ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग सिस्टम कैसे काम करता है

स्टॉक ब्रोकर क्या है और शेयर ब्रोकर के प्रकार (Stock Broker in Hindi)
Stock Broker Kya Hai In Hindi: अगर आप शेयर मार्केट के बारे में सीखना चाहते हैं तो इससे जुड़े छोटे – छोटे टर्म के बारे में जानकारी प्राप्त करें, इनके बारे में जानकारी होना आपके वित्तीय बुद्धि को मजबूत बनाती है. शेयर बाजार से जुडी एक ऐसी ही टर्म है जो कि बहुत महत्वपूर्ण है वह है स्टॉक ब्रोकर. जिसके बारे में हम आपको आज के लेख में जानकारी देंगे.
आज के इस लेख में आपको जानने को मिलेगा कि Stock Broker क्या है, स्टॉक ब्रोकर कितने प्रकार के होते हैं, स्टॉक ब्रोकर कैसे काम करता है और स्टॉक ब्रोकर कैसे बनें.
शेयर मार्केट में स्टॉक ब्रोकर का रोल सबसे अधिक महत्वपूर्ण होता है क्योंकि निवेशक सीधे तौर पर शेयर बाजार में निवेश नहीं कर सकता है. ब्रोकर के द्वारा ही निवेशक शेयर बाजार में शेयर को खरीद और बेच सकता है. शेयर खरीदने और बेचने के लिए ब्रोकर कुछ प्रतिशत चार्ज अपने ग्राहकों से करते हैं जिससे उनकी कमाई होती है.
अगर आप स्टॉक ब्रोकर बनना चाहते हैं तो इस लेख को पूरा अंत तक पढ़ें, इसमें हमने आपको स्टॉक ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग सिस्टम कैसे काम करता है ब्रोकर के बारे में बहुत उपयोगी जानकारी प्रदान करवाई है. तो चलिए आपका अधिक समय न लेते हुए शुरू करते हैं इस लेख को और जानते हैं Share Broker क्या है हिंदी में.
Trading Account Kya Hai और Trading Account कैसे खोले? [In Detail] Hindi
ट्रेडिंग अकाउंट शेयर बाजारों में इनवेस्ट करने के लिए आवश्यक टूल बन गया ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग सिस्टम कैसे काम करता है है। यह शेयर ट्रेडिंग की पूरी प्रक्रिया को सुरक्षित और तेज बनाता है। यहां हम आपको बताएंगे कि Trading Account क्या है? इसके फायदे और Trading Account कैसे खोले?
- ट्रेडिंग अकाउंट क्या है? (what is trading account In Hindi) Trading Account Kya Hai?
- Trading account कैसे काम करता है?
- ट्रेडिंग अकाउंट के क्या फायदे हैं?
- ट्रेडिंग खाते के लिए आवश्यक डॉक्यूमेंट्स क्या हैं?
- ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खोलें?
ट्रेडिंग अकाउंट क्या है? (what is trading account In Hindi) Trading Account Kya Hai?
Trading Account Kya Hai
ट्रेडिंग अकाउंट का इस्तेमाल शेयर बाजार में इक्विटी शेयर खरीदने या बेचने के लिए किया जाता है। पहले, स्टॉक एक्सचेंज ओपन आउटरी सिस्टम पर काम करता था। इसमें व्यापारियों ने अपने खरीद-बिक्री के फैसले को बताने के लिए हाथ के संकेतों और बोलकर कम्युनिकेशन का इस्तेमाल किया।
शेयर बाजारों द्वारा इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली को अपनाने के तुरंत बाद, ट्रेडिंग अकाउंट को खुली outcry सिस्टम मे बदल दिया। ऑनलाइन जमाने में, खरीदारों और विक्रेताओं को ऑर्डर देने के लिए स्टॉक एक्सचेंज में फिजिकली रुप से उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं है।
इसके बजाय वे एक रजिस्टर स्टॉक मार्केट ब्रोकर के साथ एक ट्रेडिंग अकाउंट खोलते हैं; जो उनकी ओर से ट्रेडिंग करता है। हर ट्रेडिंग अकाउंट में एक विशिष्ट ट्रेडिंग आईडी होती है जिसका उपयोग ऑनलाइन लेने देने के लिए होता है।
Trading account कैसे काम करता है?
एक ट्रेडिंग अकाउंट एक इन्वेस्टर के डीमैट अकाउंट और बैंक अकाउंट के बीच एक चैन की तरह काम करता है। जब कोई इन्वेस्टर शेयर खरीदना चाहता है, तो वह अपने ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए ऑर्डर देता है। लेनदेन स्टॉक एक्सचेंज में प्रोसेसिंग के लिए जाता है। उस पर काम करने के लिए, जरुरी संख्या में शेयर उसके डीमैट अकाउंट में जमा हो जाते हैं और उसके बैंक अकाउंट से एक उतना पैसा काट ली जाती है।
इक्विटी शेयरों को बेचने के लिए इसी तरह की नियमो को फॉलो किया जाता है। इन्वेस्टर अपने ट्रेडिंग अकाउंट की मदद से 100 शेयरों के लिए सेल ऑर्डर देता है। यह संबंधित स्टॉक एक्सचेंज में आगे के लिए जाता है।
जब ऑर्डर आगे दिया जाता है, तो उसके डीमैट अकाउंट से आवश्यक संख्या में शेयर डेबिट कर दिए जाते हैं और एक बराबर पैसा उसके बैंक अकाउंट में जमा हो जाती है।
ट्रेडिंग अकाउंट के क्या फायदे हैं?
वन-पॉइंट एक्सेस
आपको भारत में कई एक्सचेंज मिल सकते हैं जो तरह तरह के सिक्योरिटी और सामानों में बिजनेस करते हैं। कुछ प्रमुख एक्सचेंज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE), बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE), नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (NCDEX), और मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) हैं। एक online trading account होने से इन सभी एक्सचेंजों को सामान्य प्लेटफॉर्म के माध्यम से एक्सेस करने में मदद मिलती है।
विश्वसनीय जानकारी
इक्विटी में इनवेस्ट सही समय पर सही डिसीजन लेने के बारे में है। ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म अनुभवी और जानकार पेशेवरों द्वारा तैयार की गई रिसर्च रिपोर्ट जैसी valuable सर्विस का विस्तार करते हैं। रिपोर्ट इन्वेस्टर को इनफॉर्म्ड इनवेस्ट डिसीजन लेने में योग्य बनाती हैं। अंततः, हाई रिटर्न कमाने की अधिक संभावना है।
नोटिफिकेशन और कस्टमाइजेशन
ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म द्वारा नियुक्त ट्रेंड अधिकारी ग्राहकों को चौबीसों घंटे सहायता प्रदान करते हैं। ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को संभालने में टेक्नोलॉजी प्रॉब्लम या कोई अन्य प्रॉब्लम हो सकती है।
इसके अलावा, खरीद और बिक्री टारगेट के बारे में सूचना प्राप्त करने के लिए sms या ईमेल के माध्यम से अलर्ट सेट किया जा सकता है।
FLEXIBILITY
ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म ऐप-बेस्ड हो जाने के बाद, लैपटॉप, स्मार्टफोन और अन्य हैंड-हेल्ड डिवाइस की मदद से उन तक पहुंचना आसान हो गया है। ऑनलाइन ट्रेडिंग ने कहीं से भी और किसी भी समय इन्वेस्ट पर नज़र रखने के लिए बहुत अच्छी शुरुआत की है।
बिना रुकावट लेनदेन
ऑनलाइन ट्रेडिंग ने फंड ट्रांसफर और इक्विटी ट्रेडिंग करने की प्रक्रिया को बहुत आसान बना दिया ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग सिस्टम कैसे काम करता है है। एडवांस टेक्नोलॉजी की मदद से, ग्राहक आसानी से सेव और इनवेस्ट करने के लिए स्थिति में हैं।
ट्रेडिंग खाते के लिए आवश्यक डॉक्यूमेंट्स क्या हैं?
ट्रेडिंग खाता इन्वेस्टर के डीमैट अकाउंट और बचत बैंक अकाउंट के बीच एक इंटरफेस के रूप में काम करता है। ट्रेडिंग खाता खोलने की प्रक्रिया और आवश्यक जरूरी डॉक्यूमेंट्स सभी ऑर्गेनाइजेशन में समान हैं।
एक्सपायर डेट वाले किसी भी डॉक्यूमेंट्स को जमा करने से पहले, सुनिश्चित करें कि यह जमा करने की तारीख पर मान्य है। यहां उन डॉक्यूमेंट्स की डिटेल लिस्ट ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग सिस्टम कैसे काम करता है दी गई है जिनकी आपको ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए आवश्यकता है।
आय का प्रमाण
आप आय के प्रमाण के रूप में इनमें से कोई एक जमा कर सकते हैं।
वेतन स्लिप, पिछले 6 महीनों के इनकम हिस्ट्री वाले बैंक खाते का लेटेस्ट स्टेटमेंट, कोई भी डॉक्यूमेंट्स जो खुद के माध्यम से संपत्ति के ownership को साबित करता है।
पहचान का प्रूफ
आप किसी एक चीज़ को पहचान के प्रमाण के रूप में जमा कर सकते हैं।
एड्रेस का प्रूफ
आप एड्रेस के प्रमाण के रूप में इनमें से कोई एक जमा कर सकते हैं:
पासपोर्ट/वोटर आईडी कार्ड/राशन कार्ड/ड्राइविंग लाइसेंस/फ्लैट मैनेजमैंट बिल।
पति / पत्नी के नाम का पता प्रमाण
ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खोलें?
ऑनलाइन इक्विटी ट्रेडिंग करने के लिए, आपको स्टॉक ब्रोकर के साथ एक ऑनलाइन ट्रेडिंग खाता खोलना होगा। हजारों ग्राहकों के बीच, ब्रोकर को आपका पर्सनल ध्यान देना मुश्किल हो सकता है। ट्रेडिंग अकाउंट पूरे इन्वेस्ट के काम को बहुत आसान बना देता है। आप इन स्टेप्स का पालन करके एक ट्रेडिंग खाता खोल सकते हैं।
- एक ब्रोकर को सलेक्ट करें जिसकी समय पर ऑर्डर पूरा करने की अच्छी रेप्यूटेशन हो। अवसर के सही समय का लाभ ले।
- प्रत्येक ब्रोकर आपके ऑर्डर को प्रोसेस करने के लिए एक कन्फर्म फीस लेता है। इसलिए, पूरे क्षेत्र में ब्रोकरेज दरों की तुलना करना बेहतर है। उचित दरों पर बेहतर सर्विस को एंजॉय करने के लिए मौजुद डिस्काउंट के बारे में भी पूछें।
- ब्रोकरेज फर्म खोजें और ट्रेडिंग खाता खोलने की प्रोसेस के बारे में पूछताछ करें।
- फर्म का एक काम करने वाला खाता खोलने के फॉर्म और अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) फॉर्म के साथ आपके घर आएगा। आपको इन दोनों फॉर्मों को भरना होगा और इसके साथ संबंधित डॉक्यूमेंट्स जोडने होंगे।
- सबमिशन के बाद, फर्म आपके पर्सनल डिटेल को या तो पर्सनल तरीके से चेक या फोन पर कन्फर्म करेगी।
- एक बार आपका एप्लीकेशन पूरा हो जाने के बाद, आपको ट्रेडिंग खाते का डिटेल दे दिया जाएगा।
यहा आपने जाना की Trading Account Kya Hai और Trading Account कैसे खोले? अगर इससे जुड़ी कोई भी सवाल या फीडबैक है तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर पूछे और ज्यादा से ज्यादा शेयर करे।
कनाडाई स्टॉक्स पर CFD ट्रेडिंग
कनाडा के शेयर टोरंटो स्टॉक एक्सचेंज (TSX) पर कारोबार कर रहे हैं । अपने मौजूदा रूप में यह स्टॉक एक्सचेंज 1934 में टोरंटो स्टॉक एक्सचेंज के विलय (1852 में स्थापित) और मानक स्टॉक और खनन विनिमय के परिणामस्वरूप के रूप में स्थापित किया गया था । 1977 में, स्टॉक एक्सचेंज ने दुनिया का पहला कंप्यूटर असिस्टेड ट्रेडिंग सिस्टम (CATS) लॉन्च किया, जो वर्तमान में कई बाजारों में इस्तेमाल किया जाता है । स्टॉक एक्सचेंज मॉंट्रियल में एक अलग बाजार के साथ टोरंटो में स्थित है । अब एक से अधिक और लगभग $ 2.5 ट्रिलियन के कुल पूंजीकरण के साथ एक आधा हजार प्रतिभूतियों स्टॉक एक्सचेंज पर कारोबार कर रहे हैं । IFC मार्केट्स 48 सबसे लोकप्रिय शेयर व्यापार करने के लिए प्रदान करता है .
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- आर्डर वॉल्यूम 0.1% से शुरू, US शेयरों के लिए - 1 प्रति शेयर $ 0.02. और कनाडा के शेयरों के लिए- 0.03 CAD प्रति 1 शेयर । कमीशन चार्ज किया जाता है जब स्थिति को खोला और बंद कर दिया है
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तुम व्यापार और मार्जिन लाभ/हानि कैलकुलेटर और मार्जिन कैलकुलेटर का उपयोग कर के परिणाम की गणना कर सकते हैं। आप नियमित रूप से कंपनी की आय विज्ञप्ति में कंपनी की आय कैलेंडर के दिनांक देख सकते हैं.भारत के शेयर मार्केट
भारत के शेयर मार्केट कैसे काम करते हैं। भारत के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजों BSE औेर NSE के बारे में जानकारी, ये कैसे काम करते हैं, इन पर ट्रेडिंग कैसे होती है, इनके इडेक्स कौन से हैं और इन्हें कौन रेगुलेट करता है। भारत में शेयर मार्केट में निवेश से पहले यह जानना आवश्यक है कि प्रमुख भारतीय स्टॉक एक्सचेंज कौन से हैं और इनके जरिये निवेश करने की प्रक्रिया क्या है। साथ ही जानेंगे कि इनमें कौन और कैसे निवेश कर सकता है। About Indian Stock Markets in Hindi.
भारत के शेयर मार्केट
BSE औेर NSE हैं भारत के शेयर मार्केट
भारत के दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज हैं जहां यहां की अधिकतर शेयर ट्रेडिंग होती है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी BSE और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी NSE। बीएसई 1875 से स्थापित दुनिया के शेयर बाजारों में सबसे पुराने स्टॉक एक्सचेंजों में से एक है। दूसरी ओर, एनएसई 1992 में ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग सिस्टम कैसे काम करता है स्थापित किया गया था और इसने 1994 से व्यापार शुरू किया था। हालांकि, दोनों एक्सचेंज एक ही ट्रेडिंग मैक्निजम का पालन करते हैं। दोनो बाजारों के काम के घंटे और निपटान प्रक्रिया भी एक सी है। BSE पर लगभग 5000 और NSE पर 2000 कंपनियां लिस्टेड हैं।
भारत के शेयर मार्केट – Share Market में Trading
दोनों एक्सचेंजों पर ट्रेडिंग एक इलेक्ट्रॉनिक लिमिट ऑर्डर बुक के माध्यम से होती है जिसमें सौदे कंप्यूटर द्वारा ऑर्डर मिलान से किये जाते है। पूरी प्रक्रिया ऑर्डर संचालित होती है जिसका अर्थ है कि निवेशकों द्वारा लगाए गए ट्रेड ऑर्डर स्वचालित रूप से सर्वोत्तम कीमत के ऑर्डर के साथ मेल खाते हैं। नतीजतन, खरीदार और विक्रेता गुमनाम रहते हैं। ऑर्डर-संचालित बाजार का लाभ यह है कि यह ट्रेडिंग सिस्टम में सभी खरीद और बिक्री के आदेश टर्मिनल पर प्रदर्शित होते हैं। इससे ट्रेडिंग में अधिक पारदर्शिता आती है।
Broker
ट्रेडिंग सिस्टम में सभी ऑर्डर दलालों यानी ब्रोकर के माध्यम से ही डाले जा सकते है। कई ब्रोकर ग्राहकों को ऑनलाइन ट्रेडिंग की सुविधा प्रदान करते हैं। संस्थागत निवेशक डायरेक्ट मार्केट एक्सेस के विकल्प का भी लाभ उठा सकते हैं जिसमें वे दलालों द्वारा उपलब्ध कराए गए ट्रेडिंग टर्मिनलों का उपयोग सीधे स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग सिस्टम में ऑर्डर देने के लिए करते हैं।
सैटलमेंट Settlement
इक्विटी स्पॉट मार्केट T + 2 रोलिंग सैटलमेंट का पालन करती है। इसका मतलब यह है कि ट्रेडिंग के दिन के बाद दो दिन में सौदा निपट जायेगा। मंगल वार को किया गया कोई भी ट्रेड वीरवार तक निपट जाता है। स्टॉक एक्सचेंज पर सभी ट्रेडिंग सुबह 9:55 से 3:30 बजे के बीच सोमवार से शुक्रवार तक होती है। शेयरों का ट्रांसफर डीमैटरियलाइज्ड रूप में किया जाता है। प्रत्येक एक्सचेंज का अपना क्लियरिंग हाउस होता है।
इंडैक्स Index
भारतीय बाजारों के दो प्रमुख इंडैक्स यानी सूचकांक हैं सेंसेक्स और निफ्टी। सेंसेक्स BSE का सूचकांक है और वहां लिस्टेड 30 कंपनियों पर आधरित है। निप्टी NSE का इंडैक्स है और वहां लिस्टेड 50 ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग सिस्टम कैसे काम करता है कंपनियों पर आधारित है। इंडैक्स में शामिल करने के लिये कंपनियों का चुनाव अलग अलग उद्योगों से किया जाता है जिससे कि इंडैक्स में सभी उद्योगों का समुचित प्रतिनिधित्व मिल सके।
Share Market के Regulator
शेयर बाजार के विकास, विनियमन और पर्यवेक्षण की संपूर्ण जिम्मेदारी भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड यानी सेबी के पास रहती है, जिसका गठन 1992 में एक स्वतंत्र प्राधिकरण के रूप में किया गया था। इसके अलावा इन स्टॉक एक्सचेंजों का अपना अंदरुनी रेग्यूलेशन भी है जो कि निवेशकों के हितों को ध्यान में ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग सिस्टम कैसे काम करता है रख कर बनाया जाता है। भारत का वित्त मंत्रालय भी इनके कामकाज पर नजर रखता है।
यहां हमने समझने की कोशिश की कि भारत के शेयर मार्केट कैसे काम करते ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग सिस्टम कैसे काम करता है हैं। आप भी यदि शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं शेयर बाजार कि जानकारी प्राप्त कर लें अन्यथा शेयर बाजार में सीधे निवेश ना कर म्यूचुअल फंड के जरिये ही निवेश करें।
कैसे करें शेयर बाजार में निवेश ?
शेयर या स्टॉक मार्केट एक ऐसी जगह है जहां पर आप अपने पैसे को निवेश करके अच्छी खासी रकम कमा सकते हैं. यह मार्केट पूरी तरह से देश की अर्थव्यवस्था, वैश्विक संकेतों, मुद्रा और आरबीआई की नीतियों आदि पर निर्भर करता है. स्टॉक मार्केट में अलग-अलग कंपनियों के नाम से शेयर होते हैं. इसमें निवेश करते समय नए निवेशकों को शुरुआती दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. लेकिन जब वही निवेशक शेयर मार्केट को अच्छी तरह से समझने लगता है तब वह एक अनुभवी खिलाड़ी बन जाता है.
स्टॉक मार्केट में होते हैं कई सेक्टर
स्टॉक मार्केट में अलग-अलग तरह के क्षेत्र होते हैं. ऑयल, रियल इस्टेट, बैंकिंग, कंज्यूमर गुड्स, मेटल, स्टील, पावर, संचार यह कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर निवेशक अपनी पसंद के अनुसार निवेश कर सकता है. अगर किसी निवेशक को अपनी पसंदीदा कंपनी चुननी है तो सबसे पहले उसे कंपनी के बारे में जानना होगा. बैलेंस सीट के साथ-साथ क्या है उस कंपनी का टर्नओवर उसके बारे में भी निवेशक को जानकारी हासिल करनी चाहिए.
चुनें अपने बेस्ट सेक्टर
जैसा कि हमने ऊपर देखा कि निवेशकों के सामने ऐसे बहुत सारे सेक्टर होते हैं जहां पर वह निवेश ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग सिस्टम कैसे काम करता है करता है. इन सेक्टरों में कौन सा सबसे अच्छा क्षेत्र होगा जो निवेशकों को छोटी और लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न दे सके इस बात को बता पाना किसी के लिए भी मुश्किल भरा काम है. यह काम और अधिक मुश्किल हो जाता है जब देश की अर्थव्यवस्था सही न हो और विश्व आर्थिक संकट से गुजर रहा ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग सिस्टम कैसे काम करता है हो. ऐसे स्थिति में विशेषज्ञों की सलाह होती है कि मिड कैप स्टॉक को चुनें क्योंकि ऐसी परिस्थितियों में लार्ज कैप स्टॉक बहुत ही ज्यादा गोता लगाते हैं.
कैसे करें निवेश
निवेश करने वाले व्यक्ति के सामने यह पहला सवाल होगा कि निवेश कैसे किया जाए ? सबसे पहले ये तय करें कि आप जो भी निवेश करना चाह रहे हैं, उसकी आपको जरूरत कब है क्योंकि इससे आप लंबी और छोटी अवधि के शेयरों का चुनाव कर सकते हैं. निवेश करने के लिए आप जिस कंपनी का शेयर लेंगे उसके बारे में आप अच्छी तरह से जानकारी कर लें. इसके लिए आप सलाहकारों की मदद ले सकते हैं. यह जरूरी नहीं है कि आप एक ही कंपनी में निवेश करें. एक से अधिक कंपनियों में भी निवेश कर सकते हैं.
डीमैट अकाउंट है जरूरी
निवेश के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट होना जरूरी है इसके लिए आपको किसी भी बैंक या शेयर खान, रिलायंस मनी और इंडिया इन्फोलाइन जैसी शेयर ब्रोकरेज कंपनियों से संपर्क करना पड़ेगा. कुछ समय पहले तक शेयरों की फिजिकल ट्रेडिंग होती थी. इसमें शेयर सीधे ट्रांसफर होते थे. पर अब ऐसा नहीं है. अब इनकी खरीद-बिक्री किसी बैंक या वित्तीय संस्थान के डीमैट खाते के जरिए होती है. आप खुद या आपके स्थान पर कोई शेयर ब्रोकिंग कंपनी शेयरों की खरीद-बिक्री कर सकती है.
निवेश की अवधि
निवेशक निवेश करने के लिए दो तरह के तरीकों को अपना सकते हैं. लंबी और छोटी अवधि के लिए निवेश. छोटी अवधि में खरीदे गए शेयर को निवेशक 3-6 महीने के लिए अपने पास रख सकते हैं. जबकि लंबी अवधि में खरीदे गए शेयर को 6 महीने से ऊपर तक अपने पास रख सकते हैं. आम निवेशकों को सलाह दी जाती है कि लंबी अवधि का निवेश सही रहता है क्योंकि डे-ट्रेडिंग और छोटी अवधि के निवेश ज्यादा जोखिम भरे होते हैं.
आजकल शेयरों की ट्रेडिंग इलेक्ट्रॉनिक तरीके से होती है. यह प्रक्रिया मुम्बई स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के जरिए की जाती है. एक्सचेंज के अलावा निवेशक शेयर खान, रिलायंस मनी, आईसीआईसी डाइरेक्ट जैसे ब्रोकरेज हाउस की भी सहायता ले सकते हैं.
- ट्रेडिंग खाते के लिए आवश्यक डॉक्यूमेंट्स क्या हैं?
- ट्रेडिंग अकाउंट के क्या फायदे हैं?