगे अतः कोई भी ट्रेड पूरी तरह जिम्मेदारी से करें ताकि कम से कम लॉस हो।
स्विंग ट्रेडिंग क्या है और कैसे काम करती है?
स्विंग ट्रेडिंग भारत में ही नहीं पूरी दुनिया में लोकप्रिय है इसलिए आज हम Swing Trading Meaning in Hindi लेख में समझेंगे कि स्विंग ट्रेडिंग क्या है और स्विंग ट्रेडिंग कैसे काम करती है?
स्विंग ट्रेडर जब किसी स्टॉक में एक अच्छे ट्रेंड को बनते हुए देखते हैं, तो वह ट्रेड करना शुरू कर देते हैं और जब तक ट्रेड में बने रहते है जब तक कि वह ट्रेंड ख़त्म न हो जाए।
स्विंग ट्रेडिंग मूल रूप से तेजी से पैसा बनाने के लिए बढ़ते स्टॉक या अन्य प्रकार के निवेश की तलाश के वारे में हैं। ये सुनने में मजेदार लगता है, लेकिन सवाल यह आता है कि क्या स्विंग ट्रेडिंग वास्तव में एक प्रॉफिट वाली निवेश रणनीति है? आइए इस पर गहराई से विचार करते है।
शेयर बाजार में स्विंग ट्रेडिंग क्या है?
स्विंग ट्रेडिंग एक प्रकार की ट्रेडिंग शैली है जहां ट्रेडर किसी भी स्टॉक में अपनी पोजीशन ले कर उसको कुछ दिनों से लेकर कुछ सप्ताह तक होल्ड रखता है। स्विंग ट्रेडिंग का लक्ष्य उस समय सीमा के दौरान स्टॉक की कीमत में बदलाव से लाभ कमाना है।
सबसे अच्छाएंट्री और एग्जिट पॉइंट चुनने के लिए अधिकांश स्विंग ट्रेडर डेली चार्ट, 60 मिनट, 24 घंटे, 48 घंटे, आदि का उपयोग करते हैं। हालांकि, आप कम समय सीमा चार्ट का उपयोग भी कर सकते हैं, जैसे कि 4-घंटे या 1 घंटा चार्ट।
स्विंग ट्रेडर किसी भी स्टॉक में पोजीशन लेने से पहले उस स्टॉक का टेक्निकल एनालिसिस करता है और ये पता लगाने की कोशिश करता है कि किस स्टॉक में ट्रेंड की शुरुआत हो रही है जिससे कि वह शुरुआती ट्रेंड में ट्रेड ले और जब तक बना रहे जब तक की उस स्टॉक में ट्रेंड बदल न जाए, जिससे कि वह अच्छा प्रॉफिट कर सके।
स्टॉक मार्केट में अवसरों का लाभ उठाने के लिए, एक स्विंग ट्रेडर को अल्पावधि में लाभ कमाने की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए शीघ्रता और बुध्दिमानी से कार्य करना चाहिए।
स्विंग ट्रेडिंग कैसे काम करती है?
सबसे पहले, स्विंग ट्रेडिंग करते समय एक ट्रेडर को आमतौर पर मार्केट ट्रेंड और पैटर्नों को देखना होता है ताकि स्विंग ट्रेडर्स को डाउन ट्रेंड या अपट्रेंड वाले स्टॉक खोजने में मदद मिल सके।
स्विंग ट्रेडिंग में अगर ट्रेडर को लगता है कि कोई स्टॉक अगले कुछ दिनों या हफ्तों में अच्छी मूवमेंट करने वाला है, तो वे स्टॉक खरीद लेंगे और कीमत फिर से गिरने से पहले उसे बेच देंगे। वही दूसरी तरफ अगर उन्हें लगता है कि कोई स्टॉक अगले कुछ दिनों या हफ्तों में नीचे जाने वाला है, तो वे उस स्टॉक को “शॉर्ट” करेंगे।
ज्यादातर समय, स्विंग ट्रेडर्स यह तय करने में लगाते हैं कि संभावित ट्रेड में जोखिम और अधिकतम लाभ को देखते हुए ट्रेड करना है या नहीं।
उदाहरण के लिए, यदि एक स्विंग ट्रेडर का मानना है कि अगले सप्ताह में किसी स्टॉक की कीमत बहुत तेजी से बढ़ सकती है, तो वह ट्रेडर उस जोखिम को लेने और कुछ शेयर खरीदने के लिए इच्छुक हो सकता हैं। क्योंकि वहां उसको कम जोखिम के साथ अच्छा प्रॉफिट करने का मौका मिल रहा है।
लेकिन अगर उस स्टॉक कीमत नीचे गिर जाती है तो उस स्थिति में ट्रेडर को अपनी पोजीशन साइज के अनुसार नुकसान उठाना होगा। इसलिए कहा जाता है कि हमेशा अपनी पोजीशन साइज कम रखे जिससे कि ज्यादा नुकसान का सामना न करना पड़े।
स्विंग ट्रेडिंग कैसे करते हैं?
स्विंग ट्रेडिंग करने ट्रेडर को रूप में आपको टेक्निकल एनालिसिस की चाहिए, जिससे कि ऐसे स्टॉक्स को खोजने में सक्षम हो सके छोटी अवधि में अच्छा रिटर्न दे सके। इसलिए अगर आप स्विंग ट्रेडिंग के लिए सही स्टॉक की तलाश करना चाहते है तो पहले टेक्निकल एनालिसिस सीखे, उसके उपरान्त डेली एंव साप्ताहिक चार्ट पर ऐसे स्टॉक को ढूढ़े जो किसी सपोर्ट को तोड़ कर ऊपर निकल रहे हो। ऐसे स्टॉक छोटी अवधि में अच्छा पैसा कमा कर देते है।
स्विंग ट्रेडिंग का उद्देश्य क्या है?
स्विंग ट्रेडिंग एक ट्रेंड मूवमेंट क्या है? ट्रेडिंग शैली है जिसका मुख्य उद्देश्य एक छोटी अवधि के भीतर स्टॉक खरीदना या बेचना शामिल है, जिससे की वह स्टॉक में होने वाले मूवमेंट से प्रॉफिट कर सके। एक स्विंग ट्रेडर आमतौर पर कुछ मूवमेंट दिखाने वाले शेयरों को खोजने की कोशिश करता है और ट्रेंड की शुरुआत में ट्रेड में प्रवेश करता है। ज्यादातर मामलों में, एक स्विंग ट्रेडर ट्रेंड खत्म होने से पहले ट्रेड से बाहर निकलने का प्रयास करता है।
स्विंग ट्रेडर्स अपनी पोजीशन को 2 दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक बनाए रखना चाहते हैं, जिससे स्विंग ट्रेडिंग ट्रेड का अच्छे से फायदा लिया जा सके, स्विंग ट्रेड दो प्रकार के होते हैं:
1) काउंटर ट्रेंड स्विंग ट्रेड – स्टॉक के ट्रेंड की दिशा में रेजिस्टेंस या सपोर्ट एरिया में बेचना या खरीदना (उदाहरण के लिए, अपट्रेंड के दौरान रेजिस्टेंस में बेचना या डाउनट्रेंड के सपोर्ट पर खरीदना)।
2) स्विंग ट्रेड के बाद की प्रवृत्ति – माइनर ट्रेंड की दिशा में सपोर्ट पर खरीदना या रेजिस्टेंस पर बेचना (उदाहरण के लिए, अपट्रेंड के दौरान सपोर्ट में खरीदना)।
अभी तक आप Swing Trading Meaning in Hindi को अच्छे से समझ गए होंगे अभी हम ये देखते है कि स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है?
स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है?
स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग कुछ हद तक समान हैं। क्योंकि दोनों में लाभ कमाने के प्रयास में स्टॉक खरीदना और बेचना शामिल होता है, लेकिन इनके बीच सबसे बड़ा अंतर समय का होता है।
स्विंग ट्रेडर्स अपनी पोजीशन को कुछ दिनों से लेकर कुछ सप्ताह तक होल्ड रखते है, जबकि इंट्राडे ट्रेडर अपनी पोजीशन को सेम डे पर क्लोज है।
डे ट्रेडर्स के पास स्विंग ट्रेडर की तरह “धैर्य” नहीं है, इसलिए वह प्राइस में होने वाले छोटे – छोटे बदलावों से पैसा बनाने की कोशिश करते है और अपनी पोजीशन को ओवरनाइट होल्ड करने का रिस्क नहीं लेते है।
स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग में एक भी मुख्य अन्तर है कि अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग करते है तो आपको ब्रोकर की तरफ से मार्जिन दिया जाता है जिस कारण से आप कम पैसो के साथ भी इंट्राडे ट्रेडिंग की शुरुआत कर सकते है।
जबकि अगर आप स्विंग ट्रेडिंग करते है तो आपको ब्रोकर की तरफ से कोइ मार्जिन नहीं दिया जाता है जिस कारण से आपको ट्रेड करने के लिए ज्यादा पैसो आवश्यकता होती है।
इंट्राडे ट्रेडिंग में स्विंग ट्रेडिंग के मुकाबले ज्यादा जोखिम है क्योंकि आपको मार्जिन मिलता है जिस कारण से आप पोजीशन साइज बड़ा रख लेते है और मार्केट आपके खिलाफ जाने पर ज्यादा नुकसान करते है।
निष्कर्ष
स्विंग ट्रेडिंग सक्रिय ट्रेडिंग का सबसे लोकप्रिय रूप माना जाता है, क्योंकि इसमें कम जोखिम के साथ ज्यादा प्रॉफिट अर्जित करने की क्षमता है। यह भारतीय शेयर बाजार में ट्रेड करने का एक शानदार तरीका है।
स्विंग ट्रेडिंग से एक ट्रेडर को काफी लाभ और रिटर्न मिल सकता है। हालांकि, एक ट्रेडर के रूप में आपको इसमें शामिल जोखिम से अवगत होना महत्वपूर्ण है।
हमें उम्मीद है कि आपको Swing Trading Meaning in Hindi लेख अच्छे से समझ में आ गया होग, कि स्विंग ट्रेडिंग क्या है….
जस्टिस फॉर अंकिता: ट्विटर पर लोगों के निशाने पर विनोद आर्य, अंकिता को इंसाफ की जंग ने किया ट्रेंड
अंकिता भंडारी हत्याकांड के बाद उत्तराखंड समेत देश भर के लोगों में गुस्से और नाराजगी का माहौल रहा। यही माहौल ट्विटर पर भी देखने को मिला। जहां भाजपा नेता विनोद आर्या को लोग टार्गेट कर रहे थे।
अंकिता को इंसाफ दिलाने की आवाज सोशल मीडिया पर ऐसी उठी कि ट्विटर पर ट्रेंड चल पड़ा। एक तरफ जहां प्रदेश में गम, गुस्सा और गुबार दिखा। वहीं पूरे मामले में सोशल मीडिया पर भी आवाज बुलंद हुई। आक्रोश के बीच सोशल मीडिया यूजर ने सिस्टम पर भी अपना खूब गुबार निकाला।
निशाने पर रहे भाजपा नेता
शनिवार को ट्विटर और फेसबुक पर लाखों पोस्ट किए गए। लोगों के सबसे ज्यादा निशाने पर भाजपा नेता विनोद आर्य रहे। वह शनिवार को पूरे दिन ट्विटर पर टॉप 20 में ट्रेंड में मामला चलता रहा। शाम पांच बजे तक 23 हजार यूजर विनोद आर्य लिखकर कार्रवाई की मांग करते हुए ट्वीट कर चुके थे। वहीं ऋषिकेश, जस्टिस फॉर अंकिता, अंकिता भंडारी नाम से हैशटैग भी टॉप ट्रेंडिंग में शामिल रहे। अंकिता को इंसाफ के लिए कई हैशटैग ट्रेंडिंग में चल रहे हैं। भाजपा नेता विनोद आर्य के पुराने फोटो वायरल हो रहे हैं, जिसमें वह संघ और भाजपा के बड़े नेताओं के साथ नजर आ रहे हैं।
फांसी देने की उठी मांग
फेसबुक पर राजस्व पुलिस की लापरवाही, आरोपियों के इतिहास, रिजॉर्ट पर बुल्डोजर, अंकिता के होनहार समेत आरोपियों को फांसी देने की मांग उठाने संबंधी वीडियो पोस्ट की जा रही है। अंकिता के मोबाइल के स्क्रीन शॉट भी सोशल मीडिया पर चल रहे हैं।
सीएम ने भी दी जानकारी सीएम पुष्कर सिंह धामी खुद ट्विटर, फेसबुक के माध्यम से घटना के संबंध में पूरी तरह सक्रिय रहे। वह लगातार घटना के संबंध में कार्रवाई का अपडेट ट्वीट कर रहे हैं। उधर, डीजीपी अशोक कुमार समेत कई पुलिस अफसर भी सोशल मीडिया पर कार्रवाई की जानकारी देते रहे।
नेताओं-मंत्रियों के खिलाफ गुस्सा
सोशल मीडिया पर कई लोगों ने नेताओं, मंत्रियों के खिलाफ गुस्से वाली पोस्ट की हैं। सवाल उठाए कि नेताओं ने इस मामले में चुप्पी क्यों नहीं तोड़ी। उधर, कई नेताओं को जब जनता ने ट्रोल करना शुरू किया तो उन्होंने कुछ देर बाद आरोपियों पर कार्रवाई किए जाने एवं सरकार के इसमें संवेदनशील होने संबंधी ट्वीट किए।
ये हैशटैग हैं टॉप ट्रेंड में
अंकिता को इंसाफ दिलाने की मांग को लेकर ट्विटर पर अलग-अलग तरह के हैशटैग ट्रेंड कर रहे थे। जिसमें मुख्य रूप से ये हैशटैग शामिल थे। जस्टिस फॉर अंकिता, जस्ट्सि फॉर अंकिता भंडारी, अंकिता भंडारी, अंकिता डिमांड्स जस्टिस।