अधिमानी शेयर

अधिमानी शेयर
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किसी कम्पनी की स्टॉक पूँजी 20, .
किसी कम्पनी की स्टॉक पूँजी 20,0000 रु. है। इसमें 100 रु. प्रति शेयर सममूल्य वाले 6% अधिमान स्टॉक के 500 शेयर हैं और सामान्य स्टॉक के 1500 शेयर हैं। कम्पनी ने 15,500 रु. का लाभांश घोषित किया है। यदि अधिमानी शेयर संजय के पास अधिमान स्टॉक के 30 और सामान्य स्टॉक के 75 शेयर हों, तो उसे कितना लाभांश मिलेगा ?
अधिमानी शेयर
कोट न किए गए अधिमानी शेयरों का बाजार मूल्य
8 1ग. [धन-कर (दूसरा संशोधन) नियम, 1989 द्वारा 1.4.1989 से लोप किया गया।]
8. लोप किए जाने से पूर्व नियम 1ग निम्न प्रकार था :
'(1) उपनियम (2) के उपबंधों के अधीन रहते हुए, किसी कंपनी के कोट न किए गए अधिमानी शेयर का बाजार मूल्य,-
(क) जहां अधिमानी शेयर मूल्यांकन की तारीख से पूर्व कम से कम आठ प्रतिशत की लाभांश दर पर जारी किया गया है, वहां ऐसे शेयर का समादत्त मूल्य होगा ; और
(ख) जहां अधिमानी शेयर, मूल्यांकन की तारीख से पूर्व आठ प्रतिशत से कम की लाभांश दर पर जारी किया गया है, वहां ऐसे शेयर का समायोजित समादत्त मूल्य होगा ।
(2) जहां किसी कंपनी द्वारा कोट न किए गए किसी अधिमानी शेयर की बाबत मूल्यांकन की तारीख को समाप्त होने वाले कम से कम तीन निरंतर लेखा वर्षों के लिए या, ऐसे किसी मामले में जहां उस कंपनी का लेखा-वर्ष मूल्यांकन की तारीख को समाप्त नहीं होता, मूल्यांकन की तारीख से ठीक पूर्व किसी तारीख को समाप्त होने वाले कम से कम तीन निरंतर लेखा वर्षों के लिए कोई लाभांश संदत्त किया गया है, वहां यथास्थिति, समादत्त मूल्य या समायोजित समादत्त मूल्य में से निम्नलिखित कटौती की जाएगी, अर्थात् :अधिमानी शेयर -
(क) असंचयी अधिमानी शेयर की दशा में, सारणी में उपदर्शित के अनुसार :अधिमानी शेयर -
मूल्यांकन की तारीख को समाप्त होने वाले लेखा वर्षों या ऐसे किसी मामले में जहां लेखा वर्ष मूल्यांकन की तारीख को समाप्त नहीं होता है, मूल्यांकन की तारीख से ठीक पूर्व किसी तारीख को समाप्त होने वाले लेखा वर्षों, की संख्या जिनके लिए कोई लाभांश संदत्त नहीं किया गया है | बाजार मूल्य |
1 | 2 |
तीन वर्ष | यथास्थिति, समादत्त मूल्य या समायोजित समादत्त मूल्य का . 10 प्रतिशत |
चार वर्ष | यथोक्त . 20 प्रतिशत |
पांच वर्ष | यथोक्त . 30 प्रतिशत |
छह वर्ष और उससे अधिक | यथोक्त . 40 प्रतिशत |
(ख) संचयी अधिमानी शेयर की दशा में, उपर्युक्त सारणी में विनिर्दिष्ट दरों की आधी दर ।
स्पष्टीकरण - इस नियम के प्रयोजनों के लिए, किसी अधिमानी शेयर के संबंध में "समायोजित समादत्त मूल्य" से ऐसी रकम अभिप्रेत है जो अधिमानी शेयर के समादत्त मूल्य के उसी अनुपात में है जो अनुपात ऐसे शेयरों पर लाभांश की अनुबंधित दर [ जो ऐसे अधिमानी शेयर के निर्गमन संबंधी निबंधनों में विनिर्दिष्ट लाभांश की दर है और उस दशा में जहां ऐसे लाभांश को अधिमानी शेयर (लाभांशों का विनियमन) अधिनियम, 1960 (1960 का 63) की धारा 3 के उपबंधों के अधीन बढ़ाया जाना अपेक्षित हो, वहां इस प्रकार बढ़ाई गई दर] और आठ प्रतिशत की दर के बीच है ।'
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अधिकांश शेयर को सामान्य शेयर के तौर पर बेचा जाता है। सामान्य शेयर उनकी मूल्य वृद्धि तथा लाभांश में वृद्धि के माध्यम से बढ़ोतरी की संभावना पेश करते हैं। सामान्य शेयर के दामो में अधिमानी शेयरों के मुकाबले अत्यधिक तरलता होती है। सामान्य शेयरधारकों को आमतौर पर शेयरधारक बैठकों में मतदान का अधिकार प्राप्त हो जाता है।
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#3: अधिमानी शेयर क्या है?
अधिमानी शेयर नियत लाभांश के माध्यम से नियमित आय पेश करते हैं और शेयर के बढ़ते दामों के माध्यम से वृद्धि की संभावना होती है। अधिमानी शेयरों के दाम सामान्य शेयर के दाम के अधिमानी शेयर मुकाबले अधिक स्थिर होते हैं। अधिमानी शेयर निश्चित समय पर अपने शेयर भुनाने के अधिकार या अपने शेयर को निश्चित दाम पर सामान्य शेयर में परिवर्तित करने के अधिकार जैसी सुविधाएं पेश कर सकते हैं। तथापि, अधिमानी शेयर सामान्यत: मतदान के अधिकारों के साथ नहीं आते हैं।
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#4: शेयर से धन कैसे बनता है?
शेयर से धन बनाने के सामान्य तौर पर दो तरीके हैं। प्रथमत:, शेयर के मूल्य में वृद्धि हो सकती है। यदि आप शेयर के लिए किए गए भुगतान के एवज में अधिक दाम पर शेयर बेचते हैं, तो आपको पूंजीगत लाभ होता है। अनेक कारक शेयर के दाम को प्रभावित करते हैं। दूसरे, कंपनी लाभांश – इसके लाभ के हिस्से का भुगतान कर सकती है। कंपनियों को लाभांश का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होती है। यदि लाभांश का भुगतान किया जाता है, तो आपको अपने स्वयं के शेयरों की संख्या के आधार पर लाभांश प्राप्त होता है।
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#5: कुछ जोखिम क्या हैं?
शेयरों में निवेश से जुड़े दो प्रमुख जोखिम हैं कि प्रतिलाभ की कोई गारंटी नहीं है और आपको धन का नुकसान भी हो सकता है। कंपनी और आपके स्वामित्व वाले स्टॉक के प्रकार के आधार पर, आपको निवेश संबंधी अन्य कई तरह के जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है। एक वित्तीय सलाहकार जोखिमों को समझने, और यह सीखने कि जोखिमों का प्रबंधन कैसे करना है, में आपकी सहायता कर अधिमानी शेयर सकता है – उदाहरणार्थ, अपने पोर्टफोलियो का विविधिकरण करने के लिए।
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#6: शेयरों की खरीद-फरोख्त कहां की जाती है?
शेयरों की खरीद-फरोख्त टोरंटो शेयर बाजार (TSX) जैसे शेयर बाजारों, या वैकल्पिक व्यापार प्रणालियों (ATSs) जैसे अन्य बाजार स्थलों पर पर की जाती है। ये शेयर बाजार और बाजार स्थल उन लोगों को एकजुट करते हैं जो शेयर खरीदने की चाह रखने वाले लोगों को शेयर बेचना चाहते हैं।
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#7: शेयर कैसे खरीदते हैं?
शेयरों की खरीद पूर्ण सेवा प्रदान करने वाली निवेश फर्मों, छूट देने वाली दलाली कंपनियों या पोर्टफोलियो मैनेजरों के माध्यम से की जा सकती है। आपको शेयर खरीदने के लिए शुल्क का भुगतान करना होगा – यह शुल्क कमीशन-आधारित, शुल्क-आधारित या प्रति-ट्रेड-भुगतान हो सकता है। शेयर खरीदने अधिमानी शेयर के लिए शुल्क। के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करें। किसी भी कंपनी या सलाहकार के साथ काम करने से पहलेCheckBeforeYouInvest.ca पर जाकर हमारे साथ उनके पंजीकरण की जांच कर लें।
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शेयरों के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करें
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सेबी ने श्रीरामकृष्ण इलेक्ट्रो के पूर्व अधिकारी के बैंक खाते और डीमैट खाते की कुर्की का आदेश दिया
नयी दिल्ली, 15 जुलाई (भाषा) भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अधिमानी शेयर श्री रामकृष्ण इलेक्ट्रो कंट्रोल्स लिमिटेड (एसआरईसीएल) से जुड़े एक मामले में 18 करोड़ रुपये की वसूली के लिए कंपनी के पूर्व अधिकारी के बैंक खातों के साथ-साथ अधिमानी शेयर उसके शेयर एवं म्युचुअल फंड की कुर्की का आदेश दिया है। सेबी ने कुर्की आदेश में कहा कि वसूली की कार्यवाही का आदेश कंपनी के पूर्व अधिकारी चंद्रकांत भार्गव गोले के खिलाफ दिया गया है। इस मामले में 5.74 अधिमानी शेयर करोड़ रुपये की वसूली की जानी है जो कंपनी ने प्रतिदेय संचयी अधिमानी शेयर (आरसीपीएस) जारी करके निवेशकों से जुटाए थे, इसके अलावा
सेबी ने कुर्की आदेश में कहा कि वसूली की कार्यवाही का आदेश कंपनी के पूर्व अधिकारी चंद्रकांत भार्गव गोले के खिलाफ दिया गया है। इस मामले में 5.74 करोड़ रुपये की वसूली की जानी है जो कंपनी ने प्रतिदेय संचयी अधिमानी शेयर (आरसीपीएस) जारी करके निवेशकों से जुटाए थे, इसके अलावा सालाना 15 फीसदी की दर से ब्याज वसूलकर 12.53 करोड़ रुपये भी कंपनी को मिले थे।
उस अवधि के दौरान गोले एसआरईसीएल के प्रबंधन निदेशक थे।
सेबी ने नोटिस में बैंकों, डिपॉजिटरी और अधिमानी शेयर म्युचुअल फंड से कहा है कि वे गोले के खाते से रकम निकालने की अनुमति नहीं दें। इसके साथ ही उसने बैंकों को गोले के सभी खाते, लॉकर कुर्क करने का भी आदेश दिया है।
सेबी के अनुसार एसआरईसीएल ने 2004 से 2010 के बीच बड़ी संख्या में निवेशकों को आरसीपीएस जारी किए थे और इससे 5.74 करोड़ जुटाए थे। उसने निर्गम के नियमों और खुलासा एवं निवेशक सुरक्षा दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया था।
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