विदेशी मुद्रा व्यापार का परिचय

कॉल अनुपात

कॉल अनुपात

चतुर्भुज

ज्ञात है: एक चतुर्भुज ABCD, जिसमें विकर्ण AC और विकर्ण BD एक दूसरे को O पर समद्विभाजित करते हैं और

सिद्ध करना है: चतुर्भुज ABCD एक समचतुर्भुज है।
प्रमाण:
OA = OA (उभयनिष्ठ)
OD = OB (ज्ञात है)
(ज्ञात है)
इसलिए, (SAS नियम)
अत: AD = AB (CPCT)
इस प्रकार, AB = BC = CD = DA
अत: ABCD एक समचतुर्भुज है।

दर्शाइए कि यदि एक चतुर्भुज के विकर्ण बराबर हों और परस्पर समद्विभाजित करें, तो वह एक वर्ग होता है।

ज्ञात है: एक चतुर्भुज ABCD जिसमें AC = BD और AC तथा BD एक दूसरे को समकोण पर प्रतिच्छेद करते हैं।

सिद्ध करना है: ABCD एक वर्ग है।
प्रमाण: में
OA = OC (ज्ञात है)
OB = OD (ज्ञात है)
(शीर्षाभिमुख कोण)
(SAS नियम)
इसलिए AB = CD (C.P.C.T.)
और कॉल अनुपात
जो कि एकान्तर कोणों का युग्म है

अब AB = CD और
अत: ABCD एक समान्तर चतुर्भुज कॉल अनुपात है।
में,
OD = OD (उभयनिष्ठ)
(ज्ञात है)
OA = OC (ज्ञात है)
(SAS नियम)
(C.P.C.T.)
इसी प्रकार, AB = BC = CD = DA और ABCD एक समचतुर्भुज है।
परन्तु इसके विकर्ण समान हैं,
ABCD एक वर्ग है।

यदि एक समान्तर चतुर्भुज के विकर्ण बराबर हों, तो दर्शाइए कि वह एक आयत है।

ज्ञात है: एक समान्तर ABCD चतुर्भुज जिसमें विकर्ण AC = विकर्ण BD.
सिद्ध करना है: ABCD एक आयत है।
प्रमाण:

AC = BD (ज्ञात है)
BC = CB (उभयनिष्ठ)
AB = DC (|| चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ)
इसलिए (SSS नियम)
(CPCT)कॉल अनुपात
परन्तु
[तियर्क रेखा BC के एक ही ओर बने अन्त: कोण]
इसलिए,

अत: ||gm ABCD एक आयत है।

दर्शाइए कि एक वर्ग के विकर्ण बराबर होते हैं और परस्पर समकोण समद्विभाजित करते हैं।

ज्ञात हैं: ABCD एक वर्ग है जिसके विकर्ण O पर प्रतिच्छेद करते हैं।

सिद्ध करना है: (i) BD = AC
(ii) OA = OC, OB = OD, (iii)
प्रमाण: (i)
AB = BA (उभयनिष्ठ)
AD = BC (वर्ग भुजाएँ)
(वर्ग के कोण)
अत: (SAS नियम)
इसलिए BD = AC (CPCT)

(ii)
(शीर्षाभिमुख कोण)
AB = CD (वर्ग की भुजाएँ)
(एकान्तर कोण)
∴ (AAS नियम से)
अत: OA = OC और OB = OD

(iii) में,
OA = OC (ऊपर सिद्ध किया है)
AD = CD (वर्ग की भुजाएँ)
OD = OD (उभयनिष्ठ)
इसलिए [SSS नियम से)
इस प्रकार (CPCT)
और (रैखिक युग्म)

अत:

डेली अपडेट्स

बैंकिंग प्रणाली तरलता | 24 Sep 2022 | भारतीय अर्थव्यवस्था

प्रिलिम्स के लिये:

RBI, तरलता समायोजन सुविधा, कॉल मनी।

मेन्स के लिये:

बैंकिंग प्रणाली तरलता अधिशेष और घाटा तथा इसका कॉल अनुपात प्रभाव।

चर्चा में क्यों?

मई 2019 के बाद पहली बार लगभग 40 महीने तक अधिशेष में रहने के बाद बैंकिंग प्रणाली में तरलता घाटे में चली गई है।

बैंकिंग प्रणाली तरलता:

  • बैंकिंग प्रणाली में अधिक तरलता आसानी से उपलब्ध नकदी को संदर्भित करती है जिससे बैंक अल्पकालिक व्यापार और वित्तीय ज़रूरतों को पूरा करते हैं।
  • किसी निश्चित दिन पर यदि बैंकिंग प्रणाली तरलता समायोजन सुविधा (LAF) के तहत RBI से एक शुद्ध उधारकर्त्ता है, तो इसे तरलता के घाटे की स्थिति कहा जाता है और यदि बैंकिंग प्रणाली RBI के लिये एक शुद्ध ऋणदाता है तो इसे तरलता अधिशेष कहा जाता है।
    • LAF, RBI के संचालन को संदर्भित करता है जिसके माध्यम से वह बैंकिंग प्रणाली में या उससे तरलता को बढ़ाता या अवशोषित करता है।

    घाटे कोे ट्रिगर करने वाले मुद्दे:

    • नकदी की स्थिति में बदलाव अग्रिम कर निकासी के कारण आया है। इससे कॉल मनी रेट भी अस्थायी रूप से रेपो रेट से ऊपर बढ़ जाती है।
      • कॉल मनी दर वह दर है जिस पर मुद्रा बाज़ार में अल्पावधि निधि उधार ली जाती है और उधार दी जाती है।
      • बैंक इस प्रकार के ऋणों का सहारा परिसंपत्ति देयता असंतुलन को भरने, सांविधिक नकद आरक्षित अनुपात (CRR) और सांविधिक तरलता अनुपात (SLR) आवश्यकताओं का अनुपालन करने तथा धन की अचानक मांग को पूरा करने के लिये लेते हैं। RBI, बैंक, प्राथमिक डीलर आदि कॉल मनी मार्केट के भागीदार हैं।
      • इसके अलावा अमेरिकी डॉलर की तुलना में रुपए में गिरावट को रोकने के लिये RBI का लगातार हस्तक्षेप हो रहा है।
      • चलनिधि की स्थिति में कमी बैंक ऋण में वृद्धि, विदेशी मुद्रा बाज़ार में भारतीय रिज़र्व बैंक के हस्तक्षेप और ऋण मांग के असंतुलन के कारण वृद्धिशील ज़मा वृद्धि के कारण हुई है।

      एक कठोर तरलता की स्थिति का उपभोक्ताओं पर प्रभाव:

      • एक कठोर तरलता (Tight Liquidity) की स्थिति से सरकारी प्रतिभूतियों की प्रतिफल में वृद्धि हो सकती है और बाद में कॉल अनुपात उपभोक्ताओं के लिये ब्याज़ दरों में भी वृद्धि हो सकती है।
      • RBI रेपो रेट बढ़ा सकता है, जिससे फंड की लागत अधिक हो सकती है।
      • बैंक अपनी रेपो-लिंक्ड उधार दरों और फंड-आधारित उधार कॉल अनुपात दर (MCLR) की सीमांत लागत में वृद्धि करेंगे, जिससे सभी ऋण जुड़े हुए हैं। इस वृद्धि के परिणामस्वरूप उपभोक्ताओं के लिये उच्च ब्याज़ दरें होंगी।
        • MCLR वह न्यूनतम ब्याज़ दर है जिस पर कोई बैंक उधार दे सकता है।

        आगे की राह:

        • RBI की कार्रवाई तरलता की स्थिति की प्रकृति पर निर्भर करेगी। यदि मौजूदा चलनिधि घाटे की स्थिति अस्थायी है और मुख्य रूप से अग्रिम कर प्रवाह के कारण है, तो RBI को कार्रवाई नहीं करनी पड़ सकती है, क्योंकि फंड अंततः सिस्टम में वापस आ जाना चाहिये।
        • हालाँकि अगर यह प्रकृति में दीर्घकालिक है तो RBI को सिस्टम में तरलता की स्थिति में सुधार के लिये उपाय करना पड़ सकता है।

        UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्षों के प्रश्न (PYQs):

        प्रश्न. यदि भारतीय रिज़र्व बैंक एक विस्तारवादी मौद्रिक नीति अपनाने का निर्णय लेता है, तो वह निम्नलिखित में से क्या नहीं करेगा? (2020)

        1. वैधानिक तरलता अनुपात में कटौती और अनुकूलन
        2. सीमांत स्थायी सुविधा दर में बढ़ोतरी
        3. बैंक रेट और रेपो रेट में कटौती

        नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

        (a) केवल 1 और 2
        (b) केवल 2
        (c) केवल 1 और 3
        (d) 1, 2 और 3

        अचानक तेजी से आई कॉल ड्राप: मोबाइल नेटवर्क पर कॉल ड्राप में अचानक तेजी आई

        बीएसएनएल सहित अन्य संचार कंपनियों के नेटवर्क में इन दिनों कॉल ड्राप में अचानक तेजी आ गई है। यह समस्या प्रतियोगी परीक्षा और अन्य त्यौहार के दिन ज्यादा होती है। ऐसे में शहरवासियों को परेशान होना पड़ रहा है। गुजरे एक सप्ताह से शहर में कॉल ड्राप की समस्याएं ज्यादा आ रही हैं।

        इसके अलावा कई जगहों पर नेटवर्क इतना कमजोर होता है कि बात करने के लिए टाॅवर के आसपास आना पड़ता कॉल अनुपात है। कॉल ड्राप या नेटवर्क की समस्याओं को लेकर यदि उपभोक्ता संबंधित कंपनी के कॉल सेंटर पर अपनी समस्या बताता है तो उनका रवैया नेटवर्क सुधारने के बजाए टालने का रहता है।

        2 प्रतिशत से ज्यादा कॉल ड्राप तो कार्रवाई | किसी भी कंपनी के कुल कॉल संख्या के अनुपात में 2 प्रतिशत से ज्यादा कॉल ड्राप होते हैं तो कंपनियों पर ट्राई की ओर से कार्रवाई कर जुर्माना लगाने का प्रावधान है मगर ट्राई में सामूहिक एवं बड़े स्तर की शिकायतों को सुना जाता है। व्यक्तिगत सुनवाई कंपनी की ओर से नहीं होने पर डीओटी को शिकायत की जा सकती है।

        इसलिए गड़बड़ाया नेटवर्क | मोबाइल डाटा के लिए आधे से ज्यादा उपभोक्ताओं की ओर से 1 के बजाए 2 सिम काम में ली जाती है। जबकि कंपनियों के बीटीएस यानी टाॅवर और उनके पर लगे कार्ड की संख्या सीमित होती है।

        एक स्तर के बाद टाॅवर ओवर लोड हो जाते हैं और कॉल ड्राप, नेटवर्क गड़बड़ाने और कॉल नहीं लगने की शिकायतें सामने आती हैं। परीक्षा केंद्रों पर अक्सर जैमर लगाए जाते हैं। इससे परीक्षा सेंटर सहित आसपास के इलाकों में नेटवर्क बाधित होता है। कॉल अनुपात सामान्य टाॅवर 1 किमी की दायरे में नेटवर्क देता है। उपभोक्ता एक टावर से दूसरे टावर के कॉल अनुपात नेटवर्क में जुड़ता हो तो भी कॉल ड्राप हो जाता है। कंपनी नहीं सुने तो डीओटी में करें शिकायत |

        कोरोना काल में मध्य प्रदेश की जेलों में टेलीफोन खुशी और राहत का माध्‍यम बना

        कोरोना काल में मध्य प्रदेश की जेलों में टेलीफोन खुशी और राहत का माध्‍यम बना

        भोपाल। मध्य प्रदेश की जेलों में टेलीफोन खुशी और राहत का माध्‍यम बन रहा है। कोरोना संक्रमण के दौर में जेलों में मुलाकातें बंद होने की वजह से अब मध्य प्रदेश जेल प्रशासन ने फोन को बंदियों के संपर्क का सूत्र बना दिया है।

        हाल ही में मध्य प्रदेश की 8 जेलों में टेलीफोन के इस्तेमाल पर एक शोध किया गया । इसमें दिलचस्‍प जानकारी मिली। यह 8 जेल हैं- केंद्रीय जेल जबलपुर, केंद्रीय जेल इंदौर, केंद्रीय जेल सागर, केंद्रीय जेल उज्जैन, केंद्रीय जेल भोपाल, केंद्रीय जेल ग्वालियर, केंद्रीय जेल होशंगाबाद और जिला जेल इंदौर।

        यह नतीजे मध्य प्रदेश जेल विभाग और जेलों पर काम कर रही वर्तिका नन्दा के देश की जेलों पर किए जा रहे एक शोध का कॉल अनुपात हिस्सा हैं।

        शोध के अनुसार आठों जेलें मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी जेलें हैं और इनमें क्षमता से अधिक बंदी भी हैं। इन जेलों में इस समय कुल 15,698 बंदी हैं,जिनमें 14955 पुरुष और 743 महिलाएं शामिल हैं। सर्वेक्षण से यह साफ है कि जेलों में कोरोना काल में फोन-कॉल का अनुपात कम से कम दोगुना बढ़ गया है।

        मध्य प्रदेश के जेल महानिदेशक संजय चौधरी के मुताबिक बंदियों को फोन की यह सुविधा मुफ्त दी गई है। कोरोना के समय में मध्य प्रदेश में सबसे पहले पैरोल की रिहाई का रिकार्ड दर्ज भी हुआ। गौर करने लायक यह भी है कि केंद्रीय जेल भोपाल में कोरोना से पहले पुरुष बंदी औसतन 390 और महिलाएं 28 फोन करती थीं लेकिन कोरोना के समय में यह औसत 600 और 48 पर पहुंच गया है।

        केंद्रीय जेल ग्वालियर और जबलपुर में कोरोना काल में बंदी सबसे ज्यादा फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। यहां 350 से 640 और 212 से 451 कॉलों का इजाफा हुआ है। कोरोना से पहले महिलाएं 25 और 20 बार फोन कर रही थीं। अब यह संख्या 40 और 28 पर आ गई है।

        Bhopal News: कोलार की बी सेक्‍टर की राजवेद्य कालोनी का होगा कायाकल्‍प, नाला, स्ट्रीट लाइट और पार्क विकसित किया जाएगा

        मध्य प्रदेश जेल प्रशासन ने जेलों में 73 लैंडलाइन और 34 मोबाइल फोन मुहैया करवाए गए हैं। जबलपुर जेल में फोन का अनुपात 231 बंदी पर एक फोन का है जबकि उज्जैन में यह अनुपात 111 बंदी पर एक फोन का है। इन सभी जेलों में फोन इस्तेमाल करने का समय भी 3 घंटे से बढ़ा कर 6 घंटे कर दिया गया है। बंदी जेल में आए इस बदलाव से बेहद खुश हैं। जेल में फोन की सुचारू सुविधा आने से काफी सुकून आया है।

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