विदेशी मुद्रा व्यापार का परिचय

डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं?

डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं?

अपने लिए बेस्ट म्यूच्यूअल फण्ड का चुनाव कैसे करें?

कौनसा म्यूच्यूअल फण्ड है आपके लिए बेस्ट म्यूच्यूअल फण्ड?

कोई एक फण्ड सभी के लिए अच्छा निवेश नहीं हो सकता| इसीलिए आपको अपने लिए बेस्ट म्यूच्यूअल फण्ड चुनना होगा|

इस पोस्ट में चर्चा करेंगे की आप कैसे अपने लिए अच्छा म्यूच्यूअल फण्ड चुन सकते हैं| अगर आप बना बनाया जवाब ढूढ़ रहे है, तो यह पोस्ट आपके लिए नहीं है| परन्तु अगर आप मेहनत करने को तैयार हैं, तो यह पोस्ट आपके लिए लाभकारी हो सकती है|

#1 किस लिए निवेश कर रहे हैं और कितने समय के लिए निवेश कर रहे हैं

अगर आप छोटी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं, तो डेब्ट म्यूच्यूअल फंड (Debt Mutual Fund) में निवेश करें|

अगर लम्बी अवधि (5 या 7 साल से ज्यादा) के लिए निवेश कर रहे हैं, तो इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करने के बारे में सोच सकते हैं|

इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड में शेयर बाज़ार के साथ काफी उतार चढ़ाव आता रहता है| अगर आपने कम अवधि के लिए इक्विटी फण्ड में निवेश किया, तो हो सकता है की जब आप अपने निवेश को बेचने जाएँ, उस समय शेयर बाज़ार गिरा हुआ हो| इस तरह आपको घाटा उठाना पड़ सकता है|

इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड एक लम्बी अवधि का निवेश है| आप छोटी अवधि के काम के लिए इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड का इस्तेमाल न करें|

अगर आपको यह पैसा एक वर्ष बाद अपनी बेटी की कॉलेज के एडमिशन या घर के डाउन-पेमेंट के लिए चाहिए, तो इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड अच्चा विकल्प नहीं हैं| कम अवधि के लक्ष्य या काम के लिए डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड अच्छा विकल्प हो सकते हैं|

अगर आपको पैसा अपने नवजात शिशु की कॉलेज की पढाई के लिए चाहिए (जो की 15 से 18 वर्ष बाद होगी), इसके लिए इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड एक अच्छा विकल्प हैं|

#2 यह तय करें की आप कितना रिस्क ले सकते हैं

इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड में रिटर्न अच्छे मिल सकते हैं पर साथ ही रिस्क भी रहता है| नुकसान भी हो सकता है| शेयर बाज़ार के उतार चढ़ाव के साथ आपके निवेश का मूल्य भी ऊपर नीचे होगा|

अगर आप यह उतर चढाव नहीं झेल सकते, तो इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड में कम निवेश करें|

साथ ही, जैसे की ऊपर चर्चा करी है, अगर किसी काम के लिए कुछ समय बाद ही पैसे चाहिए, ऐसे पैसे के लिए आपकी रिस्क लेने की क्षमता कम हो जाती है| ऐसे काम के लिए भी इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश न करें|

#3 अपने लिए सही प्रकार का म्यूच्यूअल फण्ड चुनें

अब आपने यह फैसला कर लिया है की आपको इक्विटी या डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड में से किस प्रकार के फण्ड में निवेश करना है|

परन्तु अभी आपकी परेशानी खत्म नहीं हुई|

इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड और डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड भी कई प्रकार के होते हैं|

इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड कई प्रकार के होते हैं: लार्ज कैप, मिड कैप, स्माल कैप, मल्टी-कैप, बैलेंस्ड इत्यादि

इसी तरह डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड भी कई प्रकार के होते हैं: लिक्विड, अल्ट्रा शार्ट टर्म, शोर्ट टर्म, लॉन्ग टर्म, गिल्ट फण्ड

विभिन्न प्रकार के म्यूच्यूअल फण्ड के बारे में जानने के लिए आप यह पोस्ट पढ़ें|

इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड में आप एक लार्ज कैप और एक मिड कैप फण्ड उठा सकते हैं| यदि आपको अभी थोडा डर लगता है, तो आप balanced fund भी ले सकते हैं| 2-3 अलग तरह के फण्ड लें और उनमें निवेश शुरू करें|

डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड में मैं लिक्विड और अल्ट्रा शोर्ट टर्म फण्ड पसंद करता हूँ|

#4 लम्बी अवधि के परफॉरमेंस पर भी नज़र डालें

अब कौन सा लार्ज कैप, मिड कैप या बैलेंस्ड फण्ड चुनें?

कई बार हम लोग फण्ड चुनते समय केवल हाल के ही परफॉरमेंस पर ध्यान देते हैं|

लम्बी अवधि के परफॉरमेंस पर ध्यान दें|

केवल पिछले 3 से 6 महीने के परफॉरमेंस को न देखें| पिछले 5 से 10 साल के परफॉरमेंस को देखें और फैसला करें|

ऐसे फण्ड को चुनें जिसनें पिछले 3, 5 या 10 सालों में अच्छा परफॉर्म किया हो|

आईये देखते हैं की आप कैसे इस तरीके से अपने लिए बेस्ट फण्ड चुन सकते हैं|

आप ValueResearch की वेबसाइट पर जा कर Large Cap फण्ड को पिछले 10 साल के रिटर्न के अनुसार सॉर्ट कर सकते हैं और सबसे अच्छे 20 फण्ड निकाल लें|

फिर 5 साल और 3 साल के रिटर्न के अनुसार भी सॉर्ट कर लें और टॉप 20 फण्ड निकाल लें|

जो फण्ड तीनों बार टॉप 20 में रहे, उनमें से आप किसी भी फण्ड को चुन सकते हैं|

#5 फण्ड हाउस और फण्ड मेनेजर का रिकॉर्ड भी देखें

मैं ऐसी म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम में निवेश करने की कोशिश करता हूँ जिसमें वही फण्ड मेनेजर काफी समय से स्कीम को मैनेज कर रहा हो डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं? |

साथ ही मैं बड़ी म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी के साथ निवेश करना पसंद करता हूँ| यह मेरी व्यक्तिगत राय है|

#6 फण्ड के Expense Ratio (खर्चों) पर भी ध्यान दें

अब फण्ड के जो भी खर्च होता है, वह आपके पैसे से ही आता है|

तो जितना कम खर्चा फण्ड करेगा, उतने ही बेहतर आपको रिटर्न मिलेंगे|

इसके लिए आप फण्ड का expense ratio देख सकते हैं| जितना कम है, उतना अच्छा है|

अगर आप स्वयं यह सब काम नहीं कर सकते, तो किसी फाइनेंसियल एडवाइजर से परामर्श लें|

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Comments

roshan sharma says

sir mai apni bati ke future ke liye mutual fand me 15 se 20 sal ke liye manthely 2000 rs deposit karna cahta hu kya mare liye [equti mutual fund] sahi hai plz sir reply kare thanku

देखिये इक्विटी फण्ड में उतर चढ़ाव लगा रहता है|अगर आपको इससे कोई परेशानी नहीं है, तो इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करना अच्छा आईडिया होगा|

Devender Rawat says

Sir mai apne baccho ke future k liye sip matual fund me 3000 rs monthly invest krna chahta hu aur accha return bhi mile kon se funds aur kon si campney me invest kru . Kuch sujhaw dijiye muje

अपने शहर में फाइनेंसियल एडवाइजर से बात करें|
इस पोस्ट को पढ़ कर कुछ अंदाजा ले सकते हैं|
https:डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं? //www.hindifinance.com/best-sip-mutualfund-hindi/

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म्यूच्यूअल फंड क्या होता हैं? इससे कैसे खरीद सकते हैं What is Mutual Fund and How to Buy in Hindi

हर कोई अपने पैसे को कही न कही निवेश करके उससे एक अच्छा प्रॉफिट कमाना चाहता है। जैसे फिक्स डिपॉजिट या रीक्यूरिंग डिपॉजिट आदि इसके अलावा म्यूच्यूअल फंड भी प्रॉफिट कमाने का एक बेहतर विकल्प है। क्योंकि इस फंड को मैनेज करने के लिए एक प्रोफेशनल फंड मैनेजर होता है। यही कारण है, कि इसमें नुकसान का खतरा कम होता है और हमें एक अच्छा प्रॉफिट मिल पाता है। कई लोग म्यूच्यूअल फंड और शेयर मार्केट दोनों को एक जैसा समझते हैं, लेकिन यह दोनों मार्केट का एक पार्ट है। पर दोनों अलग अलग तरीके से काम करता है, तो आइए इसे विस्तार से जानते हैं।

म्यूच्यूअल फंड क्या है? (What is Mutual Fund)

एक ऐसा फंड है जिसमे बहुत सारे निवेश करने वाले व्यक्तियों का पैसा एक जगह जमा होता है,और इस पैसे को कंपनियों के प्रोफेशनल अलगअलग जगहो या कंपनियों के ऊपर निवेश करके एक अच्छा मुनाफा करते हैं अलग-अलग जगह या कंपनी पर निवेश करने से यह फायदा होता है कि कुछ कंपनी में अगर नुकसान होता है तो दूसरे में फायदा होता है ज्यादातर जगहो या कंपनियों से फायदा होता है और नुकसान वाले की संख्या बहुत कम होती है आसान भाषा में म्यूचुअल फंड में बहुत सारे निवेशक होते हैं जिसके पैसे को एक जगह जमा करके एक प्रोफेशनल फंड मैनेजर के द्वारा पैसों को मार्केट में लगाकर अधिक से अधिक प्रॉफिट निकालना होता है

इसमें कैसे निवेश डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं? करें (How to Invest) :-

म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए आपका उम्र 18 वर्ष होना चाहिए।और निवेश का न्यूनतम राशि ₹500 होता है। इसमें निवेश करने वाला व्यक्ति कोई भी हो सकता है। जिन्हे शेयर मार्केट की जानकारी नहीं है उनके लिए मार्केट में निवेश करने का म्यूचुअल फंड एक बेहतर विकल्प है। म्यूचुअल फंड ऑनलाइन निवेश करने के लिए किसी वेबसाइट या ऐप्प के जरिए निवेश कर सकते हैं। आप GROWW APP के द्वाराम्यूचुअल फंड खरीद सकते हैं।

म्यूच्यूअल फंड कितने प्रकार के होते हैं (Types of Mutual Funds)

म्यूच्यूअल फंड (Mutual Fund) के अनेको प्रकार हैं लेकिन डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं? हम इसे दो भागों में बांट सकते हैं.

  1. परिपक्वता अवधि (Based on Maturity Term)
  2. निवेश (Based on Investment)
परिपक्वता अवधि Maturity Term के आधार पर म्यूच्यूअल फंड के प्रकार (Types of Mutual Funds on the basis of Maturity Term)

ओपन एंडेड फंड (Open Ended Fund)

इसके अंतर्गत निवेशक अपने फंड को किसी भी समय खरीद या बेच सकते हैं फंड को खरीदने या बेचने डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं? का कोई समय सीमा निर्धारित नहीं होता है.

क्लोज इंडेड फंड (Close Ended Fund)

इस योजना के अंतर्गत फंड को परिपक्वत Mature होने का एक निश्चित समय होता है। निवेशक इस फंड को शुरुआत (लॉन्चिंग के समय) में ही खरीद सकते हैं या इसमें निवेश कर सकते हैं। जिसका समय निश्चित होता है इस प्रकार के फंड शेयर मार्केट से जुड़े होते हैं।

मध्यांतर फंड (Interval Fund) :-

यह योजना फंड ओपन एंडेड और क्लोज एंडेड दोनों से मिलकर बना है इसमें दोनों तरह के ऑप्शन उपलब्ध होते हैं। यहा निवेशक को पहले से निर्धारित अंतराल पर ही ट्रेड करने की इजाजत होती है. या हम इसे आसान शब्दों में कहें तो ट्रेडिंग का समय निर्धारित होता है निवेशक इसी दौरान अपना फंड बेच सकते हैं या ट्रेड कर सकते हैं.

निवेश के आधार पर म्यूच्यूअल फंड के प्रकार (Types of Mutual Funds on the basis of investment ) :-
  • इक्विटी (Equity)
  • डेब्ट (Debt)
  • बैलेंसड (Balanced)
  • सॉल्यूशन ओरिएंटेड (Solution Oriented)

इक्विटी फंड :- इस फण्ड के अंतर्गत निवेशकों को पैसा शेयर मार्केट में निवेश किया जाता है इस स्कीम में लंबे समय के लिए निवेश करने पर यह आपको एक अच्छा रिटर्न दे सकता है लेकिन कम समय में इसे नुकसान होने की संभावना होती है इसमें आप का रिटर्न शेयर के प्रदर्शन के ऊपर निर्भर करता है निवेशक इस स्कीम मर लंबे समय के Long Term के लिए निवेश कर सकते हैं तभी आपको अच्छा रिटर्न मिल पाएगा।

डेब्ट फंड :- इस म्युचुअल फंड में निवेशक कम समय के लिए निवेश कर सकते हैं। लेकिन इसमें मिलने वाला रिटर्न भी कम होता है क्योंकि इस प्रकार के फण्ड को सुरक्षित माना जाता है. इसको सरकारी या किसी फिक्स्ड इनकम वाले ग्रुप में निवेश किया जाता है। अगर इस फंड को फिक्स डिपोजिट से तुलना करें तो यह अच्छा प्रॉफिट देता है और यह शेयर मार्केट की तुलना में भी सुरक्षित है।

बैलेंसड फंड :- इस प्रकार के फंड को इक्विटी और डेब्ट दोनों म्युचुअल फंड में निवेश किया जाता है. जिसकी वजह से इस म्यूच्यूअल फंड में एक अच्छा रिटर्न मिलता है और जोखिम भी कम होता है.

सॉल्यूशन ओरिएंटेड फंड :- इस म्युचुअल फंड की डिजाइन किसी खास मकसद को पाने के लिए किया गया है। जिसमें बच्चो की पढ़ाई, शादी या पेंशन जैसे योजना हो सकते हैं। इस स्कीम में निवेश कम से कम 5 वर्ष तक करना होता है.

इक्विटी फंड के प्रकार :-

यह फंड भी कई प्रकार के होते हैं। जैसे – लार्ज कैप, मिडकैप, स्मॉलकैप, सेक्टर, डाइवर्सिफाइड और एल्स फंड इत्यादि होता है।

म्युचुअल फंड कितना रिस्की होता है?

अगर आप म्युचुअल फंड में निवेश करते हैं तो यह रिटर्न बहुत अच्छा देता है पर इसके साथ-साथ इसमें नुकसान होने का भी खतरा रहता है. लेकिन शेयर मार्केट में डायरेक्ट इन्वेस्ट करने जितना नहीं होता है. पर कोई भी म्युचुअल फंड के स्कीम लेने से पहले हमें अपने नुकसान सहन करने की क्षमता को जरूर ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि म्युचुअल फंड जोखिम भरा होता है।

म्यूच्यूअल फंड क्या होता हैं? इससे कैसे खरीद सकते हैं What is Mutual Fund and How to Buy in Hindi

हर कोई अपने पैसे को कही न कही निवेश करके उससे एक अच्छा प्रॉफिट कमाना चाहता है। जैसे फिक्स डिपॉजिट या रीक्यूरिंग डिपॉजिट आदि इसके अलावा म्यूच्यूअल फंड भी प्रॉफिट कमाने का एक बेहतर विकल्प है। क्योंकि इस फंड को मैनेज करने के लिए एक प्रोफेशनल फंड मैनेजर होता है। यही कारण है, कि इसमें नुकसान का खतरा कम होता है और हमें एक अच्छा प्रॉफिट मिल पाता है। कई लोग म्यूच्यूअल फंड और शेयर मार्केट दोनों को एक जैसा समझते हैं, लेकिन यह दोनों मार्केट का एक पार्ट है। पर दोनों अलग अलग तरीके से काम करता है, तो आइए इसे विस्तार से जानते हैं।

म्यूच्यूअल फंड क्या है? (What is Mutual Fund)

एक ऐसा फंड है जिसमे बहुत सारे निवेश करने वाले व्यक्तियों का पैसा एक जगह जमा होता है,और इस पैसे को कंपनियों के प्रोफेशनल अलगअलग जगहो या कंपनियों के ऊपर निवेश करके एक अच्छा मुनाफा करते हैं अलग-अलग जगह या कंपनी पर निवेश करने से यह फायदा होता है कि कुछ कंपनी में अगर नुकसान होता है तो दूसरे में फायदा होता है ज्यादातर जगहो या कंपनियों से फायदा होता है और नुकसान वाले की संख्या बहुत कम होती है आसान भाषा में म्यूचुअल फंड में बहुत सारे निवेशक होते हैं जिसके पैसे को एक जगह जमा करके एक प्रोफेशनल फंड मैनेजर के द्वारा पैसों को मार्केट में लगाकर अधिक से अधिक प्रॉफिट निकालना होता है

इसमें कैसे निवेश करें (How to Invest) :-

म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए आपका उम्र 18 वर्ष होना चाहिए।और निवेश का न्यूनतम राशि ₹500 होता है। इसमें निवेश करने वाला व्यक्ति कोई भी हो सकता है। जिन्हे शेयर मार्केट की जानकारी नहीं है उनके लिए मार्केट में निवेश करने का म्यूचुअल फंड एक बेहतर विकल्प है। म्यूचुअल फंड ऑनलाइन निवेश करने के लिए किसी वेबसाइट या ऐप्प के जरिए निवेश कर सकते हैं। आप GROWW APP के द्वाराम्यूचुअल फंड खरीद सकते हैं।

म्यूच्यूअल फंड कितने प्रकार के होते हैं (Types of Mutual Funds)

म्यूच्यूअल फंड (Mutual Fund) के अनेको प्रकार हैं लेकिन हम इसे दो भागों में बांट सकते हैं.

  1. परिपक्वता अवधि (Based on Maturity Term)
  2. निवेश (Based on Investment)
परिपक्वता अवधि Maturity Term के आधार पर म्यूच्यूअल फंड के प्रकार डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं? (Types of Mutual Funds on the basis of Maturity Term)

ओपन एंडेड फंड (Open Ended Fund)

इसके अंतर्गत निवेशक अपने फंड को किसी भी समय खरीद या बेच सकते हैं फंड को खरीदने या बेचने का कोई समय सीमा निर्धारित नहीं होता है.

क्लोज इंडेड फंड (Close Ended Fund)

इस योजना के अंतर्गत फंड को परिपक्वत Mature होने का एक निश्चित समय होता है। निवेशक इस फंड को शुरुआत (लॉन्चिंग के समय) में ही खरीद सकते हैं या इसमें निवेश कर सकते हैं। जिसका समय निश्चित होता है इस प्रकार के फंड शेयर मार्केट से जुड़े होते हैं।

मध्यांतर फंड (डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं? Interval Fund) :-

यह योजना फंड ओपन एंडेड और क्लोज एंडेड दोनों से मिलकर बना है इसमें दोनों तरह के ऑप्शन उपलब्ध होते हैं। यहा निवेशक को पहले से निर्धारित अंतराल पर ही ट्रेड करने की इजाजत होती है. या हम इसे आसान शब्दों में कहें तो ट्रेडिंग का समय निर्धारित होता है निवेशक इसी दौरान अपना फंड बेच सकते हैं या ट्रेड कर सकते हैं.

निवेश के आधार पर म्यूच्यूअल फंड के प्रकार (Types of Mutual Funds on the basis of investment ) :-
  • इक्विटी (Equity)
  • डेब्ट (Debt)
  • बैलेंसड (Balanced)
  • सॉल्यूशन ओरिएंटेड (Solution Oriented)

इक्विटी डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं? फंड :- इस फण्ड के अंतर्गत निवेशकों को पैसा शेयर मार्केट में निवेश किया जाता है इस स्कीम में लंबे समय के लिए निवेश करने पर यह आपको एक अच्छा रिटर्न दे सकता है लेकिन कम समय में इसे नुकसान होने की संभावना होती है इसमें आप का रिटर्न शेयर के प्रदर्शन के ऊपर निर्भर करता है निवेशक इस स्कीम मर लंबे समय के Long Term के लिए निवेश कर सकते हैं तभी आपको अच्छा रिटर्न मिल पाएगा।

डेब्ट फंड :- इस म्युचुअल फंड में निवेशक कम समय के लिए निवेश कर सकते हैं। लेकिन इसमें मिलने वाला रिटर्न भी कम होता है क्योंकि इस प्रकार के फण्ड को सुरक्षित माना जाता है. इसको सरकारी या किसी फिक्स्ड इनकम वाले ग्रुप में निवेश किया जाता है। अगर इस फंड को फिक्स डिपोजिट से तुलना करें तो यह अच्छा प्रॉफिट देता है और यह शेयर मार्केट की तुलना में भी सुरक्षित है।

बैलेंसड फंड :- इस प्रकार के फंड को इक्विटी और डेब्ट दोनों म्युचुअल फंड में निवेश किया जाता है. जिसकी वजह से इस म्यूच्यूअल फंड में एक अच्छा रिटर्न मिलता है और जोखिम भी कम होता है.

सॉल्यूशन ओरिएंटेड फंड :- इस म्युचुअल फंड की डिजाइन किसी खास मकसद को पाने के लिए किया गया है। जिसमें बच्चो की पढ़ाई, शादी या पेंशन जैसे योजना हो सकते हैं। इस स्कीम में निवेश कम से कम 5 वर्ष तक करना होता है.

इक्विटी फंड के प्रकार :-

यह फंड भी कई प्रकार के होते हैं। जैसे – लार्ज कैप, मिडकैप, स्मॉलकैप, सेक्टर, डाइवर्सिफाइड और एल्स फंड इत्यादि होता है।

म्युचुअल फंड कितना रिस्की होता है?

अगर आप म्युचुअल फंड में निवेश करते हैं तो यह रिटर्न बहुत अच्छा देता है पर इसके साथ-साथ इसमें नुकसान होने का भी खतरा रहता है. लेकिन शेयर मार्केट में डायरेक्ट इन्वेस्ट करने जितना नहीं होता है. पर कोई भी म्युचुअल फंड के स्कीम लेने से पहले हमें अपने नुकसान सहन करने की क्षमता को जरूर ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि म्युचुअल फंड जोखिम भरा होता है।

Mutual Funds: निवेश की सोच रहे है तो हाइब्रिड फंड हो सकते हैं अच्छा ऑप्शन

मार्च 2020 के बाद से, हाइब्रिड फंडों का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) मार्च 2021 तक 31% बढ़कर 3.42 लाख रुपये हो गया है.

  • Money9 Hindi
  • Publish Date - August 6, 2021 / 02:26 PM IST

Mutual Funds: निवेश की सोच रहे है तो हाइब्रिड फंड हो सकते हैं अच्छा ऑप्शन

Mutual Funds: हाइब्रिड या बैलेंस्‍ड म्यूचुअल फंड एक फंड स्कीम है जो इक्विटी और डेट दोनों में निवेश करती है. निवेशक ज्यादातर स्थितियों में हाइब्रिड से म्यूचुअल फंड पसंद को करते हैं. म्यूचुअल फंड निवेशक एक अलग रूल का पालन कर सकते हैं. जबकि हाइब्रिड फंड का उद्देश्य एक बैलेंस्‍ड पोर्टफोलियो को बनाना और निवेशकों को नियमित इनकम डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं? उपलब्‍ध करना है. इस प्रकार के फंड इक्विटी और डेट दोनों में निवेश करते हैं. इसे एसेट एलोकेशन फंड के रूप में भी जाना जाता है. प्रत्येक पोर्टफोलियो के स्पेसिफिक इन्वेस्टमेंट ऑब्जेक्टिव उद्देश्य को पूरा करने के लिए, हाइब्रिड फंड स्टॉक और बॉन्ड के एक अलग कॉम्बिनेशन बना के काम करते हैं.

CFA एंड फंड मैनेजर द्विजेन्द्र श्रीवास्तव के मुताबिक, आम तौर पर जब आप दो एसेट क्लास को मिलाते हैं और बिना रिटर्न के उतार-चढ़ाव को कम करने की कोशिश करते हैं तो यह हाइब्रिड एसेट क्लास को लोकप्रिय बनाता है. वर्तमान में हाइब्रिड फंड की लोकप्रियता का एक अन्य कारण शेयर बाजार का शीर्ष पर होना भी हो सकता है.

हाइब्रिड फंड अच्‍छे क्यों हैं?

नए निवेशक स्वाभाविक रूप से जोखिम से बचते हैं. पहली नजर में इक्विटी या डेट ही उन्हें डरा सकते हैं, लेकिन हाइब्रिड फंडों में अधिक बैलेंस्‍ड दृष्टिकोण होता है. यह निवेशकों को इक्विटी बाजारों से अधिकतम लाभ उठाने का मौका देगा. इसकी वजह लोन बांड उन्हें बाजार में अत्यधिक अस्थिरता के खिलाफ बहुत जरूरी स्थिरता उपलब्‍ध कराते हैं. वास्तव में, हाइब्रिड फंड भी कुछ मामलों में सोने और अंतरराष्ट्रीय इक्विटी में निवेश की अनुमति देते हैं. आप सचमुच विभिन्न प्रकार की संपत्ति से अपने ऑप्‍शन चुन सकते हैं और उन्हें समृद्ध होने के लिए पर्याप्त समय दे सकते हैं.

मार्च 2020 के बाद से, हाइब्रिड फंडों का एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) मार्च 2021 तक 31% बढ़कर 3.42 लाख रुपये हो डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं? गया है. जबकि हाइब्रिड फंड को सभी मौसमों के लिए फंड के रूप में जाना जाता है.

ऐसे निवेशकों के लिए अच्‍छे हैं हाइब्रिड फंड

“डेब्ट फंडों के खराब प्रदर्शन के साथ, कंजरवेटिव निवेशकों जिन्हें जोखिम प्रोफ़ाइल पर ऊपर जाना था, उन्होंने इसके साथ जुड़े उच्च जोखिम के बिना इक्विटी का फायदा लेने के लिए डेट हाइब्रिड फंड को प्राथमिकता दी होगी. इसी तरह, इक्विटी म्यूचुअल फंड निवेशक, जिन्होंने इस चल रही रैली में किसी समय अपने लाभ को भुनाने का विकल्प चुना था, लेकिन एक ऐसे उपकरण में निवेश करने की जरूरत थी, जो आंशिक रूप से इक्विटी एक्सपोजर उपलब्‍ध करता रहेगा, अगर रैली उम्मीदों के विपरीत जारी रहती है.

हाइब्रिड फंड की लोकप्रियता को समझने का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू इसके डायवर्सिफिकेशन ऑप्‍शन है. यह किसी विशेष दिन या मौसम के कारण होने वाले की संभावना को कम करता है.

एसेट क्‍लास के एक्‍सपोजर को करता है कम

बालिगा के मुताबिक, फंड मैनेजर अंडर-परफॉर्मिंग एसेट क्लास के एक्सपोजर को कम कर सकता है और एक थ्रेशोल्ड के अधीन आउटपरफॉर्मिंग डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं? के लिए एक्सपोजर बढ़ा सकता है, जिसकी लचीलापन किसी एसेट क्लास स्पेसिफिक फंड के फंड मैनेजर के लिए उपलब्ध नहीं है.”

उदाहरण के लिए, डेट हाइब्रिड फंड के लिए, फंड मैनेजर इक्विटी के नुकसान को सीमित करने के लिए इक्विटी के एक्सपोजर को अधिकतम 25% से घटाकर 5% कर सकता है, जबकि इक्विटी मार्केट शुरू होने पर इक्विटी फंड मैनेजर बड़े कैश बैलेंस पर नहीं रुक सकता है.

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