भारत के प्रमुख शेयर मूल्य सूचकांक

स्टॉक मार्केट इंडेक्स: यह कितना उपयोगी है?
एक बार मार्क ट्वेन ने लोगों को दो अलग-अलग श्रेणियों में विभाजित किया: वे जिन्होंने ताजमहल देखा और जिन्होंने नहीं देखा। निवेशकों के बारे में भी कुछ ऐसा ही कहा जा सकता है। मुख्य रूप से, दो प्रकार के निवेशक होते हैं: वे जो विविध निवेश अवसरों से भारत के प्रमुख शेयर मूल्य सूचकांक परिचित होते हैं और दूसरे जो नहीं।
अमेरिकी स्टॉक के एक प्रमुख दृष्टिकोण सेमंडीभारत किसी छोटी बिंदी से कम नहीं लग सकता है। हालांकि, अगर छानबीन की जाए, तो आपको ऐसी ही चीजें मिलने वाली हैं, जिनकी किसी भी अनुकूल बाजार से उम्मीद की जा सकती है।
जब शुरू करने के लिएशेयर बाजार में निवेश करें, कई प्रश्नों और शंकाओं का अनुभव करना काफी उचित है, इस पर विचार करते हुएनिवेश और बाजार में व्यापार उतना सहज नहीं है जितना यह लग सकता है। वास्तव में, बेहतर रिटर्न प्राप्त करने के लिए अच्छे विकल्प बनाने के लिए सटीक ज्ञान और सटीक जानकारी की आवश्यकता होती है।
हालांकि इसमें कई कारक शामिल हैं जो भारतीय शेयर बाजार का निर्माण करते हैं; हालांकि, स्टॉकबाजार सूचकांक एक ऐसी चीज है जिस पर आप एक सूचित निर्णय लेने के लिए भरोसा कर सकते हैं। इस पोस्ट में शेयर बाजार और सूचकांक की मूल बातें शामिल हैं और यह किसी के लिए कितना उपयोगी हो सकता है?इन्वेस्टर.
स्टॉक मार्केट इंडेक्स को परिभाषित करना
स्टॉक मार्केट इंडेक्स के रूप में भी जाना जाता है, मार्केट इंडेक्स किसी चीज का माप या संकेतक होता है। आमतौर पर, यह शेयर बाजार में हो रहे परिवर्तनों के सांख्यिकीय माप को दर्शाता है। आम तौर पर,गहरा संबंध और शेयर बाजार सूचकांकों में प्रतिभूतियों का एक काल्पनिक पोर्टफोलियो शामिल होता है जो या तो एक विशिष्ट खंड या पूरे बाजार का प्रतिनिधित्व करता है।
भारत में कुछ उल्लेखनीय सूचकांकों का उल्लेख नीचे किया गया है:
बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी जैसे बेंचमार्क इंडेक्स
बीएसई 100 और निफ्टी 50 जैसे ब्रॉड-आधारित सूचकांक
बाजार पूंजीकरण आधारित सूचकांक जैसे बीएसई मिडकैप और बीएसईछोटी टोपी
सीएनएक्स आईटी और निफ्टी एफएमसीजी इंडेक्स जैसे क्षेत्रीय सूचकांक
भारत में स्टॉक मार्केट इंडेक्स की आवश्यकता
एक शेयर बाजार सूचकांक एक बैरोमीटर की तरह है जो पूरे बाजार की समग्र स्थितियों को प्रदर्शित करता है। वे निवेशकों को पैटर्न की पहचान करने में सक्षम बनाते हैं; और इसलिए, एक संदर्भ की तरह व्यवहार करना जो यह तय करने में मदद करता है कि वे किस स्टॉक में निवेश कर सकते हैं।
यहां कुछ कारण दिए गए हैं जो शेयर बाजार सूचकांक के उपयोग को मान्य करते हैं:
स्टॉक चुनने में मदद करता है
स्टॉक एक्सचेंज में स्टॉक इंडेक्स सूची में हजारों कंपनियों को ढूंढना कोई नई अवधारणा नहीं है। मोटे तौर पर, जब आपके पास चुनने के लिए अंतहीन विकल्प होते हैं, तो निवेश के लिए कुछ शेयरों का चयन करना किसी बुरे सपने से कम नहीं हो सकता है।
और फिर, उन्हें एक और अंतहीन सूची के आधार पर छाँटना परेशानी को और बढ़ा सकता है। यह वह जगह है जहां एक सूचकांक कदम रखता है। ऐसी स्थिति में, कंपनियों और शेयरों को सूचकांकों में वर्गीकृत किया जाता हैआधार महत्वपूर्ण विशेषताओं की, जैसे कंपनी का क्षेत्र, उसका आकार, या उद्योग।
एक प्रतिनिधि की भूमिका लेता है
जब आप निवेश करने के बारे में सोचते हैंइक्विटीज, पता है कि जोखिमफ़ैक्टर हमेशा चरम पर होता है, और आपको सोच-समझकर निर्णय लेना चाहिए। शेयरों के बारे में व्यक्तिगत रूप से समझना किसी असंभव काम से कम नहीं है।
एक प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते हुए, इंडेक्स आपको मौजूदा निवेशकों से ज्ञान प्राप्त करने में मदद करते हैं। बाजार (या किसी क्षेत्र के) रुझानों का प्रदर्शन करके, यह आपको बेहतर तरीके से शिक्षित करता है। भारत में, एनएसई निफ्टी और बीएसई सेंसेक्स को बेंचमार्क इंडेक्स के रूप में माना जाता है जो समग्र प्रदर्शन का प्रतिनिधित्व करते हैं।
तुलना निष्पादित करना
इससे पहले कि आप अपने पोर्टफोलियो में किसी स्टॉक को शामिल करने का निर्णय लें, आपको यह पता लगाना चाहिए कि यह योग्य है या नहीं। और, इसका पता लगाने का सबसे अच्छा तरीका इसके साथ तुलना करना हैआधारभूत index क्योंकि यह प्रदर्शन की तुलना करने का एक आसान तरीका है।
यदि स्टॉक इंडेक्स की तुलना में अधिक रिटर्न प्रदान कर रहा है, तो इसे बाजार से बेहतर प्रदर्शन करने वाला माना जाता है। दूसरी ओर, यदि यह कम रिटर्न देता है, तो इसे बाजार से कम प्रदर्शन करने वाला माना जाता है।
उदाहरण के लिए, भारत में, सेंसेक्स को आमतौर पर बेंचमार्क के रूप में उपयोग किया जाता है। इस प्रकार, यह पता लगाने के लिए कि क्या इक्विटी ने बाजार से बेहतर प्रदर्शन किया है या कम प्रदर्शन किया है, आप बस स्टॉक और इंडेक्स के मूल्य रुझानों की जांच कर सकते हैं; और फिर, उनकी अच्छी तरह से तुलना कर सकते हैं।
इंडेक्स कैसे बनाए जाते हैं?
समान स्टॉक के साथ एक सूचकांक विकसित किया जाता है। वे कंपनी के आकार, उद्योग के प्रकार, बाजार पूंजीकरण, या किसी अन्य पैरामीटर पर आधारित हो सकते हैं। शेयरों का चयन करने के बाद, सूचकांक के मूल्य की गणना की जाती है।
हर स्टॉक की अलग कीमत होती है। और, एक विशिष्ट स्टॉक में मूल्य परिवर्तन आनुपातिक रूप से किसी अन्य स्टॉक में मूल्य परिवर्तन के बराबर नहीं होता है। हालांकि, अंतर्निहित शेयरों की कीमतों में कोई भी बदलाव समग्र सूचकांक मूल्य को बहुत प्रभावित कर सकता है।
उदाहरण के लिए, यदि प्रतिभूतियों की कीमतों में वृद्धि होती है, तो सूचकांक साथ-साथ बढ़ता है और इसके विपरीत। इसलिए, मूल्य की गणना आम तौर पर सभी कीमतों के एक साधारण औसत के साथ की जाती है। इस तरह, एक स्टॉक इंडेक्स कमोडिटी, वित्तीय या किसी अन्य बाजार में उत्पादों की दिशा के साथ-साथ समग्र बाजार की भावना और कीमत की गति को प्रदर्शित करता है।
भारत में, सूचकांक मूल्य का पता लगाने के लिए कीमतों का उपयोग करने के बजाय, मुफ्त-पानी पर तैरना बाजार पूंजीकरण का प्रमुख रूप से उपयोग किया जाता है।
ध्यान रखने योग्य बातें
यह पता लगाना कि क्या किसी फंड ने बेंचमार्क से बेहतर प्रदर्शन किया है, किसी स्कीम को चुनने का एकमात्र तरीका नहीं है। हालांकि, यह एक आवश्यक कारक है जो आपकी मदद कर सकता हैम्युचुअल फंड में निवेश. इसके अलावा, आपको यह भी सत्यापित करना होगा कि स्टॉक मार्केट इंडेक्स के माध्यम से फंड महत्वपूर्ण अंतर के साथ वर्षों से अपने बेंचमार्क से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है या नहीं।
इसके अलावा, केवल एक त्वरित निर्णय न लें। बाजार में अपना पैसा लगाने से पहले आपको रिटर्न रेट, अपनी वित्तीय स्थिति और निवेश के प्रकार को भी ध्यान में रखना चाहिए। समस्याओं से बचने के लिए आप एक ऐसे फंड हाउस का भी चयन कर सकते हैं, जिसके पास इस स्ट्रीम में उपयुक्त अनुभव और ज्ञान रखने वाला मैनेजर हो।
शेयर बाजार की हालत का सही अंदाजा देता है निफ्टी
भारत में दो प्रमुख शेयर बाजार (Share Market) सूचकांक हैं बॉंबे स्टॉक एक्सचेंज (Bombay Stock Exchange) या बीएसई (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (National Stock Exchange) या एनएसई (NSE). बीएसई (BSE) जहां मुंबई में स्थित है और भारत की सबसे पुरानी सूचकांक प्रणाली है, वहीं एनएसई (NSE) बीएसई (BSE) के बाद बना और यह दिल्ली में स्थित है. भारतीय शेयर बाजार (Indian Share Market) इन्हीं दो सूचकांकों के आधार पर चलता है. निफ्टी (Nifty) एनएसई (NSE) सूचकांक के अंतर्गत आने वाला सूचकांक है.
निफ्टी और एनएसई
निफ्टी के अंतर्गत 50 कंपनियां रजिस्टर्ड हैं. यह इंडिया इंडेक्स सर्विसेज एंड प्रोडक्ट्स लिमिटेड के अंतर्गत आने वाला सूचकांक है. इंडिया भारत के प्रमुख शेयर मूल्य सूचकांक इंडेक्स सर्विसेज एंड प्रोडक्ट लिमिटेड (IISL) एनएसई (NSE) तथा क्रिसिल (CRISIL या Credit Rating and Information Services of India Ltd) का संयुक्त उद्यम है. आईआईएसएल (IISL) सूचकांकों पर आधारित भारत की पहली कंपनी है. इसे अमेरिका की एस एंड पी (Standard & Poor’s) कंपनी से मार्केटिंग और लाइसेंसिंग का अधिकार मिला हुआ है. निफ्टी (Nifty) को निफ्टी सीएनएक्स (Nifty CNX) या निफ्टी 50 (Nifty 50) भी कहते हैं. निफ्टी सीएनएक्स (Nifty CNX) का अर्थ है क्रिसिल एनएसई सूचकांक (CRISIL NSE Index). निफ्टी (Nifty) भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) के 22 सेक्टरों का सूचकांक बताता है. सितंबर 2012 तक की जानकारी के अनुसार यह एनएसई (NSE) में सूचीबद्ध लगभग 67 प्रतिशत स्टॉक की मार्केट कैपिटल की जानकारी देता है.
बीएसई और सेंसेक्स
बीएसई जैसा कि ऊपर ही बताया गया है बॉंबे (मुंबई) स्टॉक एक्सचेंज (Bombay Stock Exchange) है. यह भारत की सबसे पुरानी सूचकांक प्रणाली है. इसके अंतर्गत 30 कंपनियां सूचीबद्ध हैं. सेंसेक्स (Sensex) बीएसई (BSE) के अंतर्गत आनेवाला संवेदी सूचकांक है तथा यह बीएसई में सूचीबद्ध 30 कंपनियों के कैपिटल में आए उतार चढ़ाव को प्रदर्शित करता है.
निफ्टी और सेंसेक्स में अंतर
निफ्टी (Nifty) और सेंसेक्स (Sensex) दोनों ही संवेदी सूचकांक हैं. दोनों में फर्क बस इतना है कि निफ्टी (Nifty) जहां नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (National Stock Exchange) का हिस्सा है, वहीं सेंसेक्स (Sensex) बॉंबे स्टॉक एक्सचेंज (Bombay Stock Exchange) का हिस्सा है. इसके अलावे दोनों में एक बड़ा अंतर यह भी है कि जहां बीएसई (BSE) के अंदर मात्र 30 कंपनियां सूचीबद्ध हैं, वहीं सेंसेक्स (Sensex) के अंतर्गत 50 कंपनियां. इसलिए निफ्टी (Nifty) शेयर बाजार (Share Market) के लिए ज्यादा विश्वासपरक साबित होती है क्योंकि जाहिर है कि 30 कंपनियों के मुकाबले 50 कंपनियों के कैपिटलाइजेशन का आंकलन बाजार की ज्यादा वास्तविक स्थिति दिखाएगा. पर अंत में दोनों ही संवेदी सूचकांकों का वास्तविक मकसद शेयर बाजार (Share Market) की स्थिति बताना ही है.
बाजार और संवेदी सूचकांक
यहां यह तो साफ है कि निफ्टी (Nifty) और सेंसेक्स (Sensex) दोनों ही संवेदी सूचकांक हैं जो इसके अंतर्गत सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों के उतार चढ़ाव का आंकलन करते हुए शेयर बाजार की वर्तमान स्थिति बताते हैं. शेयर बाजार (Share Market) की यह स्थिति भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण होती है. इसी के आधार पर निवेशक बाजार में निवेश की अपनी योजनाएं तय करते हैं. खासकर छोटे निवेशकों के लिए शेयर बाजार (Share Market) का सूचकांक उनके निवेश की पूंजी की दिशा तय करता है. शेयर बाजार (Share Market) के बढ़ते-घटते सूचकांकों के आधार पर ही वे तय करते हैं कि उन्हें किस कंपनी के शेयर खरीदने हैं या कहां निवेश करना है या निवेश करना है कितनी राशि निवेश करनी है. इसी प्रकार भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) की स्थिति को भी ये सूचकांक बहुत हद तक प्रभावित करते हैं. शेयर बाजार (Share Market) में सूचकांकों का लगातार गिरना जहां किसी भी देश की अर्थव्यवस्था (Nation’s Economy) के लिए अच्छा नहीं माना जाता, वहीं शेयर बाजार में निरंतर उछाल देश की मजबूत अर्थव्यवस्था (Economy) का द्योतक होता है. इससे निवेश की संभावनाएं बढ़ती हैं, जो अंत में देश की अर्थ्व्यवस्था (Nation’s Economy) को कई प्रकार से मजबूती प्रदान करता है.
Market outlook next week: शेयर बाजार में इन कारणों से तेजी जारी रहने की उम्मीद, निफ्टी का रेजिस्टेंस 17,900 से 18,100 के बीच
Market outlook next week: बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 989.81 अंक या 1.68 प्रतिशत के लाभ में रहा। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 293.90 अंक 1.67 प्रतिशत चढ़ गया।
Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: September 11, 2022 11:49 IST
Photo:INDIA TV Market outlook next week
Highlights
- वैश्विक बाजारों को बेसब्री से अमेरिका के मुद्रास्फीति के आंकड़ों का इंतजार
- डॉलर के मुकाबले रुपये का रुख बाजार की धारणा को प्रभावित करेगा
- बुधवार को थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े आएंगे
Market outlook next week: शेयर मार्केट में सोमवार से तेजी जारी रहने की उम्मीद है। हालांकि, निफ्टी का रेजिस्टेंस 17,900 से 18,100 के बीच देखने को मिलेगा। अगर, इस रजिस्टेंस को तोड़कर निफ्टी आगे निकलता है तो बाजार में बड़ी तेजी देखने को मिल सकती है। अगले हफ्ते Auto, आईटी, एफएमसजी समेत रियल्टी कंपनियों के शेयरों में तेजी देखने को मिल सकती है। मार्केट एक्सपर्ट ने यह अनुमान लगाया है। रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष शोध अजित मिश्रा का मानना है कि बाजारों में अभी तेजी का रुख जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि बाजार में अभी व्यापक रूप से खरीदारी का रुझान दिख रहा है।
इन महत्वपूर्ण आंकड़ों पर रहेगी निवेशकों की नजर
शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह कई वृहद आर्थिक आंकड़ों की घोषणाओं तथा वैश्विक रुख से तय होगी। विश्लेषकों ने यह राय जताई है। इस सप्ताह सोमवार को जुलाई के औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) के आंकड़े आने हैं। वहीं बुधवार को थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े आएंगे। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के भारत के प्रमुख शेयर मूल्य सूचकांक भारत के प्रमुख शेयर मूल्य सूचकांक शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘इस सप्ताह बाजार की दिशा वैश्विक बाजारों के रुझान के अलावा कुछ महत्वपूर्ण वृहद आर्थिक आंकड़े तय करेंगे। सप्ताह के दौरान मुद्रास्फीति के अलावा विनिर्माण और औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े आने हैं।’’ इसके अलावा विदेशी कोषों का प्रवाह और डॉलर के मुकाबले रुपये का उतार-चढ़ाव भी बाजार की दृष्टि से महत्वपूर्ण रहेगा।
अमेरिका के मुद्रास्फीति के आंकड़ों का इंतजार
सैमको सिक्योरिटीज में बाजार परिप्रेक्ष्य प्रमुख अपूर्व सेठ ने कहा, ‘‘वैश्विक बाजारों को बेसब्री से अमेरिका के मुद्रास्फीति के आंकड़ों का इंतजार है। इन आंकड़ों पर सभी की निगाह रहेगी, क्योंकि इसके आधार पर ही पता चलेगा कि फेडरल रिजर्व का आगे का रुख क्या रहता है।’’ कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों का उतार-चढ़ाव और डॉलर के मुकाबले रुपये का रुख बाजार की धारणा को प्रभावित करेगा। बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 989.81 अंक या 1.68 प्रतिशत के लाभ में रहा। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 293.90 अंक 1.67 प्रतिशत चढ़ गया।
शेयर मार्केट क्या है – What is Share Market in Hindi
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Share Market और Stock Market एक ऐसा market है जहाँ बहुत से companies के shares ख़रीदे और बेचे जाते हैं. ये एक ऐसी जगह है जहाँ कुछ लोग या तो बहुत पैसे कमा लेते हैं या तो अपने सारे पैसे गवा देते हैं. किसी कंपनी का share खरीदने का मतलब है उस कंपनी में हिस्सेदार बन जाना.
Table of Contents
NSE की स्थापना कब हुई थी? (NSE kya hai) what is NSE
NSE इसका पूरा नाम नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (National stock exchange)है. की स्थापना की संस्तुति सन 1991 में फेरवानी समिति ने की थी। सन1992 में सरकार ने भारतीय ओद्योगिक विकास बैंक (IDBI) को इस बाज़ार (Exchange) की स्थापना का कार्य सौंपा। IDBI ही राष्ट्रीय शेयर बाज़ार का प्रमुख प्रवर्तक है। NSE की प्रारम्भिक अधिकृत पूँजी 25 करोड़ रुपये है। इसका मुख्यालय भारत के प्रमुख शेयर मूल्य सूचकांक दक्षिण मुंबई में वर्ली में है।
BSE की स्थापना कब हुई थी? |BSE kya hai? | |What is BSE?
BSE- इसका पूरा नाम बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (Bombay Stock Exchange) है , यह दलाल स्ट्रीट में स्थित है। इसकी स्थापना 1875 में स्टॉक इक्स्चेंज मुंबई के नाम से किया गया था जिसे 2002 में बदलकर बोम्बे स्टॉक इक्स्चेंज कर दिया गया। 19 अगस्त 2005 से BSE एक पब्लिक लिमिटेड कम्पनी में रूपांतरित हो गया है।|
OTCEI क्या है ? |What is OTCEI| |OTCEI ki sthapana kab hui|Full form of OTCI|
OTCEI- इसका पूरा नाम Over the counter exchange of Indian है , इसकी स्थापना 1992 में मुंबई में की गई। यह भारत में सर्वप्रथम ऑनलाइन ट्रेडिंग सुविधा सम्पन्न कंप्यूट्रायिसड इक्स्चेंज के आधार पर की गई है। OTCEI में उन कम्पनियों को सूचीबद्ध किया गया है ,जिनकी पूँजी का स्तर रु 30 लाख से 25 करोड़ तक है .
Indian Stock Exchange में विदेशी निवेशक कितने प्रतिशत निवेश कर सकते है?
स्टॉक इक्स्चेंज में 49% तक विदेशी निवेश कि अनुमति है। इनमें विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) अधिकतम 26% तथा शेष 23% संस्थागत विदेशी निवेश (FII) हो सकता है।
न्यूयोर्क स्टॉक इक्स्चेंज में सूचीबद्ध भारत की कुछ कंपनियाहै:- डॉक्टर रेडी Dr. reddy, एचडीएफ़सी (HDFC),आइसीआइसी बैंक(ICICI bank), MTNL, विप्रों(Wipro) ,टाटा मोटर्स(Tata moter)
अमेरिकी स्टॉक नस्दक(NASDAQ ) ने लिस्ट होने वाली पहली भारतीय कम्पनी कौन सी है first indian भारत के प्रमुख शेयर मूल्य सूचकांक company to be listed in nasdaq?
अमेरिकी स्टॉक इक्स्चेंज नासदाक में सूचीबद्ध होने वाली प्रथम भारतीय कम्पनी इंफ़ोसिस थी।
शेयर क्या होते है? शेयर किसे कहते है? what is share |hindi me|
भारतीय कम्पनी अधिनियम के अंतर्गत प्रत्येक कम्पनी को पूँजी के लिए अंशो के निर्गमन का अधिकार होता है। इस प्रकार एकत्रित की गई पूँजी अंश पूँजी या शेयर कहलाती है।शेयर होल्डरों के स्टॉक पर हुई कमाई को लाभांश कहते है।
Index क्या होता है? |What is Index? | |भारत के प्रमुख शेयर मूल्य सूचकांक-| BSE SENSEX ki स्थापना कब हुई थी
1. BSE SENSEX :भारत के प्रमुख शेयर मूल्य सूचकांक यह मुंबई स्टॉक इक्स्चेंज का संवेदी शेयर सूचकांक है। यह 30 प्रमुख शेयर का प्रतिनिधित्व करता है। इसका आधार वर्ष 1978 -79 है। 2. BSE 200: यह बोंबे स्टॉक इक्स्चेंज का 200 शेयर का प्रतिनिधित्व करता है। इसका आधार वर्ष 1989-90 है। 3. DOLLEX : BSE200 सूचकांक का ही डॉलर मूल्य सूचकांक डोलेक्स कहलाता है। 4. NSE-50-: राष्ट्रीय स्टॉक इक्स्चेंज भारत के प्रमुख शेयर मूल्य सूचकांक सूचकांक का नाम बदलकर S&P CNX NIFTY रखा गया है।
यह एजुकेशन और Exam. के आधार पर लिखा गया है
अगर आपको यह जानकारी पसंद आई होतो कमेंट करके बताये और आप आपके सवाल भारत के प्रमुख शेयर मूल्य सूचकांक भी कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है
कंपनियों के चौथी तिमाही के नतीजों, वृहद आंकड़ों से तय होगी शेयर बाजारों की दिशा
रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष-शोध अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘यह सप्ताह कम कारोबारी सत्रों वाला होगा।
सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनियों टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और इन्फोसिस के बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के नतीजों और वृहद आर्थिक आंकड़ों से इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा तय होगी। विश्लेषकों ने यह राय जताते हुए कहा कि इसके अलावा वैश्विक रुख भी बाजार की दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा।
शेयर बाजारों में इस सप्ताह कम कारोबारी दिन रहेंगे। बृहस्पतिवार को महावीर जयंती और डॉ बाबासाहेब आम्बेडकर जयंती पर बाजार में अवकाश रहेगा। शुक्रवार को ‘गुड फ्राइडे’ के मौके पर बाजार बंद रहेगा।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष-शोध अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘यह सप्ताह कम कारोबारी सत्रों वाला होगा। लेकिन यह महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसी सप्ताह तिमाही नतीजों की घोषणा शुरू हो रही है। सप्ताह के दौरान टीसीएस और इन्फोसिस के तिमाही नतीजे आएंगे।’’
मिश्रा भारत के प्रमुख शेयर मूल्य सूचकांक ने कहा कि इसके अलावा बाजार भागीदारों की निगाह औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर भी रहेगी। ये आंकड़े 12 अप्रैल को आएंगे। ‘‘घरेलू कारकों के अलावा निवेशकों की निगाह रूस-यूक्रेन युद्ध से जुड़े घटनाक्रमों तथा वैश्विक बाजारों के प्रदर्शन पर भी रहेगी।’’
साथ ही बाजार को रुपये उतार-चढ़ाव, विदेशी निवेशकों के निवेश के रुख तथा कच्चे तेल की कीमतों से भी दिशा मिलेगी।
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘‘तिमाही नतीजों के सीजन की शुरुआत टीसीएस और इन्फोसिस जैसी आईटी कंपनियों के साथ होगी। टीसीएस का तिमाही नतीजा 11 अप्रैल और इन्फोसिस का 13 अप्रैल को आएगा। इसके अलावा वैश्विक संकेतक, कच्चे तेल की कीमतों का उतार-चढ़ाव, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का निवेश का प्रवाह भी बाजार को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।’’ बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 170.49 अंक या 0.28 प्रतिशत नीचे आया। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में 113.90 अंक या 0.64 प्रतिशत का नुकसान रहा।
सैमको सिक्योरिटीज में इक्विटी शोध प्रमुख येशा शाह ने कहा, ‘‘इस सप्ताह मुद्रास्फीति के आंकड़े और तिमाही नतीजे मुख्य केंद्र में रहेंगे। जहां वैश्विक निवेशक अमेरिका और चीन की मुद्रास्फीति के आंकड़ों से प्रभावित होंगे वहीं भारत में भी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े बाजार को दिशा देने की दृष्टि से महत्वपूर्ण रहेंगे।’’
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि आगे चलकर सभी की निगाह तिमाही नतीजों के सीजन पर रहेगी। इनकी शुरुआत आईटी और बैंकिंग क्षेत्रों के साथ होगी।
नायर ने कहा कि इसके अलावा बाजार को प्रमुख घरेलू आर्थिक आंकड़ों का इंतजार रहेगा। सप्ताह के दौरान मार्च के मुद्रास्फीति के आंकड़े आएंगे। इसके अलावा औद्योगिक उत्पादन और विनिर्माण उत्पादन के आंकड़े भी इसी सप्ताह आएंगे।