बाजार के रुझान

Stock Market Outlook: इस सप्ताह बाजार का रुख कैसा रहेगा?
Stock Market Outlook विदेशी मुद्रा भंडार के आंकड़े 23 सितंबर को सामने आएंगे और बाजार की नजर इस पर रहेगी। विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा किए गए निवेश के रुझान के साथ-साथ डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत भी एक अहम मुद्दा रहेगा।
नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। पिछले सप्ताह अमेरिकी फेड द्वारा उच्च मुद्रास्फीति पर कंट्रोल करने के लिए आक्रामक तरीकों से ब्याज दरों में वृद्धि की घोषणा की गई, जिससे बाजार में गिरावट देखने को मिली। सप्ताह के लिए Nifty 1.70% नीचे 17,530.85 पर बंद हुआ जबकि Sensex 1.59% नीचे 58,840.79 पर बंद हुआ।
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20 सितंबर को जारी होने वाले अगस्त माह के कृषि मजदूरों व ग्रामीण मजदूरों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर व्यापारियों की पैनी नजर रहेगी। विदेशी मुद्रा भंडार के आंकड़े 23 बाजार के रुझान सितंबर को सामने आएंगे और बाजार सहभागियों की नजर इस पर रहेगी। बता दें कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार पिछले सप्ताह के 561050 मिलियन डॉलर से घटकर बाजार के रुझान 2 सितंबर को अब तक के सबसे निचले स्तर 553110 मिलियन डॉलर पर आ गया है।
इस बीच, बाजार सहभागी विदेशी संस्थागत निवेशकों (Foreign Institutional Investors) द्वारा किए गए निवेश के रुझान के साथ-साथ डॉलर के संबंध में रुपये की गति पर विशेष रूप से ध्यान देंगे।
अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर, निवेशकों का ध्यान अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दर पर लिए जाने वाले निर्णय, FOMC आर्थिक अनुमानों और 21 सितंबर को फेड की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर केंद्रित रहेगा। इसके अलावा US इनिशियल जॉबलेस क्लेम डाटा 22 सितंबर को जारी किया जाएगा।
Share Market: कैसा रहेगा आज बाजार, विदेशी मार्केट का भी जानें हाल?
Stock Market: इंडियन शेयर मार्केट के लिए रिजर्व बैंक का फैसला सही नहीं साबित हो रहा है.
सोमवार, 8 अगस्त को शेयर बाजार (Share Market) के लाल रंग में खुलने की उम्मीद है क्योंकि SGX निफ्टी में रुझान 83 अंकों के नुकसान के साथ भारत में व्यापक सूचकांक के लिए नकारात्मक शुरुआत का संकेत दे रहे हैं. बीएसई सेंसेक्स 89 प्वाइंट बढ़कर 58,388 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी सिर्फ 15 प्वाइंट की बढ़ोतरी के साथ 17,397 पर पहुंच गया. इंडियन शेयर मार्केट के लिए रिजर्व बैंक का फैसला सही नहीं साबित हो रहा है.
पिछले सप्ताह शुक्रवार को रेपो रेट में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी के बाद बाजार आज पहले दिन खुल रहा है और निवेशक इस सप्ताह की शुरुआत बिकवाली के साथ कर सकते हैं.
एशियाई मार्केट का हाल
सोमवार की सुबह के फेड में जापानी निक्केई 0.13 फीसदी, हैंग सेंग 0.14 फीसदी और चीनी शंघाई 0.01 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ. सोमवार को सुबह के सौदों में एसजीएक्स निफ्टी 67 प्वाइंट की गिरावट के साथ 17,356 के स्तर पर है. आईआईएफएल सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष अनुज गुप्ता ने कहा कि आज एसजीएक्स निफ्टी की छोटी रेंज 17,200 से 17,520 के स्तर पर है, जबकि सूचकांक की व्यापक रेंज 16,980 से बाजार के रुझान 17,680 प्वाइंट के आस-पास है.
विदेशी इन्वेस्टर्स की खरीदारी जारी
इंडियन शेयर मार्केट पर विदेशी निवेशकों का भरोसा एक बार फिर दिख रहा है और वो लगातार इन्वेस्ट कर रहे हैं. पिछले सत्र में भी विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बाजार में 1,605.81 करोड़ रुपये का इन्वेस्ट किया, जबकि इसी दौरान घरेलू संस्थागत निवेशकों ने बाजार के रुझान 495.94 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की. हालांकि, विदेशी निवेशकों की पैसे लगाने की वजह से मार्केट में बढ़त देखने को मिल रही है.
Share Market: कोरोना के बाद शेयर बाजार की तरफ बढ़ा युवा निवेशकों का ट्रेंड, 75 फीसदी नए ग्राहक नई पीढ़ी के
राहुल संपाल
Updated Thu, 14 Jul 2022 05:03 PM IST
एनएसई की रिपोर्ट में कहा गया है, देश में इंटरनेट आधारित ट्रेडिंग ने पहले के मुकाबले तेजी से रफ्तार पकड़ी है। मार्च 2020 के बाद से लोगों का इसके प्रति ज्यादा रुझान देखा गया है। लॉकडाउन के बाद से खुदरा भागीदारी में इजाफे के कारण ऐसी ट्रेडिंग बढ़ी है। खुदरा निवेशकों और ट्रेडरों ने अपने घर से सीधे इक्विटी में ट्रेड के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल शुरू किया है.
कोविड-19 ने आज देश और दुनिया में काम करने के तरीकों को बदल कर रख दिया है। महामारी के बाद से कई क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर बदलाव देखने को मिले हैं। ऐसा ही एक अहम परिवर्तन शेयर बाजार में भी देखा गया है। आज नई पीढ़ी के युवा निवेशक उत्साह के साथ इस बाजार में कदम रख रहे हैं। वे अपने स्मार्टफोन के जरिए शेयर ट्रेडिंग को नई ऊंचाइयों पर बाजार के रुझान पहुंचा रहे हैं। बीएसई के आंकड़ों के मुताबिक, नकदी बाजार के टर्नओवर में मोबाइल फोन के जरिए होने वाला कारोबार जून 2019 के 5.3 फीसदी के मुकाबले जून 2022 में बढ़कर 18.7 फीसदी पर पहुंच गया। जबकि एनएसई पर मोबाइल ट्रेडिंग की हिस्सेदारी जून 2022 में 19.5 फीसदी रही है।
हालिया एनएसई की रिपोर्ट में कहा गया है, देश में इंटरनेट आधारित ट्रेडिंग ने पहले के मुकाबले तेजी से रफ्तार पकड़ी है। मार्च 2020 के बाद से लोगों का इसके प्रति ज्यादा रुझान देखा गया है। लॉकडाउन के बाद से खुदरा भागीदारी में इजाफे के कारण ऐसी ट्रेडिंग बढ़ी है। खुदरा निवेशकों और ट्रेडरों ने अपने घर से सीधे इक्विटी में ट्रेड के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल शुरू किया है। इसमें ज्यादातर युवा निवेशक सक्रिय ट्रेडर बन रहे हैं। वे स्मार्टफोन और सस्ते इंटरनेट के जरिए इस बाजार को मजबूती प्रदान कर रहे हैं।
70 से 75 फीसदी ग्राहक नई पीढ़ी के
अरिहंत कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड के सीए अनीश जैन अमर उजाला से चर्चा में कहते हैं कि आज ट्रेडिंग में 70 से 75 फीसदी ग्राहक नई पीढ़ी के हैं। वे सभी ऑनलाइन ट्रेडिंग ही कर रहे हैं। पहले के मुकाबले आज आसानी से खाता खुलना मोबाइल ट्रेडिंग में बढ़ोतरी में सबसे अहम माना गया है। आधार कार्ड ने भी डीमैट खाता बिना किसी परेशानी के खोलना की प्रक्रिया को आसान कर दिया है। पहले यही खाता खोलने में दो से तीन दिन लग जाते थे। आज जिस तरह की बढ़त हम देख रहे हैं, उसके लिए आधार के जरिए खाता खुलना एक उत्प्रेरक की तरह रहा है। इससे पहले ग्राहकों को खाता खोलने के लिए कम से कम 25 से 30 हस्ताक्षर आवेदन फॉर्म पर करने होते हैं और फॉर्म के साथ संलग्न किए जाने वाले सभी दस्तावेजों को स्वप्रमाणित करना होता है। आज आधार के जरिए खाता खोलने पर ये प्रक्रियाएं नहीं अपनानी पड़ती हैं। अब महज केवल आधे घंटे में खाता खुल जाता है।
ऑनलाइन ट्रेडिंग से कर्मचारियों की संख्या घटी
शेयर बाजार कारोबार से जुड़े विशेषज्ञों ने अमर उजाला से चर्चा में कहा कि कोरोना महामारी के बाद बाजार में कई बदलाव देखने को मिले हैं। पहला, निवेशकों ने डिजिटल माध्यम को तेजी से अपनाया है। दूसरा, ब्रोकिंग सेक्टर से जुड़े लोगों ने नई टेक्नोलॉजी में ज्यादा निवेश किया है। ऐसे में डीलरों के जरिए आने वाला वॉल्यूम मोबाइल की ओर शिफ्ट कर गया है। क्योंकि कोरोना वायरस संक्रमण के चलते डीलिंग रूम बाजार के रुझान में कर्मचारियों की उपलब्धता बहुत सीमित हो गई है।
आज टेक्नोलॉजी पर खर्च जरूर बढ़ा है। लेकिन कर्मचारियों को दिए जाने वाले वेतन की बचत भी हुई है। इससे बाजार में पिछले 10 साल में कर्मचारियों की संख्या घटकर 10 फीसदी रह गई है। जबकि वॉल्यूम दोगुने से ज्यादा हो गया है। कंपनियां यह सब रिलेशनशिप मैनेजर के बड़े नेटवर्क के जरिए ही कर सकी है। क्योंकि आज सभी बड़ी कंपनियों के पास नई-नई तकनीकें हैं। इससे काम पहले की तुलना में बहुत आसान हो गया है। इससे पहले क्लाइंट ब्रोकर के कंप्यूटर टू कंप्यूटर लिंक सिस्टम का इस्तेमाल ऑर्डर के लिए करते थे। इसमें उन्हें डीलरों की मदद लेना होती थी।
मोबाइल ट्रेडिंग से यह बाजार के रुझान हो रहे फायदे
मोबाइल ने ट्रेडिंग की लागत काफी कम करने में मदद की है। क्योंकि इससे ऑर्डर के लिए किसी व्यक्ति पर आश्रित होने की अनिवार्यता को पूरी तरह से खत्म कर दिया है। चूंकि किसी व्यक्ति के लिए कार्य की एक सीमा होती है, ऐसे में जब ब्रोकरेज कर्मी के जरिए ऑर्डर दिए जाते हैं, तब गलत ट्रेड होने के चांसेंज काफी ज्यादा होते हैं। इसके अलावा चूंकि डीलर ट्रेड की सिफारिश करते हैं, ऐसे में क्लाइंटों को नुकसान होने की संभावना ज्यादा होती है। लेकिन अब ग्राहक खुद ही मोबाइल पर ट्रेड करते हैं।
विस्तार
कोविड-19 ने आज देश और दुनिया में काम करने के तरीकों को बदल कर रख दिया है। महामारी के बाद से कई क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर बदलाव देखने को मिले हैं। ऐसा ही एक अहम परिवर्तन शेयर बाजार में भी देखा गया है। आज नई पीढ़ी के युवा निवेशक उत्साह के साथ इस बाजार में कदम रख रहे हैं। वे अपने स्मार्टफोन के जरिए शेयर ट्रेडिंग को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा रहे हैं। बीएसई के आंकड़ों के मुताबिक, नकदी बाजार के टर्नओवर में मोबाइल फोन के जरिए होने वाला कारोबार जून 2019 के 5.3 फीसदी के मुकाबले जून 2022 में बढ़कर बाजार के रुझान 18.7 फीसदी पर पहुंच गया। जबकि एनएसई पर मोबाइल ट्रेडिंग की हिस्सेदारी जून 2022 में 19.5 फीसदी रही है।
हालिया एनएसई की रिपोर्ट में कहा गया है, देश में इंटरनेट आधारित ट्रेडिंग ने पहले के मुकाबले तेजी से रफ्तार पकड़ी है। मार्च 2020 के बाद से लोगों का इसके प्रति ज्यादा रुझान देखा गया है। लॉकडाउन के बाद से खुदरा भागीदारी में इजाफे के कारण ऐसी ट्रेडिंग बढ़ी है। खुदरा निवेशकों और ट्रेडरों ने अपने घर से सीधे इक्विटी में ट्रेड के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल शुरू किया है। इसमें ज्यादातर युवा निवेशक सक्रिय ट्रेडर बन रहे हैं। वे स्मार्टफोन और सस्ते इंटरनेट के जरिए इस बाजार को मजबूती प्रदान कर रहे हैं।
70 से 75 फीसदी ग्राहक नई पीढ़ी के
अरिहंत कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड के सीए अनीश जैन अमर उजाला से चर्चा में कहते हैं कि आज ट्रेडिंग में 70 से 75 फीसदी ग्राहक नई पीढ़ी के हैं। वे सभी ऑनलाइन ट्रेडिंग ही कर रहे हैं। पहले के मुकाबले आज आसानी से खाता खुलना मोबाइल ट्रेडिंग में बढ़ोतरी में सबसे अहम माना गया है। आधार कार्ड ने भी डीमैट खाता बिना किसी परेशानी के खोलना की प्रक्रिया को आसान कर दिया है। पहले यही खाता खोलने में दो से तीन दिन लग जाते थे। आज जिस तरह की बढ़त हम देख रहे हैं, उसके लिए आधार के जरिए खाता खुलना एक उत्प्रेरक की तरह रहा है। बाजार के रुझान इससे पहले ग्राहकों को खाता खोलने के लिए कम से कम 25 से 30 हस्ताक्षर आवेदन फॉर्म पर करने होते हैं और फॉर्म के साथ संलग्न किए जाने वाले सभी दस्तावेजों को स्वप्रमाणित करना होता है। आज आधार के जरिए खाता खोलने पर ये प्रक्रियाएं नहीं अपनानी पड़ती हैं। अब महज केवल आधे घंटे में खाता खुल जाता है।
ऑनलाइन ट्रेडिंग से कर्मचारियों की संख्या घटी
शेयर बाजार कारोबार से जुड़े विशेषज्ञों ने अमर उजाला से चर्चा में कहा कि कोरोना महामारी के बाद बाजार में कई बदलाव देखने को मिले हैं। पहला, निवेशकों ने डिजिटल माध्यम को तेजी से अपनाया है। दूसरा, ब्रोकिंग सेक्टर से जुड़े लोगों ने नई टेक्नोलॉजी में ज्यादा निवेश किया है। ऐसे में डीलरों के जरिए आने वाला वॉल्यूम मोबाइल की ओर शिफ्ट कर गया है। क्योंकि कोरोना वायरस संक्रमण के चलते डीलिंग रूम में कर्मचारियों की उपलब्धता बहुत सीमित हो गई है।
आज टेक्नोलॉजी पर खर्च जरूर बढ़ा है। लेकिन कर्मचारियों को दिए जाने वाले वेतन की बचत भी हुई है। इससे बाजार में पिछले 10 साल में कर्मचारियों की संख्या घटकर 10 फीसदी रह गई है। जबकि वॉल्यूम दोगुने से ज्यादा हो गया है। कंपनियां यह सब रिलेशनशिप मैनेजर के बड़े नेटवर्क के जरिए ही कर सकी है। क्योंकि आज सभी बड़ी कंपनियों के पास नई-नई तकनीकें हैं। इससे काम पहले की तुलना में बहुत आसान हो गया है। इससे पहले क्लाइंट ब्रोकर के कंप्यूटर टू कंप्यूटर लिंक सिस्टम का इस्तेमाल ऑर्डर के लिए करते थे। इसमें उन्हें डीलरों की मदद लेना होती थी।
मोबाइल ट्रेडिंग से यह हो रहे फायदे
मोबाइल ने ट्रेडिंग की लागत काफी कम करने में मदद की है। क्योंकि इससे ऑर्डर के लिए किसी व्यक्ति पर आश्रित होने की अनिवार्यता को पूरी तरह से खत्म कर दिया है। चूंकि किसी व्यक्ति के लिए कार्य की एक सीमा होती है, ऐसे में जब ब्रोकरेज कर्मी के जरिए ऑर्डर दिए जाते हैं, तब गलत ट्रेड होने के चांसेंज काफी ज्यादा होते हैं। इसके अलावा चूंकि डीलर ट्रेड की सिफारिश करते हैं, ऐसे में क्लाइंटों को नुकसान होने की संभावना ज्यादा होती है। लेकिन अब ग्राहक खुद ही मोबाइल पर ट्रेड करते हैं।
काम की बात: बाजार की गिरावट में भी सही रणनीति बनाकर कर सकते हैं कमाई, इन 7 बातों का रखें ध्यान
इस हफ्ते शेयर मार्केट में 2943 पॉइंट्स यानी 5.41% की गिरावट देखी गई। इस गिरावट से निवेशकों में डर का माहौल बना हुआ है। हालांकि एक्सपर्ट्स के अनुसार इस गिरावट में सही स्ट्रैटेजी आपको अच्छा पैसा कमा के दे सकती है। हम आपको ऐसी 7 बातों के बारे में बता रहे हैं जिनकी मदद से आप बाजार की गिरावट में पैसा कमा सकते हैं।
अनुशासन बनाए रखें
पोर्टफोलियो में नाटकीय रूप से बदलाव करते रहने से जोखिम बढ़ता है। ऐसी आदत लंबी अवधि के लक्ष्यों पर नकारात्मक असर डाल सकती है। बेहतर होगा कि बाजार में फौरी उतार-चढ़ाव को नजरअंदाज करें और अनुशासन बनाए रखें। यदि पोर्टफोलियो में बदलाव जरूरी लगे तो छोटे-छोटे बदलाव करें।
SIP के जरिए करें निवेश
शेयर बाजार अपने ऊपरी स्तरों से काफी गिर गया है, लेकिन फिर भी यदि निवेशक अभी निवेश करना चाह रहे हों तो उन्हें एक मुश्त निवेश करने की बजाय किस्तों में करना चाहिए। इससे शेयर बाजार से संबंधित उतार चढ़ाव का जोखिम थोड़ा कम हो जाता है। आप थोड़ा संयम रखकर गिरते बाजार में भी फायदा कमा सकते हैं।
घबराहट में निर्णय न लें
हमेशा याद रखें कि अर्थव्यवस्था और बाजार का मिजाज चक्रीय होता है। जिस तरह तेजी का दौर आता है, वैसा ही गिरावट का दौर भी बन सकता है। जाहिर है, गिरावट वाले दौर में घबराकर बिकवाली करना अच्छी रणनीति नहीं होगी। अच्छे शेयर अक्सर लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न देते हैं।
पोर्टफोलियो में विविधता लाएं
पोर्टफोलियो में विविधता अस्थिर बाजार में निवेश की वैल्यू स्थिर रखने का अच्छा तरीका है। विविधता का मतलब है जोखिम उठाने की क्षमता और लक्ष्य के हिसाब से अलग-अलग एसेट में निवेश का बंटवारा करना। इसका फायदा यह है कि यदि एक एसेट (जैसे इक्विटी) में गिरावट आ रही हो तो उसी समय किसी दूसरे एसेट (जैसे सोने) में तेजी नुकसान को कम कर देगी।
निवेश को ट्रैक करते रहें
जब आप कई तरह के एसेट में निवेश करते हैं, तो हो सकता है कि सभी निवेश को नियमित रूप से ट्रैक नहीं कर रहे हों। ऐसे में बाजार का रुझान बदलने पर सटीक प्रतिक्रिया देना मुश्किल हो जाएगा। इसलिए यदि आप अपने निवेश को ट्रैक नहीं कर पा रहें तो एक विश्वसनीय वित्तीय सलाहकार की मदद लें।
नुकसान में न बेचें शेयर
उतार चढ़ाव शेयर बाजार का स्वभाव है। निवेशकों को शेयर बाजार में आई गिरावट से घबराना नहीं चाहिए। अगर आपने शेयर बाजार में पैसा लगा रखा है और इसमें आपको अभी नुकसान हुआ है तो भी आपको नुकसान में अपने शेयर बेचने से बचना चाहिए। क्योंकि लॉन्ग टर्म में मार्केट में रिकवरी की उम्मीद है। ऐसे में अगर आप अपने शेयर्स को लम्बे समय के लिए होल्ड करते हैं तो आपको नुकसान होने की उम्मीद कम हो जाएगी।
स्टॉक बास्केट रहेगी सही
आज कल स्टॉक बास्केट का कॉन्सेप्ट चल रहा है। इसके तहत आप शेयर्स का एक बास्केट बनाते हैं और अपने सभी शेयर्स में निवेश करते हैं। यानी अगर आप इस 5 शेयर्स में कुल 25 हजार निवेश करना चाहते हैं तो सभी में 5-5 हजार रुपए लगा सकते हैं। इससे जोखिम कम हो जाता है।
Market Outlook This Week: तिमाही नतीजों और ग्लोबल ट्रेंड्स से तय होगी इस हफ्ते बाजार की चाल, क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
Market Outlook This Week: एक्सपर्ट्स का कहना है कि रुपये में उतार-चढ़ाव और अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड में रुझान भी कारोबार को प्रभावित करेंगे.
घरेलू शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह घोषित होने वाले तिमाही नतीजों और वैश्विक रुझानों से तय होगी.
Market Outlook This Week: घरेलू शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह घोषित होने वाले तिमाही नतीजों और वैश्विक रुझानों से तय होगी. इसके अलावा विदेशी पूंजी का प्रवाह भी बाजार की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएगा. एनालिस्ट्स ने यह राय जताई है. उन्होंने कहा कि रुपये में उतार-चढ़ाव और अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड में रुझान भी कारोबार को प्रभावित करेंगे.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
स्वस्तिका इन्वेस्टमेंट लिमिटेड में रिसर्च हेड संतोष मीणा ने कहा, ‘‘बाजार की नजर दूसरी तिमाही के नतीजों और वैश्विक रुझानों पर होगी. इस हफ्ते कई वित्तीय कंपनियों और सीमेंट कंपनियों के दूसरी तिमाही के परिणाम जारी होने वाले हैं. वैश्विक बाजारों में अस्थिरता बहुत है जिसका प्रभाव हमारे बाजार पर भी पड़ सकता है.’’ उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर अमेरिका और चीन के व्यापक आंकड़े महत्वपूर्ण होंगे. इसके अलावा डॉलर सूचकांक, कच्चा तेल और अमेरिकी बांड के परिणामों पर भी नजर रखनी होगी. रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष-शोध अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘एसीसी, अल्ट्राटेक सीमेंट, इंडसइंड बैंक, एक्सिस बैंक, एशियन पेंट्स, बजाज फाइनेंस, आईटीसी और हिंदुस्तान यूनिलीवर जैसी बड़ी कंपनियां और कई अन्य कंपनियां नतीजे घोषित करने वाली हैं.’’
Mcap of Top 10 Firms: टॉप 10 में से 6 कंपनियों का मार्केट कैप 78,163 करोड़ घटा, RIL को सबसे ज्यादा नुकसान